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Hindi Essay (Hindi Nibandh) 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन

Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – Essays in Hindi on 100 Topics

हिंदी निबंध: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध लिखने की आवश्यकता होती है।

निबंध – Nibandh In Hindi – Hindi Essay Topics

  • सच्चा धर्म पर निबंध – (True Religion Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में युवाओं का योगदान निबंध – (Role Of Youth In Nation Building Essay)
  • अतिवृष्टि पर निबंध – (Flood Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका पर निबंध – (Role Of Teacher In Nation Building Essay)
  • नक्सलवाद पर निबंध – (Naxalism In India Essay)
  • साहित्य समाज का दर्पण है हिंदी निबंध – (Literature And Society Essay)
  • नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – (Drug Abuse Essay)
  • मन के हारे हार है मन के जीते जीत पर निबंध – (It is the Mind which Wins and Defeats Essay)
  • एक राष्ट्र एक कर : जी०एस०टी० ”जी० एस०टी० निबंध – (Gst One Nation One Tax Essay)
  • युवा पर निबंध – (Youth Essay)
  • अक्षय ऊर्जा : सम्भावनाएँ और नीतियाँ निबंध – (Renewable Sources Of Energy Essay)
  • मूल्य-वृदधि की समस्या निबंध – (Price Rise Essay)
  • परहित सरिस धर्म नहिं भाई निबंध – (Philanthropy Essay)
  • पर्वतीय यात्रा पर निबंध – (Parvatiya Yatra Essay)
  • असंतुलित लिंगानुपात निबंध – (Sex Ratio Essay)
  • मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध – (Means Of Entertainment Essay)
  • मेट्रो रेल पर निबंध – (Metro Rail Essay)
  • दूरदर्शन पर निबंध – (Importance Of Doordarshan Essay)
  • दूरदर्शन और युवावर्ग पर निबंध – (Doordarshan Essay)
  • बस्ते का बढ़ता बोझ पर निबंध – (Baste Ka Badhta Bojh Essay)
  • महानगरीय जीवन पर निबंध – (Metropolitan Life Essay)
  • दहेज नारी शक्ति का अपमान है पे निबंध – (Dowry Problem Essay)
  • सुरीला राजस्थान निबंध – (Folklore Of Rajasthan Essay)
  • राजस्थान में जल संकट पर निबंध – (Water Scarcity In Rajasthan Essay)
  • खुला शौच मुक्त गाँव पर निबंध – (Khule Me Soch Mukt Gaon Par Essay)
  • रंगीला राजस्थान पर निबंध – (Rangila Rajasthan Essay)
  • राजस्थान के लोकगीत पर निबंध – (Competition Of Rajasthani Folk Essay)
  • मानसिक सुख और सन्तोष निबंध – (Happiness Essay)
  • मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध नंबर – (My Aim In Life Essay)
  • राजस्थान में पर्यटन पर निबंध – (Tourist Places Of Rajasthan Essay)
  • नर हो न निराश करो मन को पर निबंध – (Nar Ho Na Nirash Karo Man Ko Essay)
  • राजस्थान के प्रमुख लोक देवता पर निबंध – (The Major Folk Deities Of Rajasthan Essay)
  • देशप्रेम पर निबंध – (Patriotism Essay)
  • पढ़ें बेटियाँ, बढ़ें बेटियाँ योजना यूपी में लागू निबंध – (Read Daughters, Grow Daughters Essay)
  • सत्संगति का महत्व पर निबंध – (Satsangati Ka Mahatva Nibandh)
  • सिनेमा और समाज पर निबंध – (Cinema And Society Essay)
  • विपत्ति कसौटी जे कसे ते ही साँचे मीत पर निबंध – (Vipatti Kasauti Je Kase Soi Sache Meet Essay)
  • लड़का लड़की एक समान पर निबंध – (Ladka Ladki Ek Saman Essay)
  • विज्ञापन के प्रभाव – (Paragraph Speech On Vigyapan Ke Prabhav Essay)
  • रेलवे प्लेटफार्म का दृश्य पर निबंध – (Railway Platform Ka Drishya Essay)
  • समाचार-पत्र का महत्त्व पर निबंध – (Importance Of Newspaper Essay)
  • समाचार-पत्रों से लाभ पर निबंध – (Samachar Patr Ke Labh Essay)
  • समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)
  • व्यायाम का महत्व निबंध – (Importance Of Exercise Essay)
  • विद्यार्थी जीवन पर निबंध – (Student Life Essay)
  • विद्यार्थी और राजनीति पर निबंध – (Students And Politics Essay)
  • विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध – (Vidyarthi Aur Anushasan Essay)
  • मेरा प्रिय त्यौहार निबंध – (My Favorite Festival Essay)
  • मेरा प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favourite Book Essay)
  • पुस्तक मेला पर निबंध – (Book Fair Essay)
  • मेरा प्रिय खिलाड़ी निबंध हिंदी में – (My Favorite Player Essay)
  • सर्वधर्म समभाव निबंध – (All Religions Are Equal Essay)
  • शिक्षा में खेलकूद का स्थान निबंध – (Shiksha Mein Khel Ka Mahatva Essay)a
  • खेल का महत्व पर निबंध – (Importance Of Sports Essay)
  • क्रिकेट पर निबंध – (Cricket Essay)
  • ट्वेन्टी-20 क्रिकेट पर निबंध – (T20 Cricket Essay)
  • मेरा प्रिय खेल-क्रिकेट पर निबंध – (My Favorite Game Cricket Essay)
  • पुस्तकालय पर निबंध – (Library Essay)
  • सूचना प्रौद्योगिकी और मानव कल्याण निबंध – (Information Technology Essay)
  • कंप्यूटर और टी.वी. का प्रभाव निबंध – (Computer Aur Tv Essay)
  • कंप्यूटर की उपयोगिता पर निबंध – (Computer Ki Upyogita Essay)
  • कंप्यूटर शिक्षा पर निबंध – (Computer Education Essay)
  • कंप्यूटर के लाभ पर निबंध – (Computer Ke Labh Essay)
  • इंटरनेट पर निबंध – (Internet Essay)
  • विज्ञान: वरदान या अभिशाप पर निबंध – (Science Essay)
  • शिक्षा का गिरता स्तर पर निबंध – (Falling Price Level Of Education Essay)
  • विज्ञान के गुण और दोष पर निबंध – (Advantages And Disadvantages Of Science Essay)
  • विद्यालय में स्वास्थ्य शिक्षा निबंध – (Health Education Essay)
  • विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध – (Anniversary Of The School Essay)
  • विज्ञान के वरदान पर निबंध – (The Gift Of Science Essays)
  • विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Wonder Of Science Essay in Hindi)
  • विकास पथ पर भारत निबंध – (Development Of India Essay)
  • कम्प्यूटर : आधुनिक यन्त्र–पुरुष – (Computer Essay)
  • मोबाइल फोन पर निबंध (Mobile Phone Essay)
  • मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध – (My Unforgettable Trip Essay)
  • मंगल मिशन (मॉम) पर निबंध – (Mars Mission Essay)
  • विज्ञान की अद्भुत खोज कंप्यूटर पर निबंध – (Vigyan Ki Khoj Kampyootar Essay)
  • भारत का उज्जवल भविष्य पर निबंध – (Freedom Is Our Birthright Essay)
  • सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा निबंध इन हिंदी – (Sare Jahan Se Achha Hindustan Hamara Essay)
  • डिजिटल इंडिया पर निबंध (Essay on Digital India)
  • भारतीय संस्कृति पर निबंध – (India Culture Essay)
  • राष्ट्रभाषा हिन्दी निबंध – (National Language Hindi Essay)
  • भारत में जल संकट निबंध – (Water Crisis In India Essay)
  • कौशल विकास योजना पर निबंध – (Skill India Essay)
  • हमारा प्यारा भारत वर्ष पर निबंध – (Mera Pyara Bharat Varsh Essay)
  • अनेकता में एकता : भारत की विशेषता – (Unity In Diversity Essay)
  • महंगाई की समस्या पर निबन्ध – (Problem Of Inflation Essay)
  • महंगाई पर निबंध – (Mehangai Par Nibandh)
  • आरक्षण : देश के लिए वरदान या अभिशाप निबंध – (Reservation System Essay)
  • मेक इन इंडिया पर निबंध (Make In India Essay In Hindi)
  • ग्रामीण समाज की समस्याएं पर निबंध – (Problems Of Rural Society Essay)
  • मेरे सपनों का भारत पर निबंध – (India Of My Dreams Essay)
  • भारतीय राजनीति में जातिवाद पर निबंध – (Caste And Politics In India Essay)
  • भारतीय नारी पर निबंध – (Indian Woman Essay)
  • आधुनिक नारी पर निबंध – (Modern Women Essay)
  • भारतीय समाज में नारी का स्थान निबंध – (Women’s Role In Modern Society Essay)
  • चुनाव पर निबंध – (Election Essay)
  • चुनाव स्थल के दृश्य का वर्णन निबन्ध – (An Election Booth Essay)
  • पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं पर निबंध – (Dependence Essay)
  • परमाणु शक्ति और भारत हिंदी निंबध – (Nuclear Energy Essay)
  • यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो हिंदी निबंध – (If I were the Prime Minister Essay)
  • आजादी के 70 साल निबंध – (India ofter 70 Years Of Independence Essay)
  • भारतीय कृषि पर निबंध – (Indian Farmer Essay)
  • संचार के साधन पर निबंध – (Means Of Communication Essay)
  • भारत में दूरसंचार क्रांति हिंदी में निबंध – (Telecom Revolution In India Essay)
  • दूरसंचार में क्रांति निबंध – (Revolution In Telecommunication Essay)
  • राष्ट्रीय एकता का महत्व पर निबंध (Importance Of National Integration)
  • भारत की ऋतुएँ पर निबंध – (Seasons In India Essay)
  • भारत में खेलों का भविष्य पर निबंध – (Future Of Sports Essay)
  • किसी खेल (मैच) का आँखों देखा वर्णन पर निबंध – (Kisi Match Ka Aankhon Dekha Varnan Essay)
  • राजनीति में अपराधीकरण पर निबंध – (Criminalization Of Indian Politics Essay)
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हिन्दी निबंध – (Narendra Modi Essay)
  • बाल मजदूरी पर निबंध – (Child Labour Essay)
  • भ्रष्टाचार पर निबंध (Corruption Essay in Hindi)
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध – (Women Empowerment Essay)
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Bachao Beti Padhao)
  • गरीबी पर निबंध (Poverty Essay in Hindi)
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay)
  • बाल विवाह एक अभिशाप पर निबंध – (Child Marriage Essay)
  • राष्ट्रीय एकीकरण पर निबंध – (Importance of National Integration Essay)
  • आतंकवाद पर निबंध (Terrorism Essay in hindi)
  • सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay in Hindi)
  • बढ़ती भौतिकता घटते मानवीय मूल्य पर निबंध – (Increasing Materialism Reducing Human Values Essay)
  • गंगा की सफाई देश की भलाई पर निबंध – (The Good Of The Country: Cleaning The Ganges Essay)
  • सत्संगति पर निबंध – (Satsangati Essay)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध – (Women’s Role In Society Today Essay)
  • यातायात के नियम पर निबंध – (Traffic Safety Essay)
  • बेटी बचाओ पर निबंध – (Beti Bachao Essay)
  • सिनेमा या चलचित्र पर निबंध – (Cinema Essay In Hindi)
  • परहित सरिस धरम नहिं भाई पर निबंध – (Parhit Saris Dharam Nahi Bhai Essay)
  • पेड़-पौधे का महत्व निबंध – (The Importance Of Trees Essay)
  • वर्तमान शिक्षा प्रणाली – (Modern Education System Essay)
  • महिला शिक्षा पर निबंध (Women Education Essay In Hindi)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध (Women’s Role In Society Essay In Hindi)
  • यदि मैं प्रधानाचार्य होता पर निबंध – (If I Was The Principal Essay)
  • बेरोजगारी पर निबंध (Unemployment Essay)
  • शिक्षित बेरोजगारी की समस्या निबंध – (Problem Of Educated Unemployment Essay)
  • बेरोजगारी समस्या और समाधान पर निबंध – (Unemployment Problem And Solution Essay)
  • दहेज़ प्रथा पर निबंध (Dowry System Essay in Hindi)
  • जनसँख्या पर निबंध – (Population Essay)
  • श्रम का महत्त्व निबंध – (Importance Of Labour Essay)
  • जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम पर निबंध – (Problem Of Increasing Population Essay)
  • भ्रष्टाचार : समस्या और निवारण निबंध – (Corruption Problem And Solution Essay)
  • मीडिया और सामाजिक उत्तरदायित्व निबंध – (Social Responsibility Of Media Essay)
  • हमारे जीवन में मोबाइल फोन का महत्व पर निबंध – (Importance Of Mobile Phones Essay In Our Life)
  • विश्व में अत्याधिक जनसंख्या पर निबंध – (Overpopulation in World Essay)
  • भारत में बेरोजगारी की समस्या पर निबंध – (Problem Of Unemployment In India Essay)
  • गणतंत्र दिवस पर निबंध – (Republic Day Essay)
  • भारत के गाँव पर निबंध – (Indian Village Essay)
  • गणतंत्र दिवस परेड पर निबंध – (Republic Day of India Essay)
  • गणतंत्र दिवस के महत्व पर निबंध – (2020 – Republic Day Essay)
  • महात्मा गांधी पर निबंध (Mahatma Gandhi Essay)
  • ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – (Dr. A.P.J. Abdul Kalam Essay)
  • परिवार नियोजन पर निबंध – (Family Planning In India Essay)
  • मेरा सच्चा मित्र पर निबंध – (My Best Friend Essay)
  • अनुशासन पर निबंध (Discipline Essay)
  • देश के प्रति मेरे कर्त्तव्य पर निबंध – (My Duty Towards My Country Essay)
  • समय का सदुपयोग पर निबंध – (Samay Ka Sadupyog Essay)
  • नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों पर निबंध (Rights And Responsibilities Of Citizens Essay In Hindi)
  • ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध – (Global Warming Essay)
  • जल जीवन का आधार निबंध – (Jal Jeevan Ka Aadhar Essay)
  • जल ही जीवन है निबंध – (Water Is Life Essay)
  • प्रदूषण की समस्या और समाधान पर लघु निबंध – (Pollution Problem And Solution Essay)
  • प्रकृति संरक्षण पर निबंध (Conservation of Nature Essay In Hindi)
  • वन जीवन का आधार निबंध – (Forest Essay)
  • पर्यावरण बचाओ पर निबंध (Environment Essay)
  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Environmental Pollution Essay in Hindi)
  • पर्यावरण सुरक्षा पर निबंध (Environment Protection Essay In Hindi)
  • बढ़ते वाहन घटता जीवन पर निबंध – (Vehicle Pollution Essay)
  • योग पर निबंध (Yoga Essay)
  • मिलावटी खाद्य पदार्थ और स्वास्थ्य पर निबंध – (Adulterated Foods And Health Essay)
  • प्रकृति निबंध – (Nature Essay In Hindi)
  • वर्षा ऋतु पर निबंध – (Rainy Season Essay)
  • वसंत ऋतु पर निबंध – (Spring Season Essay)
  • बरसात का एक दिन पर निबंध – (Barsat Ka Din Essay)
  • अभ्यास का महत्व पर निबंध – (Importance Of Practice Essay)
  • स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध – (Health Is Wealth Essay)
  • महाकवि तुलसीदास का जीवन परिचय निबंध – (Tulsidas Essay)
  • मेरा प्रिय कवि निबंध – (My Favourite Poet Essay)
  • मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favorite Book Essay)
  • कबीरदास पर निबन्ध – (Kabirdas Essay)

इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

ESSAY KI DUNIYA

HINDI ESSAYS & TOPICS

Essay in Hindi Language – निबंध

December 12, 2017 by essaykiduniya

Essay in Hindi –   These Hindi essays are for Nursery Class, Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12. We provide various types of essay in Hindi such as education, speech, science and technology, India, festival, national day, environmental issues, social issues, social awareness, ethical values, nature and health etc in 100, 200, 300, 400, 500, 600, 700, 800, 900, 1000, 1100, 1200, 1300, 1400, 1500 and 1600 words.

ये हिंदी निबंध नर्सरी कक्षा से कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 के लिए हैं। हम शिक्षा, भाषण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, एनीमा, भारत, त्योहार, राष्ट्रीय दिवस, पर्यावरण मुद्दों, सामाजिक मुद्दे, सामाजिक जागरूकता, नैतिक मूल्यों, प्रकृति और स्वास्थ्य आदि जैसे विभिन्न प्रकार के निबंधों को हिंदी में प्रदान करते हैं।

हर कोई इन निबंध को आसानी से समझ सकता है क्योंकि हमने  इनमें बहुत सरल और आसान शब्दों का इस्तेमाल किया है। । ये किसी छात्र द्वारा आसानी से समझे जा सकते है| ऐसे निबंध छात्रों को भारतीय संस्कृति, विरासत, स्मारकों, प्रसिद्ध स्थानों, शिक्षकों, माताओं, पशुओं, पारंपरिक त्योहारों, घटनाओं, अवसरों, प्रसिद्ध व्यक्तित्वों, किंवदंतियों, सामाजिक मुद्दों और इतने सारे अन्य विषयों के बारे में जानने में मदद और प्रेरित कर सकते हैं। हमने बहुत विशिष्ट और सामान्य विषय निबंध प्रदान किए हैं। 

ESSAY IN HINDI – निबंध

निबंध कैसे लिखें

त्योहारों पर निबंध – Essay on Festivals

 
   
   
   

महान व्यक्तियों पर निबंध – Essay on great personalities 

    
   
   
   
 
   
   

पर्यावरण के मुद्दें और जागरूकता पर निबंध – Essay on Environment 

    
   
   
   

स्वास्थ्य और तंदुस्र्स्ती पर निबंध – Essay on Health

    
   

 रिश्तो पर निबंध – Essay on Relations

   
   
   

खेल पर निबंध – Essay on Sports

   
   
   
   

सामाजिक मुद्दे और सामाजिक जागरूकता पर निबंध – Essay on Social Issues

निबंध – Essay in Hindi

   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   

भारत पर निबंध –  Essay on India

   
   
   
   
   
   
   
   

जानवर पर निबंध – Essay on Animals

हिंदी निबंध – Hindi Essay

   
 
   
   
   
   
   
   
 
 
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   
   

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मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध

नमस्कार दोस्तों, कहा जाता है ना कि जिंदगी में हर किसी का कोई ना कोई सपना जरूर होता है। वह डॉक्टर, शिक्षक, पायलट, आर्मी ऑफिसर, कुछ ना कुछ जरूर बनना चाहता है। तो आइए हम आपकी सहायता करते हैं कि आपको अपने जीवन के लक्ष्य के बारे किस तरह से सोचना चाहिए कि आप को अपने जीवन में क्या करना है।

Essay on Mere Jeevan ka Lakshya in Hindi

हम यहाँ पर मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध शेयर कर रहे हैं। यह निबन्ध अलग-अलग शब्द सीमा में शेयर किया है, जिससे विद्यार्थियों को आसानी रहे। यह निबन्ध सभी कक्षाओं के लिए मददगार है।

यह भी पढ़े:   हिंदी के महत्वपूर्ण निबंध

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध (100, 150, 200, 250, 300 और 1000 शब्दों में)

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध 100 शब्द.

हर मनुष्य अपने जीवन में लक्ष्य बनाता है। मनुष्य का अपने जीवन के लिए लक्ष्य बनाना एक स्वाभाविक गुण माना जाता है। हर व्यक्ति कोई न कोई लक्ष्य या कोई न कोई प्राप्ति हासिल करना चाहता है। हर व्यक्ति के मन में सपने होते हैं और उसी सपनों को पूरा करने के लिए व्यक्ति काम करता है।

बिना लक्ष्य के व्यक्ति अपने जीवन में लड़खड़ा ना शुरू कर देता है। व्यक्ति के जीवन में लक्ष्य का होना बहुत ही ज्यादा जरूरी है। मनुष्य को अनुशासन पर चलाने में भी लक्ष्य का निर्धारण बहुत ही ज्यादा जरूरी है, जो व्यक्ति के सामने कोई न कोई टारगेट होता है, तो व्यक्ति अनुशासन के तहत मेहनत करता है। मैंने अपने जीवन में डॉक्टर बनने का सपना पूरा करने की बात छोटी उम्र में दिमाग में बिठा ली थी।

mere jeevan ka lakshya essay in hindi

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मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध 150 शब्द

विद्यार्थी भी अपने जीवन में शुरुआत से ही कोई लक्ष्य को चयनित कर लेते हैं। लक्ष्य हासिल करने के लिए विद्यार्थी हमेशा तत्पर रहता है। हर इंसान के द्वारा लक्ष्य का निर्धारण किया जाता है और उसी निर्धारण के आधार पर लक्ष्य प्राप्ति के पीछे मुकाम हासिल करने की चाहत रखते हैं।

मनुष्य के द्वारा निर्धारित किए गए लक्ष्य मनुष्य को विपरीत दिशाओं से मुकाबला करते हुए अपने मंजिल तक पहुंचने की चाहत पैदा करते हैं। लक्ष्य के आधार पर ही व्यक्ति सही राह पर चल सकता है। अन्यथा उस व्यक्ति के सामने हजार रास्ते मौजूद हो जाते हैं। जहां व्यक्ति कौन से रास्ते का चयन करें इसके बारे में सही से सोच नहीं पाता है। हर मनुष्य को अपने जीवन में एक लक्ष्य का निर्धारण करना चाहिए।

लक्ष्य का निर्धारण करना मनुष्य के लिए बहुत ही ज्यादा जरूरी है। मैंने अपने लक्ष्य के लिए अपने माता-पिता ओं को प्रथम गुरु मानते हुए उनका मुख्य सहयोग लिया है। इसके अलावा मैंने अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए सहपाठियों और गुरुजनों का सहयोग प्राप्त किया।

लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मैंने सही तरीके से कार्य की और लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक सही रास्ते का चयन किया। उसके पश्चात मैंने पूरे विश्वास के साथ लक्ष्य प्राप्ति के लिए कड़ी मेहनत करने में कोई भी कसर नहीं छोड़ी। तब जाकर मुझे अपना लक्ष्य हासिल हुआ।

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध 200 शब्द

लक्ष्य का निर्धारण करना और उसे हासिल करना मनुष्य के लिए एक नए जीवन की शुरुआत के समान होता है। जब मनुष्य वृद्धावस्था में भी अपने लक्ष्य को हासिल करता है तो उस समय मनुष्य के मन में खुशी के कोई ठिकाने नहीं होते हैं। बूढ़े को भी लक्ष्य की प्राप्ति जवान बना देती है।

लक्ष्य की प्राप्ति करने में जो कठिनाइयां सामने आती है। उन कठिनाइयों से भलीभांति परिचित होकर ही आपको विश्वास और लगन के साथ परिश्रम करना चाहिए। व्यक्ति अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए माता-पिता और गुरुजनों का सहयोग ले सकता है।

गीता में एक बात कही गई है कि “कर्मियेवाधिकारस्ते मां फलेषु कदाचनः” इसका तात्पर्य देखा जाए तो इसका मतलब मुझे पूर्ण विश्वास है, कि मैं अपने लक्ष्य तक अवश्य पहुंच जाऊंगा। यदि व्यक्ति के मन में यह आत्मविश्वास रहता है तो व्यक्ति अक्सर अपने लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लेता है।

विद्यार्थी भी अपने जीवन में एक लक्ष्य का निर्धारण करते हैं। विद्यार्थियों के मन में भी बड़े होकर ऊंचे पद पर नौकरी हासिल करना, बड़े होकर डॉक्टर और इंजीनियर बनने का सपना होता है, जो विद्यार्थियों के लिए एक लक्ष्य और चुनौती की तरह होता है। यह लक्ष्य और चुनौती को हासिल करने के लिए विद्यार्थी पुरजोर से मेहनत करता हैं।

mere jeevan ka lakshya essay in hindi

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध 250 शब्द

हर व्यक्ति को अपने जीवन में कोई ना कोई उद्देश्य जरूर रखना चाहिए। एक लक्ष्य ही होता है, जो हमें हमारे सपनों तक पहुंचा सकता है और हमें एक अलग पहचान दे सकता है। जिस व्यक्ति का कोई सपना नहीं होता, कोई लक्ष्य नहीं होता, वह जिंदगी में कुछ नहीं कर सकता।

ऐसे लोगों को ही अक्सर कहते सुना है कि हमारी किस्मत ही हमारे साथ नहीं है। अगर हम मेहनत ही नहीं करेंगे तो हमें फल कहां से मिलेगा। इसीलिए भगवान ने भी गीता में कहा है कि कर्म करते रहो फल की इच्छा मत करो।

देखा जाए तो आपको हर व्यक्ति से सुनने को मिलेगा कि हमारा लक्ष्य यह है, हम यह बनना चाहते हैं। कुछ लोग डॉक्टर बनना चाहते हैं, तो कुछ लोग इंजीनियर बनना चाहते हैं, कुछ लोगों को बच्चों को पढ़ाने में दिलचस्पी होती है, इसलिए वे शिक्षक बनना चाहते हैं, कुछ लोग अभिनेता बनना चाहते हैं, जबकि वहीं कुछ लोग नेता बनना चाहते हैं। हमारा तात्पर्य यह है कि इंसान वही बनना चाहता है, जिसमें उसकी रूचि होती है, जिसमें वह आत्मसमर्पण से मेहनत कर सकता है।

कुछ लोग अपने लक्ष्य को अपनी हैसियत के हिसाब से चुनते हैं, तो कुछ लोग अपने लक्ष्य अपनी सोच के हिसाब से, जिसकी जैसी सोच होती है, वैसा ही वह लक्ष्य चुनता है। कुछ लक्ष्य तो सुनने में और करने में अच्छे होते हैं, परंतु कुछ लक्ष्य ऐसे होते हैं जो हमें अपने लक्ष्य से भ्रमित कर सकते हैं।

देखा जाए तो जीवन में हर व्यक्ति को चुनौतियां और समस्याओं का सामना करना पड़ता है। परंतु जीवन में किसी भी व्यक्ति को हार नहीं माननी चाहिए। हमें तब तक प्रयास करना चाहिए, जब तक हमारा शरीर हमारे साथ है।

कई लोग कहते हैं कि आपने ऐसा लक्ष्य चुना है, यह तो आपसे नहीं हो पाएगा। ऐसा हम मान सकते हैं कि हमारा लक्ष्य कठिन हो सकता है, लेकिन असंभव नहीं। हमें निरंतर प्रयास करते ही रहना चाहिए। कभी ना कभी सफलता हमारे कदम चूमेगी।

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध 300 शब्द

मैंने अपने जीवन में एक लक्ष्य का निर्धारण किया है। जब मैं पांचवी कक्षा पास कर चुका था तब मैंने डॉक्टर बनने का एक लक्ष्य निर्धारित किया था और डॉक्टर बनकर देश की सेवा करने का सौभाग्य प्राप्त करने के लिए मैंने अपने लक्ष्य का पीछा करना शुरू किया।

लक्ष्य का पीछा करते-करते ही मैंने अपनी पढ़ाई पर बहुत जोर दिया। दिन रात मुझे अपने लक्ष्य को हासिल करने की चाहत रहती हैं। मैं अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए कठिन परिश्रम शुरू कर चुका हूं। डॉक्टर बनने के लिए मैंने परिश्रम में अपनी तरफ से कोई भी कसर नहीं छोड़ी।

डॉक्टर बनने के लिए जो पढ़ाई करनी होती है, उस पढ़ाई के लिए मैंने अपनी पूरी मेहनत जौक दी। पढ़ाई करने मैं मेहनत करने के साथ-साथ डॉक्टर बनने के लिए और क्या जरूरी होता है। उसके बारे में भी मैंने दसवीं कक्षा से ही शुरुआत कर ली।

दसवीं कक्षा के बाद मैंने विज्ञान वर्ग का चयन करके डॉक्टर बनने के लिए पहली सीढी पर कदम रखा था। 11वीं और 12वीं कक्षा में ने बायोलॉजी विषय से पूरी की और उसके पश्चात एंट्रेंस एग्जाम में भाग लिया।

जब मैंने एंट्रेंस एग्जाम को पास कर लिया तो मुझे डॉक्टर के लिए जरूरी डिग्री एमबीबीएस के लिए कॉलेज मिल गया था। अब मैंने कॉलेज में कड़ी मेहनत के साथ पढ़ाई करना शुरू किया। धीरे-धीरे मेरी कॉलेज की डिग्री पूरी होती गई और मेरा डॉक्टर बनने का सपना भी पूरा होने वाला था।

उसके पश्चात मैंने मास्टर डिग्री हासिल की और ट्रेनिंग की अवधि पूरी कर के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लिया। मुझे अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का बहुत ज्यादा गर्व महसूस होता है। जब मैंने लक्ष्य हासिल किया था, तब मेरे मन में खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा था।

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध 1000 शब्द

यह बिल्कुल सच वाक्य है कि बिना उद्देश्य वाला व्यक्ति जीवन में कभी कुछ नहीं कर सकता, उसका जीवन जानवर के समान होता है। ऐसा कहा जाता है कि इंसान और जानवर में यही फर्क होता है।

जानवर अपने लिए सब कुछ नहीं कर सकता, परंतु इंसान चाहे तो अपने लिए सब कुछ कर सकता है। इसीलिए जीवन में हर व्यक्ति का कोई ना कोई लक्ष्य जरूर होना चाहिए। अगर हमारा जिंदगी में कोई भी लक्ष्य नहीं होगा तो समाज भी हमें नहीं स्वीकारता।

लक्ष्य/उद्देश्य क्या होता है?

उद्देश्य यह बहुत ही छोटा सा शब्द है, लेकिन इसका हमारे जीवन में बहुत ही बड़ा महत्व है। जीवन में जो सपना हम सच करना चाहते हैं, उसे ही उद्देश्य कहा जाता है। लक्ष्य का मतलब होता है, पक्का इरादा करना, निरंतर प्रयास करना, किसी चीज से आकांक्षा रखना, अपनी इच्छा को पूरा करना। बचपन में हर कोई अपने जीवन को लेकर कोई ना कोई सपना जरूर देखता है।

कोई व्यक्ति चाहता है कि मैं कलाकार बनूंगा तो कोई व्यक्ति चाहता है मैं डॉक्टर बनूंगा, यही उद्देश्य का मतलब होता है। अगर हमें अपना उद्देश्य पूरा करना है तो इसके लिए हमें हर चुनौती और समस्या का सामना डट कर करना होगा। उसको पार करके ही हम अपने सपने को पूरा कर सकते हैं।

लक्ष्य/उद्देश्य का क्या महत्व होता है?

साधारण शब्दों में कहा जाए तो जिस व्यक्ति का कोई उद्देश्य नहीं होता, उस व्यक्ति को समाज नकार देता है। उसे अपने समाज में जगह नहीं देता है। अगर हमें अपना सपना पूरा करना है तो हमें सफलता के लिए हर पड़ाव को पूरा करना होगा। चाहे कितनी भी बार हमारे कदम क्यों ना लड़खड़ाए हमें वहां डटकर खड़े रहना होगा।

हमारे जीवन में लक्ष्य का बहुत अधिक महत्व है, क्योंकि लक्ष्य के बिना जीवन जीने का कोई मतलब नहीं होता है। अगर आपका आपके जीवन में कोई ना कोई लक्ष्य होता है तो आपका जीवन बहुत ही आनंदमय के साथ बीतता है और यह हमारे जीवन जीने का सबसे सर्वोत्तम तरीका है।

हमारे जीवन में प्राथमिक उद्देश्य क्या होना चाहिए?

सभी व्यक्तियों के जीवन में अलग-अलग प्राथमिक उद्देश्य होते हैं। किसी के लिए सबसे पहले उनका परिवार आता है, तो किसी के लिए सबसे पहले उनका सपना होता है। अगर आपको अपने सपने को पूरा करना है तो इसके लिए आपको खुद को फिट रखना होगा, जीवन को पूरी स्वतंत्रता के साथ जीना होगा और सफलता के लिए हर प्रयास करना होगा। यही हमारे प्राथमिक उद्देश्य होने चाहिए।

उद्देश्य कितने प्रकार के होते हैं?

हर व्यक्ति के जीवन में उनके लिए उद्देश्य कई प्रकार के होते हैं। जिस तरह से सभी व्यक्ति अलग होते हैं, उसी तरह से उनके उद्देश्य भी अलग होते हैं। क्योंकि कुछ व्यक्ति शिक्षक बनना चाहते हैं तो कुछ पायलट बनना चाहते हैं, इसी तरह से कुछ लोग इंजीनियरिंग करना चाहते हैं, जबकि कुछ लोग चित्रकला में दिलचस्पी रखते हैं। इसी तरह से उदेश्य कई प्रकार के हो सकते हैं।

हमें जीवन का सही उद्देश्य कैसे चुनना चाहिए?

ऐसा कहा जाता है कि जीवन में सबसे पहली गुरु हमारी मां होती है। अगर आपको अपने उद्देश्य को चुनने में मुश्किल हो रही है, तो सबसे पहले आप अपनी मां के पास जाइए, क्योंकि आपकी मां से बेहतर आपको कोई नहीं जान सकता। इसीलिए आपको आपके प्रश्नों के उत्तर आपकी मां के पास बेहतर तरह से मिल सकेंगे।

आजकल की युवा पीढ़ी को इन समस्याओं का अधिक सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उनके सामने इतने अत्यधिक विकल्प हैं कि वह असमंजस में पड़ जाते हैं कि उनके लिए कौन सा बेहतर विकल्प है। इसके लिए वह अपने प्रिय जनों से या अपने गुरु से वार्तालाप करके इस समस्या का हल पा सकते हैं।

हमें अपने लक्ष्य को कैसे प्राप्त करना चाहिए?

अगर हमें अपने लक्ष्य को वाकई में प्राप्त करना है तो इसके लिए हमें बहुत ही मेहनत करनी होगी। इसके लिए आपको कुछ बातें याद भी रखनी होगी जो निम्नलिखित हैं:

  • हमें हमेशा अपने लक्ष्य के प्रति सक्रिय रहना चाहिए और लगातार काम करते रहना चाहिए।
  • जितना हो सके हमें नकारात्मक बातों को दिमाग में नहीं लाना चाहिए।
  • सभी काम हमें धैर्य पूर्वक करने चाहिए और काम में संतुलन बनाए रखना चाहिए।
  • सभी काम हमें ध्यान पूर्वक करना चाहिए।
  • असफलता और मुसीबतों से नहीं घबराना चाहिए बल्कि, गलतियों को सुधार कर और बेहतर बनाना चाहिए।
  • हमें किसी सफल व्यक्ति से सहायता लेनी चाहिए और अपना मार्गदर्शन करना चाहिए।
  • अंतिम परिणाम की कल्पना करनी चाहिए यह सोचना चाहिए कि वाकई में हम यह काम कर सकते हैं।
  • सबसे जरूरी बात हमें अपने लक्ष्य पर अडिग रहना चाहिए।

इसी तरह से हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ध्यान केंद्रित रखना होगा। अगर आप मेहनत से अपने लक्ष्य को प्राप्त करना चाहेंगे तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। आपको सफलता जरूर मिलेगी।

इसी प्रकार हमें अपनी इच्छा अनुसार अपने लक्ष्य को हर हाल में पूरा करना ही चाहिए। अगर हमें इसके लिए किसी की सहायता लेनी पड़ती है तो हमें सहायता बेझिझक मांगनी चाहिए। सहायता मांगने में शर्म नहीं करनी चाहिए। हमें अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए हमेशा दृढ़ रहना चाहिए। तभी हम अपने सपने को पूरा कर पाएंगे और जीवन में सफल हो सकेंगे।

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Rahul Singh Tanwar

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Comments (4).

Very-very good anucched . It was so helpful for my Hindi homework

Ati labhdayak kal mera language paper h

Osamm labhdayak hai ☺️☺️☺️

Aapka lakshya ka niband bahut hi achha hai

Sir apne lakshya ko drid banay rakhne ke liye kya karna chahiye

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हिंदी निबंध का संग्रह (List Of Hindi Essays)

हिंदी निबंध (Hindi Essays), List Of 300+ Essays Topics In Hindi

अगर आपको निचे दिए निबंध के लिस्ट में आपका मनचाहा निबंध नहीं मिले, तो आप हमारे वेबसाइट के search फीचर का इस्तेमाल करके निबंध ढूंढ सकते है।

हिंदी निबंध (Hindi Essays) | List Of 300+ Essays Topics In Hindi

निबंध के अंग और संरचना

भावात्मक निबंध

इसमे बुद्धि तत्व की अपेक्षा भाव पक्ष का महत्व अधिक होता है। क्योंकि इसका सम्बन्ध भावना अर्थात हमारे ह्रदय से होता है। इसमे तीन प्रकार कि शैलियों का उपयोग किया जाता है।धारा शैली, तरंग शैली, विशेष शैली।

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जनसँख्या पर निबंध (Population Essay in Hindi)

जनसंख्या एक विशेष क्षेत्र में रहने वाले जीवों की कुल संख्या को दर्शाती है। हमारे ग्रह के कुछ हिस्सों में आबादी का तेजी से विकास चिंता का कारण बन गया है। जनसंख्या को आमतौर पर किसी क्षेत्र में रहने वाले लोगों की कुल संख्या के रूप में जाना जाता है। हालांकि यह उन जीवों की संख्या को भी परिभाषित करता है जो इंटरब्रिड कर सकते हैं। कुछ देशों में मानव जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। इन देशों को मानव नियंत्रण उपायों को नियंत्रित करने की सलाह दी जा रही है।

जनसँख्या पर छोटे तथा लंबे निबंध (Short and Long Essay on Population in Hindi, Jansankhya par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (300 शब्द): जनसंख्या वृद्धि के कारण.

जनसंख्या एक जगह पर रहने वाले लोगों की संख्या को दर्शाने के लिए आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है। दुनिया के विभिन्न हिस्सों में आबादी का घनत्व भिन्न-भिन्न कारणों से अलग-अलग होता है।

जनसंख्या का असमान वितरण

धरती पर जनसंख्या असमान रूप से वितरित है। जहाँ कुछ देश ऐसे हैं जो आबादी विस्फोट की समस्या का सामना कर रहे हैं वही कई देश कम आबादी वाले भी हैं। ऐसा सिर्फ मानव आबादी के मामले में नहीं है। यही बात जानवरों और अन्य जीवों के मामलों में भी देखी जाती है। कुछ जगहों पर आपको अधिक संख्या में जानवर दिखाई देंगे जबकि कुछ जगहों पर आपको शायद ही कोई जानवर देखने को मिलेगा।

चीजें जो जनसंख्या घनत्व प्रभावित करती हैं

किसी भी क्षेत्र में आबादी के घनत्व की गणना उस क्षेत्र की कुल संख्या को लोगों द्वारा विभाजित करके की जाती है। कई कारणों से जनसंख्या का घनत्व अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग होता है। कुछ कारक जो किसी क्षेत्र में आबादी की घनत्व को प्रभावित करते हैं वे इस प्रकार हैं:

अत्यंत गर्म या ठंडे मौसम वाले स्थान बहुत कम आबादी के हैं। दूसरी ओर जिन स्थानों पर लोग मध्यम जलवायु का आनंद लेते हैं वे घनी आबादी वाले हैं।

तेल, लकड़ी, कोयले जैसे संसाधनों की अच्छी उपलब्धता वाले क्षेत्रों में आबादी घनी होती है जहाँ इन बुनियादी संसाधनों की कमी होती है वे क्षेत्र कम आबादी वाले हैं।

  • राजनीतिक माहौल

जिन देशों में एक स्थिर सरकार और एक स्वस्थ राजनीतिक वातावरण है वे क्षेत्र घनी आबादी वाले हैं। ये देश दूसरे इलाकों से आबादी को आकर्षित करते हैं जिससे उस क्षेत्र की आबादी में बढ़ोतरी होती है। दूसरी ओर गरीब या अस्थिर सरकार वाले देश के कई लोग किसी अच्छे अवसर की उपलब्धता को देखकर उस जगह को छोड़कर चले जाते हैं।

विकसित देशों जैसे यू.एस.ए. बहुत सारे आप्रवासियों को आकर्षित करते हैं क्योंकि वे लोगों को बहुत बेहतर पैकेज और एक अच्छा मानक जीवन प्रदान करते हैं। दुनिया के विभिन्न हिस्सों के लोग ऐसे देशों में आकर बसते हैं। यही कारण है कि ऐसे देशों में आबादी का घनत्व बढ़ रहा है।

भले ही दुनिया भर में कुछ जगहों में जनसंख्या का घनत्व कम हो फिर भी पिछले कुछ दशकों में देश की कुल जनसंख्या में वृद्धि हुई है और आने वाले समय में कई गुना बढ़ने की संभावना है।

निबंध 2 (400 शब्द) – भारत में बढ़ती जनसंख्या व जनसंख्या नियंत्रण

जनसंख्या का मतलब एक विशेष स्थान पर रहने वाले कुल जीवों की संख्या है। दुनिया के कई हिस्सों में मुख्य रूप से गरीब देशों में मानव आबादी का विकास चिंता का विषय बन गया है। दूसरी ओर ऐसे भी स्थान हैं जहां जनसंख्या की दर बहुत कम है।

बढ़ती जनसंख्या – भारत में एक बड़ी समस्या

भारत को बढ़ती आबादी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। दुनिया की करीब 17% आबादी भारत में रहती है जिससे यह दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देशों में से एक है। लगभग हर विकासशील देश की तरह भारत में जनसंख्या की वृद्धि के लिए कई कारण हैं। भारत में आबादी के विकास के मुख्य कारणों में से एक निरक्षरता है। अशिक्षित और गरीब वर्ग के लोग अधिक संख्या में बच्चों को जन्म देते हैं। इसके लिए दो कारण हैं।

सबसे पहले उनके लिए अधिक बच्चे काम करने और परिवार के लिए पैसे कमाने में मदद करते हैं। दूसरा उनमें से ज्यादातर जन्म नियंत्रण विधियों के बारे में नहीं जानते हैं। प्रारंभिक विवाह के परिणामस्वरूप बच्चों की संख्या अधिक होती है। आबादी में वृद्धि की वजह से मृत्यु दर कम हो सकती है। विभिन्न बीमारियों के लिए इलाज़ और उपचार विकसित किए गए हैं और इस तरह मृत्यु दर में कमी आई है।

भारत में जनसंख्या नियंत्रण के लिए उठाए गए कदम

भारतीय जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए भारत सरकार ने कुछ कदम उठाए हैं। इनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

  • न्यूनतम विवाहयोग्य आयु

सरकार ने पुरुषों के लिए न्यूनतम विवाह योग्य आयु 21 वर्ष और महिलाओं के लिए 18 साल तय की है। हालांकि इस पर कोई कड़ी जांच नहीं है। देश के ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में लोग अभी भी कम उम्र में अपने बच्चों की शादी करते हैं। सरकार को शादी की न्यूनतम उम्र में वृद्धि करना चाहिए और इसके लिए जांच भी कड़ी करनी चाहिए।

  • मुफ्त शिक्षा

भारत सरकार ने बच्चों को मुफ़्त और अनिवार्य शिक्षा कानून के अधिकार के जरिए देश के बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा उपलब्ध कराई है। जनसंख्या को नियंत्रित करने का एक और तरीका है निरक्षरता को समाप्त करना।

  • दत्तक ग्रहण को बढ़ावा देना

भारत सरकार बच्चों को गोद लेने को भी बढ़ावा दे रही है। ऐसे कई लोग हैं जो विभिन्न कारणों की वजह से अपने बच्चों को जन्म देते हैं। अपने स्वयं के बच्चे करने की बजाए बच्चों को अपनाना जनसंख्या को नियंत्रित करने का एक अच्छा तरीका है।

भारत में बढ़ती आबादी गंभीर चिंता का विषय है। हालांकि सरकार ने इस पर नियंत्रण रखने के लिए कुछ कदम उठाए हैं लेकिन ये नियंत्रण पर्याप्त प्रभावी नहीं हैं। इस मुद्दे को रोकने के लिए कई अन्य उपाय किए जाने की आवश्यकता है।

निबंध 3 (500 शब्द) – मानव विज्ञान, प्रौद्योगिकी व जनसंख्या विस्फोट

जनसंख्या सामान्यतः एक विशेष क्षेत्र में रहने वाले लोगों की कुल संख्या को दर्शाती है। हालांकि आबादी शब्द का मतलब केवल मानव आबादी ही नहीं है बल्कि वन्यजीव आबादी और जानवरों तथा अन्य जीवित जीवों की कुल आबादी की पुनरुत्पादन करने की क्षमता है। विडंबना यह है कि जहाँ मानव आबादी तेजी से बढ़ रही है तो जानवरों की आबादी कम हो रही है।

कैसे मानव विज्ञान और प्रौद्योगिकी मानव जनसंख्या विस्फोट को बढ़ावा दिया है ?

कई कारक हैं जो पिछले कुछ दशकों से दुनिया के विभिन्न हिस्सों में जनसंख्या विस्फोट को बढ़ावा दे रहे हैं। प्रमुख कारकों में से एक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रगति है। जहाँ पहले जन्म दर और मनुष्य की मृत्यु दर के बीच एक संतुलन था चिकित्सा विज्ञान में प्रगति ने उसमें असंतुलन पैदा कर दिया है। कई बीमारियों का इलाज करने के लिए दवाएं और आधुनिक चिकित्सा उपकरणों को विकसित किया गया है। इन की मदद से मनुष्य मृत्यु दर कम हो गई है और इससे जनसंख्या में वृद्धि हो गई है।

इसके अलावा तकनीकी विकास ने भी औद्योगीकरण को रास्ता दिखाया है। हालांकि पहले ज्यादातर लोग कृषि गतिविधियों में शामिल थे और उसी के माध्यम से अपनी आजीविका अर्जित करते थे पर अब कई अलग-अलग कारखानों में नौकरी करने की ओर बढ़ रहे हैं। ऐसे क्षेत्रों की आबादी, जहां इन उद्योगों की स्थापना की जाती है, दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।

वन्यजीव जनसंख्या पर मानव जनसंख्या वृद्धि का प्रभाव

जहाँ मानव आबादी विस्फोट के कगार पर है वहीं वन्यजीव आबादी समय गुज़रने के साथ कम हो रही है। पक्षियों और जानवरों की कई प्रजातियों की आबादी काफी कम हो गई है जिसका केवल मनुष्य को ही जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। इनमें से कुछ विवरण नीचे दिए गए हैं:

  • वनों की कटाई

वन्यजीव जानवर जंगलों में रहते हैं। वनों की कटाई का अर्थ है उनके आवास को नष्ट करना। फिर भी मनुष्य निर्दयता से अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए जंगलों को काट और नष्ट कर रहा है। जानवरों की कई प्रजातियों में भी कमी आई है और कई लोग अन्य अपने निवास की गिरती गुणवत्ता या नुकसान के कारण विलुप्त हो गए हैं।

  • बढ़ता प्रदूषण

बढ़ता हवा, पानी और भूमि प्रदूषण एक और प्रमुख कारण है कि कई जानवरों की कम उम्र में मृत्यु हो जाती है। पशुओं की कई प्रजातियां बढ़ते प्रदूषण का सामना करने में सक्षम नहीं हैं। उन्हें इसके कारण कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है और उसके घातक परिणामों का सामना करना पड़ता है।

  • जलवायु में परिवर्तन

दुनिया के विभिन्न हिस्सों में जलवायु काफी तेजी से बदल गई है। कई क्षेत्र जिनमें पहले मध्यम बारिश होती थी वहां अब हालात बाढ़ की तरह दिखाई देने लगे हैं। इसी तरह गर्मी के मौसम में हल्के गर्म रहने वाले क्षेत्र अब बेहद गर्म मौसम का अनुभव करते हैं। जहाँ मनुष्य ऐसी स्थितियों के अनुकूल होने के लिए तैयार होते हैं वहीं जानवर इसका सामना नहीं कर सकते।

मनुष्य ने हमेशा अपने पौधों, जानवरों और उनके आसपास के समग्र वातावरण पर प्रभाव की अनदेखी करते हुए अपने आराम और सुख के बारे में सोचा है। अगर मनुष्य इस तरह से व्यवहार करते रहे तो पृथ्वी मनुष्य के अस्तित्व के लिए अब फिट नहीं रहेगी। यह सही समय है कि हमें मानव आबादी को नियंत्रित करने और साथ ही हमारे ग्रह को बर्बाद कर रही प्रथाओं को नियंत्रित करने के महत्व को स्वीकार करना चाहिए।

Essay on Population in Hindi

निबंध 4 (600 शब्द) – जनसंख्या नियंत्रण क्यों आवश्यक है व इसके उपाय क्या हैं

जनसंख्या एक क्षेत्र में रहने वाले लोगों की कुल संख्या को दर्शाती है। यह न केवल मनुष्यों को संदर्भित करती है बल्कि जीवित जीवों के अन्य रूपों को भी संदर्भित करती है जिनमें पैदा करने और गुणा करने की क्षमता होती है। पृथ्वी के कई हिस्सों में जनसंख्या बढ़ रही है। हालांकि विभिन्न देशों की सरकार विभिन्न तरीकों से इस मुद्दे को रोकने की कोशिश कर रही है लेकिन इसे नियंत्रित करने के लिए अभी भी बहुत कुछ करना होगा।

जनसंख्या को नियंत्रित करना क्यों आवश्यक है ?

आबादी की बढ़ती दर कई समस्याओं का कारण है। विकासशील देश विकसित देशों के स्तर तक पहुंचने में कड़ी मेहनत कर रहे हैं और इन देशों में जनसंख्या में तेजी से वृद्धि इस दिशा में मुख्य बाधाओं में से एक है। बढ़ती आबादी के कारण बेरोजगारी की समस्या उच्चतम स्तर पर है। नौकरियों की तलाश में कई लोग हैं लेकिन रिक्तियां सीमित हैं। बेरोजगारी गरीबी का कारण है जो एक और समस्या है। यह लोगों के बीच असंतोष पैदा करती है और अपराध को जन्म देती है। जो लोग अपनी वांछित नौकरियां प्राप्त नहीं कर पाते वे अक्सर पैसे कमाने के लिए अवांछित तरीके अपनाते हैं।

यह भी समझना चाहिए कि संसाधन सीमित हैं लेकिन लोगों की बढ़ती संख्या के कारण मांग बढ़ रही है। वनों को काटा जा रहा है और उनकी जगह विशाल कार्यालय और आवासीय भवन बनाए जा रहे हैं। क्यां करे? यह बढ़ती आबादी को समायोजित करने के लिए किया जा रहा है। प्राकृतिक संसाधन तेजी से कम हो रहे हैं क्योंकि अधिक संख्या में लोग उनका उपयोग कर रहे हैं। यह पर्यावरण में असंतुलन पैदा कर रहा है। लोगों की मांगों को पूरा करने के लिए अधिक से अधिक प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे पर्यावरण का क्षरण ही नहीं बल्कि जीवन की लागत भी बढ़ जाती है। इस प्रकार आबादी को नियंत्रित करना आज के समय की आवश्यकता बन गया है। पर्यावरण में संतुलन और सामंजस्य स्थापित करने के लिए यह आवश्यक है। इससे लोगों के लिए बेहतर जीवन स्तर सुनिश्चित होगा।

मानव जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए संभावित कदम

मानव आबादी को नियंत्रित करने के लिए यहां कुछ संभावित कदम दिए गए हैं:

गरीब और अशिक्षित वर्गों के लोग अधिकतर परिवार नियोजन योजना नहीं बनाते हैं। वे महिलाओं को एक के बाद एक बच्चे पैदा करने की मशीन के रूप में देखते हैं। लोगों को शिक्षित करना आवश्यक है। सरकार को सभी के लिए शिक्षा आवश्यक बनाने के लिए कदम उठाने चाहिए।

  • परिवार नियोजन

परिवार के नियोजन के महत्व के बारे में लोगों को संवेदनशील बनाना सरकार के लिए आवश्यक है। यह रेडियो, टेलीविजन, इंटरनेट और संचार के अन्य रूपों के माध्यम से बार-बार किया जाना चाहिए।

  • मौद्रिक लाभ

सरकार को करों से छूट या उन परिवारों को अन्य मौद्रिक लाभ प्रदान करना चाहिए जिनके पास एक बच्चा है। चूंकि आज लोग पैसे के पीछे भाग रहे हैं इसलिए आबादी को नियंत्रित करने की दिशा में यह एक प्रभावी कदम होगा। कुछ देशों की सरकारें पहले ही ऐसी नीतियों को लागू कर चुकी हैं।

  • जुर्माना या दंड

जैसे सरकार उन लोगों को मौद्रिक लाभ प्रदान कर सकती है जो समुचित परिवार नियोजन करते हैं उसी तरह उन पर पैसों के रूप में जुर्माना भी लगा सकती है जो ऐसा नहीं करती है। दो से अधिक बच्चों वाले परिवारों पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए।

  • सख्त मॉनिटरिंग

सरकार को केवल उपर्युक्त बिंदुओं को लागू नहीं करना चाहिए बल्कि इनकी एकदम सही जांच भी करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोग उनका पालन करें।

लोगों को आबादी नियंत्रित करने के महत्व को समझना चाहिए। यह न केवल उन्हें स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण तथा बेहतर जीवन स्तर प्रदान करेगा बल्कि अपने देश के समग्र विकास में भी मदद करेगा। सरकार को भी इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और जनसंख्या नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए उचित नियम और नीतियां बनानी चाहिए। इस समस्या को नियंत्रित करने के लिए दोनों सार्वजनिक और सरकार को एक साथ काम करने की आवश्यकता है।

FAQs: Frequently Asked Questions on Population (जनसँख्या पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

उत्तर- वेटिकन सिटी

उत्तर- उत्तर प्रदेश की

उत्तर- शिक्षा एवं परिवार नियोजन के प्रति जागरुकता।

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Essay On Swachh Bharat Abhiyan In Hindi (100, 200, 300, 500, 700, 1000 Words)

स्वच्छ भारत अभियान निबंध 1 (100 शब्द) :.

स्वच्छ भारत अभियान एक अभियान नहीं एक मिशन है जिसके द्वारा पूरे भारत को स्वच्छ और सुंदर बनाया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 2 अक्तूबर, 2014 को महात्मा गाँधी जी की 145वीं जयंती के उपलक्ष्य में इस अभियान को अधिकारिक तौर पर नई दिल्ली के राजघाट पर शुरू किया था।

भारत सरकार ने इस अभियान को राष्ट्रिय स्तर पर लागू किया है जिसमें शहरों, देशों, ग्रामीण क्षेत्रों आदि की साफ-सफाई की जाएगी। स्वच्छ भारत अभियान में शौचालयों का निर्माण, गलियों का निर्माण, सडकों का निर्माण, देश के बुनियादी ढांचे को बदलना आदि स्वच्छता कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जाएगा जिससे ग्रामीण क्षेत्रों को भी आगे लाया जा सके।

स्वच्छ भारत अभियान निबंध 2 (200 शब्द) :

स्वच्छ भारत अभियान को नरेंद्र मोदी जी ने एक राष्ट्रव्यापी सफाई अभियान के रूप में शुरू किया था जिसे स्वच्छ भारत की कल्पना की दृष्टि से लागू किया गया था। स्वच्छ भारत का सपना गाँधी जी का था जिसका अर्थ था पूरे भारत का स्वच्छ होना।

महात्मा गाँधी जी ने स्वच्छ भारत के मिशन को पूरा करने के लिए बहुत प्रयत्न किए लेकिन उस समय पर लोगों को स्वच्छ भारत मिशन में कोई दिलचस्पी नहीं थी जिसकी वजह से गाँधी जी का सपना पूरा नहीं हुआ था इसलिए भारत सरकार ने गाँधी जयंती के दिन महात्मा गाँधी जी के स्वच्छ भारत के सपने के लिए स्वच्छ भारत अभियान की घोषणा की।

स्वच्छ भारत अभियान को गाँधी जी की 145वीं जयंती पर 2 अक्तूबर, 2014 को शुरू किया गया। स्वच्छ भारत अभियान में भाग लेना सभी लोगों के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती है क्योंकि इस मिशन को केवल तभी सफल बनाया जा सकता है जब सभी लोग साथ मिलकर इसमें भाग लेंगे। स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने के लिए बहुत सारे नेताओं, अभिनेताओं, अभिनेत्रियों और आम जनता ने अपना पूरा योगदान दिया है। इस मिशन के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी ने जितने हो सकें सफल प्रयास किए हैं।

स्वच्छ भारत अभियान निबंध 3 (300 शब्द) :

भूमिका : स्वच्छ भारत अभियान हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा चलाया गया एक स्वच्छता अभियान है जिसमें सभी जगहों की गंदगी को साफ करके स्वच्छ किया जाता है उसे ही स्वच्छता अभियान कहा जाता है। स्वच्छ भारत अभियान को  राष्ट्रिय स्तर पर लागू किया गया था जो भारत सरकार के द्वारा चलाया गया है। यह अभियान सभी जगह की परस्पर सफाई के लिए चलाया गया है। इस अभियान के द्वारा पूरे भारत देश की स्वच्छ बनाया जा सकता है और देश को फिर से सोने की चिड़िया बनाया जा सकता है।

स्वच्छ भारत अभियान : स्वच्छ भारत अभियान को 2 अक्तूबर, 2014 गाँधी जयंती के दिन शुरू किया गया था जो गाँधी जी का ही सपना था लेकिन उन्हें इस सपने में विफलता प्राप्त हुई थी इसलिए भारत सरकार ने इसे सफल करने के लिए इस अभियान की शुरुआत की। स्वच्छ भारत अभियान को स्वच्छ भारत मिशन और स्वच्छता अभियान के नाम से भी जाना जाता है।

स्वच्छ भारत अभियान के तहत 4041 सांविधिक नगरों में शौचालय, सड़क, गली, पैदल मार्ग, और भी कई स्थल आते हैं। स्वच्छ भारत अभियान एक ऐसा अभियान है जिसके द्वारा भारत को साल 2019 तक पूरी तरह से साफ कर दिया जाएगा। स्वच्छ भारत अभियान के द्वारा पूरे भारत को स्वच्छ, स्वस्थ और सुखी जीवन के योग्य बनाया जा सकता है।

उपसंहार : स्वच्छ भारत अभियान को सभी राज्यों, देशों और गरीब क्षेत्रों की साफ-सफाई के लिए शुरू किया गया है। स्वच्छ भारत अभियान को शुरू करने के पीछे एक बहुत ही खास उद्देश्य है जो भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी से जुड़ा हुआ है।

महात्मा गाँधी जी का सपना था कि हमारा भारत भी दूसरे राज्यों की तरह साफ-सुथरा हो इसलिए गाँधी जी के स्वच्छ भारत के सपने को सच करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की जिसके द्वारा भारत को स्वच्छ और सुंदर बनाया जा सके।

स्वच्छ भारत अभियान निबंध 4 (400 शब्द) :

भूमिका : स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार के द्वारा पूरे भारत को स्वच्छ करने के लिए चलाया गया एक स्वच्छता अभियान है। स्वच्छ भारत अभियान को अधिकारिक तौर पर 2 अक्तूबर, 2014 को महात्मा गाँधी जी की 145वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने शुरू किया था। गाँधी जयंती के दिन जहाँ पर गाँधी जी का अंतिम संस्कार हुआ था वहीं पर इस अभियान की घोषणा की गई थी। अगर स्वच्छ भारत अभियान को समर्थन दिया गया तो साल 2019 तक पूरा भारत स्वच्छ और सुंदर बन जाएगा।

स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत : स्वच्छ भारत अभियान को महात्मा गाँधी जी के स्वच्छ भारत के सपने को पूरा करने के लिए चलाया गया है क्योंकि गाँधी जी अपने देश की गरीबी और गंदगी से बहुत अच्छी तरह अवगत थे इसलिए वे अपने देश को स्वच्छ करना चाहते थे लेकिन उस समय लोगों की इस विषय में रूचि नहीं थी इसलिए गाँधी जी का उद्देश्य सफल नहीं हो पाया था लेकिन भारत सरकार ने 2 अक्तूबर, 2014 को महात्मा गाँधी जी की 145वीं जयंती के दिन शुरू किया गया।

इस मिशन का सबसे पहला स्वच्छता अभियान 25 सितंबर, 2014 को प्रधानमंत्री जी के द्वारा पहले ही शुरू किया जा चुका था। इस अभियान का उद्देश्य सफाई व्यवस्था की समस्या का हल निकालकर सभी को स्वच्छता की सुविधा का महत्व बताना है।

स्वच्छ भारत अभियान की जरुरत : अपने आसपास की स्वच्छता हर नागरिक की जिम्मेदारी होती है जिसे अगर नागरिक न निभाए तो देश में गंदगी-ही-गंदगी होगी इसलिए देश को स्वच्छ करने के लिए हर नागरिक के समर्थन की जरुरत है। आजकल लोग कूड़ेदान में कचरा डालने की जगह पर इधर-उधर सडक पर कचरा फेंक देते हैं जिसकी वजह से भी गंदगी बढती है।

लोगों के भौतिक, मानसिक, सामाजिक और बौद्धिक कल्याण के लिए भारत में इसके प्रति जागरूकता लाना बहुत अधिक जरुरी है। आज के समय में शौचालय, कचरे का पुनर्चक्रण, आसपास स्वच्छता, आदि की बहुत अधिक जरुरत है।

उपसंहार : स्वच्छ भारत अभियान में किसी भी तरह की राजनीति का प्रयोग नहीं किया गया है लेकिन यह अभियान सभी लोगों को देशभक्ति की तरफ प्रेरित करता है। स्वच्छता रखना नागरिक का धर्म होता है जिसे उसे पूरी ईमानदारी के साथ निभाना चाहिए।

स्वच्छ भारत अभियान को सफल करने के लिए विश्व स्तर पर लोगों ने योगदान दिया है। विद्यार्थी और अध्यापक भी स्वच्छ भारत अभियान में उत्साह और उल्लास के साथ भाग ले रहे हैं ताकि उनका देश साफ-सुथरा बन सके।

स्वच्छ भारत अभियान निबंध 5 (500 शब्द) :

भूमिका : स्वच्छ भारत अभियान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा गाँधी जी के स्वच्छ भारत के सपने को पूरा करने के लिए शुरू किया गया था। गाँधी जी ने लोगों को सफाई के प्रति प्रेरित करके और नारों के द्वारा अपने स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने की कोशिश की थी लेकिन उस समय इसमें लोगों की रूचि न होने की वजह से वे असफल हो गए थे। महात्मा गाँधी जी की प्रेरणा के आधार पर भारत सरकार ने इस अभियान की शुरुआत की जिसके द्वारा स्वच्छ भारत के सपने को पूरा किया जा सके।

स्वच्छ भारत अभियान कब चलाया गया : स्वच्छ भारत अभियान को 2 अक्तूबर, 2014 को गाँधी जी की 145वीं जयंती पर नई दिल्ली के राजघाट (जहाँ पर गाँधी जी का अंतिम संस्कार हुआ था) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू किया था लेकिन इसकी शुरुआत सालों पहले महात्मा गाँधी जी ने कर दी थी जो सफल नहीं हो पाई थी क्योंकि उस समय लोगों को स्वच्छता जैसे अभियान में रूचि नहीं थी।

स्वच्छ भारत अभियान की घोषणा करने से पहले इस अभियान की पहल 25 सितंबर, 2014 को हो गई थी जिसके बाद 2 अक्तूबर, 2014 को स्वच्छ भारत अभियान की घोषणा की गई थी।

शहरी क्षेत्रों में अभियान : शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ भारत मिशन का लक्ष्य हर नगर में ठोस कचरा प्रबंधन की व्यवस्था की गई जिसके साथ-साथ लगभग एक करोड़ घरों को ढाई लाख से अधिक सार्वजनिक शौचालय और ढाई लाख सामुदायिक शौचालय उपलब्ध कराए गए हैं।

सामुदायिक शौचालयों के निर्माण की स्कीम रिहायशी इलाकों में की गई है जहाँ पर व्यक्तिगत शौचालय की उपलब्धता होना मुश्किल है और इसी तरह से सार्वजनिक शौचालयों को भी बस अड्डों, रेलवे स्टेशन, बाजार आदि पर जगह-जगह बनाया गया है।

(और पढ़ें :    स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध  ,  स्वच्छ भारत अभियान से जुडी कुछ महत्वपूर्ण बातें )

इस अभियान में ठोस कचरा प्रबंधन की लागत लगभग 7366 करोड़ रूपए है, 1828 करोड़ रूपए जन साधारण को जागरूक करने के लिए, 655 करोड़ रूपए सामुदायिक शौचालयों के लिए, 4165 करोड़ रूपए निजी शौचालयों के लिए खर्च किए गए हैं।

उपसंहार : स्वच्छ भारत अभियान को पूरे भारत की स्वच्छता के मिशन से शुरू किया गया था। स्वच्छ भारत अभियान सभी लोगों के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती है क्योंकि स्वच्छ भारत का मिशन केवल तभी तक संभव हो सकता है जब तक भारत में रहने वाला हर एक व्यक्ति इसके प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझे और इसे एक सफल अभियान बनाने के लिए अपना पूरा योगदान दे। इस अभियान की पहल भारतीय कलाकारों ने की थी जिसके बाद संपूर्ण भारत में इसका जागरूकता के रूप में प्रसार हुआ था।

स्वच्छ भारत अभियान निबंध 6 (600 शब्द) :

भूमिका : स्वच्छ भारत अभियान को भारत सरकार ने एक विशाल जन आंदोलन के रूप में शुरू किया था जिसका उद्देश्य था पूरे भारत की साफ-सफाई को बढ़ावा देना। स्वच्छ भारत अभियान को साल 2019 तक एक स्वच्छ भारत का लक्ष्य मानकर 2 अक्तूबर, 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने शुरू किया था।

स्वच्छ भारत अभियान को समर्थन देने के लिए बहुत से नेताओं ने बहुत से कानूनों को चलाया जिससे भारत में गंदगी न फैल सके। भारत में अधिक से अधिक पेड़ों को लगाया गया है जिससे भारत को हरियाली में बदला जा सके।

स्वच्छ भारत अभियान क्या है : स्वच्छ भारत अभियान एक बहुत बड़ा आंदोलन है जिसके द्वारा साल 2019 तक पूरे भारत को स्वच्छ बनाना है। स्वच्छ भारत अभियान को महात्मा गाँधी जी के स्वच्छ भारत के सपने को पूरा करने के लिए चलाया गया है जिसमें स्वस्थ और सुखी जीवन संभव सो सके। इस अभियान को 2 अक्तूबर, 2014 को महात्मा गाँधी जी की 145वीं जयंती पर नई दिल्ली के राजघाट पर घोषित किया गया था।

स्वच्छ भारत अभियान के द्वारा भारत के शहरी विकास, पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय के तहत इस अभियान को ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लागू किया गया है। इस अभियान के द्वारा सफाई व्यवस्था की समस्या का समाधान निकालने के साथ-साथ स्वच्छता की सुविधा का निर्माण करना भी है।

ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ भारत अभियान : ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता लाने के लिए सरकार के द्वारा सन् 1999 में सबसे पहले निर्मल भारत अभियान की स्थापना की गई लेकिन इसका पुनर्गठन स्वच्छ भारत अभियान के रूप में 2 अक्तूबर, 2014 को हुआ था।

इस अभियान के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को खुले में शौच करने से रोकने, कचरे को जैविक खाद के रूप में प्रयोग करने, ठोस और द्रव कचरा प्रबंधन के लिए बहुत सी सुविधाएँ उपलब्ध कराई हैं जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी उचित रूप से साफ-सफाई रह सके। इस अभियान के द्वारा लोगों के जीवन स्तर को भी सुधारा जाएगा।

अभियान का लोगों पर प्रभाव : स्वच्छ भारत अभियान का लोगों पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ा है क्योंकि इस अभियान की वजह से बहुत से क्षेत्रों के लोगों के जीवन स्तर में सुधार किया गया है। लोगों की कुछ असुरक्षित और अस्वस्थ आदतों को बदला गया है ताकि वे सभी लोग स्वच्छ और स्वस्थ रह सकें।

सरकार द्वारा सफाई व्यवस्था, शौच व्यवस्था, सडक व्यवस्था, आदि को देखने के लिए कार्य समीतियाँ बनाई गई हैं जो अपने कामों पर विशेष ध्यान देती हैं। इस अभियान से पूरे भारत में स्वच्छता की लहर दौड़ पड़ी थी जिसने लोगों को बहुत अधिक प्रभावित किया क्योंकि अगर समाज स्वच्छ होगा तो उस समाज में रहने वाला हर एक व्यक्ति भी स्वच्छ और स्वस्थ रह सकता है जिसे सभी लोगों को आपस में मिलकर करने की जरुरत है।

स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य : स्वच्छ भारत अभियान को बहुत से उद्देश्यों की वजह से शुरू किया गया है जिसमें से इसके कुछ उद्देश्य हैं – खुले में शौच करने की प्रथा को समाप्त करना, अस्वास्थ्यकर शौचालयों को फ्लश शौचालय में बदलना, हाथों से मल की सफाई करने से रोकना, ठोस या द्रव कचरे का दुबारा से उपयोग करना, लोगों को अच्छी आदतों के लिए प्रेरित करना, सफाई के प्रति जागरूकता फैलाना, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई की व्यवस्था को अनुकूल बनाना और लोगों में भारत में निवेश करने के लिए रूचि रखने वाले सभी निजी क्षेत्रों के लिए वातावरण को अनुकूल बनाना है।

उपसंहार : स्वच्छ भारत अभियान को प्रधानमंत्री जी ने गाँधी जी के स्वच्छ भारत के सपने को पूरा करने के लिए शुरू किया था। इस अभियान को सफल बनाने के लिए लोगों ने बहुत से ऐसे तरीके ढूंढे हैं जो रूचि पूर्ण हैं जिसमें व्यक्ति सफाई के साथ-साथ आनंद भी प्राप्त कर सकता है।

इस अभियान के प्रसार के लिए सरकार ने किन्ही नौ लोगों का चुनाव किया जिसमें इन नौ लोगों में से प्रत्येक एक व्यक्ति को अपने साथ जुड़ने के लिए नौ लोगों को आमंत्रित करना होगा इसके बाद वे नौ लोग और नौ लोगों को आमंत्रित करेंगे जिससे सभी लोग इस योजना से जुड़ सकें।

स्वच्छ भारत अभियान निबंध 7 (700 शब्द) :

भूमिका : स्वच्छ भारत अभियान को पूरे भारत में सफाई के उद्देश्य से चलाया गया था। स्वच्छ भारत अभियान की घोषणा करते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने लोगों से यह अपील की थी कि वे इस मिशन से जुड़े और दूसरे लोगों को भी इस मिशन से जुड़ने के लिए प्रेरित करें जिससे हमारा भारत देश दुनिया का सबसे अच्छा और स्वच्छ देश बन सके। इस अभियान की शुरुआत नरेंद्र मोदी जी ने खुद सफाई करके की थी जिससे लोग एक-दूसरे के मध्य अमीरी और गरीबी का भेदभाव न करें और इस योजना में अपना बढ़-चढ़कर योगदान दें।

स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत : स्वच्छ भारत अभियान को नई दिल्ली के राजघाट पर 2 अक्तूबर, 2014 को महात्मा गाँधी जी की 145वीं जयंती को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने गाँधी जी के सपने को पूरा करने के लिए शुरू किया था।

इस अभियान की शुरुआत सबसे पहले सन् 1999 में भारतीय सरकार के द्वारा निर्मल भारत अभियान के रूप में हुई थी लेकिन बाद में इस अभियान का पुनर्गठन करके इसे स्वच्छ भारत अभियान के रूप में दुबारा चलाया गया था। स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत पूरे भारत को साल 2019 तक पूरी तरह से स्वच्छ बनाने के उद्देश्य से हुई थी।

स्वच्छ भारत अभियान गाँधी जी का सपना : भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी ने पूरे भारत को एक स्वच्छ भारत बनाने का सपना देखा था क्योंकि महात्मा गाँधी जी भारत देश की गंदगी और गरीबी से अच्छी तरह से परिचित थे इसलिए वे कभी नारों से तो कभी लोगों से बात करके उन्हें स्वच्छता के लिए जागरूक करने की कोशिश करते थे लेकिन उस समय लोगों को इस विषय में रूचि नहीं थी इसलिए उस समय गाँधी जी का स्वच्छ भारत का सपना पूरा नहीं हो सका था। इसलिए गाँधी जी के स्वच्छ भारत के सपने को पूरा करने के लिए स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की गई।

स्वच्छ भारत अभियान की जरुरत : स्वच्छ भारत के सपने को पूरा करने के लिए भारत में स्वच्छ भारत अभियान का लगातार चलता रहना बहुत अधिक जरुरी है। पूरे भारत के भौतिक, मानसिक, सामाजिक और बौद्धिक कल्याण के लिए भारत के लोगों में सफाई और स्वच्छता के प्रति जागरूकता का एहसास होना बहुत अधिक जरुरी है। जो लोग ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं उन्हें वैश्विक जागरूकता का एहसास नहीं होता है इसलिए उनमें वैश्विक जागरूकता का होना बहुत अधिक जरुरी है। ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता को सुधारना बहुत अधिक जरुरी है।

स्वच्छ भारत विद्यालय अभियान : स्वच्छ भारत अभियान को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा चलाया गया था और इसका उद्देश्य स्कूलों में स्वच्छता लाना है। इस अभियान के द्वारा केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय संगठन जहाँ पर बहुत सारे स्वच्छता क्रियाकलाप आयोजित किए गए हैं जैसे – विद्यार्थियों के द्वारा स्वच्छता के पहलुओं पर चर्चा करना, दूसरों को सफाई के प्रति जागरूक करना, स्वच्छता क्रियाकलाप आदि। स्कूल क्षेत्रों में सफाई, महान व्यक्तियों के योगदान पर भाषण, कला, फिल्म, चर्चा, चित्रकारी, स्वास्थ्य और स्वच्छता पर नाटक मंचन आदि आयोजित किए जाते हैं।

स्वच्छ भारत अभियान का प्रभाव : स्वच्छ भारत अभियान का पूरे भारत पर बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ा है। इस अभियान को सफल करने के लिए उत्तर प्रदेश में सरकारी कार्यालयों में चबाने वाला पान, पान-मसाला, गुटका और अन्य प्रकार के तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

उत्तर प्रदेश में योगी ने जी इस पहल की शुरुआत सरकारी इमारत में अपनी पहली यात्रा करने के बाद की थी जब उन्होंने पान के दाग वाली दीवारों और कोनों को देखा था। स्वच्छ भारत अभियान से बहुत हद तक भारत देश में साफ-सफाई और स्वच्छता रखने की कोशिश की जा रही है।

उपसंहार : स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने के लिए सरकार ने इंटरनेट का भी भरपूर प्रयोग किया है। इसमें सरकार ने लोगों से अनुरोध किया कि वे किसी जगह की सफाई करके उस जगह की फोटो को सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर डाल दें और अन्य लोगों को इस योजना से जुड़ने के लिए प्रेरित करें। स्वच्छ भारत अभियान की निरंतरता को बनाए रखने के लिए योगी जी ने भी अपना पूरा योगदान दिया उन्होंने सफाई कार्यलय का निर्माण किया जिसके द्वारा गंदगी फैलाने वालो को जागरूक करके सफाई का महत्व समझाया।

स्वच्छ भारत अभियान निबंध 8 (1000 शब्द) :

भूमिका : स्वच्छ भारत अभियान भारत को गंदगी रहित बनाने का एक अभियान है जिसे राष्ट्रिय आंदोलन के रूप में भारत सरकार के द्वारा चलाया गया था। इस अभियान को देश के 4041 सांविधिक नगर की आधारभूत संरचना, सडकें, गलियों आदि की साफ-सफाई के उद्देश्य से शुरू किया गया था।

गाँधी जी का मानना था कि स्वच्छता स्वतंत्रता से भी अधिक जरुरी है क्योंकि उस समय में वे अपने देश की गंदगी और गरीबी से बहुत ही अच्छी तरह से अवगत थे इसलिए भारत सरकार ने स्वच्छ भारत के सपने को पूरा करने के लिए ही स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की।

स्वच्छ भारत अभियान : स्वच्छ भारत अभियान एक राष्ट्रिय मुहीम है जिसे भारत सरकार के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा स्थापित किया गया है जिसके तहत 4041 सांविधिक नगरों के सड़क, पैदल मार्ग और अन्य कई स्थल आते हैं। स्वच्छ भारत अभियान एक बहुत बड़ा आंदोलन है जिसके तहत भारत को साल 2019 तक पूरी तरह स्वच्छ बना दिया जाएगा।

इस अभियान में स्वस्थ और सुखी जीवन के लिए महात्मा गाँधी जी के स्वच्छ भारत के सपने को आगे बढ़ाया गया है। स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य सफाई व्यवस्था की समस्याओं का समाधान निकालना है और साथ ही स्वच्छता की सुविधा के निर्माण के द्वारा भारत में अच्छी तरह से मल प्रबंधन करना है।

स्वच्छ भारत अभियान कब चलाया गया : स्वच्छता के लिए सबसे पहले सन् 1999 में निर्मल भारत अभियान चलाया गया था जो असफल रहा था उसके बाद इस अभियान का पुनर्गठन स्वच्छ भारत अभियान के रूप में किया गया था। स्वच्छ भारत अभियान को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने नई दिल्ली के राजघाट (जहाँ पर गाँधी जी का अंतिम संस्कार हुआ था) पर 2 अक्तूबर, 2014 के दिन महात्मा गाँधी जी की 145वीं जयंती पर शुरू किया गया था। स्वच्छ भारत अभियान को एक उद्देश्य के साथ शुरू किया गया था कि भारत को साल 2019 तक पूरी तरह से स्वच्छ और साफ कर दिया जाएगा।

स्वच्छ भारत अभियान से जुड़े लोग : स्वच्छ भारत अभियान में प्रधानमंत्री जी ने नौ लोगों को चुना था जिनके नाम सलमान खान, अनिल अंबानी, कमल हसन, कॉमेडियन कपिल शर्मा, प्रियंका चोपड़ा, बाबा रामदेव, सचिन तेंदुलकर, शशि थरूर और तारक मेहता का उल्टा चश्मा की पूरी टीम।

इस अभियान के शुभारंभ पर भारतीय अभिनेता आमिर खान को आमंत्रित किया गया था। 8 नवंबर, 2014 को इस अभियान से कुछ और लोगों को जोड़ा गया जिनके नाम हैं, मोहम्द कैफ, सुरेश रैना, अखिलेश यादव, स्वामी रामभद्रचार्या, कैलाश खेर, राजू श्रीवास्तव, मनु शर्मा, देवी प्रसाद द्विवेदी, मनोज तिवारी आदि और 25 दिसंबर, 2014 को सौरव गांगुली, किरन बेदी, रामो जी राव, सोनल मानसिंह, पदमानभा आचार्या आदि को स्वच्छ भारत अभियान का हिस्सा बनाया गया था।

स्वच्छ भारत अभियान की जरुरत : स्वच्छ भारत अभियान के द्वारा लोगों में बौद्धिक, मानसिक, भौतिक और सामाजिक कल्याण का एहसास दिलाया जा सकता है। भारत के हर घर में शौचालय होना चाहिए ताकि खुले में शौच की प्रवृति बंद हो सके। भारत के अस्वास्थ्यकर शौचालयों को पानी से बहने वाले शौचालयों में बदलने की बहुत अधिक जरुरत है।

हाथ से की जाने वाली सफाई व्यवस्था को खत्म किया जाना चाहिए। देश के कचरे का पुनर्चक्रण और दुबारा इस्तेमाल, सुरक्षित समापन, सुरक्षित मल समापन का प्रबंधन को लागू करना चाहिए। भारत में सफाई की सुविधा को विकसित करने के लिए निजी क्षेत्रों की भागीदारी को बढ़ाना बहुत अधिक जरुरी है। भारत को स्वच्छ और हरियाली युक्त बनाने के लिए स्वच्छ भारत अभियान बहुत अधिक आवश्यक है।

शहरी क्षेत्रों में अभियान : शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ भारत अभियान के द्वारा सभी 1.04 करोड़ घरों को 2.6 लाख सार्वजनिक शौचालय, 2.5 लाख सामुदायिक शौचालय उपलब्ध कराए गए हैं। सामुदायिक शौचालय के निर्माण की स्कीम रिहायशी इलाकों में की गई है जहाँ पर व्यक्तिगत शौचालय की मौजूदगी मुश्किल होती है इसी तरह सार्वजनिक शौचालय को बस अड्डों, रेलवे स्टेशन, बाजार जैसे स्थानों पर स्थापित किया गया है।

शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता कार्यक्रम पांच साल के अंदर पूरा करने की योजना बनाई गई है। शहरी क्षेत्रों में खुले में शौच की प्रवृति को खत्म करना, अस्वास्थ्यकर शौचालयों को पानी से बहने वाले शौचालयों में बदलना, हाथों से सफाई की प्रवृति को खत्म करना और लोगों को सफाई के प्रति जागरूक करना है।

ग्रामीण क्षेत्रों में अभियान : स्वच्छ भारत अभियान में ग्रामीण क्षेत्रों को स्वच्छ बनाने के लिए भारत सरकार ने निर्मल भारत अभियान को शुरू किया उसके बाद इस अभियान का पुनर्गठन करके स्वच्छ भारत अभियान को शुरू किया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को खुले में शौच करने की प्रवृति को खत्म करने के लिए 11 करोड़, 11 लाख रूपए और शौचालयों के निर्माण के लिए लगभग एक लाख करोड़ रूपए खर्च किए गए हैं।

सरकार के द्वारा कचरे को जैविक खाद और फिर से प्रयोग करने के योग्य ऊर्जा में बदल दिया जाता है जिसमें ग्राम पंचायत, जिला परिषद, पंचायत समीति की बहुत अधिक हिस्सेदारी है। स्वच्छता की सभी सुविधाओं को निरंतर उपलब्ध कराने के लिए पंचायती राज संस्थान और समुदाय को प्रेरित करते रहना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार स्वच्छता और पारिस्थितिक सुरक्षा को प्रोत्साहित करना चाहिए।

स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान : स्वच्छ भारत अभियान के तहत 25 सितंबर, 2014 से 31 अक्तूबर, 2014 तक केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय संगठन जहाँ पर बहुत सारे स्वच्छता क्रियाकलाप आयोजित किए गए हैं जैसे – विद्यार्थियों द्वारा स्वच्छता के पहलुओं पर चर्चा, महात्मा गाँधी की शिक्षा, स्वच्छता और स्वास्थ्य विज्ञान के विषय पर चर्चा, स्वच्छता क्रियाकलाप आदि।

स्वच्छ भारत अभियान के द्वारा स्कूली क्षेत्रों की सफाई, महान व्यक्तियों के योगदान पर भाषण, निबंध लेखन प्रतियोगिता, कला, फिल्म, चर्चा, चित्रकारी और स्वच्छता पर नाटक मंचन आदि किया जाता है।

स्वच्छ भारत अभियान के नारे :

1. क्या दोगे आने वाले को? पूर्वजों से तुम्हे स्वतंत्र आसमान मिला, न करो कोई बड़ा वादा, बस दो स्वच्छ आसमा की छाया। 2. अब सबकी बस एक ही पुकार, स्वच्छ भारत हो यार। 3. आओ मिलजुलकर खुशिया मनाये, भारत को स्वच्छ बनाये। 4. एक कदम स्वच्छता की ओर। 5. सफाई से खुद को स्वच्छ बनाना है स्वच्छता से पूरे विश्व में अपनी पहचान बनाना है। 6. जागो युवा जागो स्वच्छ भारत है तुम्हारा अधिकार, लेकिन उठाओ पहले कर्तव्य का भार। 7. गाँव-गाँव गली-गली ऐसी ज्योति जलाएंगे, पूरे भारत को स्वच्छ बनायेंगे। 8. स्वच्छ भारत है एक बड़ा अभियान, सब मिलके करे अपना योगदान। 9. स्वच्छता अपनाना है समाज में खुशियाँ लाना है। 10. स्वच्छता ही है देश का सौंदर्य, जिसे लाना है हमारा कर्तव्य। 11. बापू का घर-घर पहुंचे संदेश, स्वच्छ और सुंदर हो अपना देश। 12. चलाओ जोरों से स्वच्छता अभियान, तभी तो बनेगा हमारा भारत महान। 13. अब हर भारतियों ने मन में यही ठाना है पूरे भारत को स्वच्छ बनाना है। 14. कदम-से-कदम मिलाओ स्वच्छता की तरफ हाथ बढाओ। 15. युवा शक्ति है सब पर भारी, चलो करो अब स्वच्छ भारत की तैयारी। 16. खूबसूरत होगा देश का हर छोर, क्यूंकि कम करेंगे गंदगी चारो ओर। 17. एक नया सवेरा लायेंगे, पूरे भारत को स्वच्छ और सुंदर बनायेंगे। 18. स्वच्छता का रखना हमेशा ध्यान, तभी तो बनेगा हमारा भारत महान। 19. स्वच्छ भारत अभियान में सब मिल जाओ, मिलकर सब अपने प्यारे भारत को स्वच्छ बनाओ। 20. गांधीजी के सपनों का भारत बनायेंगे, चारों तरफ स्वच्छता फैलाएँगे। 21. युवा शक्ति है सब पे भारी, उठाओ झाड़ू गंदगी बाहर करो सारी। 22. करो कुछ ऐसा काम, कि स्वच्छ भारत के चलते हो विश्व में भारत की शान। 23. कदम-से-कदम बढ़ाते जाओ, स्वच्छता की तरफ मिलकर जुट जाओ। 24. आओ मिलकर सबको जगाये, गंदगी को स्वच्छता से दूर भगाए। 25. देश भी साफ हो, जिसमें सबका साथ हो। 26. सीमा पर लड़ना ही नहीं है देशभक्ति का नाम, स्वच्छ बने देश करो ऐसा काम।

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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर निबंध (Essay on Artificial intelligence in Hindi). इस लेख में हम एआई कितने प्रकार के होते हैं, एआई का उपयोग कहां किया जाता है, एआई का नुकसान क्या है के बारे में जानेंगे I Essay on Artificial intelligence in 100, 150, 200, 250, 300 words.

ईसा मसीह पर निबंध |Essay on Jesus Christ in Hindi

ईसा मसीह पर निबंध (Essay on Jesus Christ in Hindi). इस लेख हम ईसा मसीह (Jesus Christ) के बारे में जानेंगे I Essay on Jesus Christ in 100, 150, 200, 250, 300, 1500 words.

क्रिसमस पर निबंध |Essay on Christmas in Hindi

क्रिसमस पर निबंध (Essay on Christmas in Hindi). इस लेख में क्रिसमस का क्या अर्थ है, क्रिसमस का हमारे जीवन में क्या महत्व है के बारे में जानेंगे I Essay on Christmas in 100, 150, 200, 250, 300, 1500 words.

मकर संक्रांति पर निबंध |Essay on Makar Sankranti in Hindi

मकर संक्रांति पर निबंध (Essay on Makar Sankranti in Hindi). इस लेख में हम मकर संक्रांति का क्या अर्थ है, मकर संक्रांति त्योहार कैसे मनाया जाता है के बारे में जानेंगे I Essay on Makar Sankranti in 100, 150, 200, 250, 300, 1500 words.

बाल दिवस पर निबंध | Essay on Children’s Day in Hindi

बाल दिवस पर निबंध (Essay on Children’s Day in Hindi). इस लेख में हम बाल दिवस क्यों मनाया जाता है के बारे में जानेंगे I Essay on Children’s Day in 100, 150, 200, 250, 300, 1500 words.

गणेश चतुर्थी पर निबंध | Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi

गणेश चतुर्थी पर निबंध (Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi). इस लेख में हम गणेश चतुर्थी त्योहार क्यों और कैसे मनाया जाता है के बारे में जानेंगे I Essay on Ganesh Chaturthi in 100, 150, 200, 250, 300, 1500 words.

पोंगल पर निबंध | Essay on Pongal in Hindi

पोंगल पर निबंध (Essay on Pongal in Hindi). इस लेख में हम पोंगल का क्या अर्थ है, पोंगल, त्योहार कैसे मनाया जाता है के बारे में जानेंगे I Essay on Pongal in 100, 150, 200, 250, 300, 1500 words.

बिहू पर निबंध | Essay on Bihu in Hindi

बिहू पर निबंध (Essay on Bihu in Hindi). इस लेख में हम बिहू का क्या अर्थ है, बिहू कैसे और कब मनाया जाता है के बारे में जानेंगे I Essay on Bihu in 100, 150, 200, 250, 300, 1500 words.

नरेंद्र मोदी जी पर निबंध | Short Essay on Narendra Modi Ji in Hindi

नरेंद्र मोदी जी पर निबंध Short Essay on Narendra Modi Ji in Hindi. 10 lines on Narendra Modi Ji in Hindi. Short Essay on Narendra Modi Ji (नरेंद्र मोदी जी) in 100, 150, 200, 250, 300 words.

हिन्दी दिवस पर निबंध | Short Essay on Hindi Diwas in Hindi

हिन्दी दिवस पर निबंध Short Essay on Hindi Diwas in Hindi. 10 lines on Hindi Diwas in Hindi. Short Essay on Hindi Diwas (हिन्दी दिवस) in 100, 150, 200, 250, 300 words.

डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध | Short Essay on Dr. APJ Abdul Kalam in Hindi

डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध Short Essay on Dr. APJ Abdul Kalam in Hindi. 10 lines on Dr. APJ Abdul Kalam in Hindi. Short Essay on Dr. APJ Abdul Kalam (डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम) in 100, 150, 200, 250, 300 words.

इंडियन प्रीमियर लीग पर निबंध |Essay on Indian Premier League (IPL) in Hindi

इंडियन प्रीमियर लीग पर निबंध (Essay on Indian Premier League (IPL) in Hindi). इस लेख में हम इंडियन प्रीमियर लीग का इतिहास, इंडियन प्रीमियर लीग के लाभ और हानि, आईपीएल के उल्लिखित विवाद और इसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव के बारे में जानेगेI.

दशहरा पर निबंध | Short Essay on Dussehra in Hindi

दशहरा पर निबंध Short Essay on Dussehra in Hindi. 10 lines on Ganesh Chaturthi in Hindi. Short Essay on Dussehra (दशहरा) in 100, 150, 200, 250, 300 words.

गणेश चतुर्थी पर निबंध | Short Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi

गणेश चतुर्थी पर निबंध Short Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi. 10 lines on Ganesh Chaturthi in Hindi. Short Essay on Ganesh Chaturthi (गणेश चतुर्थी ) in 100, 150, 200, 250, 300 words.

दुर्गा पूजा पर निबंध | Short Essay on Durga Puja in Hindi

दुर्गा पूजा पर निबंध Short Essay on Durga Puja in Hindi. 10 lines on Durga Puja in Hindi. Short Essay on Durga Puja (दुर्गा पूजा) in 100, 150, 200, 250, 300 words.

प्रौद्योगिकी का समाज में प्रभाव पर निबंध |Essay on Impact of Technology on Society in Hindi

प्रौद्योगिकी का समाज में प्रभाव पर निबंध (Essay on Impact of Technology on Society in Hindi). इस लेख में हम प्रौद्योगिकी की परिभाषा, समाज पर प्रौद्योगिकी का प्रभाव, प्रौद्योगिकी की वजह से सामाजिक व्यवहार और संस्कृति में परिवर्तन के बारे में जानेगेI

सफलता प्राप्त करने में असफलता की भूमिका पर निबंध | Essay on Role of failure in Achieving Success in Hindi

सफलता प्राप्त करने में असफलता की भूमिका पर निबंध (Essay on Role of failure in Achieving Success in Hindi). इस लेख में हम असफलता क्यों जरूरी है, असफलता से उबरने के उपाय, सफलता के तत्व के बारे में जानेगेI

जलवायु परिवर्तन और उसका भारत में असर पर निबंध |Essay on Climate crisis and its impact on India in Hindi

जलवायु परिवर्तन और उसका भारत में असर पर निबंध (Essay on Climate crisis and its impact on India in Hindi). इस लेख में हम जलवायु परिवर्तन के कारण, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव, भारत में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के बारे में जानेगेI.

G20 पर निबंध | Short Essay on G20 in Hindi

G20 पर निबंध Short Essay on G20 in Hindi. 10 lines on G20 in Hindi. Short Essay on G20 (जी20) in 100, 150, 200, 250, 300 words.

नेतृत्व में महिलाओं की भूमिका पर निबंध |Essay on Role of Women in Leadership in Hindi

नेतृत्व में महिलाओं की भूमिका पर निबंध (Essay on Role of Women in Leadership in Hindi). इस लेख में हम नेतृत्व के प्रकार, एक अच्छे नेता के गुण, भारत ने महिला नेताओ का इतिहास, भारत की श्रेष्ठ महिला नेता, महिला नेताओ की सफलता से सीख के बारे में जानेगेI.

स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध | Essay on Swachh Bharat Abhiyan in Hindi

स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध Essay on Swachh Bharat Abhiyan in Hindi. 10 lines on Swachh Bharat Abhiyan in Hindi. Short Essay on Swachh Bharat Abhiyan (स्वच्छ भारत अभियान) in 100, 150, 200, 250, 300 words.

चीन का उदय और भारत पर प्रभाव पर निबंध |Essay on Rise of China and its impact on India in Hindi

चीन का उदय और भारत पर प्रभाव पर निबंध (Essay on Rise of China and its impact on India in Hindi). इस लेख में हम चीन का इतिहास, भारत-चीन के संबध, भारत और चीन के बीच हिस्सेदारी के क्षेत्र और भारत चीन संबंधों को खराब करने वाले प्रमुख मुद्दे के बारे में जानेगेI.

दिवाली पर निबंध | Essay on Diwali in Hindi

दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi. 10 lines on Diwali in Hindi. Short Essay on Diwali (दिवाली) in 100, 150, 200, 250, 300 words.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में नौकरियों का भविष्य पर निबंध |Essay on Future of work in the age of Artificial Intelligence in Hindi

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में नौकरियों का भविष्य पर निबंध (Essay on Future of work in the age of Artificial Intelligence in Hindi). इस लेख में हम एआई का इतिहास, कैसे एआई समाज और भविष्य को बदलेगा, कैसे एआई नौकरियों को बदलेगा, एआई का अर्थव्यवस्था पर असर आदि के बारे में जानेगेI.

मेरी माँ पर निबंध | Essay on My Mother in Hindi

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चंद्रयान 3 पर संक्षिप्त निबंध | Short Essay on Chandrayaan-3 in Hindi

चंद्रयान 3 पर संक्षिप्त निबंध Short Essays on Chandrayaan-3 in Hindi. 10 lines on Chandrayaan-3. Essay on Chandrayaan-3 in 100, 150, 200, 300 to 400 words.

जन्माष्टमी पर निबंध | Essay on Janmashtami in Hindi

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जी20 शिखर सम्मेलन नई दिल्ली 2023 पर निबंध |Essay on G20 Delhi Summit 2023 in Hindi

जी20 शिखर सम्मेलन नई दिल्ली 2023 पर निबंध (Essay on G20 Delhi Summit 2023 in Hindi). इस लेख में हम जी20 का इतिहास, जी20 कैसे काम करता है, महत्व, जी20 की चुनौतियां, भारत की G20 अध्यक्षता का महत्व आदि के बारे में जानेगेI

असंतुलित लिंगानुपात पर निबंध | Essay on Imbalanced Sex Ratio in Hindi

असंतुलित लिंगानुपात पर निबंध (Essay on Imbalanced Sex Ratio in Hindi). इस लेख में हम राष्ट्रीय स्वास्थ्य परिवार सर्वेक्षण, महत्व, असंतुलित लिंगानुपात के कारण, वर्तमान स्थिति और इतिहास आदि के बारे में जानेगेI

परहित सरिस धर्म नहीं भाई पर निबंध |Essay on Philanthropy in Hindi

परहित सरिस धर्म नहीं भाई पर निबंध (Essay on Philanthropy in Hindi). इस लेख में हम परोपकार की परिभाषा, इतिहास, लाभ, विश्व दान दिवस का महत्व और इतिहास, दुनिया के महान परोपकारी व्यक्ति तथा भारत के मुख्य एनजीओ के बारे में जानेगेI

चंद्रयान 3 पर निबंध |Essay on Chandrayaan-3 in Hindi

चंद्रयान 3 पर निबंध (Essay on Chandrayaan-3 in Hindi). इस लेख में हम चंद्रयान 3 मिशन, समयरेखा, चंद्रयान 3 मिशन के मुख्य भाग, चंद्रयान 3 और चंद्रयान 2 में भिन्नता, चंद्रयान 3 का बजट आदि के बारे में जानेगेI

मुद्रास्फीति पर निबंध |Essay on Inflation in Hindi

मुद्रास्फीति पर निबंध (Essay on Inflation in Hindi). इस लेख में हम मुद्रास्फीति की परिभाषा, प्रकार, कारण, प्रभाव और इसको नियंत्रित करने के उपायों के बारे में जानेगेI

युवाओं पर निबंध |Essay on Youth in Hindi

युवाओं पर निबंध (Essay on Youth in Hindi). इस लेख में हम युवाओं की विभिन्न क्षेत्रों में भूमिका, भारत में युवाओं से संबंधित समस्याएं, भारत में युवाओं के विकास हेतु सरकारी पहल आदि के बारे में जानेगेI

अक्षय ऊर्जा: संभावनाएं और नीतियां पर निबंध |Essay on Renewable Energy in Hindi

अक्षय ऊर्जा: संभावनाएं और नीतियां पर निबंध (Essay on Renewable Energy in Hindi). इस लेख में हम अक्षय ऊर्जा की परिभाषा, प्रकार, महत्व, लाभ, हानि आदि के बारे में जानेगेI

राष्ट्र निर्माण में युवाओं का महत्व पर निबंध |Essay on Role of Youth in Nation’s Building in Hindi

राष्ट्र निर्माण में युवाओं का महत्व पर निबंध (Essay on Role of Youth in Nation’s Building in Hindi). इस लेख में हम यूथ इन इंडिया रिपोर्ट-2022, युवा सशक्तिकरण, युवाओं की मुख्य समस्याएं आदि के बारे में जानेगे I

सच्चे धर्म पर निबंध | Essay on True Religion in Hindi

सच्चे धर्म पर निबंध (Essay on True Religion in Hindi). इस लेख में हम सच्चे धर्म की परिभाषा, धर्म की महत्ता, विज्ञान और धर्म का संबंध आदि के बारे में जानेगे I

बैंकिंग संस्थाएं और उनका महत्व पर निबंध | Essay on Financial Institutes and their Importance in Hindi

बैंकिंग संस्थाएं और उनका महत्व पर निबंध (Essay on Financial Institutes and their Importance in Hindi). इस लेख में हम बैंकिंग संस्था की परिभाषा और प्रकार, बैंकिंग प्रणाली का इतिहास, बैंकिंग संस्थाओं के लाभ आदि के बारे में जानेगे I

नई शिक्षा नीति के प्रमुख लाभ पर निबंध |Essay on The Advantages of New Education Policy in Hindi

नई शिक्षा नीति के प्रमुख लाभ पर निबंध (Essay on The Advantages of New Education Policy in Hindi). इस लेख में हम नई शिक्षा नीति की जरूरत क्यों पड़ी, नई शिक्षा के तहत किए गए महत्वपूर्ण बदलाव आदि के बारे में जानेगे I

भारतीय संस्कृति के प्रमुख आधार पर निबंध |Essay on Fundamentals of Indian Culture in Hindi

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समय के महत्व पर निबंध |Essay on Value of Time in Hindi

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सड़क सुरक्षा पर निबंध |Essay on Road-Safety in Hindi

सड़क सुरक्षा पर निबंध (Essay on Road-Safety in Hindi). इस लेख में सड़क सुरक्षा से जुड़े प्रमुख तथ्य, सड़क सुरक्षा के प्रमुख तरीके, भारत में सड़क सुरक्षा के नियम, सड़क सुरक्षा संबंधी समस्याएं के बारे में जानेगेI

सामाजिक न्याय के महत्व पर निबंध |Essay on Importance of Social Justice in Hindi

सामाजिक न्याय के महत्व पर निबंध (Essay on Importance of Social Justice in Hindi). इस लेख में हम सामाजिक न्याय की परिभाषा, इतिहास, सिद्धांत, सामाजिक न्याय की सुरक्षा और उसे कायम रखने के लिए सुझाव के बारे में जानेगेI

छात्र जीवन पर निबंध |Essay on Student Life in Hindi

छात्र जीवन पर निबंध (Essay on Student Life in Hindi). इस लेख में हम स्वयंसेवी कार्यों की परिभाषा, स्वयंसेवी कार्यों को करने का कारण, स्वयंसेवी कार्यों से लाभ इत्यादि के बारे में जानेगेI

स्वयंसेवी कार्यों पर निबंध |Essay on Volunteering in Hindi

स्वयंसेवी कार्यों पर निबंध (Essay on Volunteering in Hindi). इस लेख में हम स्वयंसेवी कार्यों की परिभाषा, स्वयंसेवी कार्यों को करने का कारण, स्वयंसेवी कार्यों से लाभ इत्यादि के बारे में जानेगेI

जल संरक्षण पर निबंध |Essay on Water Conservation in Hindi

जल संरक्षण पर निबंध (Essay on Water Conservation in Hindi). इस लेख में हम जल संरक्षण की परिभाषा, आवश्यकता, विधियां, जल संरक्षण नहीं करने के परिणाम, जल संरक्षण हेतु भारत सरकार की प्रमुख योजनाएं के बारे में जानेगेI

आधुनिक विज्ञान और मानव जीवन पर निबंध |Essay on Modern Science and Human Life in Hindi

आधुनिक विज्ञान और मानव जीवन पर निबंध (Essay on Modern Science and Human Life in Hindi). इस लेख में हम दूरस्थ शिक्षा क्या है? आधुनिक जीवन में विज्ञान की उपयोगिता, विज्ञान के अत्यधिक प्रयोग से हानि के बारे में जानेगेI

भारत में “नए युग की नारी” की परिपूर्णता एक मिथक है | Perfection of “New Age Woman” in India is a Myth

Hindi Essay on Perfection of “New Age Woman” in India is a Myth (भारत में “नए युग की नारी” की परिपूर्णता एक मिथक है पर निबंध)

दूरस्थ शिक्षा पर निबंध | Essay on Distance Education in Hindi

Essay on Distance Education in Hindi (दूरस्थ शिक्षा पर निबंध). इस लेख में हम दूरस्थ शिक्षा क्या है? दूरस्थ शिक्षा के लाभ, हानि, भविष्य, भारत में दूरस्थ शिक्षा प्रदान करने वाले यूनिवर्सिटी के बारे में जानेगे ।

प्रधानमंत्री पर निबंध | Essay on Prime Minister in Hindi

Essay on Prime Minister in Hindi (प्रधानमंत्री पर निबंध). इस लेख में हम प्रधानमंत्री से जुड़े प्रमुख आर्टिकल, योग्यताएं, कार्य, भत्ता, सुरक्षा, अधिकार तथा शक्तियां आदि के बारे में जानेगे I

यदि मैं प्रधानमंत्री होता | If I was the Prime Minister of India Essay in Hindi

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हमारे राष्ट्रीय चिन्ह पर निबंध | Essay on National Symbols in Hindi

Essay on National Symbols in Hindi (हमारे राष्ट्रीय चिन्ह पर निबंध). इस लेख में हमारे भारतीय राष्ट्रीय प्रतीकों जैस की राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रगान, राष्ट्रीय प्रतीक, राष्ट्रीय पक्षी, राष्ट्रीय खेल इत्यादि के बारे में जानेगे I

नक्सलवाद पर निबंध | Essay on Naxalism in Hindi

Essay on Naxalism in Hindi (नक्सलवाद पर निबंध). इस लेख में नक्सलवाद क्या है, भारत में नक्सलवाद का विकास, प्रभावित राज्य एवं जिले, कारण , नक्सलवाद को खत्म करने हेतु सरकार की योजनाएं और रणनीतियां के बारे में जानेगे I

आतंकवाद पर निबंध | Essay on Terrorism in Hindi

Essay on Terrorism in Hindi (आतंकवाद पर निबंध). इस लेख में आतंकवाद की परिभाषा और प्रकार, भारत में आतंकवाद के कारण, प्रभाव, भारत द्वारा आतंकवाद के खिलाफ उठाए गए कदम के बारे में जानेगे I

भारत के पड़ोसी देश पर निबंध | Essay on Neighbour Countries of India in Hindi

Essay on Neighbour Countries of India in Hindi (भारत के पड़ोसी देश पर निबंध). इस लेख में हम भारत और उसके पड़ोसी देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के बारे में जानेगे I

पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी पर निबंध | Essay on Petrol Price Hike in Hindi

Essay on Petrol Price Hike in Hindi (पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी पर निबंध). भारत में पेट्रोल और डीजल के बढ़ते कीमतों की वजह, प्रभाव, कीमतों पर नियंत्रण के उपाय के बारे में जानेगे |

किसान आंदोलन पर निबंध | Essay on Farmer Protest in Hindi

Essay on Farmer Protest in Hindi (किसान आंदोलन पर निबंध). किसान आंदोलन के कारण, कृषि सुधार बिल से किसानो को लाभ, सरकार कृषि सुधार कानून क्यों लाई इत्यादि के बारे में जानेगे I

ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध | Essay on Online Education in Hindi

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डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध | Essay on Dr. A. P. J. Abdul Kalam in Hindi

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मदर टेरेसा पर निबंध | Essay on Mother Teresa in Hindi

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दुर्गा पूजा पर निबंध | Essay on Durga Puja in Hindi

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भारत में साइबर सुरक्षा पर निबंध |Essay on Cyber Security in India in Hindi

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प्रदूषण पर निबंध – Pollution Essay in Hindi

Hindi writing Skills – Pollution Essay in Hindi – प्रदूषण पर निबंध. इस लेख में हम प्रदूषण के प्रमुख कारण, प्रभाव, रोकने के उपाय पर विस्तार पूर्वक चर्चा करेंगे.

भूमि प्रदूषण पर निबंध – Soil Pollution Essay in Hindi

Hindi writing Skills – Soil Pollution Essay in Hindi – भूमि प्रदूषण पर निबंध. इस लेख में हम भूमि प्रदूषण के प्रमुख कारण, प्रभाव, रोकने के उपाय पर विस्तार पूर्वक चर्चा करेंगे।.

वायु प्रदूषण पर निबंध – Vayu Pradushan Essay in Hindi

Hindi writing Skills – Vayu Pradushan Essay in Hindi – वायु प्रदूषण पर निबंध. इस लेख में हम वायु प्रदूषण के दुष्प्रभाव, वृद्धि के प्रमुख कारण, रोकने के उपाय पर विस्तार पूर्वक चर्चा करेंगे।.

Essay on Cow in Hindi – गाय पर निबंध

Hindi writing Skills – Essay on Cow in Hindi – गाय पर निबंध. इस लेख में हम गाय के विषय पर – गौपालन का इतिहास, गाय का खान-पान, गाय का उपयोग आदि पर विस्तारपूर्वक चर्चा करेंगे।.

Essay on Forest, Conservation, Deforestation in Hindi – वन/वन संरक्षण पर निबंध

Hindi writing Skills – Essay on Forest conservation, save trees, plant trees, deforestation in Hindi – वन/वन संरक्षण पर निबंध: इस लेख में हम वनों के संरक्षण का महत्व और किस प्रकार वन ग्रह पर एक स्वस्थ वातावरण बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है इस बारे में बताने का प्रयास किया है।

Essay on Chandrayaan in Hindi – चंद्रयान पर निबंध

Hindi writing Skills – Essay on global warming in Hindi – भूमंडलीय ऊष्मीकरण या ग्‍लोबल वॉर्मिंग पर निबंध: इस लेख में हम भूमंडलीय ऊष्मीकरण या ग्‍लोबल वॉर्मिंग के विषय पर कुछ महत्वपूर्ण जानकारियों को साँझा कर रहे हैं

Essay on global warming in Hindi – भूमंडलीय ऊष्मीकरण या ग्‍लोबल वॉर्मिंग पर निबंध

Essay on discipline in hindi – अनुशासन पर निबंध.

Hindi writing Skills – Essay On Essay on Discipline in Hindi – अनुशासन पर निबंध. सभी को ज्ञात है कि अनुशासन ही सफलता की कुंजी है।.

Essay on Taj Mahal in Hindi – ताजमहल पर निबंध

Hindi writing Skills – Essay on Taj Mahal in Hindi – ताजमहल पर निबंध. ‘ताजमहल’ नाम सुनते ही शाहजहाँ और मुमताज की याद आ जाती है। ताजमहल भारत में सबसे लोकप्रिय ऐतिहासिक स्मारक है।

Essay on Child Labour in Hindi – बाल श्रम या बाल मज़दूरी पर निबंध

Hindi writing Skills – Essay on Child Labour in Hindi – बाल श्रम या बाल मज़दूरी पर निबंध. हमारे लिए यह बहुत ही विडंबना का विषय है कि आज की सदी के भारत में भी हम अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं।

Essay on the Internet in Hindi – इंटरनेट पर निबंध

Hindi writing Skills – Essay on the Internet in Hindi – इंटरनेट पर निबंध. इस लेख में हम आपको इंटरनेट के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देने का प्रयास करेंगे।

Essay on Raksha Bandhan in Hindi – रक्षाबंधन पर निबंध

Hindi writing Skills – Essay On Raksha Bandhan In Hindi – रक्षाबंधन पर निबंध.रक्षाबंधन बहन-भाई के आपसी प्रेम का प्रतीक और भाई का बहन के प्रति रक्षा का वचन है।”

Essay on My school in Hindi – मेरा विद्यालय पर निबंध

My school Essay in Hindi – This is an essay on My school in Hindi . this article we have talked about the school. How does school and education matter in our lives.

Essay on Corruption in Hindi – भ्रष्टाचार पर निबंध

Corruption Essay in Hindi – This is an essay on Corruption in Hindi . Corruption is not only a curse for our personal life but it is also a hindrance in the development of the nation.

Beti Bachao Beti Padhao Essay in Hindi – बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध

Beti Bachao Beti Padhao Essay in Hindi – This is an essay on Beti Bachao Beti Padhao in Hindi . Beti Bachao Beti Padhao is an important project launched by Indian Government – Beti Bachao Beti Padhao (BBBP). Aim of Beti Bachao Beti Padhao scheme, Historical significance of the project, what schemes have been launched under BBBP have been included in this article.

Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi – स्वच्छ भारत अभियान निबंध

Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi – In this article, we will talk about a topic that has significance for our society and the country, as well as our personal life. We will discuss Swachh Bharat Abhiyan today. The article is not only important for examinations but also for our health. We hope that this essay will give you all the important information related to Swachh Bharat Abhiyan, which will have a positive effect on your health as well as your health.

Essay on Republic Day in Hindi – गणतंत्र दिवस पर निबंध

In this Essay on Republic Day in Hindi , we will discuss in detail one of the important festivals of India, Republic Day. Republic Day is one of the three important national festivals of India, so everyone should have complete knowledge about this subject. Hope that this article of ours will help you in getting additional information about this subject.

Essay on Independence day in Hindi – स्वतंत्रता दिवस पर निबंध

Essay on Independence day in Hindi – In this article we will discuss an essay on Independence Day in Hindi in detail. Independence day is one of our three national festivals (Republic Day, Independence Day and Gandhi Jayanti), so we should all be fully aware of Independence Day. With the help of this article on Independence Day, a student can answer any question related to the occasion. This article on Independence Day of India which falls on 15th August has been written in Hindi. The information given by us in this article will be helpful for students to prepare the topic well.

Essay on Diwali in Hindi – दीपावली का त्यौहार

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Essay on Holi in Hindi – होली के त्यौहार

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Essay on Demonetization in Hindi – नोट-बंदी या विमुद्रीकरण पर निबंध

Essay on Demonetization in Hindi – In this Hindi essay on demonetization, we have given a detailed discussion on the topic of note bandi. Note-capturing or demonetization – need, aim, how many times has the note-ban or demonetisation been done in India till date are some of the topics covered in this article on note ban. The advantages and disadvantages of demonetisation, the results of vimudrikaran have been explained in detail in Hindi language.

Essay Writing in Hindi निबंध लेखन, Examples, Definition, Tips

Essay Writing ( निबंध लेखन ) – Here are a few tips to write a good essay in Hindi. Students can take the help of these tips to prepare an essay in Hindi language.

Hindi Essays

  • असंतुलित लिंगानुपात पर निबंध
  • परहित सरिस धर्म नहीं भाई पर निबंध
  • चंद्रयान 3 पर निबंध
  • मुद्रास्फीति पर निबंध
  • युवाओं  पर निबंध
  • अक्षय ऊर्जा: संभावनाएं और नीतियां पर निबंध
  • राष्ट्र निर्माण में युवाओं का महत्व पर निबंध
  • सच्चे धर्म पर निबंध
  • बैंकिंग संस्थाएं और उनका महत्व पर निबंध
  • नई शिक्षा नीति के प्रमुख लाभ पर निबंध
  • भारतीय संस्कृति के प्रमुख आधार पर निबंध
  • समय के महत्व पर निबंध
  • सड़क सुरक्षा पर निबंध
  • सामाजिक न्याय के महत्व पर निबंध
  • छात्र जीवन पर निबंध
  • स्वयंसेवी कार्यों पर निबंध
  • जल संरक्षण पर निबंध
  • आधुनिक विज्ञान और मानव जीवन पर निबंध
  • भारत में “नए युग की नारी” की परिपूर्णता एक मिथक है
  • दूरस्थ शिक्षा पर निबंध
  • प्रधानमंत्री पर निबंध
  • यदि मैं प्रधानमंत्री होता
  • हमारे राष्ट्रीय चिन्ह पर निबंध
  • नक्सलवाद पर निबंध
  • आतंकवाद पर निबंध
  • भारत के पड़ोसी देश पर निबंध
  • पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी पर निबंध
  • किसान आंदोलन पर निबंध
  • ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध
  • डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध
  • मदर टेरेसा पर निबंध
  • दुर्गा पूजा पर निबंध
  • बसंत ऋतु पर निबंध
  • भारत में साइबर सुरक्षा पर निबंध
  • भारत में चुनावी प्रक्रिया पर निबंध
  • योग पर निबंध
  • स्टार्टअप इंडिया पर निबंध
  • फिट इंडिया पर निबंध
  • द्रौपदी मुर्मू पर निबंध
  • क्रिप्टो करेंसी पर निबंध
  • सौर ऊर्जा पर निबंध
  • जनसंख्या वृद्धि पर निबंध
  • भारत में भ्रष्टाचार पर निबंध
  • शहरों में बढ़ते अपराध पर निबंध
  • पर्यावरण पर निबंध
  • भारतीय संविधान पर निबंध
  • भारत के प्रमुख त्योहार पर निबंध
  • टेलीविजन पर निबंध
  • परिश्रम का महत्व पर निबंध
  • गणतंत्र दिवस पर निबंध
  • टीचर्स डे पर निबंध
  • वैश्वीकरण पर निबंध
  • जलवायु परिवर्तन पर निबंध
  • मंकी पॉक्स वायरस पर निबंध
  • मेक इन इंडिया पर निबंध
  • भारत में सांप्रदायिकता पर निबंध
  • वेस्ट नील वायरस पर निबंध
  • पीएसयू का निजीकरण पर निबंध
  • भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतों का प्रभाव पर निबंध
  • नई शिक्षा नीति 2020 पर निबंध
  • आधुनिक संचार क्रांति पर निबंध
  • सोशल मीडिया की लत पर निबंध
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निबंध
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध
  • प्रदूषण पर निबंध
  • मृदा प्रदूषण पर निबंध
  • वायु प्रदूषण पर निबंध
  • गाय पर हिंदी में निबंध
  • वन/वन संरक्षण पर निबंध
  • हिंदी में ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध
  • चंद्रयान पर निबंध
  • हिंदी में इंटरनेट पर निबंध
  • बाल श्रम या बाल मज़दूरी पर निबंध
  • ताजमहल पर निबंध
  • हिंदी में अनुशासन पर निबंध
  • भ्रष्टाचार पर निबंध
  • मेरा विद्यालय पर निबंध हिंदी में
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध
  • गणतंत्र दिवस निबंध हिंदी में
  • स्वतंत्रता दिवस पर निबंध
  • हिंदी में दिवाली पर निबंध
  • होली पर निबंध
  • नोट-बंदी या विमुद्रीकरण पर निबंध
  • निबंध लेखन, हिंदी में निबंध

Hindi Writing Skills

  • Formal Letter Hindi
  • Informal Letter Hindi
  • ई-मेल लेखन | Email Lekhan in Hindi Format
  • Vigyapan Lekhan in Hindi
  • Suchna lekhan
  • Anuched Lekhan
  • Anuchchhed lekhan
  • Samvad Lekhan
  • Chitra Varnan
  • Laghu Katha Lekhan
  • Sandesh Lekhan

HINDI GRAMMAR

  • 312 हिंदी मुहावरे अर्थ और उदाहरण वाक्य
  • Verbs Hindi
  • One Word Substitution Hindi
  • Paryayvaachi Shabd Class 10 Hindi
  • Anekarthi Shabd Hindi
  • Homophones Class 10 Hindi
  • Anusvaar (अनुस्वार) Definition, Use, Rules, 
  • Anunasik, अनुनासिक Examples
  • Arth vichaar in Hindi (अर्थ विचार), 
  • Adverb in Hindi – क्रिया विशेषण हिंदी में, 
  • Adjectives in Hindi विशेषण, Visheshan Examples, Types, Definition
  • Bhasha, Lipiaur Vyakaran – भाषा, लिपिऔरव्याकरण
  • Compound words in Hindi, Samaas Examples, Types and Definition
  • Clauses in Hindi, Upvakya Examples, Types 
  • Case in Hindi, Kaarak Examples, Types and Definition
  • Deshaj, Videshaj and Sankar Shabd Examples, Types and Definition
  • Gender in Hindi, Ling Examples, Types and Definition
  • Homophones in Hindi युग्म–शब्द Definition, Meaning, Examples
  • Indeclinable words in Hindi, Avyay Examples, Types and Definition
  • Idioms in Hindi, Muhavare Examples, Types and Definition
  • Joining / combining sentences in Hindi, Vaakya Sansleshan Examples, Types and Definition
  • संधि परिभाषा, संधि के भेद और उदाहरण, Sandhi Kise Kehte Hain?
  • Noun in Hindi (संज्ञा की परिभाषा), Definition, Meaning, Types, Examples
  • Vilom shabd in Hindi, Opposite Words Examples, Types and Definition
  • Punctuation marks in Hindi, Viraam Chinh Examples, Types and Definition
  • Proverbs in Hindi, Definition, Format, मुहावरे और लोकोक्तियाँ
  • Pronoun in Hindi सर्वनाम, Sarvnaam Examples, Types, Definition
  • Prefixes in Hindi, Upsarg Examples, types and Definition
  • Pad Parichay Examples, Definition
  • Rachna ke aadhar par Vakya Roopantar (रचना के आधार पर वाक्य रूपांतरण) – Types , Example
  • Suffixes in Hindi, Pratyay Examples, Types and Definition
  • Singular and Plural in Hindi (वचन) – List, Definition, Types, Example
  • Shabdo ki Ashudhiya (शब्दों की अशुद्धियाँ) Definition, Types and Examples
  • Shabdaur Pad, शब्द और पद Examples, Definition, difference in Shabd and Pad
  • Shabd Vichar, शब्द विचार की परिभाषा, भेद और उदाहरण | Hindi Vyakaran Shabad Vichar for Class 9 and 10
  • Tenses in Hindi (काल), Hindi Grammar Tense, Definition, Types, Examples
  • Types of sentences in Hindi, VakyaVishleshan Examples, Types and Definition
  • Voice in Hindi, Vachya Examples, Types and Definition
  • Verbs in Hindi, Kirya Examples, types and Definition
  • Varn Vichhed, वर्ण विच्छेद Examples, Definition
  • Varn Vichar, वर्ण विचार परिभाषा, भेद और उदाहरण
  • Vaakya Ashudhhi Shodhan, वाक्य अशुद्धिशोधन Examples, Definition, Types
  • List of Idioms in Hindi, Meaning, Definition, Types, Example

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मेरे सपनों का भारत पर निबंध 100, 200, 300, 500 शब्दों में | Mere Sapno ka Bharat Essay in Hindi

आज हम आपको “मेरे सपनों का भारत पर निबंध” देने वाले हैं। यह निबंध 100, 200, 300 और 500 शब्दों में लिखा गया है। इस निबंध का उपयोग आप अपने स्कूल, कॉलेज या किसी प्रतियोगी परीक्षा में कर सकते हैं। इस निबंध में हम अपने देश भारत को कहाँ देखना चाहते हैं और अपने सपने में भारत कैसे होगा इस बारे में लिखा गया है। आप अपनी कल्पनों के आधार पर भी इस निबंध को लिख सकते हैं।

मेरे सपनों का भारत पर निबंध 100 शब्द

मेरे सपनों का भारत एक समृद्ध, शक्तिशाली और विकसित देश है। इस भारत में सभी नागरिक एक साथ मिलकर आपसी समझदारी, भाईचारा, और प्रेमपूर्वक रहते हैं। यहाँ शिक्षा, विज्ञान, तकनीकी उन्नति और प्राकृतिक संरक्षण पर ध्यान दिया जाता है। मेरे सपनों का भारत एक आदर्श राष्ट्र है, जो अपने संस्कृति, अर्थव्यवस्था और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यहां गरीबी और असमानता को समाप्त करने के लिए सरकार की तरफ से कई तरह की योजनायें चलायी जाती हैं और जनता भी देश की प्रगति के लिए सरकार का पूरा सहयोग करती है। मेरे सपनों का भारत एक खुशहाल देश है और जहाँ हम सभी बहुत ही ख़ुशी से अपना जीवन जीते हैं।

मेरे सपनों का भारत पर निबंध 200 शब्दों में

मेरे सपनों का भारत एक ऐसा देश है जो विविधता, समृद्धि, सामाजिक समरसता और तकनीकी उन्नति से भरा हुआ है। भारत में अलग-अलग धर्म, भाषा और संस्कृति के लोग एक साथ मिलकर रहते हैं और एकता के भाव को प्रकट करते हैं।

मेरे सपनों के भारत में शिक्षा का बहुत अधिक महत्व है। शिक्षित और जागरूक नागरिक बनाने के लिए सरकार शिक्षा के क्षेत्र में नए प्रोग्राम और योजनाएं लागू कर रही है। सपनों के भारत में विज्ञान और तकनीकी उन्नति पर विशेष ध्यान दिया जाता है और भारत तकनीक के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है।

सपनों के भारत में प्राकृतिक संरक्षण पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है। भारत के लोग वन्यजीवों की सुरक्षा, पर्यावरण की शुद्धता, और जल संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। सपनों के भारत में सभी नागरिक एक साथ समानता के साथ मिलजुल कर रहते हैं। यहां के लोग विज्ञान, तकनीक, कला, संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य के साथ एक समृद्ध और समरस समाज बनाने के लिए हमेशा प्रयासरत रहते हैं। मेरे सपनों के भारत एक आदर्श राष्ट्र है जो की शिक्षा, संस्कृति और तकनीक के क्षेत्र में ख्यातिप्राप्त है, और यह दुनिया में एक शक्तिशाली और समर्थ राष्ट्र के रूप में प्रतिष्ठित है।

मेरे सपनों का भारत पर निबंध 300 शब्द

मेरे सपनो का भारत एक विश्वगुरु है जो की शिक्षा, संस्कृति, समृद्धि और तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी है। पूरे विश्व में भारत की अपनी एक अलग पहचान है जहाँ सभी लोग मिलजुल कर प्रेम से रहते हैं और यह अन्य देशों के लिए एक आदर्श राष्ट्र है। मेरे सपनों के भारत में बेरोजगारी कम है सभी परिवारों के पास रोजगार के साधन हैं।

यहाँ स्वरोजगार पर अधिक बल दिया जाता है और युवाओं को अलग-अलग प्रकार के व्यवसायों के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है। स्वयं का व्यवसाय शुरू करने के लिए भी सरकार की तरफ से आर्थिक मदद की जाती है। इसके लिए सरकार की ओर से विभिन्न योजनायें भी चलाई जा रही हैं जिसका लाभ युवाओं को मिल रहा है।

यहाँ सरकार की विभिन्न योजनाओं से किसानो को भी लाभ मिल रहा है। किसानो को बेहतर खेती के लिए मौसम और स्थान के अनुकूल सही फसल उगाने का प्रशिक्षण दिया जाता है जिससे किसानो की आय बढ़ रही है और किसान खुशहाल हैं।

मेरे सपनों का भारत एक विकसित देश है और इसने विभिन्न क्षेत्रों में तकनीकी उन्नति की है और यह लगातार आगे बढ़ रही है। डिजिटल शिक्षा, ई-गवर्नेंस, डिजिटल वित्त, ई-व्यापार, आदि के क्षेत्र में तकनीकी उन्नति से लोगों का जीवन सरल हो गया है। भारत डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी ध्यान देता है। बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी, शहरों और गांवों में डिजिटल सेवाएं, और सरकारी प्रक्रियाओं में ऑनलाइन सुविधाएं इसमें शामिल हो सकती हैं।

भारत विज्ञान और अनुसंधान क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रहा है, और तकनीक के क्षेत्र में भारतीय वैज्ञानिकों का योगदान महत्वपूर्ण है। मेरे सपनो का भारत विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। भारत आधुनिकीकरण के साथ-साथ हरित और पर्यावरण-सहयोगी तकनीकी के प्रति भी संवेदनशील है। सपने के भारत में ऊर्जा संचयन, और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में नए और सुरक्षित तकनीकों का उपयोग कर रहा है।

मेरे सपनों का भारत पर निबंध 500 शब्द

प्रस्तावना:

मानव जीवन का सफर सपनों से शुरू होता है। हम सभी के पास विभिन्न आकांक्षाएं और सपने होते हैं, जिनमें हम अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं की कल्पना करते हैं। इन सपनों में हमारे आसपास की दुनिया को बेहतर बनाने की भी इच्छाएं होती हैं। मेरे सपनों का भारत भी एक ऐसी कल्पना है, जिसमें मैं देश को नए और उच्चतम स्तर पर पहुँचते हुए देखता हूँ। यह भारत एक समृद्ध, सामाजिक और आर्थिक उन्नति से युक्त देश की प्रतिष्ठा को बढ़ाने की दिशा में प्रगति कर रहा है।

यहाँ के लोग शिक्षा, साहित्य, विज्ञान, और सांस्कृतिक धरोहर के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित होते हैं। यहाँ समाज में सामाजिक समानता, पर्यावरण संरक्षण, और सहानुभूति की भावना महत्वपूर्ण होती है। मेरे सपनों का भारत सभी को समृद्धि, सुरक्षा, और समानता के साथ जीने की प्रेरणा देता है।

मेरे सपनों के भारत में विकास:

सपनो का भारत सभी क्षेत्रों में विकास के लिए प्रतिबद्ध है यह लगातार प्रगति के रास्ते पर चलता है। ऐसे कई क्षेत्र हैं जहाँ भारत आगे बढ़ रहा है और लगातार तरक्की कर रहा है उनमे से कुछ क्षेत्र इस प्रकार हैं:

  • विकास और समृद्धि: मेरे सपनों का भारत विकास और समृद्धि की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है। यहाँ लोगों का जीवन स्तर उच्च होगा, और विभिन्न क्षेत्रों में लगातार प्रगति होगी।
  • शिक्षा और ज्ञान: मेरे सपनों के भारत में शिक्षा और ज्ञान का महत्वपूर्ण स्थान होगा। शिक्षा प्रणाली में सुधार और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए विशेष कदम उठाये जाते हैं।
  • सामाजिक समानता: भारत का समाज एक समरस और सामाजिक समानता का आदर्श प्रतीक हो सकता है। यहाँ लोगों के बीच जाति, धर्म, लिंग और सामाजिक असमानताओं के आधार पर भेदभाव नही होगा।
  • पर्यावरण सुरक्षा: सपनों का भारत पर्यावरण सुरक्षा और संरक्षण के महत्व को समझता होगा। यहाँ लोगों के बीच पर्यावरण बचाव के लिए संवेदनशीलता और जागरूकता होगी।
  • सांस्कृतिक धरोहर: भारत अपनी सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा करेगा और उसे प्रोत्साहित करेगा। यहाँ की भूमि पर भिन्न-भिन्न संस्कृतियों और जातियों के लोग एक-दूसरे के साथ समझदारी और सहमति से रहेंगे।
  • सहानुभूति और योगदान: भारत के लोग सहानुभूति और सामाजिक योगदान के महत्व समझेंगे। यहाँ लोग अपने समाज और देश के प्रति जिम्मेदारी की भावना रखेंगे और सामाजिक सुधार के लिए सहयोग करेंगे।

सपनों का भारत एक सकारात्मक, समृद्ध और सशक्त देश की ओर प्रगति करने की दिशा में अग्रसर होगा। यह देश न केवल आपके व्यक्तिगत सपनों को पूरा करेगा बल्कि पूरे समाज की सामाजिक और आर्थिक उन्नति के प्रति प्रेरित करेगा।

सपनों का भारत एक समृद्ध और संपन्न देश है। हम अपने देश को और अधिक बेहतर बनाने के सपने देखते हैं। यहाँ के लोगों की मेहनत, संघर्ष और समर्पण से भारत अपने सपनों को हासिल करता है और दुनिया में अपनी महत्वपूर्ण जगह बनाता है। यह देश न केवल अपने लोगों के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए एक आदर्श स्थापित करता है।

  • मेरा भारत महान निबंध
  • राष्ट्रीय एकता पर निबंध
  • भारत के प्रमुख त्यौहार

आशा है की आपको “मेरे सपनों का भारत पर निबंध” पसंद आया होगा। आप अपने विचार और सुझाव निचे कमेंट कर सकते हैं।

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जीवन में खेलों का महत्त्व पर निबंध | Jivan Mein Khelon Ka Mahatva Nibandh | Essay

In this article, we are providing an Jivan Mein Khelon Ka Mahatva Nibandh | Essay in Hindi जीवन में खेलों का महत्त्व पर निबंध हिंदी में | Essay in 200, 300, 500, 600 words For Students. Importance Of Sports In Life Essay in Hindi.

जीवन में खेलों का महत्त्व पर निबंध | Jivan Mein Khelon Ka Mahatva Nibandh

Jeevan Mein Khelo Ka Mahatva Essay in Hindi ( 300 words )

स्वस्थ शरीर जीवन की पहली आवश्यकता है। ठीक ही कहा गया हैं- पहला सुख निरोगी काया । स्वस्थ शरीर एक नियामत है। यदि मनुष्य का स्वास्थ्य ठीक होगा तो वह सुखी रह सकेगा। निर्बल और अस्वस्थ व्यक्ति जीवन में कभी सफल तथा सुखी नहीं बन सकता। वह किसी भी काम को ठीक तरह से नहीं कर सकेगा। इसलिए हमें अपने स्वास्थ्य की ओर से कभी असावधान नहीं रहना चाहिए।

अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्यायाम, खेलकूद, जिम्नास्टिक आदि अनेक साधन हैं। व्यायाम तथा जिम्नास्टिक से शरीर स्वस्थ तो रहता है, परन्तु इनसे मनोरंजन नहीं होता। ये दोनों साधन नीरस हैं। इसके विपरीत खेलों से व्यायाम के साथ-साथ मनोरंजन भी होता है। अतः व्यायाम और खेलकूद का गहरा सम्बन्ध है। यही कारण है कि विद्यार्थियों की रुचि व्यायाम की अपेक्षा खेल- में अधिक रहती -कूद है। वे खेलकूद में भाग लेकर स्वस्थ रहते हैं।

खेल-कूद से स्वास्थ्य तो बनता ही है, इसके अतिरिक्त अन्य कई लाभ भी हैं। खेलो से मनोरंजन होता है, शरीर चुस्त रहता है, बुद्धि का विकास होता है। सहयोग, उदारता, मेलजोल, अनुशासन की भावना आदि गुण खेलों में भाग लेने से अपने-आप आ जाते हैं। खेलकूद में भाग लेने से खिलाड़ियों में खेल भावना का विकास होता है। स्वामी विवेकानन्द जी के अनुसार – “स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है।”

खेलों से केवल खिलाड़ियों का ही नहीं देखने तथा सुननेवालों का भी मनोरंजन होता है। क्रिकेट, हॉकी आदि के मैचों के अवसर पर रेडियो तथा टी० वी० पर लगी भीड़ इस बात का प्रमाण है। खेल के मैदान में खिलाड़ियों से अधिक उत्साह दर्शकों में दिखाई देता है। सभी देशों में खेलकूद पर विशेष ध्यान दिया जाता है। हर स्तर पर खेलों का आयोजन किया जाता हैं। विदेशों में खेलकूद पर अधिक ध्यान दिया जाता है। परन्तु बड़े दुर्भाग्य की बात है कि हमारे देश में इस ओर जितना ध्यान दिया जाना चाहिए, नहीं दिया जा रहा है।

इस प्रकार हम देखते हैं कि खेलों में भाग लेकर हम अपना स्वास्थ्य तो ठीक रखते ही हैं साथ ही अपने विद्यालय, कार्यालय तथा देश का नाम भी उज्ज्वल करते हैं।

जरूर पढ़े-

Vidyarthi Jeevan Mein Anushasan Ka Mahatva Essay

Essay on Discipline in Hindi

Jivan Mein Khelon ka Mahatva Essay in Hindi ( 600 words )

आज के समय में ‘खेल’ स्कूली शिक्षा के अविभाज्य अंग बन गये हैं । हाल के दिनों में शिक्षाविदों, अध्यापकों और स्कूल प्रशासकों ने स्कूली जीवन में खेलों और क्रीड़ा के महत्व को अच्छी तरह से महसूस किया है । एक जमाना था जब खेलों को मांसपेशियों के लिए थोड़ा व्यायाम करने और छात्रों को विश्राम का समय देने के लिए ‘अवकाश का पीरियड’ भर माना जाता था, किन्तु आज इसके मूल्य को अच्छी तरह से स्वीकार कर लिया गया है और इसे स्कूल के पाठ्यक्रम का अभिन्न हिस्सा माना जाता है।

खेलों को स्कूल की पढ़ाई के साथ जोड़े जाने के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण या उद्देश्य है छात्रों की जन्मजात खेल प्रतिभा का विकास करना। यदि उचित अवसर प्रदान किये जाएँ तो ऊर्जा और उत्साह से भरे बच्चे खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं। स्कूल केवल ऐसा स्थान मात्र नहीं है जहाँ केवल छात्र की मानसिक क्षमताओं का ही विकास किया जाता है बल्कि वह ऐसा स्थान भी है जहाँ वे अपनी छुपी हुई खेल प्रतिभाओं का भी विकास कर सकते हैं। हमारे देश की पी.टी. उषा, सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर, अंजू बॉबी जार्ज आदि कोई चाँद से उतरी हुई खेल प्रतिभाएँ नहीं हैं। उन्होंने अपने स्कूली जीवन के दौरान ही अपनी प्रतिभा को जाना- पहचाना और तराशा था ।

स्कूली जीवन की एकरसता को तोड़ने में खेलों के महत्व की अनदेखी नहीं की जा सकती। सामान्य तौर पर कई पीरियड की पढ़ाई के बाद खेलने का अवसर दिया जाता है। यह छात्रों को थोड़ा विश्राम लेने में सहायता करता है । यह उन्हें उत्साह और नई ऊजा प्रदान करता है। खेलों के माध्यम से मन- मस्तिष्क को कुछ देर के लिए पढ़ाई के दबाव से मुक्त रखने से बच्चे की सीखने की प्रक्रिया को तेजी मिलती है। आज हमारे बच्चे पढ़ाई के अत्यधिक बोझ से दबे होते हैं। इस संदर्भ में खेल उनके लिए राहत और ऊर्जा का स्रोत बन सकते हैं।

खेलों के शारीरिक लाभ के पक्ष की भी उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए। जब बच्चे आसपास दौड़ते हैं, घूमते-फिरते हैं और व्यायाम करते हैं और खेलों के जरिए खुली हवा में विभिन्न प्रकार की खेल गतिविधियों में लगे रहते हैं तो इससे शरीर को लाभ मिलता है। उनका शरीर विकसित होता है, मांसपेशियों का विकास होता है और मस्तिष्क को विश्राम मिलता है। यह उन्हें शारीरिक रूप से फुर्तीला और स्वस्थ बनाता है। डाक्टर अक्सर कहते हैं कि जो बच्चे अपना अधिकांश समय आलस्य में अथवा बहुत अधिक पढ़ाई और अध्ययन में खर्च कर बिता देते हैं वे शारीरिक रूप से स्वस्थ लोगों की तुलना में शारीरिक परेशानियों के ज्यादा शिकार बनते हैं।

खेलों और क्रीड़ा का एक और अत्यन्त महत्वपूर्ण योगदान है छात्रों या खिलाड़ियों में अनुशासन की भावना भरना। खेलों और प्रतियोगिताओं में बच्चे नियमों से आबद्ध रहना, रेफरी के निर्णय को मानना और उकसाये जाने पर अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखना जैसी बातें सीखते हैं। खेलों, विशेष रूप से खुले मैदानों में आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं में काफी हद तक स्व-नियंत्रण, आज्ञाकारी व्यवहार और अनुशासित सहभागिता की आवश्यकता होती है। यह उन्हें जीत ही नहीं हार को भी सम्मानपूर्ण तरीके से स्वीकार करने की शिक्षा देता है।

हमें यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि आने वाले दिनों में स्कूल के पाठ्यक्रमों में खेलों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी और वह स्वयं एक अकादमिक या शैक्षणिक विषय बन सकता है । शैक्षणिक पहलू के अलावा खेल छात्रों में अनुशासन का गुण रोपने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और कैरियर के अच्छे अवसर भी प्रदान करते हैं । ये विश्राम और मनोरंजन प्रदान करते हैं और स्कूली जीवन को जीवंत और उत्साहपूर्ण बनाने के साथ-साथ छात्रों को शारीरिक रूप सें फिट (स्वस्थ ) और मानसिक रूप से फुर्तीला बनाये रखते हैं ।

———————————–

दोस्तों इस लेख के ऊपर Jivan Mein Khelon Ka Mahatva Nibandh | Essay ( विद्यार्थी जीवन पर निबंध ) आपके क्या विचार है? हमें नीचे comment करके जरूर बताइए।

Jeevan Mein Khelon Ka Mahatva Par Nibandh’ ये हिंदी निबंध class 4,5,7,6,8,9,10,11 and 12 के बच्चे अपनी पढ़ाई के लिए इस्तेमाल कर सकते है। यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

khelo ka mahatva nibandh Essay on Importance of sports in Life in Hindi

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Essay on APJ Abdul Kalam in hindi 300 words for Students |

Table of Contents

एपीजे अब्दुल कलाम

एपीजे अब्दुल कलाम भारत के महान वैज्ञानिक, इंजीनियर, शिक्षक और लेखक थे | यह ऐसे महान वैज्ञानिक थे, जिन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा में समर्पित कर दिया | यह भारत के राष्ट्रपति भी रहे और एक शिक्षक के रूप में भारत के युवाओं के आदर्श भी बने | इन्होंने हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा  का परचम लहराया |

प्रारंभिक जीवन एवं शिक्षा

अब्दुल कलाम का पूरा नाम डॉ अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम् में हुआ था। इनके पिता का नाम जैनुल्लाब्दीन और माता का नाम आशियम्मा था। इनके परिवार की आर्थिक स्थिति खराब थी, इसलिए कम उम्र से ही उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ अखबार बांटने का काम शुरू कर दिया | इनकी प्रारंभिक शिक्षा धनुषकोटि के एक प्राथमिक विद्यालय में हुई इनका बचपन आर्थिक कठिनाइयों में बीता ,लेकिन उन्होंने कभी पढ़ाई नहीं छोड़ी।  इन्होंने आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ कॉलेज से भौतिकी विषय में अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी |

वैज्ञानिक  उपलब्धियां

अब्दुल कलाम एक उच्च कोटि के वैज्ञानिक थे | अब्दुल कलाम का सपना था कि वह वायुसेना के लड़ाकू विमान में पायलट बने, परंतु उनका यह सपना पूरा नहीं हो सका 1958 में अपनी इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद कलाम को DRDO मे हावर क्राफ्ट  परियोजना पर काम करने का अवसर मिला | इसके बाद कलाम ने इसरो में रहते हुए SLV-3 के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया | उनकी इस उपलब्धि ने भारत को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बना दिया |

1980 में कलाम एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम के निदेशक बने और इस पद पर रहते हुए उन्होंने पृथ्वी, त्रिशूल, नाग और अग्नि जैसी बैलिस्टिक मिसाइलों के प्रक्षेपण और उनके विकास के कार्यों को किया | जिसके लिए उन्हें भारत के ‘मिसाइल मैन ‘ के रूप में जाना जाता है |

जुलाई 1992 से दिसंबर 1999 तक कलाम तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार के पद पर रहे और इस दौरान इन्होंने पोखरण परमाणु परीक्षणों का नेतृत्व किया और भारत को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र के रूप में पहचान दिलाई I

राष्ट्रपति के पद पर कलाम

अब्दुल कलाम 25 जुलाई 2002 से 25 जुलाई 2007 तक भारत के राष्ट्रपति के पद पर कार्यरत रहे | इस दौरान उन्होंने देशवासियों को ईमानदारी और निष्ठा का पाठ पढ़ाया तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश को एक नवीन पहचान दिलाई |

शिक्षक के रूप में कलाम

राष्ट्रपति पद के कार्यभार से मुक्त होने के बाद भी कलाम ने देश सेवा के कार्य को अनवरत जारी रखा और उन्होंने एक शिक्षक के रूप में देश के युवाओं में वैज्ञानिक प्रतिभा का निर्माण किया | उन्होंने भारतीय प्रबंधन संस्थान से शिलांग, भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद तथा भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर सहित कई विश्वविद्यालयों में अतिथि प्रोफेसर के पद पर कार्य किया |

कलाम की साहित्यिक उपलब्धियां

कलाम न केवल एक उच्च कोटि के वैज्ञानिक थे अपितु एक महान लेखक भी थे | जिन्होंने  2 दर्जन से अधिक पुस्तकों की रचना की | उनकी प्रसिद्ध रचनाएं – इंडिया 20-20, विंग्स ऑफ फायर, इगनाइटेड माइंड्स , मिशन इंडिया आदि है |

पुरस्कार एवं सम्मान

कलाम को उनकी वैज्ञानिक एवं साहित्यिक उपलब्धियों के लिए अनेक पुरस्कार एवं सम्मान दिए गए | डॉक्टर कलाम के 79 वें जन्मदिन को संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाया गया था। भारत सरकार द्वारा उन्हें 1981 में पद्म भूषण और 1990 में पद्म विभूषण का सम्मान प्रदान किया गया जो उनके द्वारा इसरो और डी आर डी ओ में कार्यों और वैज्ञानिक उपलब्धियों के लिये भारत सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में  नियुक्त किया गया | 1997 में कलाम साहब को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान किया गया जो उनके वैज्ञानिक अनुसंधानों और भारत में तकनीकी के विकास में अभूतपूर्व योगदान हेतु दिया गया था |

वर्ष 2005 में स्विट्ज़रलैंड की सरकार ने डॉक्टर कलाम के स्विट्ज़रलैंड आगमन के उपलक्ष्य में 26 मई को विज्ञान दिवस घोषित किया| नेशनल स्पेस सोशायटी ने वर्ष 2013 में उन्हें अंतरिक्ष विज्ञान सम्बंधित परियोजनाओं के कुशल संचालन और प्रबंधन के लिये वॉन ब्राउन अवार्ड से पुरस्कृत किया।

कलाम का निधन

27 जुलाई 2015 की शाम अब्दुल कलाम भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलोंग में एक व्याख्यान देने के दौरान उन्हें जोरदार कार्डियक अरेस्ट (दिल का दौरा) हुआ, जिसके बाद उनकी मृत्यु हो गई |

डॉक्टर अब्दुल कलाम भारत के एक महान वैज्ञानिक थे जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन देश की सेवा के लिए समर्पित कर दिया | उन्होंने देश को मिसाइल और परमाणु शक्ति के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का कार्य किया| राष्ट्रपति के पद पर रहकर देश को बुलंदियों के शिखर तक पहुंचाने का कार्य किया और एक शिक्षक के रूप में देश के युवा वर्ग मे वैज्ञानिक चेतना का विकास किया | उनके इन कार्यों के लिए देश एवं देशवासी सदैव उनके कृतज्ञ रहेंगे |

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ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध (Global Warming Essay in hindi) - कारण और समाधान 100, 200, 500 शब्द

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ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध: आमतौर पर पृथ्वी के औसत तापमान में हो रही बढ़ोतरी को ग्लोबल वार्मिंग (Global warming) कहा जाता है। पृथ्वी के औसत तापमान के बढ़ने का कारण दुनिया में तेजी से हो रहे आधुनिकीकरण को माना जा रहा है जिससे हमारी धरती बदलाव के दौर से गुजर रही है। एक तरफ बढ़ती जनसंख्या तथा दूसरी ओर विकास के नाम पर दुनिया भर में हरित आवरण को खत्म करते हुए बड़ी संख्या में उद्योगों की स्थापना की जा रही है। लेकिन जैसे-जैसे विकास की रफ्तार बढ़ी है, पृथ्वी की पारिस्थितिकी (इको सिस्टम) की स्थिति काफी हद तक खराब हो गई है।

ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध (100 Words Essay on Global Warming in hindi)

ग्लोबल वार्मिंग पर 200 शब्दों का निबंध (200 words essay on global warming in hindi), ग्लोबल वार्मिंग पर 500 शब्दों का निबंध (500 words essay on global warming in hindi).

ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध (Global Warming Essay in hindi) - कारण और समाधान 100, 200, 500 शब्द

पर्यावरण के खतरों पर चर्चा करते समय, "ग्लोबल वार्मिंग" वाक्यांश का अक्सर उपयोग किया जाता है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण और परिणाम अभी भी कई लोगों के लिए पूरी तरह जानकारी में नहीं हैं। इन दिनों कई प्रतियोगी परीक्षा से लेकर स्कूल,कॉलेज की परीक्षाओं में भी ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध (Essay on Global warming in hindi) संबंधी प्रश्न आ रहे हैं। यहां ग्लोबल वार्मिंग पर कुछ नमूना निबंध दिए गए हैं जिससे परीक्षार्थियों को ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध लिखने के लिए दृष्टिकोण मिलेंगे।

पृथ्वी के औसत वैश्विक तापमान में वृद्धि को ग्लोबल वार्मिंग के रूप में जाना जाता है। ग्लोबल वार्मिंग अधिकतर जीवाश्म ईंधन जलाने और वायुमंडल में खतरनाक प्रदूषकों के उत्सर्जन के कारण होती है। ग्लोबल वार्मिंग के परिणामस्वरूप जीवित चीजों को बहुत नुकसान हो सकता है। कुछ स्थानों पर तापमान अचानक बढ़ जाता है, जबकि कुछ स्थानों पर अचानक गिर जाता है।

ऊर्जा के लिए जीवाश्म ईंधन का उपयोग ग्लोबल वार्मिंग का मुख्य कारण है। यह देखा गया है कि पिछले दस वर्षों में पृथ्वी का औसत तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया है। यह चिंता का कारण है क्योंकि यह पारिस्थितिक तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है और पर्यावरणीय गड़बड़ी पैदा कर सकता है। यदि हम अपने जंगलों में नष्ट हो चुकी वनस्पतियों को फिर से लगाने के लिए निर्णायक कार्रवाई करते हैं, तो हम ग्लोबल वार्मिंग को रोक सकते हैं। ग्लोबल वार्मिंग की दर को धीमा करने के लिए हम सौर, पवन और ज्वारीय ऊर्जा जैसे टिकाऊ ऊर्जा स्रोतों का भी उपयोग कर सकते हैं।

समय के साथ पृथ्वी के औसत वैश्विक तापमान में सतत वृद्धि को ग्लोबल वार्मिंग कहा जाता है। ऐसा कहा गया है कि विभिन्न कारणों से मनुष्यों द्वारा जल, जंगल और जमीन खासकर बड़े पैमाने पर वनों की कटाई इसके लिए जिम्मेदार है। हर साल, हम बहुत अधिक ईंधन का उपयोग करते हैं। मानव जनसंख्या बढ़ने के कारण लोगों की ईंधन जरूरतों को पूरा करना असंभव होता जा रहा है। प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग सावधानी से करना चाहिए क्योंकि वे सीमित हैं। यदि मनुष्य वनों और अन्य खनिज संपदा का अत्यधिक उपयोग करेगा तो पारिस्थितिकी तंत्र असंतुलित हो जाएगा। केवल तापमान वृद्धि ही ग्लोबल वार्मिंग का एकमात्र संकेत नहीं है। इसके अन्य परिणाम भी हैं।

तूफान, बाढ़ और हिमस्खलन सहित प्राकृतिक आपदाएँ पूरे पृथ्वी पर हो रही हैं। इन सबका सीधा संबंध ग्लोबल वार्मिंग से है। अपने पर्यावरण की रक्षा के लिए हमें ग्लोबल वार्मिंग के नकारात्मक प्रभावों से बचाव के लिए अपनी पारिस्थितिकी का पुनर्निर्माण करना होगा। इस विश्व को आने वाली पीढ़ियों के लिए एक अच्छी जगह बनाने के लिए हम सभी को मिलकर काम करना चाहिए। पेड़-पौधे लगाना एक ऐसा कार्य है जिसे करके हम समग्र रूप से अपनी दुनिया की स्थिति को बेहतर बना सकते हैं। हमारा मुख्य उद्देश्य पुनर्वनीकरण होना चाहिए। वनों का क्षेत्रफल बढ़ने से प्राकृतिक संतुलन बेहतर होगा। यदि हम अपने जीवनकाल में अधिक से अधिक पौधे लगाने के लिए प्रतिबद्ध हों, तो पृथ्वी एक बेहतर स्थान बन जाएगी।

अन्य महत्वपूर्ण लेख :

  • होली पर निबंध
  • हिंदी में निबंध- भाषा कौशल, लिखने का तरीका जानें

विभिन्न कारकों के कारण सतही जलवायु में होने वाली क्रमिक वृद्धि को ग्लोबल वार्मिंग के रूप में जाना जाता है। यह पर्यावरण और मानवता दोनों के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है। जलवायु परिवर्तन के प्रभावों में ग्लोबल वार्मिंग भी शामिल है। ग्लोबल वार्मिंग में मुख्य योगदानकर्ता ग्रीनहाउस गैसों का अपरिहार्य उत्सर्जन है। मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड दो मुख्य ग्रीनहाउस गैसें हैं। इस वार्मिंग के कई अन्य कारण और प्रभाव हैं, जो पृथ्वी के जीवन को खतरे में डाल रहे हैं।

ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार कारण (Reasons Responsible For Global Warming in hindi)

ग्लोबल वार्मिंग के कई कारण हैं। ये समस्याएँ प्रकृति और मानवजनित दोनों के कारण उत्पन्न होती हैं। वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की उपस्थिति के कारण पृथ्वी की सतह से परावर्तित होने वाली ऊष्मा किरणें वहीं फंस जाती हैं। इस घटना का परिणाम "ग्रीनहाउस प्रभाव" है। अत्यधिक कार्बन डाइऑक्साइड के कारण ग्लोबल वार्मिंग होता है। ग्लोबल वार्मिंग का कारण बनने वाली प्राथमिक गैसों को ग्रीनहाउस गैसें कहा जाता है।

मुख्य ग्रीनहाउस गैसें मीथेन, नाइट्रस ऑक्साइड, ओजोन और कार्बन डाइऑक्साइड हैं। जब इनकी सांद्रता असंतुलित हो जाती है तो ये गैसें ग्लोबल वार्मिंग का कारण बनती हैं। ज्वालामुखी विस्फोट, सौर विकिरण और अन्य प्राकृतिक घटनाएँ कुछ उदाहरण हैं जो ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ाते हैं। लोगों द्वारा कारों और जीवाश्म ईंधन के अत्यधिक उपयोग से भी कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर बढ़ता है। ग्लोबल वार्मिंग का कारण बनने वाला सबसे चर्चित मुद्दा वनों की कटाई है। पेड़ों की कटाई के कारण हवा में कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर बढ़ रहा है। ग्लोबल वार्मिंग में योगदान देने वाले अतिरिक्त कारणों में बढ़ती जनसंख्या, औद्योगीकरण, प्रदूषण आदि शामिल हैं।

जलवायु परिवर्तन हम पर कैसे प्रभाव डालता है (How Climate Change Impacts Us in hindi)

ग्लोबल वार्मिंग के कारण मौसम में कई बदलाव आते हैं, जिनमें लंबी गर्मी और कम सर्दी, अधिक तापमान, व्यापारिक हवाओं में बदलाव, साल भर होने वाली बारिश, ध्रुवीय बर्फ की चोटियों का पिघलना, कमजोर ओजोन अवरोध आदि शामिल हैं। इसके परिणामस्वरूप प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि हो सकती है, जिनमें गंभीर तूफान, चक्रवात, बाढ़ और कई अन्य आपदाएं शामिल हैं।

ग्लोबल वार्मिंग से होने वाले नुकसान से पौधे, जानवर और अन्य पर्यावरणीय तत्व सीधे प्रभावित होते हैं। समुद्र का बढ़ता स्तर, तेजी से ग्लेशियर का पिघलना और ग्लोबल वार्मिंग के अन्य महत्वपूर्ण प्रभाव हैं। जैसे-जैसे ग्लोबल वार्मिंग की स्थिति बिगड़ती जा रही है, समुद्री जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है, जिससे समुद्री जीवन काफी हद तक नष्ट हो रहा है और अतिरिक्त समस्याएं पैदा हो रही हैं।

ग्लोबल वार्मिंग की रोकथाम (Preventing Global Warming in hindi)

ग्लोबल वार्मिंग रोकने के लिए उचित समाधान ढूंढना अब पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि ग्लोबल वार्मिंग एक गंभीर मुद्दा बन गया है और अंतरराष्ट्रीय मंचों और सम्मेलनों में विश्व स्तर पर इस पर चर्चा की जा रही है। अब समय आ गया है कि औद्योगीकरण के युग को नियंत्रित किया जाए और इसे टिकाऊ विकास के तरीके से जारी रखा जाए।

ग्लोबल वार्मिंग की समस्या को हल करने के लिए समुदायों से लेकर सरकारों तक सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है। प्रदूषण पर नियंत्रण, जनसंख्या वृद्धि और प्राकृतिक संसाधनों का सीमित दोहन विचार करने योग्य कुछ प्रमुख कारक हैं। सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना या दूसरों के साथ कारपूलिंग करना बहुत मददगार होगा। लोगों को रीसाइक्लिंग को बढ़ावा देना होगा। प्लास्टिक का उपयोग कम करना होगा। औद्योगिक कचरे और हवा में हानिकारण गैसों के उत्सर्जन पर नियंत्रण करने से भी मदद मिलेगी।

नासा से जुड़े वैज्ञानिकों की मानें तो जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाले प्रभावों की गंभीरता भविष्य की मानवीय गतिविधियों के मार्ग पर निर्भर करेगी। अधिक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन से हमारे ग्रह पर अधिक जलवायु परिवर्तन और व्यापक हानिकारक प्रभाव होंगे। हालाँकि, ये भविष्य के प्रभाव हमारे द्वारा उत्सर्जित कार्बन डाइऑक्साइड की कुल मात्रा पर निर्भर करते हैं। इसलिए, यदि हम उत्सर्जन को कम कर सकते हैं, तो हम कुछ सबसे बुरे प्रभावों से बच सकते हैं।

इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि ग्लोबल वार्मिंग में वृद्धि से धरती पर जीवन नष्ट हो जाएगा। ग्लोबल वार्मिंग मानवता के लिए सबसे बड़ा ख़तरा है और इसे नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। साथ ही इसे संभालना भी मुश्किल है। इसलिए हमें ग्लोबल वार्मिंग रोकने वाले अभियान जैसे पेड़-पौधे लगाना, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा का उपयोग, औद्योगिकीकरण को कम करने, ग्लाेबल वार्मिंग बढ़ाने वाली चीजों जैसे एसी वगैरह का उपयोग कम करके, प्रदूषण की रोकथाम आदि की मदद से हम इसके प्रभावों को कम कर सकते हैं।

ये भी देखें :

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मदर टेरेसा पर निबंध (Mother Teresa Essay in Hindi) 100, 200, 300, 500, शब्दों मे -10 lines

300 words hindi essay

Mother Teresa Essay in Hindi – मदर टेरेसा दुनिया की अब तक की सबसे महान मानवतावादियों में से एक हैं। उनका पूरा जीवन गरीबों और जरूरतमंद लोगों की सेवा के लिए समर्पित था। गैर-भारतीय होने के बावजूद उन्होंने अपना लगभग पूरा जीवन भारत के लोगों की मदद करने में बिताया। मदर टेरेसा को अपना नाम चर्च से सेंट टेरेसा के नाम पर मिला। वह जन्म से ईसाई और आध्यात्मिक महिला थीं। वह अपनी पसंद से नन थीं। वह निःसंदेह एक पवित्र महिला थीं जिनमें कूट-कूट कर भरी दया और करुणा थी।  

मदर टेरेसा पर 10 पंक्तियों का निबंध (10 Lines Essay On Mother Teresa in Hindi)

  • 1) मदर टेरेसा एक रोमन-कैथोलिक चर्च की नन और एक परोपकारी महिला थीं।
  • 2) उनका जन्म 26 अगस्त 1910 को ओटोमन साम्राज्य में हुआ था।
  • 3) बचपन से ही उनमें धार्मिक जीवन जीने की ललक थी।
  • 4) 1929 में वह भारत पहुंची और यहां की नागरिकता अपना ली।
  • 5) अपने जीवन के अंतिम दिनों में वह दिल के दौरे से पीड़ित थीं।
  • 6) भारत सरकार ने उन्हें वर्ष 1962 में पद्मश्री से सम्मानित किया।
  • 7) उन्हें 1980 में सर्वोच्च भारतीय नागरिक पुरस्कार, भारत रत्न भी मिला।
  • 8) 5 सितंबर 1997 वह दिन था जब उन्होंने आखिरी सांस ली।
  • 9) मदर टेरेसा गरीबों और बीमार लोगों के प्रति अपनी सेवा के लिए विश्व स्तर पर प्रसिद्ध थीं।
  • 10) उनके नाम पर सड़क, अस्पताल, हवाई अड्डे और सड़कों सहित वैश्विक वास्तुकलाएं हैं।

मदर टेरेसा पर 100 शब्द निबंध (100 words Essay On Mother Teresa in Hindi)

कैथोलिक नन मदर टेरेसा का जीवन पूरी दुनिया में गरीब और कमजोर लोगों की मदद करने के लिए समर्पित था। उनका जन्म 26 अगस्त, 1910 को स्कोप्जे, मैसेडोनिया में हुआ था। वह 18 साल की उम्र में नन बन गईं और 1929 में भारत आ गईं। वह सेंट मैरी हाई स्कूल में भूगोल पढ़ाने के लिए कलकत्ता आ गईं।

मदर टेरेसा वंचितों और झुग्गी-झोपड़ियों के निवासियों की दुर्दशा से व्यथित थीं। उन्होंने 1950 में अपने मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना की। जरूरतमंदों की मदद के लिए उन्होंने “निर्मल हृदय” की शुरुआत की। उन्हें 1979 का नोबेल शांति पुरस्कार और 1980 का भारत रत्न मिला। 5 सितंबर 1997 को 87 वर्ष की आयु में मदर टेरेसा का निधन हो गया।

मदर टेरेसा पर 200 शब्द निबंध (200 words Essay On Mother Teresa in Hindi)

मदर टेरेसा एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक शख्सियत हैं जो अपनी करुणा के लिए प्रसिद्ध हैं। जन्म के समय उसका नाम अंजेज़े गोंक्सहे बोजाक्सिउ रखा गया था। उनका जन्म 26 अगस्त, 1910 को स्कोप्जे, मैसेडोनिया में हुआ था और 18 साल की उम्र में, वह एक भिक्षुणी विहार में शामिल होने के लिए आयरलैंड चली गईं। 1929 में, 19 वर्ष की आयु में, मदर टेरेसा भारत के कलकत्ता आ गईं। वह समाज के वंचित और परित्यक्त सदस्यों की सहायता करना चाहती थी।

योगदान | जब मदर टेरेसा ने 1950 में मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी की स्थापना की, तो उन्होंने गरीबों, विकलांगों और असहायों की सेवा करने की पहल की। उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज को लौटाने में बिताया। वह दुनिया भर में मानवतावादी उद्देश्य में अपने अद्वितीय योगदान के लिए जानी जाती हैं, जिसमें यह सुनिश्चित करना शामिल है कि व्यक्तियों की उनके अंतिम दिनों में देखभाल की जाए और वे सम्मान के साथ इस ग्रह से बाहर निकलें।

सम्मान | मदर टेरेसा को कुछ सबसे प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हुए। भारत में उन्हें 1962 में पद्मश्री सम्मान दिया गया। 1979 में वह नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय बनीं। 1980 में उन्हें देश का दूसरा सबसे बड़ा सम्मान भारत रत्न भी दिया गया। कलकत्ता की सेंट टेरेसा को 2016 में पोप फ्रांसिस द्वारा मरणोपरांत दिया गया था।

मदर टेरेसा ने अपने कार्यों से प्रेम और सद्भावना फैलायी। उन्होंने अपना सारा जीवन एक साधारण जीवन व्यतीत किया। उसके मन में अपने विश्वास के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता और यीशु मसीह के प्रति भावुक प्रेम था। मदर टेरेसा हर किसी के लिए दयालु होने और जरूरतमंद लोगों की देखभाल करने की प्रेरणा हैं।

मदर टेरेसा पर 300 शब्द निबंध (300 words Essay On Mother Teresa in Hindi)

मदर टेरेसा एक बहुत ही धार्मिक और प्रसिद्ध महिला थीं जिन्हें “गटर की संत” के नाम से भी जाना जाता है। वह दुनिया भर की महान हस्तियों में से एक हैं। उन्होंने भारतीय समाज के जरूरतमंद और गरीब लोगों को पूर्ण समर्पण और प्रेम की सेवा प्रदान करके एक सच्ची माँ के रूप में अपना पूरा जीवन हमारे सामने प्रस्तुत किया था। उन्हें लोकप्रिय रूप से “हमारे समय की संत” या “देवदूत” या “अंधेरे की दुनिया में एक प्रकाशस्तंभ” के रूप में भी जाना जाता है।

उनका जन्म नाम एग्नेस गोंक्सा बोजाक्सीहु था जो बाद में अपने महान कार्यों और जीवन की उपलब्धियों के बाद मदर टेरेसा के नाम से प्रसिद्ध हुईं। उनका जन्म 26 अगस्त 1910 को स्कोप्जे, मैसेडोनिया में एक धार्मिक कैथोलिक परिवार में हुआ था। मदर टेरेसा ने कम उम्र में ही नन बनने का निर्णय ले लिया था। वह वर्ष 1928 में एक कॉन्वेंट में शामिल हो गईं और फिर भारत (दार्जिलिंग और फिर कोलकाता) आ गईं।

एक बार, जब वह अपनी यात्रा से लौट रही थीं, तो कोलकाता की एक झुग्गी बस्ती में लोगों की उदासी देखकर उन्हें झटका लगा और उनका दिल टूट गया। उस घटना ने उसके मन को बहुत परेशान कर दिया और कई रातों की नींद हराम कर दी। वह झुग्गी बस्ती में लोगों की तकलीफें कम करने के लिए कुछ उपाय सोचने लगी। वह अपने सामाजिक प्रतिबंधों से अच्छी तरह परिचित थी इसलिए उसने कुछ मार्गदर्शन और दिशा पाने के लिए भगवान से प्रार्थना की।

अंततः 10 सितंबर 1937 को दार्जिलिंग जाते समय उन्हें भगवान से एक संदेश (कॉन्वेंट छोड़ने और जरूरतमंद लोगों की सेवा करने का) मिला। उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और गरीब लोगों की सेवा करना शुरू कर दिया। उन्होंने नीले बॉर्डर वाली सफेद साड़ी की एक साधारण पोशाक पहनने का फैसला किया। जल्द ही, गरीब समुदाय के पीड़ित लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए युवा लड़कियाँ उनके समूह में शामिल होने लगीं। उन्होंने बहनों का एक समर्पित समूह बनाने की योजना बनाई जो किसी भी परिस्थिति में गरीबों की सेवा के लिए हमेशा तैयार रहे। समर्पित बहनों का समूह बाद में “मिशनरीज़ ऑफ़ चैरिटी” के नाम से जाना गया।

मदर टेरेसा पर 500 शब्दों का निबंध (500 words Essay On Mother Teresa in Hindi)

विश्व के इतिहास में अनेक मानवतावादी हैं। अचानक मदर टेरेसा लोगों की उस भीड़ में खड़ी हो गईं। वह एक महान क्षमता वाली महिला हैं जो अपना पूरा जीवन गरीबों और जरूरतमंद लोगों की सेवा में बिताती हैं। हालाँकि वह भारतीय नहीं थी फिर भी वह भारत के लोगों की मदद करने के लिए भारत आई थी। सबसे बढ़कर, मदर टेरेसा पर इस निबंध में हम उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करने जा रहे हैं।

मदर टेरेसा उनका वास्तविक नाम नहीं था लेकिन नन बनने के बाद उन्हें सेंट टेरेसा के नाम पर चर्च से यह नाम मिला। जन्म से, वह एक ईसाई और ईश्वर की महान आस्तिक थी। और इसी वजह से वह नन बनना चुनती है।

मदर टेरेसा की यात्रा की शुरुआत

चूँकि उनका जन्म एक कैथोलिक ईसाई परिवार में हुआ था, इसलिए वह ईश्वर और मानवता में बहुत बड़ी आस्था रखती थीं। हालाँकि वह अपना अधिकांश जीवन चर्च में बिताती है लेकिन उसने कभी नहीं सोचा था कि वह एक दिन नन बनेगी। डबलिन में अपना काम पूरा करने के बाद जब वह भारत के कोलकाता (कलकत्ता) आईं तो उनका जीवन पूरी तरह से बदल गया। लगातार 15 वर्षों तक उन्हें बच्चों को पढ़ाने में आनंद आया।

स्कूली बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ उन्होंने उस क्षेत्र के गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए भी कड़ी मेहनत की। उन्होंने अपनी मानवता की यात्रा एक ओपन-एयर स्कूल खोलकर शुरू की, जहाँ उन्होंने गरीब बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। वर्षों तक उन्होंने बिना किसी धन के अकेले काम किया लेकिन फिर भी छात्रों को पढ़ाना जारी रखा।

उसकी मिशनरी

गरीबों को पढ़ाने और जरूरतमंद लोगों की मदद करने के इस महान कार्य के लिए वह एक स्थायी स्थान चाहती हैं। यह स्थान उनके मुख्यालय और एक ऐसी जगह के रूप में काम करेगा जहां गरीब और बेघर लोग आश्रय ले सकेंगे।

इसलिए, चर्च और लोगों की मदद से, उन्होंने एक मिशनरी की स्थापना की, जहाँ गरीब और बेघर लोग शांति से रह सकते हैं और मर सकते हैं। बाद में, वह अपने एनजीओ के माध्यम से भारत और विदेशी देशों में कई स्कूल, घर, औषधालय और अस्पताल खोलने में सफल रहीं।

मदर टेरेसा की मृत्यु एवं स्मृति

वह लोगों के लिए आशा की देवदूत थी लेकिन मौत किसी को नहीं बख्शती। और यह रत्न कोलकाता (कलकत्ता) में लोगों की सेवा करते हुए मर गया। साथ ही उनके निधन पर पूरे देश ने उनकी याद में आंसू बहाये. उनकी मृत्यु से गरीब, जरूरतमंद, बेघर और कमजोर लोग फिर से अनाथ हो गये।

भारतीय लोगों द्वारा उनके सम्मान में कई स्मारक बनाये गये। इसके अलावा विदेशों में भी उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए कई स्मारक बनाए जाते हैं।

निष्कर्षतः हम कह सकते हैं कि शुरुआत में गरीब बच्चों को संभालना और पढ़ाना उनके लिए एक कठिन काम था। लेकिन, वह उन कठिनाइयों को बड़ी ही समझदारी से संभाल लेती है। अपने सफर की शुरुआत में वह गरीब बच्चों को जमीन पर छड़ी से लिखकर पढ़ाती थीं। लेकिन वर्षों के संघर्ष के बाद, वह अंततः स्वयंसेवकों और कुछ शिक्षकों की मदद से शिक्षण के लिए आवश्यक चीजों की व्यवस्था करने में सफल हो जाती है।

बाद में, उन्होंने गरीब लोगों को शांति से मरने के लिए एक औषधालय की स्थापना की। अपने अच्छे कामों के कारण वह भारतीयों के दिल में बहुत सम्मान कमाती हैं।

मदर टेरेसा निबंध पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

मदर टेरेसा ने दुनिया को कैसे बदला.

मदर टेरेसा ने अपने विभिन्न मानवीय प्रयासों से दुनिया को बदल दिया और सभी को दान का सही अर्थ दिखाया।

मदर टेरेसा ने समाज में कैसे योगदान दिया?

मदर टेरेसा ने अपना जीवन मानव जाति की सेवा के लिए समर्पित कर दिया और उन्होंने गरीबों और बीमार लोगों की मदद के लिए मिशनरीज ऑफ चैरिटी, एक रोमन कैथोलिक मण्डली की स्थापना की।

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Eid essay in hindi ईद के त्यौहार पर निबंध.

Hello, guys today we are going to discuss an Eid essay in Hindi. What is EID? We have written an essay on Eid in Hindi. ईद के त्यौहार पर निबंध। Now you can take an example to write Eid essay in Hindi in a better way. Eid essay in Hindi is asked in most exams nowadays starting from 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12.

hindiinhindi Eid Essay in Hindi

Eid Essay in Hindi 300 Words

कहते हैं कि सबसे ज्यादा त्योहार अगर किसी देश में मनाए जाते हैं, तो वह भारत है। हम न केवल बहुत-से त्योहार मनाते हैं, बल्कि बेसब्री से उनका इंतजार भी करते हैं। ऐसा ही एक त्योहार है, ईद। वैसे बच्चों को तो इसका कुछ ज्यादा ही इंतजार रहता है। इस दिन उन्हें ईदी जो मिलती है। मेले में दोस्तों के साथ घूमना, अपनी पसंद की चीजें खरीदना और मीठी-मीठी खूब सारी सेवइयाँ खाना भला किसे अच्छा नहीं लगेगा! इस दिन बच्चे बड़ों को सलाम करते हैं, ईद मुबारक कहते हैं और बदले में बड़े उन्हें कुछ पैसे देते हैं, जिसे ईदी कहते हैं।

इसलिए बच्चे तो इस मुबारक मौके का रमजान का महीना शुरू होने से पहले ही इंतजार करने लगते हैं। साल में दो बार ईद मनाई जाती है। इनमें से पहली ईद-उल-फितर है। रमजान के महीने में 30 दिन तक रोजे रखे जाते हैं। ईद के साथ यह महीना खत्म होता है और 30 दिनों के बाद पहली बार दिन में खाना खाया जाता है। इस दिन अल्लाह का शुक्रिया अदा किया जाता है कि उन्होंने महीने-भर रोजा या उपवास रखने की शक्ति दी। सब लोग नए कपड़े पहनते हैं और एक-दूसरे को ईद मुबारक कहकर तोहफे देते हैं। इस दिन सुबह मस्जिद जाकर प्रार्थना की जाती है, लेकिन उससे पहले गरीबों को कुछ दान देना ज़रूरी होता है, जिसे जकात कहा जाता है।

ईद-उल-फितर की तरह ही ईद-उल-जुहा भी खूब खुशी और खास प्रार्थनाओं का त्योहार है। इसे कुर्बानी के त्योहार के रूप में मनाया जाता है। इसे बकरीद भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन बकरे की कुर्बानी दी जाती है। इस दिन भी सब एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद और तोहफे देते हैं।

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Eid Essay in Hindi 500 Words

ईद का त्योहार मुसलमानों का सबसे बड़ा त्योहार है । यह त्यौहार हमारे देश में धूम-धाम से मनाया जाता है । इसे सभी धर्मों के लोग मिल-जुल कर मनाते हैं । हर वर्ष में दो ईदें मनाई जाती हैं । इन में एक को ‘ईद-उल-फितर’ और दूसरी को ‘ईद-उल-जुहा’ कहते हैं । र्हद-उल फितर इस्लामी महींनों में पहली तारीख को मनाई जाती है । इस ईद को ‘मीठी ईद’ भी कहते है ।

इस्लाम धर्म में रमज़ान महीने का विशेष महत्व है । रमजान का चाँद देखकर रोज़े शुरू किये जाते हैं । दिन चढ़ने से पहले भाव फ़ज्र (Fajar) के अज़ान (नमाज़) से पहले तक खाना खाया जाता है, जिसको सहरी कहते हैं । फिर दिन भर अन्न-जल ग्रहण नहीं किया जाता । शाम ढलते समय मग्रिब ( Magrib ) की अज़ान (नमाज़) सुनते ही रोज़े खोले जाते हैं जिसको इफ़्तार ( Iftar ) कहते हैं । ये रोज़े करीब 29-30 दिन तक चलते हैं । इसी महीने में इस्लाम धर्म के अनुसार पैगम्बर मुहम्मद साहिब को कुरान शरीफ़ प्राप्त हुआ था । आखिरी रोज़े की शाम को शाही इमाम के द्वारा ईद के चाँद को देखकर ईद का ऐलान किया जाता है । उस दिन को अरफ़ा कहते हैं ।

ईद की सुबह लोग नहा-धोकर नये-नये कपड़े पहनकर ईदगाह में ईद नमाज़ अदा करने जाते है । ईद को नमाज़ बड़े उत्साह के साथ पढ़ी जाती है । लोग खुदा का शुक्रिया अदा करते हैं और हाथ उठाकर दुआएं माँगते है । इसके बाद लोग एक-दूसरे के गले मिलकर ‘ईद मुबारक’ कहते हैं । ईदगाह के बहार मेला लगा होता है । बाजारों में बडी रौनक होती है । दुकाने खूब सजी होती हैं । बच्चे-बड़े सब मेले से खरीदारी करते, झूले झूलते और लुतफ उठाते है । शाम को सब मस्ती करते हुए घरों को लौट जाते हैं।

बच्चे को ईद के दिन घर के बड़े बुजुर्ग ईदी देते हैं इसलिए बच्चों में विशेष उत्साह होता है । इस दिन हर घर में स्वादिष्ट पकवान और सेवइयाँ बनती हैं । इन्हें सब स्वयं खाते और आपस में भी बाँटते हैं ।

रोजे के दिनों में बुरी आदतों जैसे सिगरेट पीना, तम्बाकू खाना आदि का त्याग किया जता है । निन्दा, चुगली और झूठ बोलने से परहेज किया जाता है ।

ईद उल फ़ितर के बद दूसरी ईद, ईद उल जुहा अर्थात बकरीद दो महीने दस दिन बाद आती है । यह ईद हज़रत इब्राहिम अल्लाह इस्लाम ( A.S ) और इनके बेटे की याद में मनाई जाती है । इस ईद पर भी ईद नमाज़ अदा की जाती है । इसी दिन हज पूरा हुआ माना जाता है । इसलिए इस दिन कुर्बानी दी जाती है । कुर्बानी का हिस्सा आपस में बाँटकर खाया जाता है । दोनों ईंदों मीठी ईद और बकरीद के दिनों में इस्लाम घर्मं के अंगों कलमा, नमाज़, ज़कात, रोजा तथा हज करना इत्यादि का विशेष महत्व माना जाता है । ऐसी भी मान्यता है कि इन दिनों में की गई नेकियों का दस गुणा फल प्राप्त होता है । ईद-ए-मिलाद का भी इस्लाम धर्म में खास स्थान है ।

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Eid Essay in Hindi 600 Words

ईद रूपरेखा : ईद-उल-फ़ितर और ईदुज्जुहा का संक्षिप्त परिचय, रमज़ान और ईद, ईद और भाईचारा, मस्जिद में नमाज़ पढ़ने का दृश्य, उपसंहार।

ईद-उल-फ़ितर मुसलमानों का महत्त्वपूर्ण त्योहार है। सभी लोग महीनों से इसकी प्रतीक्षा करते हैं। गरीब-अमीर सभी अपनी सामर्थ्य के अनुसार इस त्योहार पर नए कपड़े बनवाते हैं और नए कपड़े पहनकर ही ईद की नमाज़ पढ़ने के लिए ईदगाह या मस्जिद में जाते हैं। घर-घर में स्वादिष्ट मीठी सिवइयाँ बनती हैं। इन्हें वे स्वयं भी खाते हैं और इष्ट मित्रों और संबंधियों को भी खिलाते हैं।

ईद-उल-फ़ितर का त्योहार रमज़ान के महीने के बाद आता है। उनतीसवें रमज़ान से ही चाँद कब होगा’, ‘चाँद कब होगा’ की आवाज़े चारों ओर से सुनाई देने लगती हैं। जिस संध्या को शुक्ल पक्ष का पहला चाँद दिखाई पड़ता है, उसके अगले दिन ‘ईद-उल-फ़ितर’ का त्योहार मनाया जाता है। कभी-कभी चंद्रोदय के समय पश्चिमी आकाश में बादल छा जाने के कारण चाँद दिखाई नहीं देता। परंतु तभी प्रायः ढोल पर डंके की चोट पड़ने की आवाज़ सुनाई देती है और बताया जाता है कि मस्जिद के इमाम से खबर आ गई है कि चाँद दिखाई दे गया। अतः रमज़ान का महीना समाप्त हुआ, कल ईद है। सभी लोगों के चेहरे पर एक नई चमक आ जाती है।

कहते हैं कि रमज़ान के इस पवित्र महीने में पैगंबर मुहम्मद साहब को कुरान का इलहाम हुआ था। रोज़े के दिनों में सूर्योदय से सूर्यास्त तक कुछ भी खाने-पीने की इजाज़त नहीं है। सूर्यास्त के बाद ही कुछ खा-पीकर रोज़ा खोला जाता है। | ईद-उल-फ़ितर के दो महीने दस दिन के बाद ईदुज्जुह. का त्योहार मनाया जाता है। यह कुरबानी का पर्व है। माना जाता है कि इस दिन इब्राहिम ने अपने बेटे को अल्लाह के नाम पर कुरबान करने का फैसला किया था। जैसे ही उन्होंने अपने बेटे की गरदन पर छुरी रखी, अल्लाह ने बेटे की गरदन के स्थान पर दुंबा (एक प्रकार का बकरा) रख दिया। कुरबानी दुबे की हुई। अब बकरे की कुरबानी की प्रथा है तभी से ईदुज्जुहा का पर्व मनाया जाने लगा।

ईद भाईचारे का त्योहार है। ईद की नमाज़ के बाद ईद-मिलन कार्यक्रम ईदगाह से ही आरंभ हो जाता है। लोग आपस में गले मिलते हैं और एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद देते हैं। यह क्रम दिन भर चलता रहता है। बिना किसी भेद-भाव के लोग प्रेम से एक दूसरे से गले मिलते हैं और अपने घर आने वालों को सिवइयाँ खिलाते हैं। ईद और होली जैसे पर्व हमारे देश में रहने वाले विभिन्न धर्मावलंबियों के लिए एकता और मिलन के अवसर प्रदान करते हैं। ईद के दिन सभी एक दूसरे से प्रेमपूर्वक गले मिलते हैं। कहीं-कहीं सार्वजनिक रूप से भी ईद-मिलन का आयोजन किया जाता है।

ईदगाहों पर सामूहिक नमाज़ पढ़ी जाती है। यह दृश्य बड़ा मनोहारी होता है। दूर-दूर तक सफ़द टोपी पहने हुए पंक्तिबद्ध सिर खुदा की इबादत में झुक जाते हैं। नमाज़ संपन्न होने पर सब एक दूसरे से गले मिलते हैं और शुभकामनाएँ देते-लेते हैं।

ईद के दिन ईदगाह के आस-पास मेले भी लगते हैं। बच्चों के लिए वे विशेष रूप से आकर्षण के केंद्र होते हैं। इन मेलों में दुकानदार अपनी-अपनी दुकानें लगाते हैं जिनमें तरह-तरह की आकर्षक चीज़ और घर-गृहस्थी का सामान मिलता है। बच्चों के साथ-साथ बड़े भी मेलों का आनंद उठाते हैं।

सभी भारतीय पर्व चाहे ईद हो या होली, बैसाखी हो या क्रिसमस, पूरे समाज के लिए हर्षोल्लास के अवसर होते हैं, अपने जीवन में इनसे एक नई चेतना, एक नई स्फूर्ति आ जाती है। इन अवसरों पर लोग अपने जीवन की कठिनाइयों और भागदौड़ से मुक्त होकर हर्ष और उल्लास में डूब जाते हैं। ईद भी खुशी का ऐसा ही त्योहार है। इसमें महीने भर भूख-प्यास को सह लेने की खुशी, कुरान के धरती पर प्रकट होने की खुशी और खुशी में साझेदारी की खुशी स्वाभाविक रूप से होती है।

Essay on Eid in Hindi

ईद इस्लाम धर्म का पवित्र पर्व है। ईद एकता, प्रेम और भाईचारे की भावना का प्रतीक है। मुस्लिम समुदाय इस त्योहार को सबसे अधिक महत्व देते हैं। मुस्लिम भाई इस त्योहार को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। इंद का त्योहार चन्द्रमा के उदय होने पर ही निर्भर करता है। यह त्योहार प्रसन्नता और पारस्परिक मधुर मिलन के भाव को प्रकट करता है। इस दिन समस्त मुस्लिम समुदाय हर्पित और प्रसन्नचित रहता है।

‘ईद-उल-फितर’ का संबंध इस्लाम धर्म के पवित्र ग्रंथ ‘कुरान’ की उत्पत्ति से हैं। इस्लाम धर्म को मानने वाले ईद के पावन पर्व पर कुरान शरीफ की वर्षगांठ मनाते हैं। इस्लाम धर्म का प्रवर्तक मोहम्मद साहब को माना जाता है। मोहम्मद साहब का जन्म 570 ई। में अरब देश में हुआ था। बचपन में ही माता-पिता का स्वर्गवास हो जाने से इनका पालन-पोषण इनके चाचा अबू तालिब ने किया था। इनकी बेगम का नाम बेगम खदीबा था। विवाह के बाद 40 वर्ष की आयु में इन्होंने लौकिक आकर्षणों का त्याग करके ‘बृबत’ की प्राप्ति की। मोहम्मद साहब ने अपने महान कार्यों द्वारा मुस्लिम समुदाय का पथ-प्रदर्शन किया। ‘कुरान’ इस्लाम धर्म का पवित्र ग्रंथ है।

ईद का उत्सव मनाने से पहले सम्पूर्ण मुस्लिम समुदाय 40 दिनों की साधना करता है। इन 40 दिनों की साधना को रमजान कहा जाता है। इन दिनों में सभी मुस्लिम 24 घंटों में पाँच बार नमाज पढ़ते हैं और दिन में एक बार भोजन करते हैं। यह समय अधिकांशतः रोजे या उपवास में ही बीतता है। लोग नियमपूर्वक मस्जिद में जाकर नमाज अदा करते हैं। 40 दिन की कठोर साधना के बाद ईद का पवित्र त्योहार आता है।

ईद का त्योहार वर्ष में दो बार मनाया जाता है एक ‘ईद-उल-फितर’ जिसे ‘मीठी ईद’ भी कहते हैं और एक ‘ईद-उल-जुहा’ जिसे ‘बकरीद’ भी कहा जाता है। ईद का त्योहार चाँद के दिखाई देने पर मनाया जाता है। ईद का यह चाँद विशेष महीने में विशेष दिन ही दिखाई देता है। जब ईद का चाँद दिखाई दे जाता है, उसके अगले ही दिन ईद का त्योहार मनाया जाता है। ‘ईद-उल-फितर’ का दिन, शाकाहारी ढंग से मनाया जाता है। इस दिन सिवईयाँ, मिठाईयाँ आदि खिलाने की परम्परा है। लेकिन ‘ईद-उल-जुहा’ को माँसाहारी ढंग से मनाया जाता है। इस दिन बकरे को हलाल करके इसे शिरनी या प्रसाद के रूप में बांट कर खिलाने की परम्परा है।

ईद खुशियों का त्योहार है। इस दिन देश के सभी कार्यालय, स्कूल आदि बंद होते हैं। ईद के दिन सभी मुसलमान भाई सुबह-सुबह तैयार होकर मस्जिद में जाते हैं और नमाज अदा करते हैं। इस दिन लोग एक-दूसरे को ‘ईद-मुबारक’ कहते हैं । इस शुभ अवसर पर बड़े, बच्चे को ‘ईदी’ देते हैं। ईद के दिन दिये जाने वाले जेबखर्च को ‘ईदी’ कहा जाता है। घर का हर बड़ा सदस्य छोटे सदस्यों को ईदी देता है। ईद के दिन घरों में तरह-तरह के पकवान बनाए जाते। हैं। घर में आए हुए मेहमानों का आदर-सत्कार किया जाता हैं। इस प्रकार समस्त मुस्लिम समुदाय हर्षोल्लास के साथ इस त्योहार को मनाता है।

जिस प्रकार हिंदू समाज में दीपावली का विशेष महत्व है, उसी प्रकार मुस्लिम समाज में ईद त्योहार का विशेष महत्व है। ईद का त्योहार विशेष सामाजिक महत्व का है। समग्र मुस्लिम समाज में यह त्योहार नवजीवन का संचार करता है । इस त्योहार से इस्लामिक जीवन-पद्धति एवं संस्कृति का अद्भुत परिचय मिलता है। यह त्योहार हमें प्रसन्नता, समानता, भाई-चारे व निस्वार्थ मेल-मिलाप का संदेश देता है। इस त्योहार से लोगों में सद्भावना पैदा होती है। लोग पारम्परिक वैमनस्य को भूलकर प्यार में एक-दूमर के गले मिलते हैं। मनुष्यों के आपस में भ्रातृभाव और निर्मलता का प्रचार होता है। इस प्रकार ईद का पर्व सुख और शांति का संदेश देता है।

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300 words hindi essay

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दीपावली पर निबंध (300 शब्दों में): जानिए दीपावली का महत्व और मनाने के अनुसरणीय तरीके

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Essay on Diwali in Hindi 300 Words

  • दीपावली पर निबंध 300 शब्दों में

इस पोस्ट मे शुभ दिवाली के शुभ अवसर पर  Happy Diwali   के लिए Essay on Diwali in Hindi 300 Words शेयर कर रहे है ,  जिस निबंध को C lass 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखी गई है। जिसे इन कक्षा के छात्र अपनों के साथ शेयर  कर सकते है ,   तो चलिये अब 300 Words On Diwali In Hindi Essay  –  दीपावली पर निबंध 300 शब्दों में को जानते है।

  • दिवाली पर निबंध 300 शब्दों में

Essay on Diwali In Hindi 300 Words

दिवाली जो की हमारे भारत देश में मनाया जाने वाला सबसे बडा़ त्यौहार है। यह त्योहार भगवान श्रीराम के 14 वर्षो के वनवास के पश्चात अयोध्या मे वापस लौटने की खुशी मे पूरे अयोध्या मे घर घर, गली मुहल्ले, हर जगह दीये जलाए गए थे, जिससे पूरा अयोध्या स्वर्ग के समान जगमगाने लगा था, इस तरह हर साल दीये इस शुभ दिन दीये जलाया जाने लगा, जिसे हम सभी दिवाली के त्योहार के रूप मे मनाते है।

दिवाली का त्यौहार हर किसी के लिए खुशियां लेकर आता है, फिर चाहे वो बड़ा हो या बच्चा। हर कोई इस त्यौहार को बड़ी ही धूम धाम से मनाता है। साथ ही स्कूलों, कॉलेजों, दफ्तरों आदि में भी दीवाली का त्यौहार बहुत ही उल्लास के साथ मनाया है, दीपावली का ये त्यौहार साल में एक बार आता है जो कि अक्टूबर या नवम्बर की माह में होता है, दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है,

Table of Contents

दीवाली के कुछ हफ्ते पहले से ही लोग आते ही लोग अपने घर की साफ-सफाई भी करते है। फिर दिवाली के दिन नए कपड़े पहनते है, मिठाई खाते हैं, दीप जलाते है, पटाखे जलाते हैं, लक्ष्मी-गणेश भगवान की पूजा करते हैं, और एक दूसरे को दिवाली की मिठाई बांटते है, और एक दूसरे को दिवाली की शुभकामना देते है, और मिलजुलकर इस तरह दिवाली का त्योहार मनाते है,

दिवाली के एक माह पूर्व से ही लोग घरों की साफ़ सफाई तथा पर्व की तैयारी में लग जाते हैं. लोग अपने घरों दुकानों तथा ऑफिस आदि को सजाते संवारते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी सबसे स्वच्छ स्थल में वास करती हैं. रात में लोग माँ के स्वागत के लिए घरों के द्वार भी खुले छोड देते हैं.

ऐसा भी कहा जाता है कि दीपावली के दिन साफ सफाई रखने से लक्ष्मी का वास होता है। इसीलिए दीपावली के दिन धन की देवी लक्ष्मी माँ और गणेश जी की पूजा होती है. और माँ लक्ष्मी जी के आशीर्वाद से घर मे सुख शांति और वैभव प्राप्त होते है, इसलिए दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी और गणेश जी विशेष अर्चना किया जाता है।

दिवाली को पूरे भारत में खूब धूमधाम से मनाया जाता है, यहा तक कि दिवाली  सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि भारत के बाहर रहने वाले विदेशो मे भी भारतीय और अन्य धर्म के लोग भी बहुत धूम धाम से मनाते हैं…

उसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए हम हर साल दिवाली का उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाते हैं. इस दिन धन की देवी माँ लक्ष्मी की पूजा आराधना की जाती हैं. इस तरह यह एक खुशियों का पर्व है जो हमारे जीवन में आनन्द बिखेर जाता हैं.

हर त्योहार का अपना महत्व हैं. जिस प्रकार ईद मुसलमानों में भाईचारे का त्यौहार माना जाता हैं. उसी प्रकार दीपावली भी स्नेह का त्योहार हैं. इस दिन सभी व्यक्ति अपने इष्ट मित्रों से मिलते हैं. और उन्हें शुभकामनाओं सहित मिठाई आदि भेट करते हैं. सांस्कृतिक पर्व की दृष्टि से यह त्योहार पौराणिक परम्पराओं को बनाए रखने वाला हैं.

तो आप सभी को यह  दिवाली के लिए निबंध – Essay on Diwali in Hindi 300 Words  खूब पसंद आया होगा, तो आप अपने विचार कमेंट मे जरूर बताए और  दिवाली पर निबंध 300 शब्दों में –  Diwali Essay In Hindi 300 Words  को शेयर भी लोगो के साथ जरूर करे। और अंत मे आप सभी को  हैप्पी दिवाली…

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Sir Ji bahut hi Mast essay . Thanks to you . Happy Diwali

Thank you Isha. aapko bhi Happy Diwali

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पर्यावरण संरक्षण पर निबंध (300, 500 और 600 शब्दों में)

दोस्तों, हम अपने पर्यावरण के विषय में तो जानते ही हैं, कि पर्यावरण ही दुनिया के समस्त भगौलिक स्थितियों का नियंत्रणकर्ता है। लेकिन आधुनिक भारत में नवीनीकरण व औद्यौगिककरण ने देश के पर्यावरण को इस तरह दूषित कर दिया है, कि मानव जाति का जीवन ही संकट में अा चुका है।

आज के आर्टिकल के जरिए हम अपने लेख में आपको पर्यावरण संरक्षण विषय पर निबंध प्रस्तुत कर रहे हैं। जो आपकी निबंध प्रतियोगिताओं, निबंध लेखन इत्यादि में लाभकारी साबित होंगे। तो आइए जानते हैं, पर्यावरण संरक्षण पर निबंध

Table of Contents (विषय सूची)

पर्यावरण संरक्षण पर निबंध (300).

पर्यावरण संरक्षण का मतलब है, हमारे आस पास के वातावरण को संरक्षित करना। पर्यावरण मानव जाति के लिए एक उपहार है। जिसको सुरक्षित करना हमारा कर्तव्य है। लेकिन आज के समय में स्वार्थी मनुष्य अपने हित के लिए पर्यावरण का अहित कर रहा है। जो वाकई बेहद घातक सिद्ध हो सकता है। पर्यावरण का मानव जीवन से सीधा संबंध है। इसलिए पर्यावरण को हानि पहुंचेगी तो मानव जीवन भी कलुषित हो जाएगा। यही कारण है कि वर्तमान समय में पर्यावरण संरक्षण के लिए सार्थक कदम उठाए जाने की मांग बढ़ती चली जा रही है।

पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता

हमारे आस पास का समस्त वातावरण जैसे पेड़ पौधे, पशु, पक्षी, मनुष्य, जीव जंतु इत्यादि पर्यावरण का ही एक हिस्सा हैं। इस प्रकार इन सभी का पर्यावरण से घनिष्ठ सम्बन्ध है। हम कह सकते हैं कि यह सब एक दूसरे के पूरक है। ऐसे में यदि आप अपने पूरक को ही दूषित कर देंगे तो निसंदेह आपका दूषित होने भी स्वाभाविक है।

पर्यावरण के दूषित होने से संसार में अनेकों बीमारियां जन्म ले रही हैं। जीव जंतुओं की संख्या भी घटती जा रही है। पेड़ पौधे जो हमें ताजी हवा प्रदान करते हैं. इनकी संख्या घटती जा रही है। ऐसे में पर्यावरण संरक्षण एक सोचनीय विषय बन जाता है।

पर्यावरण संरक्षण के उपाय

पर्यावरण को सुरक्षित करना किसी व्यक्ति का कर्तव्य नहीं है। बल्कि यह संपूर्ण विश्व के लोगों का दायित्व है कि वह पर्यावरण संरक्षण को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। पर्यावरण संरक्षण हेतु अपनाए जाने वाले उपायों में निम्नलिखित उपाय शामिल हैं।

सबसे पहले हमें पर्यावरण को दूषित करने वाले कारकों के विषय में जानना होगी। जब तक इस बात का ज्ञान नहीं होगा कि आखिर पर्यावरण को दूषित करने के पीछे क्या कारण हैं तब तक हम उनका निवारण नहीं कर सकते हैं।

इस प्रकार, पर्यावरण से जन्म लेने वाले हम पर्यावरण के अंश हैं। हमें अपने पर्यावरण का आनंद लेने, उसका प्रयोग करने का जितना अधिकार है उतना ही पर्यावरण को संरक्षण करने का कर्तव्य है। अतः हमें सरकार के साथ मिलकर पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए और उसे प्रदूषण मुक्त करने के लिए एक साथ जागरूक होना होगा।

पर्यावरण संरक्षण पर निबंध (500)

प्रस्तावना : पर्यावरण संरक्षण एक अभ्यास है जिसका उद्देश्य व्यक्तियों, संगठनों और सरकारों के हाथों से प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा करना है। यह समय की मांग है क्योंकि पृथ्वी का पर्यावरण हर दिन बिगड़ रहा है और इसका कारण मनुष्य हैं। वे अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पृथ्वी के पर्यावरण को गलत तरीके से संभाल रहे हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा तो यह कहना मुश्किल है कि आने वाली पीढ़ी के पास रहने के लिए एक सुरक्षित वातावरण होगा या नहीं।

पर्यावरण व मानव जीवन

पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व के लिए अच्छा पर्यावरण होना आवश्यक है। ऐसी चीजें जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही हैं जैसे उद्योगों या कारखानों में काम करना, ईंधन से चलने वाले वाहनों से आना-जाना, एयर कंडीशनर का उपयोग करना आदि हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बन गए हैं। हम जितनी ऊर्जा का उपयोग कर रहे हैं वह आवश्यक है और इसका कोई दूसरा विकल्प नहीं है। पर्यावरण की सुरक्षा के महत्व के बारे में पूरी तरह से जागरूक होने के बावजूद हम पर्यावरण क्षरण में प्रमुख योगदान करें। जो कि मानव जीवन के लिए एक श्राप साबित हो सकता है। इसीलिए बेहद जरूरी है कि आत्मा की शुद्धि पर मनुष्य की आयु वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले पर्यावरण का संरक्षण किया जाए।

पर्यावरण संरक्षण की जरूरत

हर साल प्रदूषण बढ़ने और प्राकृतिक पर्यावरण के बिगड़ने के कारण, प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा के लिए कदम उठाना आवश्यक हो गया है। जैसा कि हम जानते हैं कि इन सभी समस्याओं का कारण मनुष्य है, सरकारों को अपनी गतिविधियों को प्रतिबंधित करने के लिए नीतियां बनानी चाहिए जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही हैं। यदि इन्हें तत्काल नहीं रोका गया तो आने वाले वर्षों में विश्व में कुछ विनाशकारी विनाश देखने को मिल सकता है। उदाहरण के लिए, जलवायु परिवर्तन एक बहुत बड़ी समस्या रही है, और यह बढ़ते प्रदूषण के कारणों में से एक है। एक सुरक्षित भविष्य समग्र रूप से पर्यावरण पर निर्भर करता है।

पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986

पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 में भारत की संसद द्वारा पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण के प्रयास में पारित एक अधिनियम है। यह भोपाल गैस त्रासदी के बाद सरकार द्वारा अधिनियमित किया गया था। यह दिसंबर 1984 में भोपाल, मध्य प्रदेश में एक गैस रिसाव की घटना थी। इसे दुनिया की सबसे भीषण औद्योगिक आपदा माना जाता था क्योंकि आधिकारिक तौर पर मरने वालों की संख्या 2,259 थी और 500,000 से अधिक लोग मिथाइल आइसोसाइनेट (MIC) गैस के संपर्क में आए थे। इस अधिनियम को स्थापित करने का उद्देश्य लोगों को मानव पर्यावरण पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के निर्णयों को लागू करना था। यह पर्यावरण के संरक्षण और सुधार और पर्यावरणीय खतरों की रोकथाम के लिए बनाया गया था।

अतः पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने से रोकने के लिए पर्यावरण संरक्षण अधिनियम बनाए गए हैं। व्यक्ति केवल अपने बारे में सोचते हैं। हालांकि, ये सभी प्रयास तब तक व्यर्थ जाएंगे जब तक कि लोग पर्यावरण को बचाने की अपनी जिम्मेदारी नहीं मानेंगे। हम सभी को अपने पर्यावरण को बचाकर अपने ग्रह को बचाने के लिए व्यक्तिगत रूप से एक साथ आना होगा।

पर्यावरण संरक्षण पर निबंध (600)

मानव जाति हमेशा पर्यावरण के बारे में चिंतित रही है। प्राचीन यूनानियों ने पर्यावरण दर्शन को विकसित करने वाले पहले लोग थे, और उनके बाद भारत और चीन जैसी अन्य प्रमुख सभ्यताओं का पालन किया गया। हाल के दिनों में, पारिस्थितिक संकट के बारे में बढ़ती जागरूकता के कारण पर्यावरण के लिए चिंता बढ़ गई है। क्लब ऑफ रोम, एक थिंक टैंक, अपनी रिपोर्ट “द लिमिट्स टू ग्रोथ” (1972) में दुनिया को अति जनसंख्या और प्रदूषण के खतरों के बारे में चेतावनी देने वाले पहले लोगों में से था।

आधुनिक पर्यावरण आंदोलन 1960 के दशक में शुरू हुआ जब पर्यावरण पर मनुष्यों के नकारात्मक प्रभाव के बारे में चिंताएं शुरू हुईं। इन चिंताओं के जवाब में, दुनिया भर की सरकारों ने पर्यावरण की रक्षा के लिए कानून पारित करना शुरू कर दिया। उदाहरण के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका में, पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (EPA) की स्थापना 1970 में हुई थी।

पर्यावरण संरक्षण के सिद्धांत

पर्यावरण संरक्षण के तीन मूलभूत सिद्धांत है। पहला सिद्धांत बताता है कि यदि किसी गतिविधि में पर्यावरण के लिए नुकसान पहुंचाने की क्षमता है तो उस नुकसान को रोकने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। दूसरा, सिद्धांत प्रदूषण पैदा करने के लिए जिम्मेदार पार्टी को इसे साफ करने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। तीसरा सिद्धांत, जनता को पर्यावरण के लिए किसी भी संभावित खतरों के बारे में जानने का अधिकार है और पर्यावरण को संरक्षित करने उनके कर्मों में से एक भी है।

पर्यावरण संरक्षण के लक्ष्य

पर्यावरण संरक्षण के तीन मुख्य लक्ष्य हैं।

  • मानव स्वास्थ्य की रक्षा करना: यह पर्यावरण संरक्षण का सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य है क्योंकि मनुष्य स्वस्थ पर्यावरण के बिना जीवित नहीं रह सकते हैं।
  • पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा के लिए: पारिस्थितिक तंत्र पृथ्वी पर जीवन की नींव हैं, और वे मनुष्यों को स्वच्छ हवा और पानी, भोजन और फाइबर जैसे कई लाभ प्रदान करते हैं।
  • सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए: सतत विकास एक ऐसा विकास है जो भविष्य की पीढ़ियों की अपनी जरूरतों को पूरा करने की क्षमता से समझौता किए बिना वर्तमान की जरूरतों को पूरा करता है।

पर्यावरण संरक्षण हेतु सुझाव

पर्यावरण संरक्षण के लिए कुछ सुझाव निम्नलिखित हैं:

  • यदि आप अपने घर को पेंट कर रहे हैं, तो लेटेक्स पेंट का उपयोग करें, क्योंकि तेल आधारित पेंट हाइड्रोकार्बन धुएं को छोड़ते हैं।
  • अपने निजी वाहन का उपयोग करने के बजाय, बाइक या सार्वजनिक परिवहन के लिए जाएं। क्योंकि ध्वनि प्रदूषण और स्मॉग में वाहन यातायात का प्रमुख योगदान है।
  • इसके बजाय कम उर्वरक का उपयोग करने या जैविक उर्वरकों का उपयोग करने का प्रयास करें क्योंकि जब बारिश होती है, तो उर्वरक बारिश के पानी के साथ नदियों में बह जाते हैं।
  • वाशिंग मशीन का उपयोग करते समय, इसे पूरा लोड करने का प्रयास करें या लोड के अनुसार जल स्तर को समायोजित करें। वाशिंग मशीन लगभग 40 गैलन पानी का उपयोग करती है।
  • कार या अन्य वाहनों को धोने के लिए नली के बजाय बाल्टी का प्रयोग करें। क्योंकि जब आप काम कर रहे होते हैं तो होज़ से निकलने वाला पानी बहुत सारा पानी बर्बाद करता है।
  • उपयोग में न होने पर लाइट, पंखे और अन्य बिजली के उपकरणों को बंद करके ऊर्जा बचाने का प्रयास करें। इससे आपके बिल को काफी हद तक कम करने में भी मदद मिलेगी।
  • सामान्य रूप से पेड़ पौधों को ना काटे और आसपास छोटे बड़े पेड़ पौधे लगाने का प्रयास करें।
  • देश में पॉलीथिन का प्रयोग करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस प्रकार आप भी पॉलिथीन का यूज़ कम से कम करें। बाजार या दुकान पर सामान लेने के लिए आप अपना कपड़े का थैला यूज करें।

इस प्रकार हम जानते हैं कि मनुष्य ही पर्यावरण को दूषित करने का कारण है। इसीलिए पर्यावरण संरक्षण में मनुष्य को ही अपना विशेष योगदान देना होगा। अब समय समझने का और समझदारी दिखाने का है। हम सभी को मिलकर पर्यावरण संरक्षण की महत्वता को समझना होगा और इसके लिए एक साथ आगे आना होगा।

Also Read:  पर्यावरण संरक्षण पर निबंध, 10 lines  //  पर्यावरण पर निबंध  //  पर्यावरण संतुलन पर निबंध  //  औद्योगीकरण का पर्यावरण पर प्रभाव निबंध, लेख  //  “पर्यावरण” हमारा दायित्व पर निबंध  //  पर्यावरण संरक्षण में विद्यार्थिओं का योगदान  |

पर्यावरण संरक्षण पर 10 LINES

पर्यावरण संरक्षण पर निबंध (300, 500 और 600 शब्दों में) 1

  • महान व्यक्तियों पर निबंध
  • पर्यावरण पर निबंध
  • प्राकृतिक आपदाओं पर निबंध
  • सामाजिक मुद्दे पर निबंध
  • स्वास्थ्य पर निबंध
  • महिलाओं पर निबंध

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  • अगस्त माह के प्रमुख दिवस (Important Days and Dates in August Month)
  • अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) (250 Words)
  • अधिवक्ता दिवस (Advocate's Day) (248 Words)
  • अन्नपूर्णा जयंती (Annapurna Jayanti) (200 Words)  
  • अनुच्छेद लेखन (Hindi Paragraph Writing)  
  • अनुशासन का महत्त्व (Importance of Discipline) (330 Words)
  • अप्रैल माह के प्रमुख दिवस (Important Days and Dates in April)  
  • अबुल कलाम आज़ाद जयंती (Maulana Abul Kalam Azad Jayanti) (200 Words)
  • अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'   (Ayodhya Singh Upadhyay 'Hariaudh') (310 Words)
  • अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami) (300 Words)
  • अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) (200 Words)
  • आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी (Acharya Mahavir Prasad Dwivedi) (275 Words)  
  • आज़ाद जयंती (Chandrashekhar Azad Jayanti) (360 Words)
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) (335 Words)  
  • आर. वेंकटरमण (R. Venkatraman) (240 Words)
  • ओम पुरी (Om Puri) (200 Words)  
  • अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय दिवसों की सूची (List of International and National Days)  
  • अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस (International Men's Day) (225 Words) 
  • अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस (International Day of Girl Child) (350 Words)  
  • अंबेडकर जयंती (Ambedkar Jayanti) (258 Words)
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  • इंटरनेट का महत्त्व (Importance of Internet) (330 Words)
  • इंद्र कुमार गुजराल (Indra Kumar Gujral) (250 Words)
  • इन्दिरा गांधी (Indira Gandhi) (230 Words)
  • इन्दिरा गांधी जयंती (Indira Gandhi Jayanti) (250 Words)  
  • इलाहाबाद (Allahabad) (375 Words)  
  • ईद (Id-ul-Fitr) (300 Words)  
  • उपसर्ग और प्रत्यय में अंतर (Difference between Prefix & Suffix)
  • उल्लू (Owl) (200 Words)  
  • एच.डी. देवगौड़ा (H.D. Deve Gowda) (230 Words)  
  • कछुआ (Turtle) (250 Words)
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  • कबीर जयंती (Kabir Jayanti) (375 Words)  
  • कंप्यूटर (Computer) (270 Words)
  • कंप्यूटर: आज की आवश्यकता (Computer: Today's Necessity) (400 Words)
  • कर्पूरी ठाकुर (Karpoori Thakur) (215 Words)
  • कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) (230 Words)  
  • कांशीराम (Kanshiram) (250 Words)
  • कांशीराम जयंती (Kanshiram Jayanti) (255 Words)
  • क्रिकेट विश्व कप- 2011 में भारत की जीत (Win of India in Cricket World Cup- 2011) (335 Words)  
  • कृष्णा सोबती (Krishna Sobti) (240 Words)  
  • क्रिसमस वृक्ष (Christmas Tree) (225 Words)  
  • के.आर. नारायणन (K.R. Narayanan) (275 Words)  
  • कोयल (Cuckoo) (200 Words)
  • कोरोना वायरस (Corona Virus) (230 Words)
  • खुदीराम बोस (Khudiram Bose) (240 Words) 
  • ग्लोबल वार्मिंग की समस्या (Problem of Global Warming) (390 Words)  
  • गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) (250 Words)  
  • गणेश शंकर विद्यार्थी (Ganesh Shankar Vidyarthi) (200 Words)
  • गंगा (Ganga) (225 Words)
  • गांधीवाद (Gandhism) (200 Words)
  • ग्रीष्म ऋतु (Summer Season) (200 Words)
  • गुरु की महिमा (Greatness of Teacher) (300 Words)
  • गुरु गोबिंद सिंह (Guru Gobind Singh) (380 Words) 
  • गुरु गोबिंद सिंह जयंती (Guru Gobind Singh Jayanti) (365 Words)   
  • गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) (200 Words)  
  • गुलज़ारी लाल नंदा (Gulzari Lal Nanda) (220 Words)
  • गुलाब (Rose) (325 Words)
  • गौरैया (Sparrow) (240 Words)
  • घोड़ा (Horse) (200 Words)
  • चक्रवर्ती राजगोपालचारी (C. Rajgopalachari) (300 Words)
  • चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) (264 Words)
  • चंडीगढ़ (Chandigarh) (240 Words)  
  • चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) (200 Words)
  • चंद्रशेखर (Chandrashekhar) (260 Words)  
  • चंद्रशेखर आज़ाद (Chandrashekhar Azad) (300 Words)  
  • चंद्रशेखर वेंकट रमन ( सी०वी० रमन ) (C.V. Raman) (231 Words)
  • छठ पूजा (Chhath Puja) (300 Words)  
  • छिपकली (Lizard) (200 Words)
  • जनवरी माह के प्रमुख दिवस (Important Days & Dates in January)  
  • जल का महत्व (Importance of Water) (245 Words)  
  • जल प्रदूषण (Water Pollution) (400 Words)
  • जयप्रकाश नारायण (Jayaprakash Narayan) (225 Words)  
  • जयशंकर प्रसाद (Jaishankar Prasad) (355 Words)  
  • जवाहरलाल नेहरु (Jawaharlal Nehru) (200 Words)  
  • जान है तो जहान है ( If there's life, then there's the world ) (315 Words)  
  • जापान में सुनामी और भूकंप- 2011 (Tsunami and Earthquake in Japan- 2011) (200 Words)
  • जीवन में खेलों का महत्त्व (Importance of Games in Life) (300 Words)
  • जुलाई माह के प्रमुख दिवस (Important Days and Dates in July Month)
  • जून माह के प्रमुख दिवस (Important Days and Dates in June)  
  • टेलीविज़न (Television) (316 Words) 
  • टेलीविज़न: समाज पर दुष्प्रभाव (Television: Bad Impact on Society) (325 Words)
  • डॉ० ए०पी०जे० अब्दुल कलाम (Dr. A.P.J. Abdul Kalam) (230 Words)
  • डॉ० ज़ाकिर हुसैन (Dr. Zakir Hussain) (236 Words)
  • डॉ० नगेन्द्र (Dr. Nagendra) (235 Words)  
  • डॉ० बी०आर० अंबेडकर (Dr. B.R. Ambedkar) (200 Words)  
  • डॉ० मनमोहन सिंह (Dr. Manmohan Singh) (280 Words)
  • डॉ० रघुवीर सिंह (Dr. Raghuvir Singh) (200 Words)  
  • डॉ० राजेन्द्र प्रसाद (Dr. Rajendra Prasad) (248 Words)  
  • डॉ० वासुदेव शरण अग्रवाल (Dr. Vasudev Sharan Agrawal) (265 Words)
  • डॉ० सम्पूर्णानन्द (Dr. Sampurnanand) (325 Words)  
  • डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Dr. Sarvepalli Radhakrishnan) (230 Words)    
  • डॉ० हज़ारी प्रसाद द्विवेदी (Dr. Hazari Prasad Dwivedi) (330 Words)
  • तुलसीदास (Tulsidas) (240 Words)
  • दिसम्बर माह के प्रमुख दिवस (Important Days and Dates in December Month)
  • दीवाली- प्रकाश का त्यौहार (Diwali- A Festival of Light) (330 Words)  
  • देवोत्थान एकादशी (Devutthana Ekadashi) (255 Words)  
  • देश प्रेम दिवस (Desh Prem Diwas) (225 Words)
  • ध्वनि प्रदूषण (Sound or Noice Pollution) (250 Words)  
  • नवम्बर माह के प्रमुख दिवस (Important Days and Dates in November Month)  
  • नाग पंचमी (Nag Panchami) (200 Words)
  • नानाजी देशमुख (Nanaji Deshmukh) (345 Words)
  • निबंध लेखन | निबंध रचना (Hindi Essay Writing)  
  • नीलम संजीव रेड्डी (Neelam Sanjiva Reddy) (222 Words)
  • नेताजी सुभाष चन्द्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) (224 Words)
  • नेपाल भूकंप त्रासदी- 2015 (Nepal Earthquake- 2015) (300 Words)
  • नैन सिंह रावत (Nain Singh Rawat) (235 Words)  
  • पटेल जयंती (Patel Jayanti) (250 Words)  
  • पत्र लेखन (Hindi Letter Writing)
  • पी०वी० नरसिंह राव (P.V. Narsimha Rao) (240 Words)
  • पुस्तकालय (Library) (225 Words)
  • पुस्तकालय का महत्त्व (Importance of Library) (230 Words)  
  • प्रणब मुख़र्जी (Pranab Mukherjee) (265 Words)  
  • प्रतिभा पाटिल (Pratibha Patil) (228 Words)  
  • प्रदूषण (Pollution) (350 Words)
  • प्राकृतिक आपदा (Natural Disaster) (365 Words) 
  • पितृ दिवस (International Father's Day) (240 Words)  
  • पृथ्वी रक्षा (Save Earth) (317 Words)
  • पृथ्वी- हमारी धरोहर (Earth- Our Legacy) (314 Words)  
  • पोला (Pola) (270 Words)
  • फखरुद्दीन अली अहमद (Fakharuddin Ali Ahmed) (220 Words)
  • फरवरी माह के प्रमुख दिवस (Important Days & Dates in February)  
  • बकरीद (Id-ul-Zuha) (219 Words)
  • बत्तख (Duck) (200 Words)
  • बिल्ली (Cat) (200 Words)  
  • बिहारीलाल (Biharilal) (230 Words)
  • बी.डी. जत्ती (B.D. Jatti) (310 Words)  
  • बैसाखी (Baisakhi) (260 Words)  
  • बंदर (Monkey) (200 Words)
  • भगत सिंह (Bhagat Singh) (255 Words)  
  • भारत में बाल-श्रम (Child Labour in India) (300 Words)
  • भारत रत्न विजेता (List of Recipients of Bharat Ratna Award) (220 Words)  
  • भारतीय राष्ट्रीय त्यौहार (National Festivals of India) (220 Words)
  • भारतेंदु हरिश्चंद्र (Bhartendu Harishchandra) (300 Words)
  • भारतेंदु हरिश्चंद्र (Bhartendu Harishchandra) (325 Words)  
  • भूकंप (Earthquake) (400 Words)
  • भूपेन हज़ारिका (Bhupen Hazarika) (310 Words)  
  • भूमि प्रदूषण (Land Pollution) (200 Words)  
  • मई माह के प्रमुख दिवस (Important Days and Dates in May)  
  • मदन मोहन मालवीय (Madan Mohan Malviya) (260 Words)
  • मलिक मुहम्मद जायसी (Malik Muhhammad Jayasi) ( 240 Words)  
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  • महामारी (Pandemic) (300 Words)
  • महाशिवरात्रि (Mahashivratri) (310 Words)  
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  • मीराबाई (Meerabai) (300 Words)
  • मुंशी प्रेमचंद (Munshi Premchand) (350 Words) 
  • मुहर्रम (Muharram) (200 Words)  
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  • मेरा प्रिय मित्र (My Best Friend) (230 Words)  
  • मेरा प्रिय लेखक (My Favourite Author) (225 Words)
  • मेरा प्रिय शौक (My Hobby) (275 Words)
  • मेरी माँ (My Mother) (330 Words)  
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  • मैथिली शरण गुप्त (Maithili Sharan Gupt) (335 Words)  
  • मोरारजी देसाई (Morarji Desai) (200 Words)  
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  • मौलाना अबुल कलाम आज़ाद (Maulana Abul Kalam Azad) (300 Words)  
  • यशपाल (Yashpal) (200 Words)
  • रविदास जयंती (Ravidas Jayanti) (267 Words)  
  • राज्यवर्धन सिंह राठौर (Rajyavardhan Singh Rathore) (260 Words)
  • राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) (220 Words)  
  • राजेन्द्र प्रसाद जयंती (Rajendra Prasad Jayanti) (230 Words)  
  • राणा सांगा (Rana Sanga) (200 Words)
  • रानी लक्ष्मीबाई (Rani Lakshmibai) (330 Words)
  • रानी लक्ष्मीबाई जयंती (Rani Lakshmibai Jayanti) (200 Words)  
  • रामधारी सिंह 'दिनकर' (Ramdhari Singh 'Dinkar') (310 Words)  
  • रामनवमी (Ram Navami) (295 Words)  
  • रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) (330 Words)  
  • राम मनोहर लोहिया (Ram Manohar Lohia) (213 Words)
  • रामवृक्ष बेनीपुरी (Ramvriksha Benipuri) (240 Words)  
  • राष्ट्रीय एकता (National Unity) (366 Words)
  • राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day) (270 Words)  
  • राष्ट्रीय किसान दिवस (National Farmers Day) (250 Words)
  • राष्ट्रीय महिला दिवस (National Women's Day) (245 Words)
  • राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day) (286 Words)  
  • राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (National Science Day) (220 Words)  
  • राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day) (200 Words)
  • रास बिहारी बोस (Ras Bihari Bose) (400 Words)
  • राहुल सांकृत्यायन (Rahul Sankrityayan) (290 Words)
  • लाला लाजपत राय (Lala Lajpat Rai) (200 Words)
  • लाला लाजपत राय जयंती (Lala Lajpat Rai Jayanti) (270 Words)  
  • लोहिया जयंती (Lohia Jayanti) (210 Words)  
  • विद्यालय में बच्चों को दंड देना उचित है (Children should be punished in schools) (200 Words)
  • विनोबा भावे (Vinoba Bhave) (225 Words)
  • विश्व अस्थमा दिवस (World Asthma Day) (209 Words)
  • विश्व कछुआ दिवस (World Turtle Day) (200 Words)  
  • विश्व कप- 2011 (World Cup- 2011) (200 Words)
  • विश्व किडनी दिवस (World Kidney Day) (225 Words)
  • विश्व खाद्य दिवस (World Food Day) (250 Words)
  • विश्व गौरैया दिवस (World Sparrow Day) (235 Words)
  • विश्व जल दिवस (World Water Day) (200 Words)  
  • विश्व डाक दिवस (World Post Day) (400 Words)  
  • विश्व दिव्यांग दिवस (International Day of Persons with Disabilities) (200 Words)
  • विश्व दृष्टि दिवस (World Sight Day) (300 Words)  
  • विश्व योग दिवस (World Yoga Day) (325 Words)
  • विश्व विद्यार्थी दिवस (World Students' Day) (240 Words)
  • विश्व वेटलैंड्स दिवस (World Wetlands Day) (200 Words)  
  • विश्व शिक्षक दिवस (World Teachers' Day) (200 Words)  
  • विश्व स्वास्थ्य दिवस (World Health Day) (225 Words)
  • विश्व सामाजिक न्याय दिवस (World Day of Social Justice) (250 Words)
  • विश्व होमियोपैथी दिवस (World Homeopathy Day) (200 Words)  
  • विश्व क्षय रोग दिवस (World Tuberculosis Day) (218 Words)
  • विज्ञान के चमत्कार (Wonders of Science) (400 Words)
  • विज्ञापन (Advertisement) (290 Words)
  • विज्ञापन- वरदान या अभिशाप (Advertisement- A Bane or Boon) (215 Words)
  • वी.पी. सिंह (V.P. Singh) (215 Words)
  • वी.वी. गिरी (V.V. Giri) (350Words)  
  • वृक्ष रक्षा (Save Trees) (270 Words)  
  • वृक्षारोपण  (Tree Plantation) (270Words)
  • वृक्षारोपण का महत्व (Importance of Tree Plantation) (271 Words)
  • श्याम सुन्दर दास (Shyam Sundar Das) (225 Words)
  • शिक्षक, जो मुझे सबसे अधिक प्रिय हैं (Teacher I Like Most) (350 Words)  
  • स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekanand) (243 Words)
  • स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekanand) (268 Words)
  • स्वस्थ आहार और व्यायाम का महत्त्व (Importance of Healthy Diet and Exercise) (400 Words)
  • स्वास्थ्य ही धन है (Health is Wealth) (200 Words)
  • स्वास्थ्य ही धन है (Health is Wealth) (400 Words)
  • सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' (Sachchidanand Hiranand Vatsyayan 'Agyeya') (265 Words)
  • सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) (300 Words)  
  • संत रविदास (Ravidas) (320 Words)
  • सरदार पूर्ण सिंह (Sardar Puran Singh) (275 Words) 
  • सरदार भगत सिंह (Sardar Bhagat Singh) (255 Words)
  • सरदार वल्लभभाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) (221 Words)  
  • सरस्वती पूजा (Saraswati Pooja) (200 Words)  
  • सरोजिनी नायडू (Sarojini Naidu) (239 Words)
  • समय का सदुपयोग (Utilization of Time) (400 Words)  
  • समाचार पत्र (Newspaper) (280 Words)  
  • साइना नेहवाल (Saina Nehwal) (227 Words)  
  • सितम्बर माह के प्रमुख दिवस (Important Days and Dates in September Month)
  • सुधा चंद्रन (Sudha Chandran) (265 Words)
  • सुभाष चन्द्र बोस जयंती (Subhash Chandra Bose Jayanti) (241 Words)
  • सुमित्रानंदन पंत (Sumitranandan Pant) (300 Words)
  • सूरदास (Surdas) (250 Words)  
  • सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) (335 Words)  
  • सेलफोन और विद्यार्थी (Cell Phone and Students) (204 Words)  
  • संस्कृति और सभ्यता (Culture and Civilization) (200 Words)  
  • हमारा देश (Our Country) (275 Words)
  • हमारे राष्ट्रीय पर्व (Our National Festivals) (380 Words)
  • होली- रंगों का त्योहार (Holi- Festival of Colours) (290 Words)  
  • क्षय रोग (Kshay Rog or T.B.) (216 Words)  
  • ज्ञानी ज़ैल सिंह (Giani Zail Singh) (240 Words)  

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