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अनुशासन पर निबंध – Anushasan Essay in Hindi

Anushasan Essay in Hindi आज हम अनुशासन पर निबंध हिंदी में लिखने वाले हैं. Discipline पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए है. इस निबंध को हमने अलग-अलग शब्द सीमा में लिखा है जिससे अनुच्छेद और निबंध लिखने वाले विद्यार्थियों को कोई भी परेशानी नहीं हो और वह Essay on Discipline in hindi  के बारे में अपनी परीक्षा में लिख सकेंगे.

Anushasan Essay in Hindi 150 words

जीवन में अनुशासन का बहुत महत्व होता है इसके बिना सफल जीवन जीने की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. जो भी अपने जीवन में अनुशासन नहीं रखता है वह कभी भी सफल नहीं हो सकता चाहे वह मनुष्य हो या फिर कोई वन्य प्राणी.

अगर हमें जीवन में सफल होना है तो समय पर उठना होगा समय पर सोना होगा और बिना समय को खराब करें अनुशासन की पालना करनी होगी. Anushasan किसी के सिखाने से नहीं आता यह स्वंय को सीखना होता है.

Anushasan Essay in Hindi

जैसे गुरु आपको शिक्षा दे सकते हैं सही मार्ग पर चलना सिखा सकते है लेकिन उस शिक्षा का आप किस प्रकार अनुसरण करते है यह आप पर निर्भर करता है. अगर आप एक सफल व्यक्ति बनना चाहते है और अपने माता-पिता का नाम रोशन करना चाहते हैं तो अपने जीवन में अनुशासन की आज और अभी से पालना करनी शुरू कर दे और हमेशा अपने से बड़ों को सम्मान दें.

Anushasan Essay in Hindi 250 words

हमारे जीवन का हर एक क्षण मूल्यवान है अगर हम जीवन को बिना अनुशासन के जीते हैं तो हमेशा ही दुख और असफलता का मुंह देखना पड़ता है. Discipline का मतलब होता है कि अपने जीवन में कुछ नियम बनाकर चलें और साथ ही समय का सदुपयोग करते हुए अपना जीवन जिए.

अनुशासन की गई कारण आप सोचते हैं कि हम नियमों में अगर बंध जाएंगे तो अपना जीवन खुशहाली पूर्वक कैसे जी पाएंगे ?

अनुशासन का मतलब यह नहीं होता है कि आप अपनी इच्छा अनुसार अपना जीवन नहीं जी पाएंगे इसका मतलब यह होता है कि आपको हर कार्य समय पर और व्यवस्थित ढंग से करना होता है

जैसे सुबह उठने से लेकर स्कूल जाने तक, ऑफिस जाने तक, किसी जरूरी कार्य पर जाने तक अगर आप इन कार्यों को समय पर नहीं करते है तो आप जीवन में कभी भी सफल नहीं हो पाते है. और साथ ही कई लोग आपका साथ भी छोड़ देते है जिससे आप जीवन में अकेले पड़ जाते है.

अगर आप जीवन को अनुशासन से जिएंगे तो आप जीवन में सफल नहीं होंगे बल्कि लोग आपका आदर और सम्मान भी करेंगे. अनुशासन का मतलब यह भी होता है कि वह बड़े बुजुर्गों का सम्मान करें और सभी लोगों से आदर और प्रेम पूर्वक बात करें. कभी भी ऐसा काम ना करें जिससे किसी भी व्यक्ति को चोट या ठेस पहुंचे.

अपने जीवन में एक बात गांठ बांधकर चलें कि हमें हमेशा समय का सदुपयोग करना है और जीवन को Anushasan से जीना है तभी हमारे जीवन जीना सफल हो पाएगा.

Essay on Discipline in Hindi 350 Words

अनुशासन किसी व्यक्ति या संस्था के सफल भविष्य निर्माण कर सकता है अगर अनुशासन नहीं होगा तो भविष्य का निर्माण कभी भी नहीं हो सकता है. अनुशासन सफलता की कुंजी है जिससे कठिन से कठिन परीक्षा में भी सफल हो या जा सकता है.

Discipline हमें हमेशा अपनी सीमा में रहना सिखाता है लेकिन अनुशासन ही हमें सीमाओं को तोड़ना भी सिखाता है. जिस प्रकार जीवन जीने के लिए जल की जरूरत होती है उसी प्रकार जीवन में सफलता पाने के लिए अनुशासन का भी उतना ही महत्व होता है.

हम अपने आसपास के माहौल से बहुत सी चीजें सीखते है जिनमें कुछ चीजें अच्छी होती है तो कुछ बुरी भी होती हैं अनुशासन हमें सही और गलत में फर्क करना सिखाता है. अनुशासन हमें समय के साथ चलना और परिवर्तन करना भी भली-भांति सिखाता है.

हम अनुशासन की प्रेरणा प्रकृति से रह सकते है जैसे सूरज हर रोज सुबह अपने समय पर निकलता है और शाम को ढल जाता है उसी के साथ पृथ्वी की अपनी धुरी पर घूमती है और हमें दिन से रात और रात से दिन देखने को मिलता है.

यह भी पढ़ें –   विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध – Vidyarthi aur Anushasan Essay in Hindi

इस बात से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमेशा समय के साथ चलें और संसार में होने वाले परिवर्तनों को भी अपनाते रहे, तभी हम सफलता की सीढ़ी चढ़ सकेंगे. जीवन में प्रतिदिन समस्याएं आती रहेंगी लेकिन अगर हम अनुशासन में रहते है तो उनका हल हम निकाल ही लेते है.

अनुशासन में सिर्फ समय की पालना करना और समय के साथ चलना है ही नहीं आता है Discipline किसे कहते हैं जिसमें व्यक्ति सभी लोगों से प्रेम भाव से बात करता हो, अपने से बड़े लोगों को आदर और सम्मान देता हो, कभी किसी को नीचा दिखाने की कोशिश ना करता हो यह सब अनुशासन ही हमें सिखाता है.

कुछ अनुशासन का भाग हमें शिक्षको और अपने माता-पिता द्वारा सीखने को मिलता है. वे हमेशा हमें अच्छी बातें सीखने को कहते है और अगर हम कभी कुछ गलत करते हैं तो हमें हमारी गलती का भी एहसास कराते है वे हमें सही मायनों में अनुशासन में रहना सिखाते है.

इसलिए अगर आपको अपना जीवन खुशहाली और सफलता पूर्वक बिताना है तो हमेशा अनुशासन की पालना करें.

Anushasan Essay in Hindi 1000 words

अनुशासन शब्द से ही हमें सीखने को मिलता है कि अपने आप अपनी गलतियों का अनुसरण करना और सही मार्ग अपनाना ही अनुशासन कहलाता है. अनुशासन का एक और मतलब है कि आप अपने ऊपर स्वयं कंट्रोल रख सकें.

क्योंकि इस दुनिया में ज्यादातर लोग आपको गलत राह पर ले जाने की कोशिश करते है और अगर आपका अपने आप पर ही कंट्रोल नहीं होगा तो आप गलत राह पर जा सकते है इसलिए जीवन में अनुशासन का अहम स्थान है इसके बिना सफल जीवन की कामना करना वैसा ही है जैसे बिना बीज बोए फसल की कामना करना.

Anushasan हम में पहले से ही होता है लेकिन उस को अमल में लाने की जरूरत होती है जिसके लिए हमें बचपन से ही विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने के लिए भेजा जाता है जिससे वहां के शिक्षक हमें पढ़ाई के साथ-साथ अनुशासन भी सिखाते है.

जब हम छोटे बच्चे होते हैं तब हम एक खाली किताब की तरह होते है जिसमें उस समय जो भी लिख दिया जाता है वह जिंदगी भर हमारे साथ रहता है. इसलिए हमें बचपन से ही बड़ों का आदर करना और समय को बर्बाद नहीं करना सिखाया जाता है.

Discipline हम किसी को सिखा नहीं सकते हैं यह तो हम सिर्फ उनको बता सकते है लेकिन इस को अमल में लाना उन पर निर्भर करता है. हमारे माता पिता हमें सही और गलत में फर्क करना सिखा सकते हैं लेकिन अब यह हमारे ऊपर निर्भर करता है कि हम गलत का साथ देते हैं या फिर सही का यहां पर हमारा अनुशासन ही काम आता है जो कि हमें सही राह पर चलना सिखाता है.

अनुशासन सफलता की पहली सीढी है जिसके बिना सफलता की कामना नहीं की जा सकती है. अनुशासन सभी जगह पर काम आता है चाहे वह किसी कार्यालय में जाना हो या स्कूल में जाना हो खेलने जाना है पढ़ने जाना हो या फिर किसी से मिलने जाना हो.

अगर हम Anushasan में रहेंगे तो यह कार्य हम बहुत ही सरल ढंग से कर लेंगे लेकिन अगर हमारा जीवन में अनुशासन नहीं होगा तो हम कभी भी समय पर कार्यालय नहीं पहुंच सकते और समय पर किसी से मिलने नहीं जा सकते.

जिसके कारण लोग हम पर विश्वास करना कम कर देंगे और जीवन में अगर एक बार किसी से विश्वास उठ जाता है तो दोबारा विश्वास कायम करने में बहुत समय लग जाता है इसलिए हमेशा हमें अनुशासन में रहना चाहिए.

हमारे देश में बहुत से महापुरुष हुए हैं जो कि हमेशा अनुशासन का पालन करते थे जिसके कारण उन्हें महापुरुष का जाता है उनमें से एक हमारे पूज्य महात्मा गांधी जी है. जिनके अनुशासन के कारण आज हमारा देश आजाद हो पाए है.

वह जब देश को आजाद कराने चले थे तब अकेले ही चले थे लेकिन उनके अनुशासन के कारण लोगों का उन पर विश्वास बढ़ता गया और लोग उनके साथ जुड़ते गए और परिणाम स्वरुप हमारा देश आजाद हो गया. इस से आप समझ सकते हैं कि अनुशासन का जीवन में कितना बड़ा महत्व होता है.

अनुशासन में रहना हम एक छोटी सी चींटी से भी सीख सकते हैं अगर आपने कभी चीटियों को देखा होगा तो वह हमेशा एक कतार में चलती है और लगातार अपने कार्य में लगी रहती हैं हम अगर उनके रास्ते में कोई बाधा भी उत्पन्न करते हैं तब भी वह कोई ना कोई रास्ता निकाल कर अपनी मंजिल तक पहुंच ही जाती है.

और हम मनुष्य हैं कि जब भी हमें कतार में लगने को कहा जाए तो हमें ऐसा लगता है कि हमें नियमों में बांधा जा रहा है लेकिन हम यह नहीं समझते कि हमारे कतारबद्ध रहने से सभी का काम जल्दी होगा.

यह छोटी-छोटी अनुशासन में रहने की बातें हम हमारे पर्यावरण से सीख सकते हैं लेकिन हम हमेशा इन बातों को नजरअंदाज कर देते हैं जिसके कारण हमें जीवन में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.

हम अनुशासन में रहना एक बहती हुई नदी से सीख सकते हैं जो कि हमेशा अपने पथ पर बहती है और अगर उसके पथ के बीच में कोई चट्टान भी आ जाए तो वह उसे काट कर आगे चली जाती है. वह उस पहाड़ को इसलिए ही काट पाती है क्योंकि वह चट्टान को देखकर अपना रास्ता नहीं बदलती है.

अगर हम भी जीवन में Discipline में रहें और अपने लक्ष्य ऊपर ही ध्यान रखे तो जीवन में कितनी भी बड़ी कठिनाई क्यों ना आए हम उसे आसानी से पार कर सकते है. आपने देखा होगा कि अनुशासन के पालन करने से ही आज हमारे देश में कई सफल व्यक्ति है.

जैसे धीरूभाई अंबानी,रतन टाटा, अजीज प्रेम जी और हमारे देश के प्रधानमंत्री ऐसे कई सफल व्यक्ति हैं जिन्होंने अनुशासन की सहायता से अपने सफलता के झंडे गाड़ दिए हैं जिनके आज देश में ही नहीं विदेशों में भी उनकी सफलता के लिए जाना जाता है.

आप इन सभी व्यक्तियों को या तो देखा होगा तो यह सभी हमेशा अनुशासन का पालन करते हैं हमेशा अपना कार्य समय पर करते है इन सभी व्यक्तियों की निर्णय लेने की क्षमता अच्छी होती है इसका कारण यही होता है कि यह हमेशा अपने जीवन में अनुशासन बनाए रखते है.

अनुशासन हमारे जीवन का अनिवार्य और अभिन्न अंग है जिसके बिना सफलता प्राप्त नहीं की जा सकती है. अनुशासन की प्रेरणा हम किसान से ले सकते हैं क्योंकि किसान जब खेत में बीज बोता है तो उसे वो कर भूल नहीं जाता है वह प्रतिदिन उसे खाद और पानी देता है तभी जाकर फसल की पैदावार होती है.

किसान के लिए यही अनुशासन है अगर वह नियमित रूप से फसल को पानी और खाद नहीं देगा तो फसल की पैदावार नहीं होगी इसी प्रकार अगर हम नियमित रूप से सफलता के लिए मेहनत नहीं करेंगे तो हमारा असफल होना तय है.

Anushasan के मायने सभी व्यक्तियों के लिए अलग अलग हो सकते हैं जैसे कार्यालय में जाने वाले व्यक्ति हमेशा समय से कार्यालय पर पहुंचे और अपना कार्य सही ढंग से करें.

विद्यार्थियों के लिए अनुशासन का रूप है कि वह सदा अपने गुरुजनों का आदर करें और प्रतिदिन विद्यालय में जाए और एकाग्रता पूर्वक पढ़ाई करें.

खिलाड़ी के लिए आवश्यक है कि वह प्रतिदिन अपने खेल के प्रति समर्पित रहे उसको और अच्छा करने के लिए प्रतिदिन प्रयास करता रहे.

सेना में सैनिक के लिए अनुशासन का रूप है कि वह हमेशा देश की सेवा करता रहे और देश की सेवा में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं करें.

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हम आशा करते है कि हमारे द्वारा Anushasan Essay in Hindi  पर लिखा गया निबंध आपको पसंद आया होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले। इसके बारे में अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

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Akshita ji apna sujhav dene ke liye Dhanyawad, hum jald hi bhumika wala nibandh bhi update kare ge.

Thankyou sir ye nibandh bohut accha hein mere exam mein ye topic aya to mein yahi likhungi

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अनुशासन का महत्त्व पर निबंध

Anushasan ka Mahatva: हर व्यक्ति के जीवन में अनुशासन की एक अहम भूमिका होती है। यह शिक्षा और विकास के क्षेत्र में विशेष महत्व रखता है। साथ ही हर नए आयाम तक पहुँचाने में अप्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार होता है।

एक सफल व्यक्ति के पीछे अनुशासन ही होता है। यह व्यक्ति को नियमित और संगठित बनाता है। साथ ही अनुशासन समय का सही प्रयोग, स्वयं से नियंत्रित करने में और लक्ष्य को प्राप्त करने में सहयोग करता है।

अनुशासन हर किसी के जीवन में कई प्रकार से योगदान देता है। अनुशासन का महत्त्व हर किसी के जीवन में विशेष होता है। यहां पर अनुशासन का महत्त्व पर निबंध शेयर कर रहे हैं, जो बहुत ही सरल शब्दों में लिखा गया है।

anushasan ka mahatva

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अनुशासन का महत्त्व पर निबंध | Anushasan ka Mahatva Esaay in Hindi

अनुशासन का महत्व पर निबंध 100 शब्दों में.

हर व्यक्ति के जीवन में अनुशासन का बहुत ही महत्व होता है। यदि किसी के जीवन में अनुशासन नहीं और वह व्यक्ति अनुशासनहीन है तो वह कभी अपने जीवन में सफ़लता हासिल नहीं कर सकता है।

हर सफ़ल व्यक्ति के पीछे उसके अनुशासन का बहुत महत्व होता है। किसी भी काम को समय पर पूरा करना और सही ढंग से करना हमारे अनुशासन को दर्शाता है। एक छात्र के जीवन में अनुशासन का होना बहुत ही जरूरी है।

अनुशासन के बिना हमारा पूरा जीवन अस्त-व्यस्त बना रहता है। हमें अपने जीवन में अनुशासन का महत्व को समझना चाहिए और पूरे जीवन में अनुशासन बनाएं रखना चाहिए।

anushasan ka mahatva nibandh

अनुशासन का महत्व पर निबंध 150 शब्दों में (Essay on Discipline 150 Words)

हर साधारण व्यक्ति और विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन बहुत ही महत्व रखता है। अनुशासन व्यक्ति को आज्ञाकारी बनाता है। अनुशासन से ही व्यक्ति सफलता तक पहुंचता है। अनुशासन जो विद्यार्थी बनने से लेकर बड़े होने तक व्यक्ति के साथ रहता है।

अनुशासन में हम ऐसे कह सकते हैं कि मैं रहते हुए आपको अपने माता-पिता अपने शिक्षकों और अपने से बड़ों का आदर और सम्मान करना चाहिए और उनके कही हुई बात को पूरा करना चाहिए। यही अनुशासन का प्रतीक है।

अनुशासन के तौर पर और भी कई कार्य होते हैं। जैसे सुबह उठ कर फ्रेश होना, अपने दांत को साफ करना, नहाना, उसके बाद नाश्ता करना और फिर स्कूल के लिए जाना होता है।

अपनी दिनचर्या के आधार पर जीवन को व्यतीत करना भी एक अनुशासन है और यही अनुशासन का महत्व है। जो व्यक्ति को उसकी जीवन में हर ऊंचाई हासिल करने की क्षमता पैदा करता है। अनुशासन ही व्यक्ति को अपने आसपास और खुद की स्वच्छता और सफाई रखने के लिए प्रेरित करता है।

अनुशासन ही व्यक्ति को हमेशा बड़ों के साथ आदर के साथ पेश होने की आदत डालता है और अनुशासन विद्यार्थी को यूनिफॉर्म में और समय पर स्कूल जाने के लिए प्रेरणा देता है। अनुशासन हर किसी के जीवन मुख्य इकाई मानी जाती है।

अनुशासन पर निबंध हिंदी में 200 शब्द

यदि आपको अपने जीवन में सफ़ल होना है तो आपके जीवन में अनुशासन का होना बहुत ही जरूरी है। आप बिना अनुशासन के अपने जीवन में कुछ भी हासिल नहीं कर सकते और इसके बिना आप अपने सुखी जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते।

अनुशासन हमारे जीवन का मूल मन्त्र है। यदि हमारे जीवन में अनुशासन होगा तो हम कभी किसी काम को सही तरीके से और कभी समय पर नहीं कर पाएंगे। आज जो भी सफ़ल व्यक्ति है, आप उनकी जीवनियां उठाकर देख लें सभी के अपने जीवन में अनुशासन का महत्व समझा है।

महात्मा गाँधी अपने जीवन में समय का और दिनचर्या का बहुत ही कठोरता से पालन करते थे। अंग्रजों की सेना बहुत कम थी लेकिन उन्होंने भारत पर अधिक समय तक शासन किया। इसके पीछे उनका अनुशासन ही है।

उन्होंने अनुशासन का अच्छे से पालन किया। भारत के द्वारा किया गया पहला स्वतंत्रता संग्राम भी आपसी तालमेल और अनुशासन नहीं होने के कारण ही सफ़ल नहीं हो पाया था। इसलिए हमारे जीवन में अनुशासन बहुत महत्व रखता है और हर व्यक्ति के जीवन में अनुशासन होना जरूर होना चाहिए। अनुशासन से ही एक सफ़ल जीवन की कल्पना की जा सकती है।

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अनुशासन पर निबंध हिंदी में 250 शब्द

हमारे शरीर दिमाग और आत्मा को नियंत्रित रखने का काम अनुशासन का होता है। अनुशासन ही हमें परिवार में बड़ों की आज्ञा को मानना माता पिता और शिक्षकों की आज्ञा को मानना तथा उनके द्वारा बताए गए कार्य को करना इन सभी में मदद करता है।

अनुशासन जो व्यक्ति के खुद के जीवन में कुछ नियम और कानून बनाता है और उन्हें नियम और कानून के बलबूते पर विद्यार्थी जीवन से लेकर व्यक्ति अंत तक अपना जीवन यापन करता है।

जो विद्यार्थी अनुशासन से रहता है, वह विद्यार्थी आगे जाकर सफल इंसान बन जाता है। जिस प्रकार के सूरज रोजाना अपने समय पर ऊग जाता है और समय पर अस्त हो जाता है, उसी प्रकार के मनुष्य को अपने हर कार्य को करने के लिए एक अनुशासन होना जरूरी है। अनुशासन मनुष्य के विकास के लिए बहुत ही ज्यादा आवश्यक है।

यदि मनुष्य अनुशासन के साथ अपना जीवन यापन करता है तो वह अपने भविष्य को सुखद और उज्जवल बना सकता है। मनुष्य के द्वारा अनुशासन में रहते हुए किया गया। हर कार्य उसे सफलता की ओर ले जाता है। अनुशासन के द्वारा मनुष्य अपने आप को सफल बना सकता है।

विद्यार्थी के जीवन में भी अनुशासन बहुत ही ज्यादा महत्व रखता है। विद्यार्थी जब स्कूल जाता है तो उसे अनुशासन की कई बातें सिखाई जाती है और विद्यार्थी अपने सामान्य जीवन में उन बातों का ध्यान भी रखता है।

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अनुशासन का महत्व निबंध 350 शब्दों में (Anushasan ka Mahatva Nibandh)

हमारे जीवन में अनुशासन का बहुत बड़ा महत्व होता है। एक खुशहाल जीवन के लिए हमारे जीवन में अनुशासन होना जरूरी है। अनुशासन से हम अपने जीवन में कई नई-नई ऊंचाइयों को छू सकते हैं। ये हमेशा हमें एक सही राह की ओर ही ले जाता है।

हमारे जीवन ऐसे कई काम है, जो हम उसे उसके नियमों से करते हैं। ये एक अनुशासन का ही उदाहरण है। स्कूल या फिर अपने कार्यलय समय पर जाना हमारे में कितना अनुशासन दर्शाता है। यदि हमारे जीवन में अनुशासन नहीं होगा तो हमारे जीवन में कई सारी परेशानीयों का आना जाना बना रहता है।

यदि हमें एक सफ़ल जीवन जीना है तो उसके लिए हमारे जीवन में अनुशासन बहुत ही जरूरी है। इसके बिना हम एक सफ़ल जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।

अनुशासन का सिर्फ ये ही मतलब नहीं होता कि सभी काम समय पर ही पूरा करना इसका मतलब ये भी होता है कि आप उस काम को कितना सही तरीके से करते हैं और उसे कितने मन से करते हैं। हर काम पीछे आपका अनुशासन दिखाई पड़ता हैं। इसलिये आप जो भी काम करे पूरे मन और अनुशासन के साथ करें। हमें Anushasan ka Mahatva समझान चाहिए।

हमारी प्रकृति भी अनुशासन के साथ चलती है तभी इसके किसी भी काम में कोई गड़बडी नहीं आती है। दिन-रात सही समय पर होना, सूर्य और चाँद का सही समय पर उदय होकर अस्त होना। ये सभी हमारे जीवन में अनुशासन के महत्व को दर्शाते है।

हमारे पूर्वज समय के पालन को लेकर बहुत ही सजग रहा करते थे, उनका हर काम समय से हुआ करता था। आज के समय में आप सफ़ल लोगों के जीवन के बारे में पढेंगे तो उन्होंने सभी को अनुशासन का सन्देश ही दिया है और खुद ने भी अनुशासन का ही पालन किया है।

हमारे जीवन में अनुशासन का विशेष महत्व होता है। हम बिना अनुशासन के किसी काम में सफ़ल नहीं हो सकते है। इसलिए हमें अपने जीवन में अनुशासन रखना चाहिए और सभी को इसके महत्व के बारे में बताना चाहिए।

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अनुशासन पर निबंध (500 शब्द)

व्यक्ति चाहे छोटा हो या बड़ा सभी के जीवन में अनुशासन एक मुख्य भूमिका निभाता है, अनुशासन के बिना जीवन बेकार हो जाता है। अनुशासन ही विद्यार्थी और व्यक्ति को कार्य को सही तरीके से करने और कार्य को करने की रणनीति बनाने में मदद करते हैं।

अनुशासन की जरूरत हर जगह पड़ती है। अनुशासन ही व्यक्ति को हर कार्य को आसान करने में मदद करता है और अनुशासन व्यक्ति के जीवन में बहुत सारे अवसर उत्पन्न कर देता है।

व्यक्ति को सफलता तक पहुंचने में अनुशासन की मुख्य भूमिका होती है और सफल व्यक्ति को भी अनुशासन का पालन करना चाहिए।

मनुष्य के जीवन में अनुशासन का महत्व

अनुशासन का महत्व हर व्यक्ति के जीवन में है। व्यक्ति को सही तरीके से जीना अनुशासन ही सिखाता है। अनुशासन ही हर कदर और कायदे से व्यक्ति को परिचित कराता है और मान सम्मान से अवगत करवाता है।

मनुष्य को अपने से बड़ों से किस प्रकार से बात करनी है। अपने माता-पिता से किस प्रकार से बात करनी है और अपने शिक्षकों के साथ किस प्रकार से बात करनी है यह सब अनुशासन ही सिखाता है।

माता-पिता और अपने शिक्षकों आज्ञा का पालन करना उनका सम्मान करना यह सारी बातें अनुशासन से ही मनुष्य को सीखने को मिलती है। अनुशासन मनुष्य के हर कार्य को आसान कर देता है।

मुश्किलों को कम कर देता है और मनुष्य को सफलता की राह तक पहुंचाने के लिए अनुशासन कई रास्ते उपलब्ध करवा देता है, जिससे मनुष्य आसानी से सफलता तक पहुंच सके।

इसलिए हर व्यक्ति को अपने जीवन को अनुशासन के साथ जीना चाहिए। अपने जीवन पर आपको खुद को नियम बनाने अनिवार्य है और उन्हीं नियमों के आधार पर आपको जीना चाहिए।

विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन का महत्व

विद्यार्थी के जीवन में भी हर पल अनुशासन की जरूरत होती है। बचपन से ही माता-पिता के द्वारा बच्चों को अनुशासन सिखाया जाता है और उसके अगले चरण में बच्चों को विद्यार्थी जीवन के रूप में अध्यापकों और माता पिता के द्वारा अनुशासन सिखाया जाता है।

अनुशासन विद्यार्थियों की जड़ों को मजबूत करने और विद्यार्थियों के लिए हर कार्य को आसान करने के लिए बहुत ही ज्यादा जरूरी है। विद्यार्थी को दिनचर्या के साथ जीवन यापन करने के लिए भी अनुदेशन की प्रेरणा देता है। अनुशासन विद्यार्थी को सुबह उठना, व्यायाम करना, समय पर स्कूल पहुंचना, यूनिफॉर्म में स्कूल पहुंचना इत्यादि बातों को ध्यान रखने के लिए मदद करता है।

अनुशासन के फायदे

अनुशासन के बिना मनुष्य का जीवन बेकार है। अनुशासन के फायदे मनुष्य के जीवन में अनगिनत है। अनुशासन की जरूरत हर व्यक्ति को हर पल रहती है। अनुशासन के मुख्य फायदे कुछ इस प्रकार से है।

  • अनुशासन व्यक्ति को कदर और कायदे के साथ-साथ मान और सम्मान सिखाता है।
  • हर व्यक्ति और विद्यार्थी को दिनचर्या के साथ जीवन यापन करने में अनुशासन की भूमिका होती है।
  • बड़ों की आज्ञा का पालन करना और उनके द्वारा कहे गए कार्य को करना यह भी अनुशासन की वजह से ही होता है।
  • अनुशासन के साथ जीवन यापन करने वाले व्यक्ति को सफलता जल्दी मिलती है।
  • सफलता हासिल करने के पीछे अनुशासन का हाथ होता है, जो व्यक्ति अनुशासन की पालना नहीं करते हैं। उनको सफलता बहुत मुश्किल से या बिल्कुल ना के बराबर मिलती है।

बच्चा जब पैदा होता है, उसके पश्चात माता-पिता के द्वारा उसे अनुशासन सिखाया जाता है। आगे जाकर विद्यालय में अनुशासन सीखता है और उसके बाद भी अनुशासन के साथ जीवन जीना मनुष्य के लिए जरूरी है।

जीवन में अनुशासन का महत्व 800 शब्दों में (Jivan Mein Anushasan ka Mahatva)

हमारे जीवन को खुशहाल बनाये रखना हमारे जीवन की अहम जिम्मेदारी है। इसके लिए हमारे जीवन में अनुशासन होना बहुत ही जरूरी है। अनुशासन हमारे जीवन का एक महत्पूर्ण हिस्सा है।

ये हमारे जीवन का आधार है, जो जीवन को एक सही पथ पर चलने के लिए प्रेरित करता है। इस कारण इसका पालन करना और इसका महत्व समझना मनुष्य जीवन में बहुत ही जरूरी है।

अनुशासन का अर्थ (Meaning of Discipline)

अनुशासन का अर्थ होता है कि नियमों से पालन करना इसको अंग्रेजी में Discipline कहा जाता। है अनुशासन संस्कृत की शास धातु से बना हुआ है। शास का अर्थ होता है, नियमों का सही से पालन।

अनुशासन का अर्थ होता है कि हमें दी गई सभी आज्ञायों का सही से और नियम से पालन करना और उसका उलंघन करने पर उसके लिए दिए गये दण्ड को आज्ञापूर्वक स्वीकार करना। ये ही अनुशासन का सही अर्थ और मतलब होता है।

अनुशासन का महत्व (Importance of Discipline in Hindi)

हमारे जीवन में अनुशासन का महत्व बहुत ही जरूरी है। अनुशासन हमारे जीवन में सभी कार्यों को क्रमबद्ध और संयमित तरीके से करने के एक महत्वपूर्ण विधि है। यदि हम अपने जीवन में नियमित दिनचर्या का पालन करते हैं तो हमारा जीवन में काफी सुधार आ सकता है।

जिन लोगों की दिनचर्या अस्त-व्यस्त होती है, उनके जीवन में कभी अनुशासन नहीं होता और उनका हर दिन व्यर्थ के कार्यों में ही चला जाता है।

यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन में अनुशासन से हट जाता है तो वह चरित्रहीन, दुराचारी और निंदनीय हो जाता है और उसका फिर कहीं पर ही सम्मान नहीं होता। अनुशासन से ही हम अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं।

अनुशासन विद्यार्थी के जीवन में बहुत ही जरूरी होता है। क्योंकि विद्यार्थी जीवन में हम जो कुछ भी सीखते है, वह हमारे पूरे जीवन साथ रहता है।

अनुशासन में छोटो से प्यार, बड़ो का आदर, अपने शिक्षकों का सम्मान, समय का आदर और सम्मान आदि आते हैं जो हर किसी के जीवन में जरूरी है। खेल में अनुशासन महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। एक अनुशासित खिलाडी ही खेल को अच्छी तरह से जीत सकता है।

दैनिक जीवन में अनुशासन

हम अनुशासन का सही मतलब तभी समझ सकते हैं, जब हम अपने जीवन में अनुशासन से रहना शुरू करेंगे। इसके लिए अपने परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों को सम्मान के साथ पुकारे और इनका सम्मान करना करें। खुद को ताजा रखने के लिए हमेशा योग का सहारा लें और व्यायाम करें।

सुबह के समय नाश्ता करने से पहले अपने मुंह को अच्छी तरह से साफ़ करें और ब्रश करके ही नाश्ता करें। जब भी कहीं बाहर काम पर या विद्यालय जाये तो बिना भोजन के नहीं जाएं। हर काम को करने से पहले उसके बारे में अच्छी जानकारी लें और उसे अच्छे तरीके से संपन करें।

बड़ो द्वारा दिए गये काम को समय पर पूरा करें और उनका अपमान नहीं करें। आप ऐसा कोई काम नहीं करें, जिससे कि वह आपसे नाखुश हो जाये, सभी का आदर सत्कार करना चाहिए।

अनुशासनहीनता एक अभिशाप (About Discipline in Hindi)

एक अनुशासनहीन व्यक्ति का जीवन पूरी तरह से असफलता, आलस्य और हार आदि से हमेशा के लिए घिरा हुआ रहता है। इसका समाज और परिवार में कोई मान-सम्मान नहीं होता।

व्यक्ति में अनुशासन नहीं होने के कारण झगड़े आदि होते है। दुर्भाग्यवस आज हमारे समाज, अधिकारी, कर्मचारी और प्रशासन आदि में अनुशासनहीनता बढ़ती ही जा रही है।

अनुशासित रहने के तरीके (Lines on Discipline in Hindi)

हम अपने जीवन को अनुशासित बनाने के लिए नीचे दिए गए बिन्दुओं का सहारा ले सकते हैं:

  • अपने किसी भी कार्य को आज ही पूरा करना, कल के लिए नहीं छोड़ना।
  • एक सही और अच्छी दिनचर्या का पालन करना।
  • अपने हर कार्य को पूरी लग्न और मेहनत से करना।
  • हमेशा बुरी आदतों और बूरे कामों से दूर रहना।
  • हमारे जीवन में बहुत से कार्य व्यर्थ होते हैं, उनसे दूरी बनाना।

अनुशासन के बिना मनुष्य का जीवन अधूरा होता है। हर व्यक्ति के जीवन में अनुशासन होना बहुत ही जरूरी होता है। अनुशासन ही हमारे सफ़लता की कुंजी है। हमारे जीवन में इसका बहुत महत्व होता है।

इसके अनुसार ही हमारे जीवन का भविष्य तय होता है। इसलिए हमें अपने जीवन में अनुशासन को महत्व देना चाहिए और एक अनुशासित जीवन जीना चाहिए।

अनुशासन का महत्त्व पर निबंध (1000 शब्द)

अनुशासन जिसका मतलब होता है, नियमों के अनुसार अपने जीवन को यापन करना। अनुशासन के बारे में बात करें तो अनुशासन मानव मानव के लिए लक्ष्य और प्रगति की ओर ले जाने वाला एक मूल मंत्र होता है। अनुशासन के अंदर मनुष्य की सारी शक्तियां अंकित होती है।

यदि कोई भी मनुष्य अपने जीवन का हर कार्य अनुशासन में रहकर करता है तो ऐसे में मनुष्य के समय की बहुत अधिक बचत होती है। साथ के साथ हर मनुष्य के जीवन में इधर-उधर की बातें बहुत ज्यादा होती है। अनुशासन की वजह से बहुत सारी इधर-उधर की बातें खत्म हो जाती है।

अनुशासन का हर व्यक्ति के जीवन में बहुत ही ज्यादा महत्व होता है। अनुशासन के आधार पर व्यक्ति यदि अपना जीवन यापन करें तो व्यक्ति को जल्द से जल्द सफलता मिल सकती है। साथ ही साथ व्यक्ति अपने जीवन के हर कार्य को पूरी तरह से सिस्टमैटिक कर सकता है।

प्रकृति और अनुशासन

हमारे वायुमंडल में अनुशासन का सबसे बेहतरीन उदाहरण देखा जाए तो चंद्रमा और सूर्य जो अपने अनुशासन में बंधे हुए हैं और अनुशासन के हिसाब से चलते हैं। यदि इन दोनों को अनुशासन में नहीं बांधा होता तो आज के समय में दिन और रात का यह समय निर्धारित नहीं होता।

प्रकृति के द्वारा मनुष्य को उसके जीवन के लिए पूरी छूट दी गई है। ऐसे में मनुष्य अनुशासन का ध्यान ना रखते हुए सारे काम करता है और मनुष्य अपने जीवन के सभी रास्तों को भटक जाता है या फिर उसी लक्ष्य को हासिल करने के लिए मनुष्य को अधिक समय लगता है।

मनुष्य यदि अनुशासन में रहकर कोई भी कार्य को संपन्न करें तो उसे सफलता जल्दी हाथ लगती है। पुराने जमाने का एक और उदाहरण देखा जाए तो अंग्रेजों ने भारत पर राज किया था। अंग्रेजों की सेना बहुत कम थी।

लेकिन फिर भी उन्होंने भारत पर इसलिए राज किया क्योंकि उनका पूरा अनुशासन था और पूरी फौज अनुशासन पर चलती थी। इसीलिए भारत की पूरी जनसंख्या के सामने अंग्रेजों की छोटी सी फौज भारी पड़ी और भारत पर उन्होंने कब्जा कर लिया।

अनुशासन का अर्थ

अनुशासन शब्द जो दो शब्दों से मिलकर बनता है। अनु + शासन के मिलने से अनुशासन शब्द का निर्माण होता है। अनुशासन शब्द का अर्थ होता है कि नियमों का पालन करना। चाहे वह अपनी जिंदगी हो, चाहे बाहरी वातावरण हो। हर जगह पर मनुष्य को अनुशासन का पालन करना चाहिए और अनुशासन में रहना सीखना चाहिए।

मनुष्य की शारीरिक और मानसिक क्रिया विधि में विकास करने के लिए नियम का निर्माण करना बहुत ही जरूरी है। मनुष्य के द्वारा शारीरिक व मानसिक रूप से किए जाने वाले सभी कार्य को यदि नियमित रूप से किया जाए तो मनुष्य के द्वारा कार्य क्षेत्र में प्रगति की जा सकती है।

अनुशासन किसे कहते हैं?

मनुष्य के अपने खुद के विकास के लिए जो नियम निर्धारित की जाती है, उसी नियम को रोजाना पालन करना चाहे वह नियम आपको अच्छे लगे या अच्छे नहीं लगे। फिर भी उन नियमों का रोजाना पालन करना ही अनुशासन कहलाता है। अनुशासन के बिना मनुष्य का जीवन अधूरा है।

उदाहरण के रूप में देखा जाए तो बिना तेल की सब्जी खाना पूरी तरह से व्यर्थ है। उसी प्रकार से अनुशासन के बिना मनुष्य का जीवन भी व्यर्थ है। मनुष्य को अपने जीवन में खुद के द्वारा कुछ नियम बनाने जरूरी होते हैं और उन्हीं नियमों की पालना करते हुए अपने जीवन को गुजारना भी जरूरी होता है।

अनुशासन की प्रेरणा कहां से लें?

उन्हीं नियमों के आधार पर रोजाना की दिनचर्या को डालना होगा। अनुशासन को सीखने के लिए सबसे पहले आपको अपने जीवन पर कुछ जरूरी नियमों का निर्माण करना होगा। उदाहरण के रूप में आप रोजाना प्रकृति को देख सकते हैं।

जिस प्रकार से सूर्य रोजाना नियमित समय पर ऊगता हैं और नियमित समय पर ही अस्त हो जाते हैं। उसी प्रकार से आपको भी अपने जीवन में एक समय सीमा और नियमों का निर्धारण करना जरूरी होता है।

अनुशासन का महत्व

जीवन में अनुशासन बहुत जरुरी है। अनुशासन के माध्यम से व्यक्ति अपने सभी कार्य को क्रमबद्ध तरीके से कर सकता है या फिर कह सकते है कि अनुशासन जो की जीवन में जितने भी कार्य है, उनको व्यवस्थित तरिके से करने की विधि है।

अनुशासन के महत्व की बात करें तो हर किसी इंसान के लिए यह जरुरी है। बड़े-बड़े उद्योगपति भी अपने काम को अनुशासन से करते है ताकि काम सही तरिके से सम्पन्न हो सकता है और समय भी कम लगता है।

जो लोग अनुशासन को नहीं मानते है, उन लोगों का हर दिन ऐसे ही व्यर्थ चला जाता है। वे लोग अपने जीवन में आगे नहीं बढ़ पाते है। उनकी जिंदगी पूरी तरिके से अस्त-व्यस्त रहती है। उनके जीवन में कोई भी नियम और कानून नहीं होते है।

जब कोई भी व्यक्ति अनुशासन की रह से दूर हट जाता है तो वह व्यक्ति चरित्रहीन भी बन सकता है। अनुशासन के बाहर रहने वाला व्यक्ति बड़ो की इज्ज़त नहीं करता है। साथ ही अनुशासनहीन व्यक्ति का व्यवहार अलग ही होता है। अनुशासन में रहकर व्यक्ति अपने जीवन को सार्थक बना सकता है।

अनुशासन में रहकर व्यक्ति जो बाते सीखता है, वह व्यक्ति के जिंदगी भर साथ चलती है। विधार्थी जीवन के लिए भी अनुशासन बहुत जरुरी होता है और स्कूल में विधार्थियो को अनुशासन में रहना सिखाया जाता है।

दैनिक जीवन में अनुशासन का महत्व

जीवन के हर मोड़ पर अनुशासन जरुरी है। अनुशासन के तहत व्यक्ति छोटों से प्यार और बड़ों के साथ सम्मान बाट सकता है। दैनिक जीवन में भी अनुशासन बहुत जरुरी है। जैसे व्यक्ति सुबह उठकर सबसे पहले माता पिता और बड़ों को प्रणाम करके उनका आशीर्वाद लेता है।

उसके बाद ब्रश करता है, उसके बाद स्नान करता है। बाद में चाय नास्ता करके अपने काम के लिए निकल जाता है। यही नियम रोजाना पालन करने जरुरी होते है।

अनुशासन जो मनुष्य के जीवन की महत्वपूर्ण इकाई होती है। अनुशासन के तहत रहकर व्यक्ति अपने जीवन को सवार सकता है। हर व्यक्ति के लिए अनुशासन जरुरी होता है। अनुशासित व्यक्ति की अल ही पहचान दिखाई देती है।

हमने यहां पर विभिन्न शब्द सीमा में अनुशासन का महत्व हिंदी में निबंध लिखे हैं। उम्मीद करते हैं कि आपको यह अनुशासन का महत्त्व पर निबंध (Anushasan ka Mahatva in Hindi) पसंद आयेंगे। इन्हें आगे शेयर जरूर करें।

  • विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध
  • विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व पर निबंध
  • समय का सदुपयोग पर निबंध

Rahul Singh Tanwar

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Comments (7).

Thanks for all the information

nice essay very helpful for students

Bahut achi batein likhi aapne.

I love this link ????? Sooooo nice and lond essay I mean निबंध

Really helpful and motivation full ♥

Very nice essay for student

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speech on anushasan in hindi

अनुशासन पर निबंध Essay on Discipline in Hindi

Essay on Discipline in Hindi

Hindi Essay and Paragraph Writing – Discipline (अनुशासन ) for all classes from Class 1 to Class 12

अनुशासन पर निबंध –  इस लेख में हम अनुशासन का अर्थ, जीवन में अनुशासन का महत्त्व, दैनिक जीवन में अनुशासन, अनुशासन के लाभ के बारे में जानेंगे|  | अनु का अर्थ है पालन और शासन का मतलब नियम। हमारे जीवन में अनुशासन का बहुत महत्व है यह हमें नियमों का पालन करना सिखाता है। हमें हर समय इसका पालन करना है चाहे वो स्कूल, घर, कार्यालय, संस्थान, फैक्टरी, खेल का मैदान, युद्ध का मैदान या दूसरी जगह हों।अक्सर स्टूडेंट्स से असाइनमेंट के तौर या परीक्षाओं में अनुशासन पर निबंध पूछ लिया जाता है। इस पोस्ट में अनुशासन  पर कक्षा 1 से 12 के स्टूडेंट्स के लिए 100, 150, 200, 250 और 350 शब्दों में संक्षिप्त निबंध/अनुच्छेद दिए गए हैं।

  • अनुशासन पर 10 लाइन  10 lines

अनुशासन पर अनुच्छेद 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में

  • अनुशासन पर अनुच्छेद 4 और 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में
  • अनुशासन पर अनुच्छेद 6, 7 और 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में

अनुशासन पर अनुच्छेद 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में

अनुशासन  पर 10 लाइन  10 lines on discipline in hindi.

  • अनुशासन एक क्रिया है जो हमारे शरीर, दिमाग और आत्मा को नियंत्रित करके नियमों का पालन करना सिखाता है।
  • समय का पाबंद, बड़ों का सम्मान, नियमित दिनचर्या व बुरी आदतों से दूर रहना अनुशासन कहलाता है।
  • अनुशासन के पालन से व्यक्ति का जीवन सफल और सार्थक बनता है। 
  • अनुशासन हमारे बेहतर चरित्र का निर्माण करता है।
  • अनुशासन का न होना हमें गैर जिम्मेदार और आलसी बना देता है।
  • अनुशासन का दृढ़तापूर्वक पालन हमें समय का पाबंद बनाता है
  • अनुशासन हमें अच्छाई और बुराई में फर्क दिखता है।
  • एक अनुशासित व्यक्ति अपने से बड़ों के आदेशों का पालन पूरी निष्ठा भाव और ईमानदारी से करता है।
  • अनुशासन हमारे जीवन में आत्मविश्वास और आत्म-नियंत्रण विकसित करने में सहायता करता है।
  • अनुशासन के नीति नियम को प्रत्येक व्यक्ति को अपने लिए निर्धारित करना चाहिए।

Short Essay on Discipline in Hindi अनुशासन पर अनुच्छेद कक्षा 1 to 12 के छात्रों के लिए 100, 150, 200, 250 से 300 शब्दों में

अनुशासन पर निबंध/अनुच्छेद  – जीवन का पहला और सबसे महत्वपूर्ण सबक अनुशासित होना है। यदि अनुशासन का पाठ बचपन से ही शुरू हो जाए तो यह कठिन नहीं है, लेकिन अगर यह देर से शुरू होता है तो यह जीवन में सीखने का सबसे कठिन पाठ हो सकता है। पूर्ण आत्म-नियंत्रण प्राप्त करने के लिए कठिन अनुशासन और समर्पण की आवश्यकता होती है। अच्छा अनुशासन अपना सर्वश्रेष्ठ ला सकता है और हम समाज की सर्वोत्तम सेवा कर सकते हैं और अपने आसपास के लोगों की अपेक्षाओं पर खरे उतरेंगे। 

अनुशासन सफलता की सीढ़ी है। अनुशासन में रहने से ही व्यक्ति को हर जगह सम्मान मिलता है। इसलिए हमें हमेशा अनुशासन में रहना चाहिए और अपने जीवन में सफल होने के लिए अपने शिक्षक और माता-पिता के आदेशों का पालन करना चाहिये। हमें सुबह जल्दी उठना चाहिए और सभी काम सही समय पर करना चाहिए।

एक अनुशासित व्यक्ति अपने जीवन को बेहतर बनाने में सफल होता है और अपनी सफलता का छाप दूसरों पर छोड़ते है। देश की सुरक्षा भी एक अनुशासित सेना द्वारा की जाती है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने छात्र जीवन में अनुशासन का विकास करना चाहिए। जीवन में अनुशासन नहीं होने कारण लोग सफलता प्राप्त नहीं कर पाते हैं।

अनुशासन पर अनुच्छेद 4, 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में

अनुशासन हमारे जीवन का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके बिना हमारा जीवन सुचारु रुप से नहीं चल सकता है। इसलिए हमें अपने जीवन में अनुशासन को अपनाने के लिए उन सभी नियमों का पालन करना चाहिए जिससे हमारा जीवन बेहतर बन सके, जैसे हमें अपने शिक्षक और बड़ों के आज्ञा का पालन करना चाहिए, बुरी आदतों से दूरी बनाना चाहिए और अपने दैनिक कामों को सही समय पर और पूरी लगन से करना चाहिए।

जीवन में अनुशासन को अपनाने से कई प्रकार के लाभ मिलते हैं। अनुशासित रहने वाले व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में मान-सम्मान और सफलता प्राप्त करते हैं। अनुशासन अगर देखना है तो सेना को देखना चाहिए। जहां प्रत्येक सैनिक अपने नेता की आज्ञा का पालन बड़ी तत्परता से करते हैं। तभी तो उन्हें विजय प्राप्त होती है। आज की प्रमुख समस्या अनुशासनहीनता ही है। नियम या नियंत्रण में रहना कोई पसंद नहीं करता। आज ऐसी उथल-पुथल मची है कि व्यक्ति खुद भी गिर रहा है और देश को भी पतन की ओर ले जा रहा है।

अनुशासन पर अनुच्छेद 6, 7, 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में

अनुशासन सभी के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। अनुशासन एक व्यक्ति को इतना आदर्श बना देता है कि वह व्यक्ति दूसरों की अपेक्षा कुछ विशेष दिखाई पड़ता है। उसका सब ओर सम्मान होता है तथा सफलता उसके चरण चूमती दिखाई देती है। वही अनुशासनहीन व्यक्ति अपने जीवन में लेशमात्र भी सफल नहीं होता, बल्कि वह अपने पतन के साथ ही साथ समाज का भी विनाश करता है। अनुशासित जीवन ही वास्तविक जीवन है। इसलिए अपने जीवन को अनुशासित बनाए रखने के लिए हमें हर संभव प्रयास करना चाहिए। क्योंकि अनुशासन ही सफल जीवन की पहली सीढ़ी मानी जाती है। हमें अपने जीवन में अनुशासन को अपनाने के लिए निम्नलिखित तरीकों का पालन करना चाहिए जैसे –

  • एक संतुलित और नियमित दिनचर्या का पालन करना चाहिए।
  • कार्यों को समय पर पूरा करने की हर संभव कोशिश करना चाहिए।
  • व्यर्थ के कार्यों से दूर रहना चाहिए।
  • बुरी आदतों और कार्यों से दूरी बनाना चाहिए।
  • अपने कार्यों के प्रति पूरी लगन रखना चाहिए।

अनुशासन केवल बड़े लोगों के लिए नहीं है बल्कि छोटे बच्चों के लिए भी उतना ही महत्व रखता है जितना बड़ों के लिए। विशेषतौर से विद्यार्थियों के लिए अनुशासन का महत्व बहुत अधिक होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसी आयु में उन्हें सब कुछ सीखने को मिलता है। विद्यार्थियों को अपने भावी जीवन के निर्माण की तैयारी करनी होती है। जो बड़ी कठोर साधना है। इसके लिए विद्यार्थी को अनुशासित जीवन व्यतीत करना होगा। अनुशासन विद्यार्थी-जीवन की आधारशिला है। अनुशासन में रहने वाला बालक ही देश का सभ्य नागरिक बनता है और देश को उन्नत बनाने में सहयोग देता है।

आज के युग में छात्र वर्ग और समाज के जीवन को लेकर चलने वाला सर्वाधिक चर्चित विषय है – अनुशासन । व्यक्ति समाज व राष्ट्र की उन्नति का मूलाधार अनुशासन ही है। अनुशासन ही देश को महान बनाता है।

अनुशासन शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है – ‘अनु और शासन’। अनु का अर्थ है पालन और शासन का अर्थ है नियम । इसका सरल अर्थ है – किसी नियम समूह का पालन करना या गुरुजनों और पथ-प्रदर्शकों के नियंत्रण में जीवन बिताना । इसी प्रकार अपने मन की समस्त वृत्तियों को काबू में रखना भी अनुशासन ही है। अनुशासन के दो रूप है – ‘आंतरिक अनुशासन’ व ‘बाह्य अनुशासन’। अपनी श्रेणी में किसी सभा में शांत रहना, समूह में चलते हुए पंक्तिबद्ध होकर चलना, समूह में कार्य करते समय उचित-अनुचित का ध्यान रखना, राज्य के नियमों का पालन करना आदि अनुशासन के बाहरी रूप है। अपनी इन्द्रियों व मन को काबू में रखना आंतरिक अनुशासन होता है।

आज समाज व राष्ट्र को अनुशासन की सर्वाधिक आवश्यकता है। अनुशासित व्यक्ति ही अपने व्यक्तिगत व सामाजिक जीवन में व्यवस्थित रीति से चलता है। अनुशासित व्यक्ति के प्रत्येक कार्य नियमबद्ध होते है। वस्तुत: जो व्यक्ति समाज या घर में, बाजार में, कार्यालय में तथा सभा आदि में वहां के नियमों के नियंत्रण में चलता है, वही सुखी रहता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने शैक्षणिक वर्षों के दौरान अनुशासन विकसित करना चाहिए। अनुशासन बनाए रखने वाला व्यक्ति न केवल अपना जीवन बेहतर बनाता है, बल्कि अपनी उपलब्धियों को प्रदर्शित करते हुए दूसरों पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है और वही देश का सभ्य नागरिक बनता है और देश को उन्नत बनाने में सहयोग करता है। उदाहरण के तौर पर देखा जाए तो, प्रकृति भी नियमपूर्वक चलती है। सूरज और चाँद का सही समय पर उगना और अस्त होना, सुबह और शाम का होना, पेड़-पौधों पर फल-फूल लगना, नदियों का हमेशा बहते रहना आदि। सृष्टि का समस्त कार्य एक निश्चित नियंत्रण या अनुशासन के अधीन चलता है।

आज की प्रमुख समस्या अनुशासनहीनता ही है। नियम या नियंत्रण में रहना कोई पसंद नहीं करता। आज ऐसी उथल-पुथल मची है कि व्यक्ति हर नियमों को तोड़ रहा है। लोगों द्वारा जरा सी बात को लेकर लड़ाई-झगड़ा करना या बेकाबू हो जाना, गुस्सा करना, किसी का कहना न मानना, आदर्शों की खिल्ली उड़ाना आदि । इससे व्यक्ति, समाज और राष्ट्र की आर्थिक और नैतिक दोनों प्रकार की होती है।

यदि हम अपने देश की उन्नति चाहते हैं तो हमें अनुशासनहीनता को त्यागकर अनुशासन को अपनाना होगा, क्योंकि अनुशासन ही देश की उन्नति की पहली सीढ़ी है। राष्ट्र का प्रत्येक व्यक्ति जब अनुशासन में रहेगा, तभी राष्ट्र विश्व उन्नत राष्ट्रों की  की श्रेणी में गिना जायेगा । छात्र भी जब अनुशासन का पालन करेंगे, तभी अपने भावी जीवन में सफलता की आशा कर सकेंगे। क्योंकि अनुशासन ही हमारी सफलता की सीढ़ी है।

Discipline essay in Hindi for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12th – अनुशासन पर निबंध हिंदी में

Discipline Essay in Hindi – सभी को ज्ञात है कि अनुशासन ही सफलता की कुंजी है। इस लेख में हम अनुशासन से सम्बंधित कुछ अहम् जानकारियाँ उपलब्ध करवा रहे हैं। आशा करते हैं कि हमारा यह लेख आपको परीक्षाओं में निबंध लिखने में तो सहायता करेगा ही, साथ-ही-साथ आपको अनुशासित रहने के लिए भी प्रेरणा प्रदान करेगा।

सामग्री (Content)

अनुशासन का अर्थ

जीवन में अनुशासन का महत्त्व

दैनिक जीवन में अनुशासन

अनुशासित रहने के तरीके, प्रकृति में अनुशासन के उदाहरण, अनुशासन कैसे सीखें.

  • अनुशासन की आवश्यकता क्यों

अनुशासन के लाभ

हर किसी के जीवन में अनुशासन सबसे महत्वपूर्ण है। अनुशासन के बिना कोई सुखी जीवन नहीं जी सकता। अनुशासन वह सब कुछ है जो हम सही समय में सही तरीके से करते हैं। यह हमें सही रास्ते पर ले जाता है। जीवन के सभी कार्यों में अनुशासन अत्यधिक मूल्यवान है। हमें हर समय इसका पालन करना है चाहे वो स्कूल, घर, कार्यालय, संस्थान, फैक्टरी, खेल का मैदान, युद्ध का मैदान या दूसरी जगह हों। ये खुशहाल और शांतिपूर्णं जीवन जीने की सबसे बड़ी जरुरत है। आज के आधुनिक समय में अनुशासन बहुत ही आवश्यक है क्योंकि इस व्यस्तता भरे समय में यदि हम अनुशासन भरे दिनचर्या का पालन ना करें तो हमारा जीवन अस्त-व्यस्त हो जायेगा।

अनुशासन दो शब्दों से मिलकर बना है – अनु और शासन। अनु का अर्थ है पालन और शासन का मतलब नियम। हमारे जीवन में अनुशासन का बहुत महत्व है यह हमें नियमों का पालन करना सिखाता है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, जो कि समाज में रहता है और उसमें रहने के लिए अनुशासन की आवश्यकता होती है।अनुशासन हमारी सफलता की सीढ़ी है,

जिसके सहारे हम कोई भी मंजिल हासिल कर सकते है। अनुशासन दो प्रकार का होता है – एक वो जो हमें बाहरी समाज से मिलता है और दूसरा वो जो हमारे अंदर खुद से उत्पन्न होता है। हालाँकि कई बार, हमें किसी प्रभावशाली व्यक्ति से अपने स्व-अनुशासन की आदतों में सुधार करने के लिये प्रेरणा की जरुरत होती है।

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अनुशासन के बिना जीवन निष्क्रिय और बेकार हो जाता है क्योंकि योजना के अनुसार कुछ भी नहीं होता है। अगर हमें किसी भी कार्य को पूरा करने के बारे में सही तरीके से अपनी रणनीति को लागू करना है, तो हमें पहले अनुशासन में रहने की आवश्यकता है। अनुशासन चीजों को आसान बनाता है और हमारे जीवन में सफलता लाता है।

अनुशासन हमें बहुत सारे शानदार अवसर देता है, आगे बढ़ने का सही तरीका, जीवन में नई चीजें सीखने, कम समय के भीतर अधिक अनुभव करने, आदि। जबकि, अनुशासन की कमी से बहुत भ्रम और विकार पैदा होते हैं। अनुशासनहीनता के कारण जीवन में कोई शांति और प्रगति नहीं होती है, इसके बजाय बहुत सारी समस्याएँ पैदा हो जाती है।

हमें नियमों का पालन करने, आदेशों का पालन करने और व्यवस्थित तरीके से व्यवहार करने की आवश्यकता है। हमें अपने दैनिक जीवन में अनुशासन को महत्व देना चाहिए। वे लोग जो अपने जीवन में अनुशासित नहीं हैं, उन्हें बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है और उन्हें जीवन में निराशा ही मिलती है।

अनुशासन का महत्त्व समझने के बाद हमें चाहिए कि हम हमेशा अनुशासन में रहें और अपने जीवन में सफल होने के लिए अपने माता-पिता और शिक्षकों के आदेश का पालन करें। हमें सुबह-सुबह बिस्तर से उठना चाहिए और एक गिलास पानी पीना चाहिए और खुद को तरोताजा रखना चाहिए।

दांतों को रोजाना ब्रश करना चाहिए, स्नान करना चाहिए और फिर स्वस्थ नाश्ता करना चाहिए। बिना भोजन ग्रहण किए हमें कभी भी न तो स्कूल जाना चाहिए और न ही किसी अन्य काम में। हमें अपने प्रत्येक कार्य को सही समय पर साफ और स्वच्छ तरीके से करना चाहिए।

हमें अपने माता-पिता को कभी भी अस्वीकार नहीं करना चाहिए, कभी भी उनका अपमान नहीं करना चाहिए या उन्हें ना-खुश नहीं करना चाहिए और हमेशा उनके आदेश का पालन करना चाहिए। हमें अपना सभी काम सही समय पर करना चाहिए। सभी के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए और सही तरीके से सब कुछ सीखना चाहिए।

अपने जीवन को अनुशासित बनाए रखने के लिए हमें हर सम्भव प्रयास करना चाहिए। क्योंकि अनुशासन ही सफल जीवन की पहली सीड़ी मानी जाती है। हम अपने जीवन में अनुशासन को अपनाने के लिए निम्नलिखित तरीकों का पालन कर सकते हैं – 1 – एक संतुलित और नियमित दिनचर्या का पालन करना। 2 – कार्यों को समय पर पूरा करने का हरसंभव प्रयास करना। 3 – व्यर्थ के कार्यों से दूर रहना। 4 – बुरी आदतों और कार्यों से दूरी बनाना। 5 – अपने कार्यों के प्रति पूरी लगन रखना।

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सूर्य हर दिन सही समय पर उदय होता है और सही समय पर अस्त होता है, चाँद सही समय पर उदय होता है, सुबह और शाम बिना देर किए उदय होता है और सही समय पर अस्त होता है, नदी हमेशा बहती है, माता-पिता हमेशा प्यार करते हैं, शिक्षक हमेशा हमें सिखाते हैं और बहुत कुछ।

तो क्यों हमें अपने जीवन में अनुशासन को पीछे छोड़ना चाहिए, हमें समस्याओं से पीड़ित हुए बिना आगे बढ़ने के लिए अपने जीवन में आवश्यक सभी अनुशासन का पालन करना चाहिए।

प्रकृति कभी अनुशासन का उलंघन नहीं करती और हम भी तो प्रकृति के ही अभिन्न अंग हैं, तो हमें भी अनुशासन का सदैव पालन करना चाहिए।

हमें माता-पिता, शिक्षकों और अपने बुजुर्गों की आज्ञा का पालन करना चाहिए। हमें उनके अनुभवों के बारे में जानने और उनकी जीत और असफलताओं से सीखने के लिए उन्हें सुनना चाहिए। जब भी हम किसी चीज को गहराई से देखना शुरू करते हैं, तो यह हमें जीवन का एक महत्वपूर्ण सबक देती है।

प्रकृति से हम अनुशासन का सही से पालन करना सीख सकते हैं। मौसम सही कर्म में आते हैं और चलते हैं, बारिश होती है और जाती है और सब कुछ सही समय पर होता है ताकि हमारे जीवन को संतुलित बनाया जा सके। इसलिए, हमें भी इस धरती पर जीवन चक्र को बनाए रखने के लिए अनुशासन में रहने की आवश्यकता है।

हमारे जीवन, माता-पिता, शिक्षक, परिवार, पर्यावरण, वातावरण आदि के प्रति हमारी बहुत सारी जिम्मेदारियाँ हैं। उन जिम्मेदारियों को समझते हुए हमें अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिए। एक इंसान के रूप में, हमारे पास सोचने, सही या गलत के बारे में निर्णय लेने और इसे कार्य में बदलने के लिए अपनी योजनाओं को लागू करने के लिए बहुत दिमाग है।

इसलिए, हम अपने जीवन में इस अनुशासन की आवश्यकता और महत्व को जानने के लिए अत्यधिक जिम्मेदार हैं। अतः अपने जीवन को सफल बनाने के लिए अनुशासन का पालन करना अति आवश्यक है।

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हमें अनुशासन की आवश्यकता क्यों

हमें अपने जीवन के हर एक क्षण अनुशासन की आवश्यकता होती है, इसलिए बचपन से अनुशासन का अभ्यास करना अच्छा है। स्व-अनुशासन का अर्थ अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग होता है जैसे कि छात्रों के लिए, इसका मतलब है कि स्वयं को अध्ययन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करना और सही समय पर काम पूरा करना। हालांकि, कामकाजी व्यक्ति के लिए, इसका मतलब है कि सुबह समय पर बिस्तर से उठना, व्यायाम करना, समय पर कार्यालय जाना और नौकरी के कार्यों को ठीक से करना।

पेशेवर जीवन में, एक अनुशासित व्यक्ति वह होता है, जिसे सबसे पहले अच्छे अवसर दिए जाते हैं क्योंकि यह माना जाता है कि वह अनुशासनहीन व्यक्ति की तुलना में अधिक जिम्मेदार और अनुशासित तरीके से कार्यों को अंजाम दे सकता है। अनुशासन किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व में एक अपवाद आयाम जोड़ने में मदद करता है और उसे एक अद्वितीय व्यक्ति के रूप में उजागर करता है। जहाँ भी वह लोगों के दिमाग में सकारात्मक प्रभाव छोड़ता है।

जीवन में अनुशासन को अपनाने से कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। अनुशासित रहने वाले व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में मान-सम्मान और सफलता प्राप्त करते हैं। सेना और रक्षा तथा अनुसंधान संगठनों में तो जीवन तथा कार्यों में अनुशासन को सर्वोपरिमाना गया है,

क्योंकि इन क्षेत्रों में एक सेकेंड या मिनट भर की देरी या फिर एक छोटी सी चूक के कारण काफी बड़े नकरात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। यही कारण है कि इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अनुशासन को इतना महत्व दिया जाता है और अधिकतम कार्यों में इसका पूर्ण रुप से पालन किया जाता है।

इसके साथ ही विद्यार्थियों के लिये तो अनुशासन सफलता का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, यदि कोई छात्र अनुशासित दिनचर्या का पालन करते हुए अपना अध्ययन करता है, तो उसे सफलता अवश्य प्राप्त होती है। यही कारण है कि छात्र जीवन में अनुशासन को सफलता का आधार माना गया है। ना सिर्फ विद्यार्थी जीवन में बल्कि कैरियर और घरेलू जीवन में भी अनुशासन का काफी महत्व है,

जो लोग अपने जीवन में अनुशासन को अपना लेते हैं, वह कई तरह की परेशानियों से बच जाते हैं। इसके साथ ही जो व्यक्ति अनुशासन के साथ जीवन जीते हैं, उन्हें अनुशासनहीन व्यक्तियों कि अपेक्षा जीवन में कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। एक ओर जहाँ छात्रों के लिये यह उनके भविष्य को सुनहरा बनाने का कार्य करता है, वही दूसरी ओर नौकरी-पेशा लोगों के लिये यह तरक्की के मार्ग भी खोलता है।

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संक्षेप में, हम कह सकते हैं कि अनुशासन वह सीढ़ी है जिसके माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन में सफलता की ऊँचाई की ओर चढ़ सकता है। यह उसे अपने लक्ष्य की ओर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है और उसे अपने लक्ष्य से भटकने नहीं देता है।

अनुशासन व्यक्ति को अपने मन में उन सभी सकारात्मक नियमों और विनियमों का प्रशिक्षण देकर पूर्णता लाता है जो उसे समाज में एक सम्मानित व्यक्ति के रूप में स्थापित करते हैं। यही कारण है कि आज के इस आधुनिक युग में भी अनुशासन को इतना महत्व दिया जाता है।

माता-पिता एक बच्चे में अनुशासन विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि उन्हें अपने बच्चे का पहला शिक्षक माना जाता है। छात्र जीवन में अनुशासन भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह समाज की बुराइयों से मुक्त हुए बिना बच्चे को अपने लक्ष्य की ओर जाने में मदद करता है।

कहा जाता है कि छोटा बच्चा कच्ची मिट्टी की तरह होता है उसे जैसा आकार दिया जाए वह वैसा ही बन जाता है। अतः आवश्यक है कि बचपन से ही बच्चों को अनुशासन का महत्त्व बताया जाए और उसका पालन करने के लिए प्रेरित किया जाए।

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10 Lines Discipline in Hindi | अनुशासन पर 10 लाइन निबंध

In this article, we are providing 10 Lines on Discipline in Hindi for students and kids for classes 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12. अनुशासन पर 10 वाक्य | पंक्तियाँ, Short Essay on Discipline in Hindi 10 lines.

10 Lines Discipline in Hindi | अनुशासन पर 10 लाइन निबंध

( Set- 1 ) 10 Lines Discipline in Hindi for kids

1. हमारे जीवन मे अनुशाशन का बहुत महत्व है |

2. अनुशाशन हमे नियमो का महतव बताता है |

3. इसके किसी किसी भी कार्य को आसानी से नहीं किया जा सकता है |

4. अनुशासन हीन व्यक्ति कभी भी सफलता नहीं पा सकता है |

5. अनुशाशन ही सफलता की पहली सीढ़ी है |

6. यह हमे सही रास्ते पर ले जाता है |

7. इसकी सहायता से मुश्किल कार्य को आसानी से पूरा किया जा सकता है |

8. अनुशाशन हमरे अच्छे चरित्र का निर्माण करता है|

9. विद्यार्थी जीवन मे अनुशाशन का बहुत महत्व है |

10. इसलिए सदैव अनुशाशन के नियमो का पालन करना चाहिए |

जरूर पढ़े-

Vidyarthi Aur Anushasan Par Nibandh

Adarsh Vidyarthi Par Nibandh

( Set- 2 ) 10 Lines Discipline in Hindi | Anushasan par 10 line

1. अनुशासन का मतलब होता है, हमेशा अपने नियमों का पालन करते रहना।

2. किसी भी काम में सफल होने के लिए अनुशासन का होना बहुत जरूरी है।

3. एक अनुशासित व्यक्ति हमेशा अपने सारे काम पुरी ईमानदारी से करता है।

4. एक अनुशासित व्यक्ति का जिवन बहुत सफल और समृद्ध होता है।

5. अनुशासन हमारी बुद्धि और चरित्र को विकसित करता है।

6. हमारे खाने की आदतों में अनुशासन, हमें स्वस्थ रहने में भी मदद करता है।

7. हर महान इंसान में एक बात सामान्य होती हैं कि सभी के सभी बहुत ही अनुशासित इंसान होते हैं।

8. अनुशासन से ही हमारे जीवन में आत्मविश्वास और आत्म-नियंत्रण आता है।

9. अनुशासन की मदत से हम अपनें सारे काम समय से पहले ही कर लेते हैं।

10. एक अनुशासनहीन व्यक्ति कभी भी अपने जीवन में सफल नहीं हो सकता है।

Vidyarthi Jeevan Mein Anushasan Ka Mahatva Essay

Speech on Discipline in Hindi

इस लेख के माध्यम से हमने Ten lines on Discipline in Hindi Essay का वर्णन किया है और आप यह article को नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल कर सकते है।

Anushasan ke bare mein 10 line lines on Anushasan in hindi Discipline par lines | Vakya

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अनुशासन हर व्यक्ति के जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। जो व्यक्ति अपने जीवन में अनुशासन कायम कर लेता है, वो व्यक्ति जीवन में सफलता प्राप्त कर लेता है। अनुशासन का अर्थ (anushasan ka arth) की बात करें, तो ये दो शब्दों से अनु और शासन से मिलकर बना हुआ है जिसका अर्थ है नियंत्रण में रहना अथवा किसी भी काम के प्रति नियमों में रहना। विद्यार्थी और अनुशासन (vidyarthi aur anushasan) का नाता बहुत ही पुराना है। अगर विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व सिख लेते हैं, तो वे हर पड़ाव आसानी से पार कर लेते हैं। अनुशासन क्या है, अब तक आप समझ चुके होंगे। जीवन में अनुशासन का महत्व, अनुशासन के प्रकार और अनुशासन के लाभ बारे में जानने के लिए हमारा आर्टिकल पढ़ें।

अनुशासन दो शब्दों अनु और शासन से मिलकर बना हुआ है जिसका अर्थ है नियंत्रण में रहना अथवा किसी भी काम के प्रति नियमों में रहना। एक सुखीपूर्वक जीवन व्यतीत करने के लिए अनुशासन बहुत जरूरी है और उससे भी ज्यादा जरूरी है अनुशासन को निभाना उसे पूर्ण रूप से जीवन में बनाए रखना। यह जीवन के एक अभिन्न अंग की तरह काम करता है। अनुशासन सफलता पाने की कुंजी है।

अनुशासन का महत्त्व

अनुशासन का किसी एक कार्य में नहीं बल्कि जीवन के प्रत्येक हिस्से में महत्त्व है। अनुशासन हमारे भटकते जीवन को एक नई दिशा दिखाने का काम करता है। अनुशासन सफल जीवन की पहली राह है क्योंकि प्रगति की ओर बढ़ने में अनुशासन मुख्य रूप से सहयोगी होता है। समय किसी की नहीं सुनता, समय पर हर काम पूरा करना बेहद जरूरी होता है। यह अनुशासन के बिना असम्भव है।

समय को अपने हाथों में संजो कर रखना अनुशासन के साथ ही हो सकता है। अगर हम अनुशासन को बचपन से या विद्यार्थी समय से ही जीवन में उतार लेते हैं, तो हमारा जीवन किसी स्वर्ग से कम नहीं कहलाता है। हमारी पृथ्वी सजग रूप से चल रही है, किस वजह से? इसमें अनुशासन की ही अहम भूमिका है; समय पर सूर्य का उगना और ढलना, मौसम में परिवर्तन, फसलों को समय पर उगाना और काटना। यदि हमें राष्ट्र का भी विकास सजग रूप से होते हुए देखना है, तो उसमें भी अनुशासन का पालन करते हुए सभी परिवर्तन समय से होना जरूरी है।

अनुशासन का लाभ और आवश्यकता

अनुशासन के लाभ:- यदि हम अपने जीवन में अनुशासन को अपना लेते हैं, तो उससे ना हमारे जीवन में बदलाव आएगा बल्कि हमारी बढ़ती हुई बढ़ोतरी की वजह से हमें हर जगह मान–सम्मान प्राप्त होगा। प्रत्येक व्यक्ति के द्वारा आदर किया जाएगा। यदि कोई भी ऐसा काम हो कि ये हमें आज ही करना जरूरी है जिसकी पल भर देरी सभी खराब कर सकती है वहां सबसे ज्यादा हमें अनुशासन ही लाभ देगा। अनुशासन की विद्यालय, सेना, सरकार से जुड़े काम, जीवन की हर प्रक्रिया में जरूरत होती है।

अनुशासन का हमारे जीवन में क्या महत्त्व है?

अनुशासन हमारे जीवन से जुड़े प्रत्येक कार्य में जरूरी होता है। अनुशासन अपनाए बिना जीवन जीने का कोई मूल्य नहीं। यदि हम कोई भी काम करते हैं, तो जब तक हम उसमें कोई समय निश्चित नहीं करेंगे, उससे जुड़े नियमों के प्रति अनुशासन में नहीं रहेंगे, तो वह काम कभी समय पर पूरा होगा ही नहीं, वह आज करने या कल करने पर ही चलता रहेगा।

इससे जीवन की अर्थव्यवस्था हिल–डुल जाती है। प्रत्येक कार्यों में परिपक्वता बनाए रखने के लिए जीवन में अनुशासन बहुत जरूरी है। अनुशासन के बिना हमारा जीवन असफल है। अनुशासन को अपनाना शुरू में हमारे लिए बहुत ही मुश्किल होता है, क्योंकि एक ही बार में हम किसी भी कार्य के प्रति सजग नहीं होते है लेकिन अगर हम इसे पूर्ण रूप से अपना लेते हैं, तो उसका परिणाम हमारे लिए सबसे अधिक लाभप्रद होगा।

विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन का क्या महत्त्व है?

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन कई प्रकार से विद्यार्थी का सहयोगी होता है। यदि विद्यार्थी शुरू से ही अनुशासन को अपने जीवन में उतार लेता है, तो उसे हर पग पर सफलता पाने से कोई रोक नहीं सकता। इससे वह केवल स्वयं का नहीं बल्कि अपने परिवार, अपने राष्ट्र का भी उद्धार करेगा। एक विद्यार्थी के लिए अनुशासन उसकी पढ़ाई, खेल–कूद, करियर हर चीज़ में काम आता है।

विद्यार्थी को अपने पूरी दिनचर्या में अनुशासन को बनाए रखना जरूरी होता है चाहे वह काम विद्यालय से जुड़ा हो या फिर घर से। उसे समय पर उठना, प्रतिदिन स्नान करना, समय से खाना खाना, अनुशासन में विद्यालय में जाना, सभी नियमों का पालन करना, विद्यालय द्वारा दिया गया कार्य समय से करना बहुत जरूरी माना जाता है। इस तरह की जीवनशैली ही जीवन को एक नई दिशा दे सकती है।

हम ऐसे कई विद्यार्थी भी देख सकते हैं जो बिना पढ़े ही पास होना चाहते हैं, किसी भी तरह के प्रयत्न में उनका कोई ध्यान नहीं होता। वे अपने जीवन की दुर्दशा कर लेते है। सबसे पहले तो ऐसे विद्यार्थियो के लिए अनुशासन बहुत जरूरी होता है।

अनुशासन का पालन कैसे करना चाहिए?

हमें समय से उठकर, नियमित नहाकर, संतुलित आहार खाना चाहिए। हम जो भी काम करते हैं हमें ध्यान रखना चहिए कि वह काम समय से पूरा हो जाए। हमें इधर-उधर घूमकर व्यर्थ की बातों में समय नहीं गवाना चाहिए। ना ही ऐसी कोई आदत अपनानी चाहिए जो हमारे जीवन और अनुशासन पर गलत प्रभाव डाले।

अनुशासन कितने प्रकार के होते हैं?

अनुशासन के प्रकार मुख्य रूप से दो होते हैं:- 1. बाह्य अनुशासन और 2. आंतरिक अनुशासन। बाह्य रूप से अनुशासन का अर्थ है किसी के द्वारा थोपने पर अनुशासन को जीवन में उतारना जिसका कोई मोल नहीं; यह भी कुछ ही समय के लिए जीवन में चलता है। जबकि आंतरिक अनुशासन का ही जीवन में मोल होता है। क्योंकि जब तक हम किसी भी चीज़ को आंतरिक रूप से नहीं अपनाएंगे, वह बात और लक्ष्य कभी पूरा नहीं होगा।

अनुशासन का उद्देश्य क्या है?

अनुशासन का उद्देश्य है समाज में शांति बनाए रखना, सामाजिक या आर्थिक अर्थव्यवथा को नियंत्रण में रखना, शासन बनाए रखना, जीवन को सही दिशा में रखना, मनुष्य को जीवन के कर्म के प्रति प्रेरित करना। अनुशासन का दूसरा नाम क्या है:- अनुशासन के दूसरे नाम को हम विद्यार्थी जीवन से संबोधित कर सकते हैं। यह धारना त्रिभुवनेश भारद्वाज द्वारा मानी गई है।

अनुशासन कैसे बनाया जाता है?

हमें अपने जीवन में अनुशासन को बनाए रखने के लिए हर एक चीज़ का ध्यान रखना होगा कि कब हमें उठना है, किस समय खाना खाना है ऐसी दिनचर्या के साथ हमें सबसे पहले समय के महत्त्व को समझना है। हमें नियमों का सटीकता से पालन करना है। किसी भी काम को पूरा करने के लिए आत्मविश्वास बनाए रखना है। इसके साथ हमें सकारात्मक सोच भी रखनी है ताकि किसी भी काम में अगर हमें कोई हानि प्राप्त होती है, तो भी हम अनुशासन बनाते हुए आगे बढ़ सकें।

हम इसका यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि यदि हम अपने जीवन में अनुशासन को नियमित रूप से मानने लगते हैं, तो यह हमारे लिए किसी वरदान से कम नहीं है। एक अनुशासित व्यक्ति को कोई पकड़ नहीं सकता, हर कोई उसके जैसा बनने की इच्छा रखेगा। अनुशासन के बिना जीवन जीने का कोई मतलब नहीं होता है। अनुशासन हमारे लिए जिंदगी सवारने जैसा होता है।

अनुशासन पर निबंध 100 शब्द

अनुशासन जीवन का एक मूल अंग है। इसके बिना कोई भी इंसान सफलता प्राप्त नहीं कर सकता है। हमें एक अच्छा इंसान बनना है तो हमें अपने जीवन में अनुशासन लाना बहुत ही जरूरी है। हर एक इंसान की सफलता के पीछे अनुशासन होता है। यदि आप छात्र हैं और आप एक अनुशासन के साथ अपनी पढ़ाई करते हैं, तो आपको परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने से कोई नहीं रोक सकता है। अगर आप एक निजी कंपनी में काम करते हो। उस काम को आप पूरे अनुशासन के साथ करते हो, तो आपको एक सफल इंसान बनाने से कोई नहीं रोक सकता है।

अनुशासन पर निबंध 300 शब्द

मेरे परीक्षा में अच्छे अंक नहीं आए। क्या अपने अपनी पढ़ाई अनुशासन के साथ की थी?, सवाल इसलिए है क्योंकि अगर आप परीक्षा से पहले पूरे अनुशासन के साथ पढ़ाई करते तो आपके जरूर अच्छे अंक आते। जो विद्वान आज सफलता की सीढ़ी चढ़ रहें हैं, उसके पीछे केवल अनुशासन ही है।

उन्होंने अपने सभी काम एक अनुशासन के साथ किये हैं। ऐसे दुनिया में अनेक लोग हैं जो अपना सभी काम अनुशासन के साथ करते हैं। अनुशासन के बिना हमारा जीवन असफल है। अनुशासन को अपनाना शुरू में हमारे लिए बहुत ही मुश्किल होता है, क्योंकि एक ही बार में हम किसी भी कार्य के प्रति सजग नहीं होते हैं लेकिन अगर हम इसे पूर्ण रूप से अपना लेते हैं, तो उसका परिणाम हमारे लिए सबसे अधिक लाभप्रद होगा।

हमें अपने जीवन में अनुशासन लाने के लिए हर प्रयास करने चाहिए। जैसे कि हमें सुबह कब उठना है, हमें किस समय पढ़ाई करनी है, किस समय लंच-डिनर करना है, हमें दिनचर्या को पूरे अनुशासन के साथ करना है। इसके साथ-साथ हमें एक सकारात्मक सोच भी रखनी है। यदि हम सकारात्मक सोच रखेंगे, तो हमारा पूरा काम आसान हो जायेगा।

अनुशासन हमारे लिए एक बहुत अच्छा अवसर पैदा करता है। जीवन में आगे बढ़ने का एक सही तरीका भी सिखाता है। अनुशासन के साथ हम कम समय में अपने जीवन को बहुत अच्छा बना सकते हैं। एक अनुशासित व्यक्ति जब समाज के लिए काम करता है, तो उसके सभी गुण एक मिसाल बन जाते हैं। अनुशासित व्यक्ति के साथ लोग अच्छे से पेश आते हैं। लेकिन अनुशासनहीन व्यक्ति के साथ न ही समाज और न ही लोग अच्छे से पेश आते हैं। इसलिए जीवन में हर व्यक्ति को अनुशासन का पालन कर एक अच्छा इंसान बनना चाहिए।

अनुशासन पर 10 लाइनें

  • अनुशासन हमारे जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।
  • हमें आज से ही अपने जीवन में अनुशासन का पालन करना होगा।
  • अनुशासन के बिना हम अपने जीवन में सफलता प्राप्त नहीं कर सकते हैं।
  • अगर हमने अनुशासन का पालन नहीं किया, तो हमारा जीवन असफलता की तरफ जा सकता है।
  • अनुशासन हमें एक अच्छा इंसान बनाता है।
  • अनुशासन का पालन करना विद्वान का सबसे बड़ा गुण है।
  • जीवन में अनुशासन का न होना, हमें आलसी, बेपरवाह और लापरवाह बनाता है।
  • अनुशासन हमें जीवन में सम्मान दिलाता है।
  • जीवन में अनुशासन हमारे लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
  • अनुशासन के परिणाम हमारे लिए सबसे अधिक लाभदायक होंगे।

अनुशासन पर आधारित FAQ s

अनुशासन से क्या समझते हैं?

अनुशासन हर इंसान के लिए बहुत जरूरी है जैसे इंसान के लिए खाना, पीना, रहना, सोना घूमना-फिरना आदि। अनुशासन का मतबल साफ है यदि अनुशासन नहीं तो जीवन में सफलता नहीं।

जीवन में अनुशासन का क्या महत्व है?

जैसे जीवन को जीने के लिए पानी बहुत जरूरी है वैसे ही जीवन में अनुशासन भी बहुत जरूरी है। अनुशासन का किसी एक कार्य में नहीं बल्कि जीवन के प्रत्येक हिस्से में महत्त्व है।

विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन का क्या महत्व है?

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन कई प्रकार से विद्यार्थी का सहयोगी होता है। यदि विद्यार्थी शुरू से ही अनुशासन को अपने जीवन में उतार लेता है, तो उसे हर पग पर सफलता पाने से कोई रोक नहीं सकता। इसलिए विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन का बहुत ही महत्व है।

अनुशासन के प्रकार मुख्य रूप से दो होते हैं:- बाह्य और आंतरिक अनुशासन। पूरी जानकारी ऊपर आर्टिकल से पढ़ें।

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अनुशासन पर निबंध 10 lines 100, 150, 200, 250, 300, 500 शब्दों मे (Discipline Essay in Hindi)

speech on anushasan in hindi

Discipline Essay in Hindi – जीवन का पहला और सबसे महत्वपूर्ण सबक अनुशासित होना है। यदि अनुशासन का पाठ बचपन से ही शुरू हो जाए तो यह कठिन नहीं है, लेकिन अगर यह देर से शुरू होता है तो यह जीवन में सीखने का सबसे कठिन पाठ हो सकता है। Discipline Essay in Hindi पूर्ण आत्म-नियंत्रण प्राप्त करने के लिए कठिन अनुशासन और समर्पण की आवश्यकता होती है। अच्छा अनुशासन अपना सर्वश्रेष्ठ ला सकता है और हम समाज की सर्वोत्तम सेवा कर सकते हैं और अपने आसपास के लोगों की अपेक्षाओं पर खरे उतरेंगे। 

जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए शुरू से ही अनुशासित रहने की जरूरत है। अनुशासन से ही हम जीवन में अपने लक्ष्य पर केंद्रित रह सकते हैं। अनुशासन में समय के मूल्य को समझना, मानवता के प्रति सम्मान दिखाना और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता दिखाना शामिल है। सफलता की ओर पहला कदम अनुशासन है।

Discipline Essay in Hindi अनुशासित होना जीवन में सीखने के लिए महत्वपूर्ण और कठिन पाठों में से एक है। आत्म-नियंत्रण का अभ्यास करने और अपने आप को इस तरह से संचालित करने के लिए अत्यधिक समर्पण और कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है जो समाज की सर्वोत्तम सेवा करता है और हमारे आसपास रहता है। अनुशासित होने पर ही व्यक्ति जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है। अनुशासन हमें एकाग्र रखने में अहम भूमिका निभाता है। 

अनुशासन का अभ्यास करने के अलग-अलग तरीके हैं लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि लगातार और समय को महत्व दें। किसी कार्य का निरंतर अभ्यास करके, मानवता और प्रकृति का सम्मान करके और समय को महत्व देकर जीवन में सही दिशा में चलना सीख सकते हैं। यही मूल कारण है कि दुनिया भर में सफल लोग अनुशासन की आवश्यकता का प्रचार करते हैं।

अनुशासन निबंध 10 पंक्तियाँ (Discipline Essay 10 lines in Hindi)

  • 1) अनुशासन का अर्थ है उचित नियमों और विनियमों के साथ जीवन जीना।
  • 2) इसमें नियम, विनियम, शिष्टाचार और शिष्टाचार शामिल हैं जो हमारे जीवन को आकार देते हैं।
  • 3) जीवन में अनुशासन हमें अपनी आदतों और व्यक्तित्व को बेहतर बनाने में मदद करता है।
  • 4) अनुशासन हमें सही सिद्धांतों को अपनाने और अपने जीवन में सफल होने के लिए निर्देशित करता है।
  • 5) यह भी माना जाता है कि देश का एक अच्छा नागरिक होने के लिए एक अनुशासित जीवन आवश्यक है।
  • 6) यह हमारे जीवन में आत्म-विश्वास और आत्म-नियंत्रण उत्पन्न करने में मदद करता है।
  • 7) जल्दी उठना, व्यायाम करना, स्वस्थ आहार लेना और बुरी आदतों से दूर रहना भी अनुशासित जीवन का हिस्सा है।
  • 8) हमारे खाने की आदतों में अनुशासन हमें फिट और स्वस्थ रहने में भी मदद करता है।
  • 9) दूसरों का सम्मान करना और आज्ञाकारी रहना अनुशासन का सिद्धांत है।
  • 10) भाषा में अनुशासन हमें लोगों के साथ सभ्य और सम्मानजनक तरीके से बात करने में मदद करता है।

अनुशासन निबंध 20 लाइनें (Discipline Essay 20 lines in Hindi)

  • 1) छात्र के जीवन में अनुशासन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उसे अपने करियर के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है।
  • 2) अनुशासन में रहने का अर्थ है कुछ नियमों, विनियमों के एक सेट का पालन करना और उचित व्यवहार का प्रदर्शन करना।
  • 3) एक अनुशासित जीवन शैली हमेशा सफलता की ओर ले जाती है, चाहे वह शैक्षणिक, स्वास्थ्य, व्यवसाय या पेशा हो।
  • 4) एक छात्र के रूप में, अनुशासन एक ड्राइविंग सिद्धांत के रूप में कार्य करता है जो हमें गलत रास्ते पर जाने से बचाता है।
  • 5) अनुशासन एक नहर के रूप में कार्य करता है जो व्यक्ति के चरित्र को सही दिशा में ले जाता है।
  • 6) अनुशासन हमारे जीवन को एक उचित दिनचर्या में बनाता है और एक पूर्वनिर्धारित आचार संहिता का पालन करने में मदद करता है।
  • 7) हमारे खान-पान में अनुशासन हमें विभिन्न बीमारियों से बचाता है, जिससे हमें लंबा और स्वस्थ जीवन जीने में मदद मिलती है।
  • 8) यदि भारत के लोग अनुशासन की सख्त व्यवस्था का पालन करते हैं तो हमें विश्व की महाशक्ति बनने से कोई नहीं रोक सकता।
  • 9) माता-पिता और परिवार बच्चे में अनुशासन की भावना विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जो उसके समग्र व्यक्तित्व को आकार देने में मदद करता है।
  • 10) अनुशासन आपको हमेशा सफलता की ओर ले जाएगा जबकि अनुशासन हमेशा आपके जीवन में नई समस्याओं और मुद्दों का एक समूह खड़ा करेगा।
  • 11) अनुशासन हमेशा सभी के व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • 12) अनुशासन राष्ट्र निर्माण में भी मदद करता है और ऐसे कई देश हैं जो अपने देश में सख्त कानूनों के कारण विकसित हुए हैं।
  • 13) कॉर्पोरेट जगत में, दिए गए कार्य को समय पर पूरा करना, काम के प्रति समर्पण और अच्छा समय प्रबंधन काम पर सख्त पेशेवर अनुशासन को दर्शाता है।
  • 14) अधिक मात्रा में संगीत नहीं बजाना, सार्वजनिक स्थानों पर कतार बनाए रखना, केवल कूड़ेदान में कचरा फेंकना सामाजिक अनुशासन के कुछ उदाहरण हैं।
  • 15) सख्त आहार व्यवस्था का पालन करना, समय पर व्यायाम करना और नशीली दवाओं के सेवन से दूर रहना एक खिलाड़ी के अनुशासित जीवन को दर्शाता है।
  • 16) आत्म-अनुशासन के लिए हमेशा दृढ़ इच्छा शक्ति और मन पर मजबूत नियंत्रण की आवश्यकता होती है और यदि इसे प्राप्त कर लिया जाए तो यह निश्चित रूप से आपको सफलता की ओर ले जाएगा।
  • 17) सख्त अनुशासन का पालन करने के लिए, आपको हमेशा एक लक्ष्य और उसके प्रति प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है और अंततः यह आपको सख्त अनुशासन का पालन करने के लिए प्रेरित करेगा।
  • 18) यदि आपका कोई लक्ष्य है, तो आप स्वतः ही भौतिकवादी इच्छाओं से दूर रहेंगे और अपने व्यवहार में एक सख्त दिनचर्या और आचार संहिता का पालन करेंगे।
  • 19) अनुशासन आपको अपने कम्फर्ट जोन से बाहर आने और आत्म सुधार के द्वारा अपनी कमजोरियों पर काबू पाने में मदद करता है।
  • 20) अनुशासन हमें अधिक केंद्रित और समर्पित बनाकर हमारी दक्षता और उत्पादकता बढ़ाने में मदद करता है।

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अनुशासन पर लघु निबंध (Short Essay on Discipline in Hindi)

Discipline Essay in Hindi – अनुशासन हमारे जीवन को खुश और सुनियोजित बनाने के लिए एक बहुत ही आवश्यक हिस्सा है। अनुशासन के बिना जीवन समस्याओं और अराजकता से भरा होता है। अनुशासन व्यक्ति को बेहतर बनाने में मदद करता है। अनुशासन व्यक्ति को अधिक ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। इस व्यस्त दुनिया में लोग भ्रमित और विचलित हो जाते हैं। अनुशासन व्यक्ति के जीवन में ईमानदारी लाता है। किसी व्यक्ति के जीवन में अनुशासन को लागू करना कठिन होता है।

 एक अनुशासित व्यक्ति की हमेशा प्रशंसा की जाती है और उसे महत्व दिया जाता है। छात्रों के लिए अनुशासन भी बहुत जरूरी है। बच्चों को बचपन से ही अनुशासन की शिक्षा देनी चाहिए। एक अनुशासित व्यक्ति के पास हर चीज के लिए एक निश्चित समय होता है। इसलिए यह उनके सभी कार्यों को समय पर प्रबंधित किया जाता है। एक अनुशासित छात्र समय पर उठेगा और अपनी सभी गतिविधियों को समय पर पूरा करेगा। समय प्रबंधन अनुशासन का एक महत्वपूर्ण पहलू है। एक व्यक्ति जो अपने समय को अच्छी तरह से प्रबंधित कर सकता है वह अच्छी तरह से अनुशासित हो सकता है। अनुशासन निश्चित रूप से किसी व्यक्ति को सफलता की ओर ले जाने की सीढ़ी है।

अनुशासन निबंध 100 शब्द (Discipline Essay 100 words in Hindi)

अनुशासन सफलता की सीढ़ी है। स्वतंत्रता और स्वतंत्रता का जीवन किसे पसंद नहीं है? लेकिन इस स्वतंत्रता की कुछ सीमाओं का प्रयोग सनक और कल्पनाओं को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। जीवन में व्यवस्था लाने के लिए अनुशासन की आवश्यकता होती है। अनुशासन के सख्त रखरखाव के बिना, लोग सफलता प्राप्त करने में ध्यान खो देते हैं।

एक अनुशासित छात्र एक उचित करियर बनाने में सफल होता है, एक अनुशासित टीम दूसरों पर अपनी छाप छोड़ती है। देश की सुरक्षा भी एक अनुशासित सेना द्वारा सुनिश्चित की जाती है। नियम सख्त प्रतीत होते हैं लेकिन जब लोग इन सख्ती का पालन करते हैं, तो वे लंबे समय में सफल हो जाते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को अपने छात्र जीवन से अनुशासन का विकास करना चाहिए।

अनुशासन निबंध 150 शब्द (Discipline Essay 150 words in Hindi)

अनुशासन हमारे दैनिक जीवन का एक मूलभूत हिस्सा है। निबंध लिखने से लेकर उत्तम स्कूल यूनिफॉर्म पहनने से लेकर शतरंज या बैडमिंटन जीतने तक- हमारे स्कूली जीवन से जुड़ी हर चीज अनुशासन पर आधारित है। वयस्क भी अपनी सफलता का अधिकांश श्रेय अनुशासन को देते हैं। काम पर अच्छा प्रदर्शन बनाए रखना या उम्र के साथ अपने स्वास्थ्य की देखभाल करना – सभी को एक निश्चित मात्रा में अनुशासन की आवश्यकता होती है।

आदेश और नियमों के एक समूह के अनुसार कार्य करने से समय की पाबंदी और योजना में सुधार होता है। अनुशासन नियमों, प्रबंधन और व्यवस्था का एक संयोजन है जो जीवन के प्राकृतिक प्रवाह को बनाए रखने में मदद करता है। इसके अलावा अनुशासन संतुलन भी जोड़ता है। यह हमें अपने कार्यों को अलग करने और प्रबंधित करने में मदद करता है। यह न केवल स्कूल जाने वाले छात्रों के जीवन में बल्कि सेना में या एक खिलाड़ी के जीवन में भी आवश्यक है जो एक शांतिपूर्ण और सफल जीवन बनाना चाहता है और दूसरों को यह प्रेरणादायक लगता है।

अनुशासन निबंध 200 शब्द (Discipline Essay 200 words in Hindi)

अनुशासन एक विशेषता है जिसमें नियमों, मापदंडों और व्यवहार पैटर्न का एक निश्चित सेट शामिल होता है। जब संयुक्त और एक साथ लागू किया जाता है, तो ये जीवन में घटनाओं के सामाजिक और व्यक्तिगत क्रम को बनाए रखने में मदद करते हैं।

अनुशासन बहुत कम उम्र से ही घर पर ही विकसित होना शुरू हो सकता है। यह बदले में फैलता है और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित करने के लिए विकसित होता है। एक उचित नींद कार्यक्रम बनाए रखना, एक स्वस्थ आहार, व्यायाम, जुनून या शौक का पीछा करना, नियमित रूप से एक खेल का अभ्यास करना सभी व्यक्तिगत अनुशासन के अंतर्गत आते हैं। सामाजिक अनुशासन में सभाओं, बैठकों या आयोजनों में एक विशेष तरीके से व्यवहार करना शामिल है। जबकि पेशेवर अनुशासन में ज्यादातर समय प्रबंधन, समय सीमा को पूरा करना, वरिष्ठों का उचित अभिवादन करना, स्वस्थ संबंध बनाए रखना आदि शामिल हैं।

अनुशासन समाज का एक अंतर्निहित हिस्सा है और इसकी भूमिका की शुरुआत हमारे शिक्षण संस्थानों में होती है। लेकिन आजकल लोग अक्सर समय से चूक जाते हैं और अनुशासित जीवन शैली को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास करने पड़ते हैं। स्कूल, कार्यस्थलों या घरों में भी अनुशासन बनाए रखने के कुछ तरीकों में शामिल हैं:

  • किसी संस्थान के दिशा-निर्देशों और नियमों से अवगत होना
  • सहकर्मियों के साथ विचारशील और समझदार होना
  • सख्ती बनाए रखना लेकिन निष्पक्ष रहना
  • स्पष्ट परिणाम और दंड निर्धारित करना
  • परिवार या व्यक्तिगत नियम बनाना
  • एक नियोजित कार्यक्रम के साथ रहना

उपरोक्त उपाय हंगामे और पछतावे से रहित अनुशासित जीवन जीने के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत हो सकते हैं। हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि अनुशासन की सही गुणवत्ता के साथ हमारे सभी उपक्रमों का सफल होना निश्चित है!

अनुशासन निबंध 250 शब्द (Discipline Essay 250 words in Hindi)

मनुष्य एक सामाजिक ढांचे के बड़े हिस्से हैं और किसी भी ढांचे के कार्य करने के लिए, नियम और कानून एक परम आवश्यकता हैं। जब ये नियम मानव व्यवहार का मार्गदर्शन करते हैं और संगठन की भावना विकसित करते हैं, तो एक प्रणाली या व्यक्ति को अनुशासित कहा जाता है। अनुशासन मानव के हर पहलू के साथ-साथ जीवन के अन्य रूपों में अपना महत्व पाता है। यह जिम्मेदारी, विश्वसनीयता की भावना पैदा करता है और एक व्यक्ति को अपने कार्यों के लिए अधिक जवाबदेह होने का पोषण करता है।

एक खिलाड़ी की दिनचर्या से लेकर व्यवसायी के नियमित कार्यक्रम से लेकर पहले कदम या बच्चों की उपलब्धियों तक, अनुशासन सभी जगहों पर मौजूद है। लेकिन यह समझना भी उतना ही जरूरी है कि नियमों की एक ही किताब हर व्यक्ति के काम नहीं आती। स्कूल में एक बच्चे के लिए सजा शानदार ढंग से काम कर सकती है लेकिन दूसरे बच्चे को अपने बारे में दुखी महसूस कराती है। इसलिए अनुशासन कहीं भी संगत और विचारशील होना चाहिए। “नियम और शर्तों” के विपरीत, जो उनकी अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप हैं, अनुशासन को हमेशा पहले व्यक्तिगत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार किया जाना चाहिए।

हमारे तेज-तर्रार जीवन में, हमें भीड़ का हिस्सा बनने के लिए अक्सर इतनी तेजी से दौड़ना पड़ता है कि हम अपने नियोजित कार्यक्रम को भूल जाते हैं। इससे रातों की नींद हराम, चिंता, विकार और चरम मामलों में अराजकता और हंगामा होता है। हमें वास्तव में प्रतिस्पर्धा के साथ घुलने-मिलने के लिए खुद को आगे बढ़ाते रहने की जरूरत है, लेकिन खुद को पहले रखना अनिवार्य है।

जबकि अनुशासन की कई व्याख्याएँ और धारणाएँ होती हैं, इसका अंतिम उद्देश्य हमें जीवन का एक स्पष्ट विचार देना है। महान व्यक्तियों का इतिहास उपलब्धियों को चलाने में अनुशासन की शक्ति का साक्षी है। अनुशासन हमेशा हमारे जीवन के हर मिनट को निर्धारित करने वाला कुछ नहीं होता है, यह छोटे कदमों के रूप में हो सकता है, जो एक अच्छा दिन घर में खुद का एक बड़ा, बेहतर संस्करण लाता है।

अनुशासन निबंध 300 शब्द (Discipline Essay 300 words in Hindi)

इसलिए यदि आप एक ऐसा जीवन जीना चाहते हैं जो विनियमित और व्यवस्थित हो तो आपको अनुशासन में रहने की आवश्यकता है। नियमों के एक निश्चित सेट का पालन करने की क्षमता को अनुशासन के रूप में जाना जाता है। यह हर किसी के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि यह व्यक्ति को अपने जीवन में मर्यादा बनाए रखता है। इसलिए यदि आप किसी भी प्रकार की अराजकता से बचना चाहते हैं तो आपको उस समाज के कानूनों का पालन करना चाहिए जिसमें आप रहते हैं।

प्रकृति स्वयं अपने तंत्र में अनुशासन का प्रदर्शन करती है। आप हर दिन देख सकते हैं कि सूर्य पूर्व में उगता है और पश्चिम में अस्त होता है और यह प्रकृति की एक ही प्रक्रिया है। कई अन्य प्रक्रियाएं हैं जो प्रतिदिन अनुशासन प्रदर्शित करती हैं।

जिस दिन से हम पैदा हुए हैं और आज तक हम अनुशासन के महत्व को सीखते हुए बड़े हुए हैं। बचपन में ही हमें सुबह जल्दी उठकर, अपने दाँत ब्रश करके और नहाने के लिए और फिर स्कूल के लिए तैयार होकर अनुशासन में रहना सिखाया जाता था। यह दिन की शुरुआत में अनुशासन का पहला कदम है। पूरा दिन अनुशासन की मांग करता है ताकि हमारा जीवन पटरी पर रहे और व्यवस्था न बिगड़े।

स्कूल में, हमारे शिक्षक हमेशा हमारे दिमाग में अनुशासन और समय की पाबंदी लगाने की कोशिश करते हैं। इस तरह वे हमें सिखाते हैं कि स्कूल में शिष्टाचार कैसे बनाए रखें, चाहे वह सुबह की सभा हो, या समय पर गृहकार्य करना हो। इसलिए उन्हें बेहतर बनाने के लिए हमारे दैनिक जीवन में अनुशासन के महत्व को जानना महत्वपूर्ण है।

न केवल स्कूल बल्कि अनुशासन कार्यस्थलों पर भी उतना ही महत्वपूर्ण है जहां सैकड़ों कर्मचारी एक साथ काम करते हैं। कार्यालय में काम करने वाले लोगों को अपने कार्यस्थल पर अनुशासन बनाए रखने के लिए कुछ नियमों का पालन करना चाहिए। इससे ऑफिस का माहौल स्वस्थ और शांतिपूर्ण रहता है। इसलिए किसी व्यक्ति के लिए अनुशासन के महत्व को सीखना बहुत महत्वपूर्ण है, इससे निश्चित रूप से उन्हें एक सफल और सुखी जीवन जीने में मदद मिलेगी।

अनुशासित रहने के कई फायदे हैं। सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह आपको अपने जीवन के लक्ष्यों पर केंद्रित रहने में मदद करता है। अनुशासन में रहने वाले लोग आमतौर पर बुरी आदतों से दूर रहते हैं और बाहरी दुनिया से ज्यादा अपने काम पर फोकस कर पाते हैं। हर कोई अनुशासित व्यक्ति का सम्मान करता है और उन्हें अपना आदर्श मानता है।

संक्षेप में, किसी व्यक्ति के जीवन में सबसे आवश्यक चीज अनुशासन है। अनुशासन में रहकर ही कोई सार्थक जीवन व्यतीत कर सकता है। यह हमें सही काम नहीं करने देता है और चारों ओर सकारात्मकता से भरा एक खुशहाल जीवन व्यतीत करता है।

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अनुशासन निबंध 500 शब्द (Discipline Essay 500 words in Hindi)

अनुशासन पर निबंध- अनुशासन एक ऐसी चीज है जो प्रत्येक व्यक्ति को नियंत्रण में रखती है। यह व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है। हर कोई अपने जीवन में अलग-अलग रूप में अनुशासन का पालन करता है। इसके अलावा, हर किसी के पास अनुशासन की अपनी संभावना होती है। कुछ लोग इसे अपने जीवन का हिस्सा मानते हैं और कुछ नहीं। यह वह मार्गदर्शक है जो उपलब्धता व्यक्ति को सही रास्ते पर ले जाती है।

महत्व और अनुशासन के प्रकार

अनुशासन के बिना व्यक्ति का जीवन नीरस और निष्क्रिय हो जाएगा। साथ ही, एक अनुशासित व्यक्ति उन लोगों की तुलना में परिष्कृत तरीके से जीने की स्थिति को नियंत्रित और संभाल सकता है जो नहीं करते हैं।

इसके अलावा, यदि आपके पास कोई योजना है और आप उसे अपने जीवन में लागू करना चाहते हैं तो आपको अनुशासन की आवश्यकता है। यह आपके लिए चीजों को संभालना आसान बनाता है और अंततः आपके जीवन में सफलता लाता है।

यदि अनुशासन के प्रकारों की बात करें तो वे सामान्यत: दो प्रकार के होते हैं। पहला है प्रेरित अनुशासन और दूसरा है आत्म-अनुशासन।

प्रेरित अनुशासन एक ऐसी चीज है जो दूसरे हमें सिखाते हैं या हम दूसरों को देखकर सीखते हैं। जबकि आत्म-अनुशासन भीतर से आता है और हम इसे अपने आप सीखते हैं। आत्म-अनुशासन के लिए दूसरों से बहुत प्रेरणा और समर्थन की आवश्यकता होती है।

इन सबसे ऊपर, बिना किसी गलती के अपने दैनिक कार्यक्रम का पालन करना भी अनुशासित होने का हिस्सा है।

अनुशासन की आवश्यकता

हमें जीवन में लगभग हर जगह अनुशासन की आवश्यकता होती है। इसलिए, हमारे जीवन के शुरुआती चरणों से अनुशासन का अभ्यास करना सबसे अच्छा है। आत्म-अनुशासन का अर्थ अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग चीजें हैं। छात्रों के लिए इसका अर्थ एक कर्मचारी के लिए अलग है इसका अर्थ अलग है, और बच्चों के लिए इसका अर्थ अलग है।

इसके अलावा, अनुशासन का अर्थ जीवन के चरणों और प्राथमिकता के साथ बदलता है। हर किसी को अनुशासित नहीं किया जा सकता है क्योंकि इसके लिए बहुत मेहनत और समर्पण की आवश्यकता होती है। साथ ही इसके लिए सकारात्मक दिमाग और स्वस्थ शरीर की जरूरत होती है। अनुशासन के प्रति सख्त होना होगा ताकि वह सफलता की राह को सफलतापूर्वक पूरा कर सके।

अनुशासन के लाभ

शिष्य एक सीढ़ी है जिसके द्वारा व्यक्ति सफलता प्राप्त करता है। यह एक व्यक्ति को जीवन में अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। साथ ही, यह उसे लक्ष्य से विचलित नहीं होने देता।

इसके अलावा, यह व्यक्ति के मन और शरीर को नियमों और विनियमों का जवाब देने के लिए प्रशिक्षण और शिक्षित करके व्यक्ति के जीवन में पूर्णता लाता है, जो उसे समाज का एक आदर्श नागरिक बनने में मदद करेगा।

अगर हम पेशेवर जीवन की बात करें तो अनुशासित व्यक्ति की तुलना में अनुशासित व्यक्ति को अधिक अवसर मिलते हैं। साथ ही, यह व्यक्ति के व्यक्तित्व में एक असाधारण आयाम जोड़ता है। इसके अलावा, व्यक्ति जहां भी जाता है, लोगों के दिमाग पर सकारात्मक प्रभाव छोड़ता है।

अंत में, हम कह सकते हैं कि अनुशासन किसी के भी जीवन के प्रमुख तत्वों में से एक है। एक व्यक्ति तभी सफल हो सकता है जब वह एक स्वस्थ और अनुशासित जीवन व्यतीत करे। इसके अलावा, अनुशासन हमें कई तरह से मदद करता है और हमारे आस-पास के व्यक्ति को अनुशासित होने के लिए प्रेरित करता है। इन सबसे ऊपर, अनुशासन एक व्यक्ति को वह सफलता प्राप्त करने में मदद करता है जो वह जीवन में चाहता/चाहती है

अनुशासन निबंध पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

जीवन में अनुशासन क्यों जरूरी है.

अनुशासन सभी नियमों का पालन करने के बारे में है। बिना किसी नियम या कानून का पालन किए आप जीवन में सफल नहीं हो सकते।

हम अनुशासन कैसे बनाए रख सकते हैं?

किसी विशेष दिनचर्या का पालन करके और उस पर टिके रहकर अनुशासन बनाए रखा जा सकता है।

क्या सफल होने के लिए अनुशासन जरूरी है?

हां, हमें अनुशासन विकसित करना चाहिए और सफल होने के लिए उसी के अनुसार काम करना चाहिए।

सैन्य प्रशिक्षण को इतने गहन अनुशासन की आवश्यकता क्यों है?

सेना में लोगों को युद्ध और संकट की बहुत ही विकट परिस्थितियों में पनपना पड़ता है। आदेश और आदेश के संदर्भ में इसके लिए वर्षों के अभ्यास की आवश्यकता होगी।

दा इंडियन वायर

अनुशासन का महत्व पर निबंध

speech on anushasan in hindi

By विकास सिंह

importance of discipline essay in hindi

अनुशासन का मतलब समय की पाबंदी, नियमों का पालन करना और हमारे जीवन के हर पहलू में संगठित होना है। इससे हमारे विभिन्न कार्यों और गतिविधियों को कुशलतापूर्वक पूरा करना और आसानी से सफलता प्राप्त करना आसान हो जाता है।

विषय-सूचि

अनुशासन का महत्व पर निबंध, essay on importance of discipline in hindi (100 शब्द)

अनुशासन एक मूल्यवान गुण है। यदि आप अनुशासित हैं तो आप अपने स्कूल के असाइनमेंट को पूरा कर सकते हैं और उन्हें समय पर जमा कर सकते हैं। समय के प्रति सचेत रहने से आपको अपने लक्ष्यों को उत्कृष्टता के साथ हासिल करने में मदद मिलती है।

आप अपने लक्ष्य तक आसानी से पहुंच सकते हैं। यदि आप बेकार और अप्रासंगिक गतिविधियों पर अपना समय बर्बाद नहीं करते हैं, तो आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जो महत्वपूर्ण है उसे पूरा करने के लिए अपने समय का उपयोग कर सकते हैं।

समय की पाबंदी के अलावा, अपनी गतिविधियों और असाइनमेंट को व्यवस्थित रूप से करने से आपको अनुशासन के साथ काम करने में मदद मिलती है। बेतरतीब ढंग से काम करने से समय और ऊर्जा बर्बाद होती है। अनुशासन विकसित करने के लिए निम्नलिखित नियम भी आवश्यक हैं।

अनुशासन का महत्व पर निबंध, essay on importance of discipline in hindi (150 शब्द)

अनुशासन आपके काम को आसान और कुशलतापूर्वक पूरा करने में मदद करता है। अनुशासन के साथ काम करना आपको गतिविधि को घंटे के अनुकूल बनाता है। एक छात्र के रूप में आपको अध्ययन करने की आवश्यकता है। सुबह के शुरुआती घंटों में अध्ययन करना सबसे अच्छा है जब पूरी रात की नींद के बाद मन ताजा होता है।

यदि आप देर से उठते हैं तो आप दिन के सबसे अधिक उत्पादक समय को खो देते हैं। इसी तरह, यदि आप बेकार की गतिविधियों में लिप्त हैं, तो आप अपने इच्छित लक्ष्यों तक नहीं पहुँच पाते है। इसलिए, एक व्यावहारिक समय-सारणी तैयार करना और उसके अनुसार काम करना बेहतर है।

एक क्रमबद्ध तरीके से काम करने से अनुशासन विकसित करने में मदद मिलती है। यदि आप एक व्यवस्थित तरीके से काम करते हैं, तो आप अपने काम को अधिक आसानी से पूरा कर सकते हैं। आप तनावग्रस्त होने से भी बच सकते हैं। आपको नियमों का पालन करके अनुशासित किया जा सकता है। इससे आपका काम सरल हो जाएगा।

अनुशासन का महत्व पर लेख, article on importance of discipline in hindi (200 शब्द)

अनुशासन अच्छी तरह से व्यवहार में चीजों को करने का सही तरीका है। इसे मन और शरीर पर नियंत्रण की आवश्यकता है। किसी के पास आत्म-अनुशासन की प्राकृतिक संपत्ति है, लेकिन किसी को उनके अंदर इसे विकसित करना है। अनुशासन भावना को नियंत्रित करने और सही समय पर सही काम करने की क्षमता है और साथ ही कमजोरियों को दूर करता है।

अनुशासन के बिना जीवन अधूरा और असफल है। हमें अपने बुजुर्गों और वरिष्ठों का सम्मान करते हुए कुछ नियमों का पालन करना चाहिए। यह घर, कार्यालय, खेल के मैदान या अन्य जगह पर जीवन के हर क्षेत्र में हर किसी के लिए बहुत आवश्यक उपकरण है। यदि हम अनुशासन का पालन नहीं करेंगे तो हमारा दैनिक जीवन असंगठित हो जाएगा। इस दुनिया में हर चीज में अनुशासन होता है और अनुशासन से संगठित होता है।

हवा, पानी और जमीन हमें जीवन जीने का रास्ता देते हैं। पूरी दुनिया, देश, समाज, समुदाय, आदि अनुशासन के बिना अव्यवस्थित हो जाएंगे क्योंकि सब कुछ अनुशासन की आवश्यकता है। अनुशासन वह प्रकृति है जो प्रकृति द्वारा बनाई गई हर चीज में मौजूद है।

अनुशासन का महत्व पर अनुच्छेद: paragraph on importance of discipline in hindi (250 शब्द)

प्रस्तावना:.

अनुशासन का पालन किया जा रहा है और उचित अधिकार के आदेशों का पालन करने के लिए आत्म-नियंत्रित व्यवहार है। अनुशासन का पूरे जीवन में बहुत महत्व है और जीवन के हर क्षेत्र में इसकी आवश्यकता है। यह उन सभी के लिए आवश्यक है जिन्हें किसी भी कार्य को गंभीरता से करने की आवश्यकता है। यह हम वरिष्ठों के आदेशों का पालन और पालन नहीं करते हैं; निश्चित रूप से हम समस्याओं का सामना करेंगे या असफल हो सकते हैं।

दैनिक जीवन में अनुशासन:

हमें हमेशा अनुशासन में रहना चाहिए और अपने जीवन में सफल होने के लिए अपने माता-पिता और शिक्षकों के आदेश का पालन करना चाहिए। हमें सुबह-सुबह बिस्तर से उठना चाहिए और एक गिलास पानी पीना चाहिए और खुद को तरोताजा रखना चाहिए। हमारे दांतों को ब्रश करें, स्नान करें और फिर हमारा स्वस्थ नाश्ता करें। बिना भोजन ग्रहण किए हमें कभी स्कूल नहीं जाना चाहिए। हमें अपने होमवर्क को सही समय पर साफ और स्वच्छ तरीके से करना चाहिए।

हमें अपने माता-पिता को कभी भी अस्वीकार नहीं करना चाहिए, उनका अपमान करना चाहिए या उन्हें नाखुश करना चाहिए और हमेशा उनके आदेश का पालन करना चाहिए। हमें सही समय पर और उचित यूनिफॉर्म में स्कूल जाना चाहिए। कक्षा में, हमें स्कूल के मानदंडों के अनुसार प्रार्थना करनी चाहिए। हमें शिक्षक के आदेशों का पालन करना चाहिए, कक्षा में सभी के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए और सही तरीके से सब कुछ सीखना चाहिए।

निष्कर्ष:

हमें शिक्षकों, प्रिंसिपल, नौकरानी, ​​गेट कीपर्स या छात्रों के साथ दुर्व्यवहार नहीं करना चाहिए। हमें घर, स्कूल, कार्यालय या अन्य स्थानों पर सभी के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए। बिना अनुशासन के कोई भी अपने जीवन में कुछ भी बड़ा हासिल नहीं कर सकता है। इस प्रकार, हम सभी को अपने माता-पिता और शिक्षकों का पालन करना चाहिए और जीवन में एक सफल व्यक्ति बनना चाहिए।

अनुशासन का महत्व पर निबंध, importance of discipline essay in hindi (300 शब्द)

अनुशासन हमारे शरीर, मन और आत्मा को नियंत्रण में रखने और परिवार के माता-पिता, शिक्षकों और बड़ों के आदेशों का पालन करके सभी कार्यों को सही तरीके से करने का कार्य है। अनुशासन में रहने के लिए नियमों और विनियमों को स्वीकार करने के लिए हमारे दिमाग को प्रशिक्षित करने का कार्य है। हम अपने दैनिक जीवन में प्रकृति में अनुशासन के उदाहरण भी देख सकते हैं

प्रकृति में अनुशासन के उदाहरण:

सूर्य हर दिन सही समय पर उठता है और सही समय पर अस्त होता है, चाँद सही समय पर उठता है, सुबह और शाम बिना देर किए उठता है, नदी हमेशा बहती है, माता-पिता हमेशा प्यार करते हैं, शिक्षक हमेशा हमें सिखाते हैं और बहुत कुछ। तो क्यों हमें अपने जीवन में पीछे छोड़ दिया जाना चाहिए, हमें समस्याओं से पीड़ित हुए बिना आगे बढ़ने के लिए अपने जीवन में आवश्यक सभी अनुशासन का पालन करना चाहिए।

अनुशासन कैसे सीखें?

हमें माता-पिता, शिक्षकों और अपने बुजुर्गों का पालन करना चाहिए। हमें उनके अनुभवों के बारे में जानने और उनकी जीत और असफलताओं से सीखने के लिए उन्हें सुनना चाहिए। जब भी हम किसी चीज को गहराई से देखना शुरू करते हैं, तो यह हमें जीवन का एक महत्वपूर्ण सबक देती है।

मौसम सही पैटर्न में आते हैं और चलते हैं, बारिश होती है और जाती है और सब कुछ सही समय पर होता है ताकि हमारे जीवन को संतुलित बनाया जा सके। इसलिए, हमें भी इस धरती पर जीवन चक्र को बनाए रखने के लिए अनुशासन में रहने की आवश्यकता है।

हमारे जीवन, माता-पिता, शिक्षक, परिवार, पर्यावरण, वातावरण आदि के प्रति हमारी बहुत सारी जिम्मेदारियां हैं। एक इंसान के रूप में, हमारे पास सोचने, सही या गलत के बारे में निर्णय लेने और इसे कार्य में बदलने के लिए अपनी योजनाओं को लागू करने के लिए बहुत दिमाग है। इसलिए, हम अपने जीवन में इस अनुशासन की आवश्यकता और महत्व को जानने के लिए अत्यधिक जिम्मेदार हैं।

अनुशासनहीनता जीवन में बहुत भ्रम पैदा करती है और एक व्यक्ति को गैर जिम्मेदार और आलसी बनाती है। यह आत्मविश्वास के स्तर को कम करता है और मन को एक साधारण काम करने के बारे में अनिश्चित बनाता है। हालाँकि, अनुशासन में रहना हमें जीवन की उच्चतम सीढ़ी की ओर अग्रसर करता है और हमें सफलता पाने में मदद करता है।

अनुशासन का महत्व पर निबंध, essay on importance of discipline in hindi (350 शब्द)

अनुशासन हमें अपने कार्यों और गतिविधियों को एक कुशल तरीके से पूरा करने में मदद करता है। हमें अपने जीवन के हर चरण और गतिविधि में अनुशासित होना चाहिए। अनुशासित होने से सफलता मिलने में मदद मिलती है।

नियमों का पालन करने से हम अनुशासन विकसित करते हैं:

अनुशासन के लिए आवश्यक है कि हम उन नियमों का पालन करें जो हम कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, सड़क नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण है। अगर हमें एक सड़क पार करनी है तो हमें पैदल यात्री क्रॉसिंग पर ऐसा करने की आवश्यकता है। अगर हम नियम की अवज्ञा करते हैं, तो यह खतरनाक होगा।

इसी तरह, हमें उन नियमों का पालन करना चाहिए और उनका सम्मान करना चाहिए जिन्हें हम संगठन का हिस्सा मानते हैं। यदि हम किसी स्कूल या शिक्षण संस्थान में पढ़ते हैं, तो हमें उपस्थिति और अध्ययन के सभी नियमों का पालन करना चाहिए।

अगर हम छुट्टी लेते हैं तो हमें छुट्टी का आवेदन जमा करना होगा। इसी तरह, अगर हम स्कूल में प्रयोगशाला, कंप्यूटर कक्ष और खेल के मैदान जैसी सुविधाओं का उपयोग करना चाहते हैं, तो हमें उनके उपयोग के लिए निर्धारित नियमों का पालन करना होगा।

यदि हम किसी सामाजिक, व्यावसायिक, राजनीतिक, आध्यात्मिक या सांस्कृतिक संगठन का हिस्सा हैं, तो हमें इसके सुचारू और सामंजस्यपूर्ण कामकाज के नियमों का पालन करने की आवश्यकता है। हमें उस देश के नियमों और कानूनों का भी पालन करना होगा जो हम हैं। यदि किसी देश के सभी नागरिक गैर-कानूनी गतिविधियों में लिप्त हैं तो पूरे देश में अराजकता होगी।

नियमों का पालन करने से न केवल हम किसी सुविधा या सेवा से लाभ प्राप्त करते हैं बल्कि यह भी सुनिश्चित करते हैं कि इसका उपयोग करने वाले या अन्य लोगों को कोई गड़बड़ी या विनाश न हो। इसलिए, सभी के अनुशासित होने पर अधिक सामंजस्य और व्यवस्था होती है।

अनुशासन समय के विवेकपूर्ण उपयोग की अनुमति देता है:

सही समय पर सही गतिविधि करके हम अधिक अनुशासित भी हो सकते हैं। इस प्रकार हम अपने पास उपलब्ध समय का विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग करते हैं। अप्रासंगिक गतिविधियों में समय बर्बाद करने के बजाय, हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अपने प्रयासों और ऊर्जाओं को लागू करते हैं।

एक छात्र के रूप में हमें समय के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है ताकि हम समय पर स्कूल पहुँच सकें। हमें अपने कार्य और परियोजनाएँ समय पर पूरी करनी चाहिए। इसी तरह, अगर हमारी किसी विशेष समय पर नियुक्ति होती है, तो हमें समय पर पहुंचने के लिए समयनिष्ठ होना चाहिए। समय की पाबंदी में कमी अनुशासनहीनता को दर्शाता है।

अनुशासन का महत्व पर लेख: article on importance of discipline in hindi (400 शब्द)

अनुशासन एक ऐसी चीज है, जो सभी को अच्छे नियंत्रण में रखती है। यह व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है। हम में से हर एक ने अपनी आवश्यकता और जीवन के प्रति समझ के अनुसार विभिन्न रूपों में अनुशासन का अनुभव किया है। सभी के जीवन में इसकी उपलब्धता सही रास्ते पर जाने के लिए बहुत आवश्यक है।

अनुशासन: इसका महत्व और प्रकार (importance of discipline)

अनुशासन के बिना जीवन निष्क्रिय और बेकार हो जाता है क्योंकि योजना के अनुसार कुछ भी नहीं होता है। अगर हमें किसी भी कार्य को पूरा करने के बारे में सही तरीके से अपनी रणनीति को लागू करने की आवश्यकता है, तो हमें पहले अनुशासन में रहने की आवश्यकता है। अनुशासन चीजों को आसान बनाता है और हमारे जीवन में सफलता लाता है।

अनुशासन आम तौर पर दो प्रकार के होते हैं। एक प्रेरित अनुशासन है जिसमें हम दूसरों के द्वारा अनुशासन में रहना सीखते हैं और दूसरा एक आत्म-अनुशासन है जो अनुशासन में रहने के लिए हमारे स्वयं के मन से आता है। हालाँकि, हमें अपनी आत्म-अनुशासन की आदत को सुधारने के लिए कुछ प्रभावी व्यक्तित्व से प्रेरणा की आवश्यकता हो सकती है।

हमें अनुशासन की आवश्यकता क्यों है?

हमें अपने जीवन के कई चरणों में अनुशासन की आवश्यकता है, इसलिए बचपन से अनुशासन का अभ्यास करना अच्छा है। स्व-अनुशासन का अर्थ अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग होता है जैसे कि छात्रों के लिए, इसका मतलब है कि स्वयं को अध्ययन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करना और सही समय पर काम पूरा करना।

हालांकि, कामकाजी व्यक्ति के लिए, इसका मतलब है कि सुबह समय पर बिस्तर से उठना, व्यायाम करना, समय पर कार्यालय जाना और नौकरी के कार्यों को ठीक से करना।

जीवन में सेल्फ डिसिप्लिन

स्व-अनुशासन की सभी के लिए बहुत आवश्यकता होती है, क्योंकि आधुनिक समय में किसी के पास दूसरों को अनुशासन में रहने के लिए प्रेरित करने का समय नहीं है। अनुशासन के बिना कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में असफल हो सकता है और अपने कैरियर में शैक्षणिक या अन्य सफलता का आनंद नहीं ले सकता है।

हर क्षेत्र में आत्म-अनुशासन की आवश्यकता होती है, जैसे कि डाइटिंग में, किसी को वसायुक्त और जंक फूड पर नियंत्रण करने और नियमित व्यायाम आदि करने की आवश्यकता होती है। कोई भी भोजन पर नियंत्रण के बिना मोटापे जैसे स्वास्थ्य मुद्दों को विकसित कर सकता है, इसलिए इसे सख्त अनुशासन की आवश्यकता है।

माता-पिता को आत्म-अनुशासन की आदतों को विकसित करने की आवश्यकता होती है क्योंकि उन्हें अपने बच्चों को एक अच्छा अनुशासन सिखाने की आवश्यकता होती है। उन्हें हर समय अच्छा व्यवहार करने और सही समय पर सबकुछ करने के लिए प्रेरित करने की जरूरत है। कुछ शरारती बच्चे अपने माता-पिता की सलाह का पालन नहीं करते हैं, ऐसे में माता-पिता को उन्हें अनुशासन सिखाने के लिए धैर्य रखने की आवश्यकता होती है।

प्रकृति के अनुसार अनुशासन का अर्थ सीखने के लिए हर किसी के पास अलग-अलग समय और क्षमता है। इसलिए, कभी भी हार न मानें और हमेशा अनुशासन में रहने की कोशिश करें, क्योंकि आज उठाया गया एक छोटा कदम कल के लिए एक बड़ा बदलाव ला सकता है। अनुशासन हमेशा आपको एक बेहतर इंसान बनाएगा और आपको सफलता के करीब लाएगा।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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अनुशासन पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में | Essay on Discipline in Hindi

आज के इस आर्टिकल में हम आपके लिए लेकर आए हैं अनुशासन पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में। हम अपने जीवन में अनुशासन के महत्व को अनदेखा नहीं कर सकते। यदि हम खुशहाल जीवन जीना चाहते हैं तो इसके लिए जरूरी है कि हमारी जिंदगी में अनुशासन हो। इसलिए छोटे बच्चों को भी स्कूलों में अनुशासन सिखाया जाता है और बहुत सी बार परीक्षा में या फिर किसी डिबेट में अनुशासन पर निबंध भी लिखवाया जाता है। अगर आप भी अनुशासन पर निबंध ढूंढ रहे हैं तो आज के हमारे इस पोस्ट को पूरा पढ़ें और जानें अनुशासन पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में। 

अनुशासन पर निबंध

अनुशासन पर निबंध 100 शब्दों में

हर इंसान को अनुशासन में रहना बहुत ज्यादा आवश्यक होता है। जिस व्यक्ति में अनुशासन की कमी होती है उसे कोई भी पसंद नहीं करता। इसीलिए जीवन में सफलता पाने के लिए और एक कामयाब इंसान बनने के लिए अनुशासन का पालन करना चाहिए। किसी भी व्यक्ति के काम को करने का तरीका और ढंग बताता है कि उसमें अनुशासन है या नहीं। बच्चों को बचपन में ही अनुशासन सिखाना आवश्यक होता है क्योंकि जैसे जैसे वो बड़े होते जाते हैं वैसे वैसे उनके व्यक्तित्व का विकास होता है। इसके अलावा विद्यार्थियों को भी चाहिए कि वो अनुशासन का पालन करें क्योंकि अनुशासन का पालन करने से वो अपने हर काम को समय पर और अच्छी तरह से कर सकते हैं। 

अनुशासन पर निबंध 150 शब्दों में

एक अच्छा जीवन जीने के लिए जरूरी है कि व्यक्ति के जीवन में अनुशासन हो। जो लोग अनुशासन का पालन करते हैं वह अपने सभी कामों को समय पर करते हैं और अच्छी तरह से करते हैं। जिन लोगों में अनुशासन होता है उनके अंदर आज्ञाकारी गुण अपने आप ही आ जाते है। इस वजह से ऐसे लोग जब किसी महत्वपूर्ण काम को करते हैं तो वो अपने बड़ों की आज्ञा का पालन करके अपने काम को अच्छी तरह से करते हैं। ‌इसके विपरीत जो लोग अनुशासनहीन होते हैं और अपने बड़ों की कोई भी बात नहीं मानते उन लोगों को जीवन में बहुत सारी परेशानियों का सामना पड़ जाता है। फिर ऐसे लोग जिंदगी के किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल नहीं कर पाते। इसीलिए अनुशासन का महत्व हर इंसान के जिंदगी में होना बहुत ही ज्यादा जरूरी है।

जिंदगी में दूसरों से आगे बढ़ने के लिए हमें चाहिए कि हम हमेशा अनुशासन में रहें। अपने अध्यापकों और माता-पिता के आदेशों पालन करने से हम अपने जीवन में काफी प्रगति कर सकते हैं। अनुशासन हमारे दैनिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसीलिए हर दिन की दिनचर्या में इसका होना आवश्यक है। ‌

अनुशासन पर निबंध 250 शब्दों में

एक अच्छा जीवन जीने के लिए सभी लोगों के लिए अनुशासन बहुत जरूरी होता है। अनुशासन का मतलब है कि व्यक्ति को अपना विकास करने के लिए कुछ नियम बनाने चाहिए और उन पर हर दिन पालन करना चाहिए। जो लोग अपने जीवन को नियम के साथ नहीं जीते हैं उनका जीवन पूरी तरह से व्यर्थ है क्योंकि वो लोग कभी भी कामयाब इंसान नहीं बन सकते। 

अनुशासन का महत्व प्रकृति से भी सीखा जा सकता है क्योंकि सूरज हर रोज अपने नियमित समय पर निकलता है और फिर नियमित समय पर ही छिप जाता है। ऐसे ही सर्दी, गर्मी, बरसात के मौसम भी अपने नियमित समय पर ही आते हैं और फिर चले जाते हैं। अगर यह प्रकृति अनुशासन का पालन ना करें तो पूरी मानव जाति का खात्मा हो जाएगा। जिस तरह प्रकृति अनुशासन का पालन करती है मनुष्य को भी चाहिए उसी तरह से अपने काम समय पर करे। अनुशासन मनुष्य के जीवन में इसलिए भी महत्व रखता है क्योंकि इंसान एक सामाजिक प्राणी है और उसे समाज में रहने के लिए अनुशासित होना चाहिए। 

हमें यह बात कभी भी नहीं भूलनी चाहिए कि अनुशासन सफलता की एक ऐसी सीढ़ी है जिस पर चढ़कर हम अपनी मंजिल तक पहुंच सकते हैं। छोटे बच्चों और विद्यार्थियों के जीवन में भी अनुशासन का बहुत ही ज्यादा महत्व होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसी आयु में उन्हें सब कुछ सीखने को मिलता है जैसे कि अपने छोटे से प्यार करना, अपने बड़ों का आदर करना, अपना कोई भी काम करने के लिए नियम का पालन करना इत्यादि। 

अनुशासन पर निबंध 500 शब्दों में

अनुशासन हर इंसान के लिए बहुत ज्यादा आवश्यक है। जो लोग अनुशासन का पालन नहीं करते वह हमेशा दूसरों से पीछे ही रहते हैं। अनुशासन दो शब्दों को मिलाकर बनाया गया है। अनु का मतलब है अनुगमन करना और शासन का मतलब है नियम। इस तरह से अनुशासन का मतलब है अपने आप को कामयाब बनाने के लिए नियमों का पालन करना। अनुशासन केवल बड़े लोगों के लिए नहीं है बल्कि छोटे बच्चों के लिए भी उतना ही महत्व रखता है जितना बड़ों के लिए। विशेषतौर से विद्यार्थियों के लिए अनुशासन का महत्व बहुत अधिक होता है। 

अनुशासन का महत्व 

जैसे जिंदा रहने के लिए हमें सांस लेने की जरूरत होती है ठीक वैसे ही जीवन में अनुशासन बहुत आवश्यक होता है। यह किसी एक कार्य के लिए ना होकर बल्कि जिंदगी के हर हिस्से में बहुत ज्यादा महत्व रखता है। अगर विद्यार्थी अपने जीवन में अनुशासन का पालन करते हैं तो उन्हें फिर उनके जीवन में सफलता जरूर मिलती है। इसीलिए अनुशासन हर इंसान के लिए बहुत महत्व रखता है। 

अनुशासन का उद्देश्य 

  • समाज में शांति बनाए रखना अनुशासन का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य है। 
  • आर्थिक अर्थव्यवस्था और सामाजिक व्यवस्था को नियंत्रण में रखना।
  • जिंदगी को सही दिशा में बनाए रखना।
  • सभी मनुष्यों को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करना। 

अनुशासन के फायदे 

अनुशासन के एक नहीं बहुत सारे फायदे हैं जिनमें से कुछ मुख्य फायदे निम्नलिखित इस तरह से हैं –

  • अनुशासन किसी भी व्यक्ति के संपूर्ण व्यक्तित्व के विकास में मदद करता है।
  • जो व्यक्ति अनुशासन का पालन करता है वह तनाव मुक्त रहता है।
  • अनुशासन का पालन करने वाले लोगों को समय के महत्व का अंदाजा होता है जिसकी वजह से वह अपने समय को सही तरह से प्रयोग कर सकते हैं।
  • जो लोग अनुशासन में रहते हैं उन्हें उनके जीवन में खुशहाली और कामयाबी हासिल होती है।
  • जो व्यक्ति अनुशासन में रहता है उसे सही शिक्षा प्राप्त होने के साथ-साथ उज्जवल भविष्य की प्राप्ति भी होती है। 
  • अनुशासन का पालन करने वाला व्यक्ति विद्वान बनता है। 

अनुशासन के प्रकार 

अनुशासन के प्रकार कई तरह के होते हैं जो कि निम्नलिखित हैं –

  • शिक्षक द्वारा आरोपित अनुशासन
  • समूह आरोपित अनुशासन
  • आत्मारोपित अनुशासन
  • कार्य आरोपित अनुशासन 
  • प्राकृतिक अनुशासन 

अनुशासन का पालन करने का तरीका 

अनुशासन का पालन करना मुश्किल नहीं है बल्कि आसान है। इसके लिए व्यक्ति को हमेशा सुबह समय पर उठना चाहिए, उसके बाद नहाना चाहिए और फिर आहार खाना चाहिए। इसके अलावा मनुष्य को चाहिए कि वह जो भी काम करता है उस काम को उसे समय पर पूरा होना चाहिए। कभी भी फालतू की बातों में अपने समय को खराब नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही साथ ऐसी आदतों से बचना चाहिए जो जीवन और अनुशासन दोनों पर ही गलत प्रभाव डालतीं हैं। 

अनुशासन कैसे बनाएं 

जिंदगी में अनुशासन को बनाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि मनुष्य हर छोटी-बड़ी बात का ध्यान रखे। मिसाल के तौर पर मनुष्य को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उसे कब सोकर उठना है, किस वक्त उसे खाना खाना है, किस समय उसे पढ़ाई करनी है इत्यादि। इसके लिए जरूरी है कि इंसान हर दिन अपने बनाए गए नियमों का सटीकता के साथ पालन करे। जब भी कोई काम मनुष्य करे तो उसे अपने अंदर एक आत्मविश्वास हमेशा बनाए रखना चाहिए। इसके अलावा किसी भी काम को करते समय एक सकारात्मक सोच रखनी चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि अगर किसी वजह से अगर काम खराब हो भी जाता है तो तब हम अनुशासन का पालन करते हुए अपने उस काम में आगे बढ़ सकते हैं। 

  • समय का सदुपयोग पर निबंध
  • आदर्श विद्यार्थी पर निबंध
  • परोपकार का महत्व पर निबंध
  • ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध

दोस्तों यह था हमारा आज का आर्टिकल जिसमें हमने आपको बताया अनुशासन पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में। हमें पूरी उम्मीद है कि हमारा यह लेख आपको जरूर पसंद आया होगा। यदि जानकारी अच्छी लगी हो तो हमारे इस पोस्ट को उन लोगों के साथ भी जरूर शेयर करें जो अनुशासन पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में जानकारी ढूंढ रहे हैं। 

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अनुशासन पर निबंध | Essay on Discipline in Hindi (कक्षा 5 से 9 के लिए निबंध)

Essay on Discipline in Hindi

अनुशासन पर निबंध | Essay on Discipline in Hindi : व्यक्तिगत स्तर पर अनुशासन आत्म-नियंत्रण विकसित करने में बेहद मदद करता है, जिससे व्यक्ति वर्तमान संतुष्टि का विरोध कर सकता है और भविष्य में कुछ बेहतर हासिल कर सकता है। बड़े समाज में अच्छे व्यवहार को बनाए रखने और समुदायों को नियमों का पालन करने और सामान्य लक्ष्यों को प्राप्त करने की अनुमति देने के लिए सदस्यों के बीच अनुशासन महत्वपूर्ण है। अनुशासित रहने से हमें अधिक केंद्रित रहने और निर्दिष्ट समय सीमा और समय सीमा के भीतर अपने कार्यों को पूरा करने की क्षमता मिलती है। हम पहले सोचते हैं और फिर कोई काम करते हैं, न कि उसमें कूद पड़ते हैं। अनुशासित रहने से आपको दूसरों का सम्मान हासिल करने में भी मदद मिलती है। यदि आप एक छात्र हैं तो अपना होमवर्क समय पर जमा करना और अपनी परीक्षाओं के लिए अच्छी तैयारी करना आपको अपने शिक्षकों के सामने एक अनुशासित छात्र बना देगा। 

यदि आप एक कर्मचारी हैं, तो आप हमेशा अपने कार्यों को समय सीमा के भीतर पूरा करेंगे और समय पर अपने कार्यस्थल पर आएंगे। इससे आपके बॉस के साथ-साथ सहकर्मियों का भी सम्मान बढ़ेगा। हमारा यह लेख अनुशासन के विषय पर ही आधारित है जिसमें हम आपके लिए अनुशासन पर निबंध लेकर आएं है, जो आप स्कूल के किसी प्रोजेक्ट या फिर किसी निबंध प्रतियोगिता में उपयोग में ले सकते हैं। इस लेख में आपको अनुशासन पर निबंध 150 words,अनुशासन पर निबंध 100 words,अनुशासन पर निबंध पर निबंध 300 शब्द,अनुशासन पर निबंध पर निबंध 500 शब्द,अनुशासन पर निबंध पर निबंध 200 शब्द यह सभी मिल जाएगा जो आप कक्षा 1,2,3,4,5,6,7,8,910 से लेकर बड़ी निबंध प्रतियोगिता में यूज कर सकते हैं। इसके साथ ही आपको अनुशासन पर निबंध ( Essay on Discipline in Hindi ) class 7 और अनुशासन पर निबंध class 6 के लिए भी लेखन सामग्री इस लेख के जरिए मिल जाएगी।

अनुशासन पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Anushasan ka Mahatva Nibandh)

हम इस लेख के जरिए हम आपके लिए अनुशासन पर छोटे तथा बड़े निबंध लेकर आएं है। आप अपनी जरुरत के हिसाब से हमारे निचे दिए गए निबंध का उपयोग कर सकते हैं।जीवन में हर चीज़ के लिए अनुशासन की आवश्यकता होती है। यह नियमों का पालन करने और उचित, पूर्व-निर्धारित आचार संहिता का पालन करने का कार्य है। एक अनुशासित व्यक्ति वह है जिसका अपने कार्यों, मन, शरीर और आत्मा पर पूर्ण नियंत्रण होता है। यह एक आवश्यक आजीवन मूल्य है जिसे शुरुआत से ही अपने अंदर विकसित करना चाहिए। अनुशासन अक्सर भावी जीवन की सफलता में एक महत्वपूर्ण कारक साबित होता है। यह अक्सर किसी के जीवन का एक तरीका बन जाता है जहां समय की पाबंदी और व्यवस्थित दृष्टिकोण प्रमुख स्थान लेते हैं। अनुशासित होने का एक और फायदा यह है कि यह हमें स्वस्थ और सक्रिय रखने में मदद करता है। एक अनुशासित व्यक्ति हमेशा अपना दिन निर्धारित करता है और जानता है कि किस समय कौन सी गतिविधियाँ करनी हैं। उसके सोने, व्यायाम करने, नहाने और खाने के लिए एक निश्चित समय होगा। अनुशासित लोगों में आत्म-नियंत्रण भी अधिक होता है। वे अपनी जीभ पर नियंत्रण रख सकते हैं और कभी भी बिना सोचे-समझे नहीं बोलते। वे स्वस्थ और निरंतर संबंध बनाने में भी अच्छे होते हैं। वे जानते हैं कि उनके लिए क्या हानिकारक है और इसलिए वे खुद को इसमें शामिल होने से रोकते हैं, चाहे यह कितना भी आकर्षक क्यों न लगे।

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अनुशासन पर निबंध हिंदी में 300 शब्द | Jivan Mein Anushasan Ka Mahatva Nibandh

अनुशासन एक ऐसी चीज़ है जो प्रत्येक व्यक्ति को नियंत्रण में रखता है। यह व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है। हर कोई अलग-अलग रूप में अपने जीवन में अनुशासन का पालन करता है। इसके अलावा, हर किसी की अनुशासन की अपनी संभावना होती है। कुछ लोग इसे अपने जीवन का हिस्सा मानते हैं और कुछ नहीं। यह मार्गदर्शक है कि उपलब्धता व्यक्ति को सही रास्ते पर ले जाती है। अनुशासन के बिना व्यक्ति का जीवन नीरस और निष्क्रिय हो जाएगा। इसके अलावा, एक अनुशासित व्यक्ति उन लोगों की तुलना में परिष्कृत तरीके से जीवन की स्थिति को नियंत्रित और संभाल सकता है जो ऐसा नहीं करते हैं।

वहीं अगर आपके पास कोई ऐसी योजना है और आप आने वाले भविष्य में  उस योजना को अपने जीवन में लागू करना चाहते हैं तो आपका अनुशासित होना बहुत जरुरी हैं। अनुशासन से आप कई  चीजों को आसानी से संभाल सकते हैं और अंततः आपके जीवन में सफलता लाता है। यदि अनुशासन के प्रकारों की बात करें तो ये सामान्यतः दो प्रकार के होते हैं। पहला है प्रेरित अनुशासन और दूसरा है आत्म-अनुशासन।प्रेरित अनुशासन एक ऐसी चीज़ है जो दूसरों ने हमें सिखाया है या हम दूसरों को देखकर सीखते हैं। जबकि आत्म-अनुशासन भीतर से आता है और हम इसे स्वयं सीखते हैं। आत्म-अनुशासन के लिए दूसरों से बहुत अधिक प्रेरणा और समर्थन की आवश्यकता होती है।

सबसे बढ़कर, बिना किसी गलती के अपने दैनिक कार्यक्रम का पालन करना भी अनुशासित होने का हिस्सा है। हमें जीवन में लगभग हर जगह अनुशासन की आवश्यकता होती है। इसलिए, हमारे जीवन के शुरुआती चरणों से ही अनुशासन का अभ्यास करना सबसे अच्छा है। आत्म-अनुशासन का अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग मतलब होता है। छात्रों के लिए इसका अर्थ अलग है, कर्मचारी के लिए इसका अर्थ अलग है, और बच्चों के लिए इसका अर्थ अलग है। इसके अलावा, अनुशासन का अर्थ जीवन के चरणों और प्राथमिकता के साथ बदलता है। हर किसी को अनुशासित नहीं किया जा सकता क्योंकि इसके लिए बहुत अधिक मेहनत और समर्पण की आवश्यकता होती है। साथ ही, इसके लिए सकारात्मक दिमाग और स्वस्थ शरीर की भी आवश्यकता होती है। व्यक्ति को अनुशासन के प्रति सख्त होना होगा ताकि वह सफलता की राह को सफलतापूर्वक पूरा कर सके। शिष्य एक सीढ़ी है जिसके माध्यम से व्यक्ति सफलता प्राप्त करता है। यह व्यक्ति को जीवन में अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। साथ ही, यह उसे लक्ष्य से भटकने नहीं देता।

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Anushasan ka Mahatva Esaay in Hindi | अनुशासन का महत्त्व पर निबंध (600 शब्द)

अनुशासन का अर्थ है मन को प्रशिक्षित करना ताकि वह नियमों या आदेशों के नियंत्रण को स्वेच्छा से स्वीकार कर सके। संक्षेप में, यह श्रेष्ठ प्राधिकारी के प्रति सहज आज्ञाकारिता है, यह सीखने के लिए एक मूल्यवान सबक है। दुनिया के महान देशों ने खुद को सबसे कठोर अनुशासन के अधीन रखकर महानता हासिल की।प्राचीन हिंदुओं के साथ-साथ प्राचीन स्पार्टन्स ने संयम का जीवन जीने की आवश्यकता पर जोर दिया, यहां तक कि आत्म-त्याग का भी। वे जानते थे कि सख्त नियंत्रण के बिना, मनुष्य की ऊर्जा अक्सर बेकार प्रयासों में बर्बाद हो जाती है। किसी के नैतिक जीवन के लिए सबसे पहले अनुशासन आवश्यक है। आत्मभोग सभी मनुष्यों के लिए एक स्वाभाविक प्रलोभन है। हमारी इंद्रियाँ सहज संतुष्टि चाहती हैं। लेकिन अगर हम इस लालसा को रास्ता देते हैं, तो समय के साथ हम इसके अलावा कुछ नहीं सोचेंगे। यह आसान रास्ता है, गुलाबों की सेज की तरह सुखों का जीवन जीना; लेकिन अंततः यह दुख की ओर ले जाता है।

अनुशासन के प्रकार

अनुशासन मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं। पहला है प्रेरित अनुशासन और दूसरा है आत्म-अनुशासन। प्रेरित अनुशासन का सीधा-सा अर्थ है जब कोई अन्य व्यक्ति आपके जीवन और निर्णयों पर नियंत्रण कर लेता है। और आत्म-अनुशासन का अर्थ है जब कोई व्यक्ति स्वयं अपने जीवन पर नियंत्रण कर लेता है। आप क्या सोचते हैं? इनमें से कोनसा बेहतर है।आत्म-अनुशासन बेहतर है. जब कोई दूसरा आपको नियंत्रित करता है, तो यह चिड़चिड़ा हो जाता है और आप हमेशा इससे छुटकारा पाने की कोशिश करते हैं। लेकिन जब आप अपने जीवन को नियंत्रित करते हैं, तो आप शायद इसका आनंद लेते हैं। अपने जीवन को नियंत्रित करने का मतलब यह नहीं है कि आप जो करना चाहते हैं उस तक पहुंच हो, यह उन नियमों का पालन करने के बारे में है जो आपने अपने लिए बनाए हैं।

विद्यार्थी जीवन में इसका महत्व

अनुशासन के बिना व्यक्ति का जीवन उलझनों से भरा होता है। साथ ही, एक अनुशासित व्यक्ति उन लोगों की तुलना में जटिल समस्याओं को आसानी से नियंत्रित और संभाल सकता है जो अनुशासित नहीं हैं। नियोजन अनुशासन का एक भाग है। योजना के बिना, कोई वांछित परिणाम नहीं मिलता है और किसी भी चीज़ के लिए योजना बनाने से आपको समय की पाबंदी विकसित करने में मदद मिलती है जो किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात है।अनुशासन व्यक्ति को अधिक ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। इसके अलावा, अनुशासन का व्यक्ति अपने काम, कार्यों या लक्ष्यों पर बेहतर ध्यान केंद्रित कर पाता है। अनुशासन व्यक्ति को विभिन्न प्रकार की विकर्षणों से दूर रखता है। अनुशासन से ईमानदारी एवं गंभीरता की भावना बढ़ती है। नतीजतन, उच्च गुणवत्ता वाला फोकस अनुशासन का परिणाम है।

अनुशासन की आवश्यकता 

हमें जीवन के लगभग हर क्षेत्र में अनुशासन की आवश्यकता है। स्वस्थ शरीर पाने के लिए हमें अपने खान-पान में अनुशासित होने की आवश्यकता है। इससे इस बात का अवलोकन करने की भावना विकसित होगी कि क्या खाना अच्छा है और क्या नहीं। हमें अपने कार्यों और लक्ष्यों के प्रति समय का पाबंद और नियमित रहने की आवश्यकता है।अनुशासन समाज में हमारी स्पष्ट छवि स्थापित करता है क्योंकि एक अनुशासित व्यक्ति होना कोई बड़ी उपलब्धि नहीं है। इसके लिए दृढ़ समर्पण और कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है। साथ ही इसके लिए ठोस दिमाग और स्वस्थ शरीर की भी जरूरत होती है। किसी को सख्ती से अनुशासित होना होगा ताकि वह सफलता की राह को सफलतापूर्वक पूरा कर सके।

सफलता की कुंजी

अनुशासन एक सीढ़ी है जिस पर चढ़कर व्यक्ति सफलता प्राप्त करता है। यह व्यक्ति को अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। साथ ही यह उसे लक्ष्य से भटकने भी नहीं देता। इसके अतिरिक्त, यह व्यक्ति के मन और शरीर को नियमों और विनियमों का पालन करने के लिए शिक्षित और प्रशिक्षित करके उसके जीवन में पूर्णता का कारण बनता है जो उसे एक बेहतर नागरिक बनने में मदद करता है।

अगर हम पेशेवर जीवन की बात करें तो अनुशासित व्यक्ति को अनुशासित नहीं रहने वाले व्यक्ति की तुलना में अधिक अवसर मिलते हैं। साथ ही, यह व्यक्ति के व्यक्तित्व में एक असाधारण आयाम का मिश्रण करता है। इसके अलावा व्यक्ति जहां भी जाता है लोगों के मन पर सकारात्मक प्रभाव छोड़ता है।

अनुशासन गुलामी नहीं है. शुरुआत में यह गंभीर रूप से दर्दनाक लग सकता है लेकिन जल्द ही व्यक्ति को इसकी आदत पड़ जाएगी। लेकिन दुर्लभ अवसरों पर आज्ञाकारिता को तर्कसंगत बनाना पड़ सकता है और किसी के विवेक की अनदेखी करके ऐसा नहीं किया जाना चाहिए। यह देखने में एक उच्चतर वस्तु है। दास स्वामी की इच्छा के प्रति अंध समर्पण दर्शाता है। सच्चा अनुशासन किसी उच्च उद्देश्य की प्राप्ति के लिए स्वयं की जागरूक और सहज अधीनता में निहित है।इसलिए, अनुशासन यांत्रिक नहीं होना चाहिए; क्योंकि मनुष्य कोई मशीन नहीं है. इसका मतलब स्वतंत्र निर्णय को नकारना नहीं हो सकता। अनुशासन स्वीकार करना किसी भी तरह से बहुत सुखद नहीं है। इसका मतलब है उस व्यक्तित्व का समर्पण जो परेशान करने वाला है। यदि हम अपने सामने केवल स्वयं से बढ़कर कुछ रखते हैं, तो अनुशासन केवल स्वेच्छा से लेकिन प्रसन्नतापूर्वक स्वीकार किया जाएगा। इसका चरित्र पर उत्थानकारी प्रभाव पड़ता है।

SR. No.
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जीवन में अनुशासन का महत्व | Essay on Discipline in Hindi Download PDF

इस पॉइन्ट में हम आपको जीवन में अनुशासन का महत्व पर निबंध Download PDF उपलब्ध करा रहे है जो आप डाउनलोड कर सकते है और कभी भी खुद भी पढ़ सकते है और अपने बच्चों या परिजनों को पढ़ा सकते हैं।

अनुशासन पर भाषण 10 लाइन | Vidyarthi Jeevan Mein Anushasan Ka Mahatva Nibandh

Speech on Discipline in Hindi

  • व्यक्ति का जीवन अनुशासन पर आधारित होना चाहिए।
  • अनुशासन नियमों का पालन करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह लोगों को आत्म-नियंत्रण और आत्म-आश्वासन विकसित करने में मदद करता है।
  • अनुशासन हमें घर, स्कूल और रोजगार के स्थान पर सिखाया जाता है।
  • सब कुछ अनुशासन से संबंधित है, हम कैसे कपड़े पहनते हैं से लेकर हम खुद को कैसे व्यवस्थित करते हैं, समय की पाबंदी से लेकर नैतिक व्यवहार की भावना तक।
  • जब हम देर से पहुंचते हैं या उचित पोशाक नहीं पहनते हैं तो हमें स्कूल में सज़ा मिलती है क्योंकि ये व्यवहार स्थापित अनुशासनात्मक प्रक्रियाओं के विरुद्ध होते हैं।
  • हमें सुबह की असेंबली के लिए तैयार होने और समय सीमा से पहले अपना स्कूल का काम पूरा करने के लिए भी कहा जाता है।
  • स्कूल उचित शिक्षण और दंड के माध्यम से हममें अनुशासन पैदा करते हैं।
  • न केवल छात्रों को सख्त आचार संहिता का पालन करना पड़ता है, बल्कि पेशेवरों, सैनिकों, एथलीटों आदि को भी सख्त आचार संहिता का पालन करना पड़ता है।
  • यद्यपि कठिन है, किसी के जीवन में अनुशासन बनाए रखना महत्वपूर्ण है। इसी वजह से हमें छोटी उम्र से ही यह सिखाया जाता है।
  • अनुशासन की सहायता से हम शांत और व्यवस्थित जीवन जी सकते हैं

हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गए छोटे और बड़े निबंध आपको पसंद आएं होंगे। जैसे कि हमने आपको निबंध के शुरुआत में बताया था कि इस निबंध में आपको अनुशासन पर निबंध 150 words,अनुशासन पर निबंध 100 words,अनुशासन पर निबंध पर निबंध 300 शब्द,अनुशासन पर निबंध पर निबंध 500 शब्द,अनुशासन पर निबंध पर निबंध 200 शब्द,अनुशासन पर निबंध पर निबंध class 7,अनुशासन पर निबंध पर निबंध class 6 मिल जाएंगे। आगे भी हम ऐसे कई विषय पर आपके लिए निबंध लेकर आते रहेंगे।

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  • नवम्बर 17, 2023

Anushasan ka Mahatva

अनुशासन का मूल्य वह करने का तरीका है जो करने की आवश्यकता है। अभ्यास न केवल व्यक्ति को सकारात्मक कार्य स्थापित करने की अनुमति देता है। यह हमारे दिमाग और शरीर को प्रशिक्षित करने में मदद करता है और हमें अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने और अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने में सक्षम बनाता है। हर एक मनुष्य के जीवन में अनुशासन होना सबसे ज्यादा महत्व होता है। खुशहाल जीवन जीने के लिए अनुशासन होना बहुत ही आवश्यक है। कोई भी अवस्था हो, हमें अनुशासित रहना चाहिए। इस ब्लॉग में हम अनुशासन का महत्व (Anushasan ka Mahatva) विस्तार से जानेंगे।

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अनुशासन दो शब्दों से मिलकर बना है- अनु और शासन। अनु उपसर्ग है जो शासन से जुड़ा है और जिससे अनुशासन शब्द बना है। जिसका अर्थ है- किसी नियम के अधीन रहना या नियमों के शासन में रहना। हमारे जीवन के हर एक काम के लिए बेहतर अनुशासन की आवश्यकता होती है। पारिवारिक और सामाजिक जीवन में तो कहीं ज्यादा अनुशासन की आवश्यकता होती है। यह एक कटु सच्चाई है कि अनुशासन के बिना सफलता नहीं हासिल की जा सकती। जिस देश के लोग अनुशासित हैं, जहां की सेना अनुशासित है, वह देश निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर होता रहेगा, वह सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ता रहेगा।

अच्छे विद्यार्थी को हमेशा अनुशासन में रहना चाहिए। अच्छे विद्यार्थी के गुणों में अनुशासन सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। अनुशासन का पालन करके ही एक अच्छा विद्यार्थी बना जा सकता है। अच्छे विद्यार्थी को माता पिता, शिक्षकों, बड़ों की आज्ञा हमेशा पालन करना चाहिए। जीवन को आनंदपूर्वक जीने के लिए विद्या और अनुशासन दोनों आवश्यक हैं। अनुशासन भी एक प्रकार की विद्या अपनी दिनचर्या, भजन चाल, रहन-सहन, सोच-विचार और अपने समस्त व्यवहार को व्यवस्थित करना ही अनुशासन है। अनुशासन का गुण बचपन में ही ग्रहण किया जाना चाहिए। अनुशासन जीवन के लिए परमावश्यक है तथा उसकी प्रथम पाठशाला है।

शिक्षा में Anushasan ka Mahatva बहुत ही ज्यादा है। स्टूडेंट्स लाइफ में व सामाजिक जीवन तथा हर जगह हमें अनुशासन के नियमों का पालन करना चाहिए। इससे ही हमारा जीवन सुखद बनता है और हम अपना व्यक्तित्व निखार कर सबके सामने पेश कर पाते हैं। शिक्षा में यदि हम अनुशासन का पालन करते हैं तो हमें शिक्षा के साथ-साथ आत्मविश्वास की भी प्राप्ति होती है। यदि हम पढ़ाई करते समय अनुशासन का पालन करते हैं तो हम अच्छे नंबर से उत्तीर्ण हो सकते हैं। विद्यालय में अनुशासन का पालन करने पर हम अध्यापक द्वारा पढ़ाए जाने वाला हर अध्याय अच्छे से समझ सकते हैं।

मनुष्य के जीवन में Anushasan ka Mahatva कितना आवश्यक है, हम प्वाइंट्स में जानेंगेः

  • हम किसी न किसी अनुशासन का किसी न किसी रूप में पालन करते हैं। हम भले जी कहीं भी हों स्कूल, घर, कार्यालय, संस्थान, कारखाने, खेल के मैदान, युद्ध के मैदान या अन्य किसी भी स्थान पर हों।
  • अनुशासन इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि ऐसा करने से काम शांति से और अच्छे से हो जाता है।
  • कई सफल व्यक्ति जिन्होंने अपने जीवन में काफी सफलता हासिल की हो वह अपनी इस सफलता का श्रेय अनुशासन को देते हैं। अनुशासन ने ही उन्हें वह सफलता दिलाई है।
  • अनुशासन हमारे व्यक्तिगत जीवन, करियर, काम, अध्ययन, जीवन शैली और यहां तक कि सामाजिक जीवन तक फैला हुआ है। इसलिए इसका महत्व भी हमारे जीवन के लिए बहुत अधिक है।
  • अनुशासन हमें आगे बढ़ने का सही तरीका, जीवन में नई चीजें सीखने, कम समय के अंदर अधिक अनुभव करने जैसे बहुत सारे अवसर प्रदान करता है।

हम अपने जीवन में अनुशासन को अपनाने के लिए निम्नलिखित तरीकों का पालन कर सकते हैंः

  • एक संतुलित और नियमित दिनचर्या का पालन करना।
  • कार्यों को समय पर पूरा करने का हरसंभव प्रयास करना।
  • व्यर्थ के कार्यों से दूर रहना।
  • बुरी आदतों और कार्यों से दूरी बनाना।
  • अपने कार्यों के प्रति पूरी लगन रखना।

anushasan ka mahatva

हमें अपने जीवन को अनुशासित बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करने चाहिए। अपने जीवन में Anushasan ka Mahatva जानना जरूरी है और इसके लिए इन नियमों का पालन करना चाहिए:

  • एक संतुलित और नियमित दिनचर्या का पालन करना चाहिए।
  • अपने से छोटे और बड़े लोगों का सम्मान करना चाहिए।
  • अपने कार्यों को समय पर पूरा करने का हर संभव प्रयास करना चाहिए।
  • व्यर्थ के कार्यों से दूर रहना चाहिए अर्थात समय का सही उपयोग करना चाहिए।
  • बुरी आदतों और कार्यों से हमेशा दूर रहना चाहिए।
  • हर व्यक्ति के प्रति सकारात्मक सोच रखना चाहिए।
  • अपने कार्यों के प्रति पूरी लगन रखना चाहिए और हमेशा सकारात्मक रहना चाहिए।
  • अपने जीवन में कोशिश करें कि हमेशा संयम से काम करें।

अनुशासन के विभिन्न लोगों द्वारा विभिन्न प्रकार बताए गए हैं। नीचे इसके प्रकार दिए गए हैं-

  • सकारात्मक अनुशासन: सकारात्मक अनुशासन व्यवहार के सकारात्मक बिन्दुओं पर ध्यान केंद्रित करता है। यह व्यक्ति में एक तरह का सकारात्मक विचार उत्पन्न करता है, कि कोई व्यक्ति अच्छा या बुरा नहीं होता, बल्कि उसके व्यवहार अच्छे या बुरे होते हैं। किसी बच्चे के माता–पिता उन्हें समस्या सुलझाने के कौशल सिखाते हैं और साथ ही उन्हें विकसित करने के लिए उनके साथ काम करते हैं। माता–पिता अपने बच्चे को अनुशासन सिखाने के लिए शिक्षण संस्थाओं में भेजते हैं। यह सभी पहलू सकारात्मक अनुशासन को बढ़ावा देते हैं। और इसे प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
  • नकारात्मक अनुशासन: नकारात्मक अनुशासन वह अनुशासन है जिसमें यह देखा जाता है, कि कोई व्यक्ति क्या गलत कर रहा है, जिससे उस पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। किसी व्यक्ति को आदेश देना एवं उन्हें नियमों और कानूनों को पालन करने के लिए मजबूर करना नकारात्मक अनुशासन होता है।
  • सीमा आधारित अनुशासन: सीमा आधारित अनुशासन सीमाएं निर्धारित करने और नियमों को स्पष्ट करने के लिए होता है। इस अनुशासन के पीछे एक सरल सिद्धांत है, कि जब एक बच्चे को यह पता होता है, कि यदि वे सीमा से बाहर जाते हैं, तो इसका परिणाम क्या होता है, तो ऐसे बच्चे आज्ञाकारी होते हैं। उनका व्यवहार सकारात्मक होता हैं और वे खुद को हमेशा सुरक्षित महसूस करते हैं।
  • व्यवहार आधारित अनुशासन: व्यवहार में संशोधन करने से सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही परिणाम होते हैं। अच्छा व्यवहार प्रशंसा या पुरस्कार के साथ आता है, जबकि दुर्व्यवहारों के कारण नकारात्मक परिणामों को हवा मिलती है, इसलिए इससे काफी नुकसान भी होता है।
  • आत्म अनुशासन: आत्म अनुशासन का अर्थ है, अपने मन और आत्मा को अनुशासित करना जो बदले में हमारे शरीर को प्रभावित करते हैं। इसके लिए हमें अपने आप को अनुशासित होने के लिए प्रेरित करना होगा. यदि हमारा दिमाग अनुशासित रहेगा, तो हमारा शरीर अपने आप ही अच्छे से कार्य करेगा।

अनुशासन का महत्व पर 100 शब्दों पर निबंध इस प्रकार लिख सकते हैंः

हर एक मनुष्य के जीवन में अनुशासन होना बहुत ही जरूरी है, जिस व्यक्ति में अनुशासन नहीं होता वह अनुशासनहीन कहलाता है। जीवन में सफल व्यक्ति बनने के लिए अनुशासन का महत्व होना बहुत ही आवश्यक है। जो भी कार्य हम सही समय पर करते हैं और जिस ढंग से करते हैं उस पर से हमारा अनुशासन का पता चलता है। बचपन से ही बच्चों में अनुशासन होना बहुत ही जरूरी है, विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का बड़ा महत्व होता है। जीवन का मूल मंत्र अनुशासन का महत्व है। गांधीजी के जीवन में अनुशासन का महत्व बहुत ही था, वह जीवन में अपना  हर कार्य समय के साथ और दिनचर्या का कठोरता के साथ पालन करते थे।

“हम सभी को दो चीजें बर्दाश्त करनी पड़ती हैं: अनुशासन का कष्ट या पछतावे और मायूसी की पीड़ा।” – Jim Rohn

250 शब्दों में Anushasan Ka Mahatva Essay in Hindi इस प्रकार हैः

अनुशासन होना हर मनुष्य के जीवन में बहुत ही आवश्यक है, अनुशासित व्यक्ति  के अंदर आज्ञाकारी का गुण होता है। अनुशासन पूरे जीवन में बहुत ही महत्व का होता है और साथ ही सभी  कार्य में इसकी जरूरत होना बहुत ही आवश्यक है। किसी भी प्रोजेक्ट पर गंभीरता से कार्य करने के लिए अनुशासन होना बहुत ही आवश्यक है अगर हम अपने वरिष्ठ की आज्ञा का पालन नहीं करते तो, हमें आगे चलकर परेशानियों का सामना करना पड़ता है और हमें असफलता प्राप्त होती है। यही वजह है कि Anushasan ka Mahatva हर मनुष्य की जिंदगी में होना जरूरी है।

जीवन में आगे बढ़ने के लिए हमें हमेशा अनुशासन में रहना चाहिए , अपने माता-पिता एवं शिक्षकों के आदेशों का पालन करना चाहिए। अनुशासन हमारे रोज की दिनचर्या में होना जरूरी है, सुबह जल्दी उठ कर, पानी पीकर, शौचालय जाना चाहिए फिर दांतों को साफ करके, नहाना चाहिए और नाश्ता करने के बाद स्कूल जाना चाहिए। साथ ही हमारे आसपास स्वच्छता और सफाई रखना बहुत ही आवश्यक है। 

अपने माता पिता को हमेशा खुश रखना चाहिए, उन्हें कभी भी  दुखी नहीं करना चाहिए। हमें स्कूल में समय पर पहुंच जाना चाहिए और अच्छे से यूनिफॉर्म और तैयार होकर जाना चाहिए।नियम के अनुसार प्रार्थना करना चाहिए और शिक्षकों की आज्ञा का पालन करना बहुत ही आवश्यक है। अपना कार्य खुद ही करना चाहिए और पाठ को अच्छे से याद रखना और लिखावट साफ सुथरी होना बहुत ही अनिवार्य है।

हमें हमेशा चौकीदार ,शिक्षक या हमसे बड़े लोगों के साथ अच्छे से बर्ताव करना चाहिए और उनका सम्मान करना चाहिए। हमेशा सफल इंसान बनने के लिए अनुशासन होना बहुत ही जरूरी है। जिस व्यक्ति में अनुशासन है वह जीवन में कहीं सारी उपलब्धियां प्राप्त कर सकता है।

anushasan ka mahatva

Anushasan Ka Mahatva Par Anuchchhed (500 शब्द)

अनुशासन का महत्व पर अनुच्छेद इस प्रकार लिख सकते हैंः

अनुशासन दो शब्दों का मिश्रण करके बना है: अनुशासन। अनुशासन का यह अर्थ है कि अपने विकास के लिए कुछ नियम निर्धारित करना और उस नियम का रोजाना पालन करना चाहे वह नियम हमें पसंद हो या ना हो इसी को हम अनुशासन का महत्व कहते हैं। अगर हम अपने जीवन में नियम के साथ नहीं जीते या चलते तो हमारा जीवन व्यर्थ है।

अनुशासन का महत्व सीखने के लिए सबसे बड़ा उदाहरण प्रकृति का है। सूरज हमेशा अपने नियमित समय पर उगता है और नियमित समय पर ही ढल जाता है, नदियां हमेशा बहती ही रहती है, गर्मी, ठंड या बारिश का मौसम अपने नियमित समय पर आते हैं और चले जाते हैं। अगर किसी भी रूप से प्रकृति अपने काम नियमित ना करें तो मानव जाति का विनाश हो जाएगा,  ठीक उसी तरह हमें भी अपने काम नियमित रूप से ना करे तो हमारा जीवन भी पतन हो जाएगा। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, जो समाज में रहता है और समाज में रहने के लिए अनुशासन का होना बहुत ही आवश्यक है।

अनुशासन हमारे जीवन में सफलता की सीढ़ी है जिस पर चढ़कर या उसके सहारे हम कोई भी मंजिल को अपने जीवन में हासिल कर सकते हैं। विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन का बहुत ही महत्व है क्योंकि यह वह पड़ाव है जहां वह जीवन में सब कुछ सीखते हैं, छोटू से प्यार, बड़ों का आदर, समय का पक्का ,नियम का पालन करना आदि। अनुशासन सबसे ज्यादा खेलों में अपनी भूमिका अदा करता है। अनुशासन कई लोगों के जीवन में जन्म से ही मौजूद होता है और कुछ लोगों को अपने जीवन में उत्पन्न करना पड़ता है। अनुशासन दो प्रकार का होता है : पहला जो किसी के जीवन में जबरदस्ती से  लाया जाए और लोगों पर धक्के से थोपा जाए यह बाहरी अनुशासन कहलाता है।

दूसरा अनुशासन वह है जो लोगों में पहले से ही विद्यमान होता है वह आंतरिक अनुशासन कहलाता है। जब भी कोई भी मनुष्य अपना हर काम समय से करेगा और व्यवस्थित तरीके से करेगा तो सफलता अवश्य उसके कदम चूमेगी और वह अपने लक्ष्य को हासिल कर सकता है। अनुशासन में रहने के तरीके: अपना किसी भी प्रकार के कार्य को आज ही पूरा करने का प्रयास करें कल करने के लिए ना छोड़े, रोज सही और अच्छी दिनचर्या का पालन करने का प्रयास करें, जीवन का हर एक कार्य पूरी लगन और मेहनत के साथ करें, बुरे कामों और बुरी आदतों से दूर रहे।

अनुशासन के बिना मनुष्य का जीवन आधा अधूरा है, जीवन में सफलता की कुंजी अनुशासन है। अनुशासन के आधार पर हमारे जीवन का भविष्य तय होता है। अनुशासन की राह पर चलना थोड़ा मुश्किल होता है ,परंतु इस राह पर चलने के बाद मिलने वाला फल बहुत ही स्वादिष्ट और मीठा होता है। अनुशासन बहुत डोर है, जो हमें आकाश की बुलंदियों को छूने के लिए मदद करती है।

संकेत बिंदु

  • प्रस्तावना 
  • विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व
  • अनुशासन का खत्म होना
  • अनुशासनहीनता के कारण एवं निवारण के उपाय

प्रस्तावना- अनुशासन शब्द दो शब्दों के मेल से बना है, जो है ‘अनु’ तथा ‘शासन’ । अनु का अर्थ-“अनुगमन करना” तथा शासन का अर्थ- “अर्थव्यवस्था या नियम” होता है। इस प्रकार से कहा जा सकता है कि अनुशासन का अर्थ है नियम व्यवस्था का अनुसरण करना। अर्थात प्रशासनिक एवं राज सामाजिक व्यवस्था के विपरीत काम ना करना जिससे समाज में रहने वाले लोगों को कष्ट की प्राप्ति हो। पूरे ब्रह्मांड और प्रकृति का कण-कण अनुशासन से बाधित है तो मनुष्य अनुशासन बद्य क्यों नहीं रह सकता है।

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व- विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का बहुत अधिक महत्व है। विद्यार्थियों से समाज बहुत अधिक अपेक्षा रखता है क्योंकि वे देश का भविष्य है। यह न केवल स्वयं का बल्कि अपने परिवार समाज तथा राष्ट्रीय का गौरव होते हैं। विद्यार्थी जीवन में मनमाना काम करने की इच्छा सफलता प्राप्ति में रुकावट होती है। इस समय में विद्यार्जन के साथ-साथ अच्छे संस्कार अपने तथा विकसित होने पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है। बिना अनुशासन के विद्यार्थी जीवन सफल नहीं हो सकता है।

अनुशासन का खत्म होना- प्राचीन काल में गुरुकुल में विद्या प्राप्ति की परंपरा थी ‌‌। वहां विद्यार्थी गुरुकुल के नियम का दृढ़ता से पालन करते थे। उनकी शिक्षा और दीक्षा का प्रमुख आधार अनुशासन ही था, परंतु आज के समय में विद्यार्थी उन शिष्यों की तरह नहीं है। आज के विद्यार्थी में सहनशीलता, आज्ञाकारिता, श्रद्धा और अनुशासन की बहुत अधिक कमी है। छात्रों में अहंकार तथा निरंकुशता का भाव उत्पन्न होता जा रहा है। उनकी बातों में शिष्टता और विनम्रता दोनों भाव विलुप्त होते जा रहे हैं ‌। इसलिए आज के विद्यार्थी को अनुशासन का पालन करने की अधिक आवश्यकता है।

अनुशासनहीनता के कारण एवं निवारण के उपाय- अनुशासनहीनता का मुख्य कारण यह है कि अरुचिकर पाठ्यक्रम, पुरानी घिसी पिटी शिक्षा प्रणाली, भविष्य के प्रति अनिश्चितता, अध्यापक तथा अभिभावक का विद्यार्थी के प्रति व्यवहार। यदि हमें इस समस्या से निपटना है तो हमें इन कारणों को गहनता से समझने की आवश्यकता है। ताकि विद्यार्थियों या बच्चों में अध्यापक और अभिभावक के प्रति आदर भाव उत्पन्न हो सके। इसके अतिरिक्त शिक्षा प्रणाली को रुचिकर बनाने की आवश्यकता है। विद्यार्थी के साथ-साथ अध्यापक तथा उनके माता-पिता को भी अनुशासन को अपनाने की आवश्यकता है।

उपसंहार- आज का विद्यार्थी या बच्चे अपने भविष्य के प्रति जागरूक हैं। बस यह आवश्यक है कि वहां अपने मनमानी इच्छा को नियंत्रण में रखें यदि वह ऐसा करता है तो वह समाज में, परिवार में तथा और लोगों के बीच एक अच्छी छवि छोड़ता है।

अनुशासन हमें सही और सुखी जीवन जीने की कला को सिखाता है। अनुशासन के जरिए हमें अपने जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त करने में अहम किरदार निभाता है। इसके जरिए हम टाइम मैनेजमेंट, हेल्दी लाइफ स्टाइल और नौतिका आदि सीख सकते हैं। इसके साथ ही कुछ मुख्य अनुशासन के लाभ इस प्रकार हैंः

  • अनुशासन हमारे व्यक्तित्व विकास में सहायक होता है।
  • इससे हम तनाव मुक्त रहते हैं।
  • इससे हमें समय के महत्व का पता चलता है जिससे हम अपने समय को सही तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • अनुशासन में रहने पर हम अपने साथ-साथ अपने समाज का भी विकास करते हैं।
  • अनुशासन में रहने पर हमें खुशहाली की प्राप्ति होती है।
  • यदि हम अनुशासन में रहते हैं तो हमें देखने वाले लोगों में भी अनुशासन अपनाने की इच्छा होती है।
  • अनुशासन में रहने पर हमें शिक्षा की सही प्राप्ति होती है।
  • अनुशासन से हमें उज्जवल भविष्य की प्राप्ति होती है।

अनुशासन पर सुविचार इस प्रकार हैं:

अनुशासन पढ़ना, सीखना, प्रशिक्षण लेना, और इसके तरीके को जीवन में लागू करना है।

अनुशासन कोई नियम, कानून या सजा नहीं है, और न ही समर्पण या कर्तव्य पालन, कठोर, बोरिंग या हमेशा एक ही काम करने वाला है। अनुशासन एक विकल्प है जो आपकी पसंद हो सकता है, और यह निर्णय लेने में भी बेहतर होता है।

अनुशासन वह प्रकृति है जो प्रकृति द्वारा बनाई गई हर चीज में मौजूद होता है।

एक अनुशासित मन सुख की ओर जाता है और एक अनुशासनहीन मन दुःख की ओर ले जाता है।

सफलता के लिए सबसे महत्वपूर्ण चाबियों में से एक अनुशासन है, किन्तु यह जानते हुए भी हम इसका पालन करना पसंद नहीं करते है।

यह कोई जादू की छड़ी नहीं है जो हमारी समस्याओं को हल कर सके. समाधान हमारे काम और अनुशासन दोनों के साथ मिलता है।

अनुशासन लक्ष्य और सफलता के बीच एक पुल की तरह काम करता है।

नियमित रूप से आत्म अनुशासन और आत्म नियंत्रण से आप चरित्र की महानता को विकसित कर सकते हैं।

कोई भी व्यक्ति दूसरे को आदेश देने के लिए फिट नहीं है जब वह खुद को आदेश नहीं दे सकता है।

कुछ लोग अनुशासन को एक संस्कार मानते हैं, किन्तु मेरे लिए यह एक तरह का आदेश है जो मुझे उड़ान भरने के लिए स्वतंत्र करता है।

अनुशासन दो शब्दों से मिलकर बना है- अनु और शासन। अनु उपसर्ग है जो शासन से जुड़ा है और जिससे अनुशासन शब्द निर्मित हुआ है। जिसका अर्थ है- किसी नियम के अधीन रहना या नियमों के शासन में रहना। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अनुशासन आवश्यक है।

अनुशासन विद्यार्थी को पढ़ाई के साथ-साथ जीवन के अन्य क्षेत्रों के प्रति एकाग्र और प्रेरित होना सिखाता है। एक अनुशासित विद्यार्थी अपनी शैक्षणिक संस्थान का गौरव होता है। समाज द्वारा हमेशा उनका सम्मान किया जाता है। अनुशासन के बिना हम एक सफल छात्र की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।

अनुशासित व्यक्ति ही समाज और जीवन में सम्मान पाते हैं। अनुशासन हमें वक्त की कदर करना सिखाता है, जो कि लक्ष्य प्राप्ति और राष्ट्र निर्माण व विकास में सहायक है। जीवन में प्रारम्भ से ही अनुशासन का विशेष महत्व रहा है। आज के संदर्भ में यदि बात करें तो अनुशासन सभी के जीवन का आवश्यक अंग होना चाहिए।

अनुशासन के प्रकार यह होते हैं – शिक्षक द्वारा आरोपित अनुशासन, समूह-आरोपित अनुशासन, आत्मारोपित अनुशासन, कार्य आरोपित अनुशासन, प्राकृतिक अनुशासन आदि।

अनुशासन चीजों को आसान बनाता है और हमारे जीवन में सफलता लाता है।

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  • अनुशासन पर अनुच्छेद | Paragraph on Discipline in Hindi

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अनुशासन पर अनुच्छेद | Paragraph on Discipline in Hindi!

अनुशासन का अर्थ है शासन को मानना या शासन का अनुसरण करना । जब हम शासन को मानते हैं तो हमारा जीवन व्यवस्थित हो जाता है । हमारे जीवन में एक तरह की नियमबद्धता आ जाती है । नियमबद्ध होकर कार्य करने में बहुत आनंद आता है । तब हर कार्य सरल हो जाता है । यही कारण है कि विद्‌यालयों में अनुशासन को बनाकर रखने का प्रयास किया जाता है । सेना और पुलिसबलों में अनुशासन को बहुत महत्त्व दिया जाता है । इसी तरह परिवार और समाज में भी अनुशासन का होना आवश्यक होता है । अनुशासन से राष्ट्र की उन्नति होती है । अनुशासित जीवन जीने वाले व्यक्ति को अनेक प्रकार से लाभ होता है । उसके अंदर साहस , धैर्य जैसे गुणों का विकास होता है । इसलिए हमें समाज , सरकार या अन्य किसी भी संस्था द्वारा बनाए गए अनुशासन को मानना चाहिए । अनुशासन तोड़ने वालों के साथ किसी भी प्रकार की सहानुभूति नहीं दिखानी चाहिए ।

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अनुशासन का महत्व पर निबंध | Essay on Discipline In Hindi

अनुशासन का महत्व पर निबंध Essay on Discipline In Hindi : सभी के जीवन में अनुशासन अत्यंत आवश्यक हैं. अनुशासन जीवन को संयमित एवं नियंत्रित करता हैं.

अनुशासन के माध्यम से ही जीवन संतुलित बनता हैं और विकास करता हैं. अनुशासन का अर्थ हैं निति नियमों का पालन करना.

आज के अनुशासन के महत्व   पर यहाँ बात करने वाले हैं. अनुशासन पर निबन्ध हिंदी में आपकों इसका अर्थ परिभाषा प्रकार, जीवन व विद्यार्थी के जीवन में महत्व तथा अनुशासन हीनता के नुकसान तथा डिसिप्लिन के फायदों के बारे में जानकारी इस निबन्ध में दी गई हैं.

अनुशासन का महत्व पर निबंध Essay on Discipline In Hindi

अनुशासन का महत्व पर निबंध | Essay on Discipline In Hindi

जीवन के हर क्षेत्र में अनुशासन अलग अलग हैं. जैसे भोजन का अनुशासन अलग हैं. रहन सहन का अनुशासन अलग हैं. जीवन जीने के तौर तरीको का अनुशासन अलग हैं.

अनुशासन हमारे जीवन के लिए आवश्यक नही, बल्कि प्रकृति ने स्वयं को भी अनुशासनबद्ध करके रखा हैं. बिना अनुशासन के वह अनियंत्रित होती हैं.

प्रकृति का अनुशासन सभी पर समान लागू होता हैं. लेकिन मानव जीवन का अनुशासन देश काल की परिस्थतियों के अनुसार बदलता हैं.

अनुशासन है नीति नियमों का पालन करना. अनुशासनों का निर्धारण मनुष्य स्वयं करता हैं, इनमें आवश्यकतानुसार फेर बदल भी करता हैं. लेकिन अनुशासन का निर्माण बहुत सोच समझकर किया जाता हैं.

अनुशासन होते ही इसलिए है ताकि जीवन को सही दिशा दी जा सके. इनके माध्यम से जीवन की ऊर्जा का अनावश्यक व्यय नही होता, बल्कि सुनियोजन होता हैं.

जीवन में अनुशासन पर निबंध

पतंजली ने भी योगदर्शन के आरम्भिक सूत्र में सबसे पहले योग अनुशासन की बात कही हैं. अथ योगानुशासनम. अनुशासन है हमें सचेत करने के लिए.

इस बात पर ध्यान आकर्षित करने के लिए कि अब हम विशेष पथ पर चल रहे हैं, विशेष नियमों का पालन करना अब जरुरी हैं, अन्यथा हम भटक सकते हैं, दिग्भ्रमित हो सकते हैं.

अनुशासन नदी के दो किनारों की तरह हमें बहकने तथा भटकने नही देता. अनुशासन हमारे जीवन में वह रेखा खीच देता हैं, जो हमारे लिए अत्यंत जरुरी है और जिसे पार करने में हमारे नुकसान की संभावना हैं.

इसलिए विशेष कार्यों में अनुशासन का पालन करना अत्यंत जरुरी हो जाता हैं. अनुशासन के अभाव में सारी व्यवस्थाएं गड़बड़ा जाती हैं.

अनुशासनहीनता होने पर नुक्सान होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. इसलिए किसी बड़े कार्य को प्रारम्भ करने से पूर्व अनुशासन के नीति नियम निर्धारित कर लिए जाते हैं.

और उसी के अनुसार कार्यक्रम सम्पन्न किये जाते हैं, जरा भी अनुशासन की अवहेलना होने वाले कार्यक्रम की सफलता में बाधा डालती हैं.

हमारी प्रकृति को भी अनुशासन अति प्रिय हैं. प्रकृति की इसी अनुशासनप्रियता के कारण ही ऋतुएँ समय पर आती और चली जाती हैं. मौसम में समयानुसार ही परिवर्तन होता हैं और हम यह निश्चित कर पाते है कि अमुक महीने में वर्षा ठंड या गर्मी होगी.

यदि प्रकृति का अनुशासन हमें पता नही होता तो इस बात का निर्धारण करना कठिन हो जाता कि आने वाला समय क्या लेकर आने वाला हैं.

आज प्रकृति और मानव जीवन दोनों का ही अनुशासन गड़बड़ाया हैं. मनुष्य के अवांछनीय कार्यों के कारण प्रकृति में प्रदूषण बढ़ा हैं व इसका जलवायु पर बहुत ही घातक प्रभाव पड़ा हैं.

फलतः प्रकृति के अनुशासन में गड़बड़ियाँ उत्पन्न होने लगी हैं और इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा हैं. मनुष्य व अन्य सभी जीवधारियों व वनस्पतियों को. मनुष्य जीवन का भी अनुशासन गड़बड़ाया हैं.

फलतः कई तरह की जीवन शैली से सम्बन्धित बीमारियाँ प्रकट होने लगी हैं. जब तक मानव अनुशासन के इस विशेष महत्व को नही समझेगा और उसका पालन नही करेगा, उसे प्रकृति उसकी इस अनुशासनहीनता का दंड विभिन्न स्वरूप में देती रहेगी.

अनुशासन व अनुशासनहीनता को समझने के लिए पानी का उदहारण बहुत सटीक और उपयुक्त हैं.पानी बाढ़ के रूप में बहता हैं और बाँध के द्वारा भी बहता हैं. बाढ़ का पानी अनुशासनविहीन होता हैं.

उसके पास बहने और बधने की कोई विधि नही होती, इसलिए वह कोई लाभ नही पहुचाता, केवल बह जाता हैं और बहुत नुकसान पहुचाता हैं, विनाश का कारण बनता हैं.

जबकि बाँध का पानी मर्यादा में रहता हैं तटों की मर्यादा से बंधा रहता हैं. उसकी यह मर्यादा और अनुशासन उसे विकास का माध्यम बना देती हैं.

पानी दोनों ही अवस्था में हैं और पानी की बूद जीवनदायिनी होती हैं, लेकिन अनुशासनविहीन होने पर बाढ़ का पानी विनाश करता है और अनुशासन में रहकर बाँध का पानी विकास कार्यों में सहयोगी होता हैं.

इसलिए हमें भी अपने जीवन को टटोलना चाहिए, कि हमारा जीवन अनुशासन के दायरे में हैं अथवा नही. अनुशासन मतलब जीवन के सिद्धांत, नीति नियम, मर्यादाएं, सीमाएं हमारे जीवन में हैं अथवा नही.

यदि है तो हम उनका कितना पालन कर पाते हैं, यदि नही है हम किसी अनुशासन को नही मानते हैं, इन्हें बंधन समझते हैं तो फिर हमारे जीवन की स्थिति कैसी हैं. नीति नियम इसलिए बनाएं जाते हैं ताकि जीवन की ऊर्जा व्यर्थ बर्बाद न हो.

इसका सदुपयोग हो. साधना इसलिए की जाती है और इसके नियम निर्धारित किये जाते हैं, ताकि साधना सही मार्ग पर, सही ढंग से आगे बढ़े और अपने गंतव्य तक पहुच सके.

सिद्धि को प्राप्त हो सके. अन्यथा साधना तो बहुत से लोग शुरू करते हैं लेकिन नियम अनुशासनों के अभाव में भटककर रह जाते हैं.

यह जरुरी नही कि सदैव दूसरों के बने बनाएं अनुशासन पर चला जाए और उनका पालन करते रहा जाए. यदि जीवन में कुछ विशेष करना हैं तो अपने जीवन का अनुशासन हमें स्वयं बनाना होगा और उसका पालन करना होगा.

परमपूज्य गुरुदेव का कहना था कि अनुशासन का पालन करने क्व लिए छोटे छोटे संकल्प ले और उन्हें पूरा करे और इस तरह अपने जीवन में अनुशासन की शुरुआत करे.

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अनुशासन का महत्व हिंदी निबंध

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अनुशासन पर निबंध - अनुशासन का महत्त्व - Anushasan par nibandh - Essay on Discipline in Hindi - Discipline in hindi - Anushasan ka mahatva

रुपरेखा : प्रस्तावना - अनुशासन का अर्थ / अनुशासन क्या है - अनुशासन के प्रकार - दैनिक जीवन में अनुशासन - बच्चों को अनुशासन कैसे सिखाएं - अनुशासित व्यक्ति के गुण - अनुशासन का महत्त्व - अनुशासन के नियम - अनुशासन के लाभ - उपसंहार।

अनुशासन किसी के व्यक्तित्व का आधार होता है। हर व्यक्ति के जीवन में अनुशासन सबसे महत्वपूर्ण है। अगर आधार सही नहीं है, तो व्यक्तित्व मजबूत नहीं हो सकता। अनुशासन हमे सही समय में सही तरीके से समय का उपयोग करना तथा काम करना सिखाता हैं। अनुशासित होने का अर्थ है अपने शरीर और मस्तिष्क पर नियंत्रण रखना। यह हमें अपने समाज के नियमों का पालन करने योग्य बनाता है।

अनुशासन दो शब्दों से मिलकर बना है - 'अनु' और 'शासन'। अनु का अर्थ है 'पालन' और शासन का अर्थ है 'नियम'। अनुशासन का अर्थ है 'नियमों का पालन करना'। हमारे जीवन में अनुशासन का अधिक महत्व है यह हमें नियमों का पालन करना सिखाता है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, जो कि समाज में रहता है और उसमें रहने के अनुशासित रहना आवश्यक है। अनुशासन हमारी सफलता की वह सीढ़ी है, जिसके सहारे हम अपनी मंजिल हासिल कर सकते है तथा अपने सपने पुरे कर सकते है।

  • एक वो जो हमें समाज से मिलता है।
  • दूसरा वो जो हमारे अंदर खुद से उत्पन्न होता है, अर्थात हम स्वंय से सीखते है।

अपने दैनिक जीवन में अनुशासन रहना बहुत जरुरी है। हर व्यक्ति को अपने जीवन में अनुशासित रहना चाहिए। हम हमेशा अनुशासन में रहें और अपने जीवन में सफल होने के लिए अपने माता-पिता, शिक्षकों और समाज के हर व्यक्ति के साथ सयम से रहे।

हमें हर सुबह बिस्तर से जल्दी उठना चाहिए और एक गिलास पानी पीना चाहिए जिससे की शरीर स्वस्थ रहे। दांतों को रोजाना ब्रश करना चाहिए, रोज स्नान करना चाहिए और फिर हल्का स्वस्थ नाश्ता करना चाहिए। बिना भोजन ग्रहण किए हमें कभी भी न तो स्कूल जाना चाहिए और न ही किसी अन्य कार्य करना चाहिए। हमें अपने प्रत्येक कार्य को सही समय पर साफ और स्वच्छ तरीके से करना चाहिए। हमें अपने माता-पिता को कभी भी अस्वीकार नहीं करना चाहिए, कभी भी उनका अपमान नहीं करना चाहिए या उन्हें ना-खुश नहीं करना चाहिए और हमेशा उनके आदेश का पालन करना चाहिए। हमें अपना सभी काम सही समय पर करना चाहिए। सभी के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए।

अपने जीवन में खुशहाल और शांतिपूर्णं जीवन जीने के लिए अनुशासित रहना बहुत जरुरी है। आज के आधुनिक समय में अनुशासन बहुत ही आवश्यक है क्योंकि इस व्यस्तता भरे समय में यदि हम अनुशासन भरे दिनचर्या का पालन ना करें तो हमारा जीवन अस्त-व्यस्त हो जायेगा जिस कारण हम अपने जीवन में कभी खुशी से नहीं रह पाते।

हमलोगों को बचपन से ही अनुशासन का पाठ पढ़ाया जाता है। बैठना, खड़ा होना, बात करना, खाना खाना, व्यवहार करना आदि के तरीके अनुशासन के प्रारंभिक पाठ हैं। हमारे बुजुर्ग हमें ये पाठ पढ़ाते हैं। हम कभी-कभी गुस्सा हो जाते हैं, परंतु हमें यह समझना चाहिए कि यह हमारी भलाई के लिए ही है। एक अनुशासित व्यक्ति अपने समाज के सभी नियमों का पालन करता है। वह दूसरों को सम्मान देता है और दूसरों से सम्मानित होता है। उसे अपने व्यवहार पर पूर्ण नियंत्रण रहता है। वह कभी कानून का उल्लंघन नहीं करता। वह कभी किसी को दुःख नहीं देता। वह एक सच्चा देशभक्त होता है। वह स्वयं को भ्रष्टाचार एवं धोखेबाजी से दूर रखता है।

छात्र-जीवन में अनुशासन का बड़ा महत्त्व होता है। छात्र को हर सुबह जल्दी जग जाना चाहिए। उसे अपने बड़ों का सम्मान करना चाहिए। उसे अपना अधिकांश समय अपने अध्ययन में देना चाहिए। उसे झूठ नहीं बोलना चाहिए। उसे कभी भी धोखा नहीं देना चाहिए। उसे कभी किसी के प्रति अशिष्ट नहीं होना चाहिए। उसे अच्छी संगति रखनी चाहिए। छात्र देश के भविष्य होते हैं। इसलिए उन्हें उचित रूप से अनुशासित होना चाहिए। संसार के प्रत्येक महान् व्यक्ति का जीवन अनुशासित रहा है। अनुशासन के बिना कोई व्यक्ति सफल नहीं हो सकता। अनुशासन हमें हमेशा शानदार अवसर देता है जैसे, आगे बढ़ने का सही तरीका, जीवन में नई चीजें सीखने, कम समय के भीतर अधिक अनुभव करने, आदि। जबकि, अनुशासन की कमी से बहुत भ्रम और विकार पैदा होते हैं। अनुशासनहीनता के कारण जीवन में कोई शांति और प्रगति नहीं होती है, जिस कारण मनुष्य अपने जीवन में कभी सफल नहीं हो पाता और अपने जीवन से निराश होकर गलत कदम उठाने पर विवश हो जाता हैं।

हमें अपने जीवन को अनुशासित बनाए रखने के लिए हर सम्भव प्रयास करना चाहिए। क्योंकि बाल काल से अनुशासन ही सफल जीवन की पहली सीड़ी मानी जाती है। हम अपने जीवन में अनुशासन को अपनाने के लिए इन नियमों का पालन करना चाहिए :

  • एक संतुलित और नियमित दिनचर्या का पालन करना चाहिए।
  • अपने से छोटे और बड़े लोगों का सम्मान करना चाहिए।
  • अपने कार्यों को समय पर पूरा करने का हर संभव प्रयास करना चाहिए।
  • व्यर्थ के कार्यों से दूर रहना चाहिए अर्थात समय का सही उपयोग करना चाहिए।
  • बुरी आदतों और कार्यों से हमेशा दूर रहना चाहिए।
  • हर व्यक्ति के प्रति सकारात्मक सोच रखना चाहिए।
  • अपने कार्यों के प्रति पूरी लगन रखना चाहिए और हमेशा सकारात्मक रहना चाहिए।
  • अपने जीवन में कोशिश करें की हमेशा सयम से काम करें।

जीवन में अनुशासन से रहने से कई लाभ प्राप्त होते हैं। अनुशासित रहने वाले व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में मान-सम्मान और सफलता प्राप्त करते हैं। विद्यार्थियों के लिये अनुशासन सफलता का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, यदि कोई छात्र अनुशासित दिनचर्या का पालन करते हुए अपना अध्ययन करता है, तो उसे सफलता अवश्य प्राप्त होती है। यही कारण है कि छात्र जीवन में अनुशासन को सफलता का आधार माना गया है। जो लोग अपने जीवन में अनुशासन को अपना लेते हैं, वह कई तरह की परेशानियों से दूर रहते हैं। इसके साथ ही जो व्यक्ति अनुशासन के साथ जीवन जीते हैं, उन्हें अनुशासनहीन व्यक्तियों कि अपेक्षा जीवन में कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। एक ओर जहाँ छात्रों के लिये यह उनके भविष्य को सुनहरा बनाने का कार्य करता है, वही दूसरी ओर नौकरी-पेशा लोगों के लिये यह तरक्की के मार्ग भी खोलता है।

स्वतंत्रता के पहले बहुत-सी समस्याएँ नहीं थीं। लेकिन अब, हमारा देश भ्रष्टाचार, घूसखोरी, घोटाला, धोखेबाजी, आतंकवाद आदि-जैसी समस्याओं का सामना कर रहा है। कुछ युवा भ्रमित हो चुके हैं। सिर्फ शिक्षित और अनुशासित युवा ही हमारे देश को उज्ज्वल भविष्य दे सकते हैं। अंत: यह कहना गलत नहीं होगा कि अनुशासन वह सीढ़ी है जिसके माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन में सफलता की ऊँचाई की ओर चढ़ सकता है। यह उसे अपने लक्ष्य की ओर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है और उसे अपने लक्ष्य से भटकने नहीं देता हैं। अनुशासन ही इन समस्याओं का एकमात्र समाधान है।

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अनुशासन पर 10 वाक्य (10 Lines on Discipline in Hindi)

व्यक्ति के जीवन में अनुशासन का होना बहुत ही आवश्यक है। अनुशासन हमें प्रगति के सही रास्ते पर लेकर जाता है। अनुशासन एक ऐसी विधि है जिसका दृढ़ता से पालन करने पर ये हमें सफलता के रास्ते पर बहुत आसानी से पहुँचा सकता है। माता-पिता और बड़ों का आदर करना, समय का पाबंद रह कर समय का सही दिशा में उपयोग करना, कार्यों को सही तरीके से करना, नियमित दिनचर्या रखना और बुरी आदतों से दूर रहना आदि ऐसी आदते ही अनुशासन कहलाती है। हम कह सकते है कि अनुशासन वो कड़वी दवा है जो शुरुवात में तो कड़वी लगती है पर आगे चल कर भविष्य में इसके अनेकों फायदे होते हैं।

अनुशासन पर 10 लाइन (Ten Lines on Discipline in Hindi)

इस लेख के माध्यम से आप अनुशासन व इसके महत्व को आसानी से समझ सकेंगे।

Anushasan par 10 Vakya – Set 1

1) समय का पाबंद, बड़ों का सम्मान, नियमित दिनचर्या व बुरी आदतों से दूर रहना अनुशासन कहलाता है।

2) अनुशासन वह नियम है जिसके पालन से व्यक्ति का जीवन सफल और सार्थक बनता है।

3) जीवन के सभी क्षेत्रों में अनुशासन अलग-अलग होते हैं।

4) अनुशासन हमारे बेहतर चरित्र का निर्माण करता है।

5) अनुशासन का न होना हमें गैर जिम्मेदार और आलसी बना देता है।

6) अनुशासन हमें अच्छाई और बुराई में फर्क सिखाता है।

7) अनुशासन का दृढ़तापूर्वक पालन हमें समय का पाबंद बनाता है

8) प्रत्येक व्यक्ति के लिए अनुशासन अत्यंत आवश्यक है।

9) अनुशासित व्यक्ति का सम्मान सभी लोग करते हैं।

10) एक अनुशासित व्यक्ति अपने साथ-साथ समाज का भी कल्याण करता है।

Anushasan par 10 Vakya – Set 2

1) पृथ्वी पर होने वाले मौसम बदलाव, दिन-रात, इत्यादि और पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवों का अपना अलग-अलग अनुशासन होता है।

2) अनुशासित होने पर पानी शांत नदी में बहता है और अनुशासन रहित हो जाने पर बाढ़ का रूप धारण कर लेता है।

3) अपने द्वारा तय किये गये अनुशासन के बिना तो पृथ्वी भी अनियंत्रित हो जाती है।

4) अनुशासन वह नीति-नियम है जिसे सभी को स्वयं के लिए निर्धारण करना चाहिए।

5) अनुशासन के प्रति दृढ़ संकल्प ही मनुष्य को महानता की ओर ले जाता है और महापुरुष बना देता है।

6) एक अनुशासित व्यक्ति में सही समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता होती है जो उसे अन्य लोगों से अलग बनाती है।

7) एक अनुशासित व्यक्ति अपने से बड़ों के आदेशों का पालन पूरी निष्ठाभाव और ईमानदारी से करता है।

8) अनुशासन से हम जीवों को भी शिष्टाचार सीखा सकते हैं। इसी से जीवन में अनुशासन की महत्वता और आवश्यकता का पता चल जाता है।

9) एक अच्छे आचरण वाला व्यक्ति अपने से छोटों को सम्मान देता है और उनसे प्यार करता है।

10) हम जब महान व्यक्तियों की जीवनी पढ़ते हैं, तो समझ पाते हैं कि उनके जीवन में अनुशासन की महत्वता ही उन्हें महान बनाती है।

10 Lines on Discipline

बचपन से ही अनुशासन का होना बहुत ही आवश्यक होता है। यदि हम पहले से ही अनुशासन में रहना सीख लें तो आने वाली जिंदगी में आसानी से सफलता प्राप्त कर सकते हैं। अनुशासन कोई बंधन या जेल नहीं है, बल्कि ये तो नीति-नियम, जीवन के सिद्धांत, मर्यादाएं और सीमाएं हैं। जिनका पालन करने से हमारा व्यक्तित्व बेहतर और आकर्षक बनता है। जिस प्रकार से किसी बड़े कार्य को सही तरीके से सफल बनाने के लिए पहले से एक योजना तैयार किया जाता है, ठीक उसी प्रकार से जीवन को भी सफल और सार्थक बनाने के लिए पहले से ही अनुशासन का होना अत्यंत आवश्यक है।

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अनुशासन पर निबंध – Anushasan Par Essay in Hindi

अनुशासन पर निबंध – (Anushasan Par Essay in Hindi) जीवन में अनुशासन का महत्त्व बहुत ही जरुरी है। घर, विद्यालय, दफ्तर, खेल के मैदान तथा युद्ध में भी नियमबद्ध आचरण का पालन किया जाता है। पढ़ें विस्तार से यह निबंध–

‘अनुशासन’ शब्द दो शब्दों के मेल से बना है; अनु और शासन जिसका अर्थ है स्वयं पर शासन करना तथा उस शासन या नियम का जीवन में समय-समय पर पालन करना। जीवन में अनुशासन का बहुत महत्त्व है, इसके बिना जीवन को सुचारू रूप से नहीं जिया जा सकता। विद्यालय, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय, दफ्तर, खेल के मैदान तथा युद्ध में भी नियमबद्ध आचरण का पालन किया जाता है। किसी सफलता को प्राप्त करने के लिए लोग पहले नियम बनाते है और धीरे-धीरे प्रत्येक दिन उस नियम का पालन करते है और जो लोग ऐसा करते है वही जीवन में सफलता की चोटी को प्राप्त करते है।

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 जीवन में अनुशासन का महत्त्व

मानव सामाजिक प्राणी है और समाज से अपना लगाव बनाए रखने के लिए उसके द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करना आवश्यक मानता है तभी समाज उसे अपना हिस्सा स्वीकार कर पाता है। इसका महत्त्व जीवन के हर एक पहलू से जुड़ा हुआ है। सामाजिक अनुशासन तथा आंतरिक अनुशासन से जीवन जीने की प्रेणना तो मिलती ही है लेकिन किसी प्रभावशाली और सफल व्यक्ति से भी व्यवहार तथा अनुशासन में परिवर्तन करने की प्रेणना मनुष्य को मिलती रहती है। आधुनिक युग में ही नहीं अपितु प्राचीन युग में भी अनुशासन को अत्यधिक महत्त्व दिया जाता था, सूर्योदय से पहले उठना, दाँतों को साफ करना, स्नान करना, सूर्य को जल चढ़ाना, हल्का भोजन करना, पाठशाला में समय से पहुँचना और घर समय से आना, हाथ-मुँह धोकर भोजन करना, मित्रों के साथ खेलना तथा रात को समय से सोना इस प्रकार सभी कार्यों को विद्यार्थी साफ-स्वच्छ तरीके से करते, जिसके कारण उनके लिए सफलता की राह पर चलना आसन हो जाता था। अनुशासन को सफल जीवन का आधार भी कहा जा सकता है क्योंकि इसे मनुष्य स्वयं अपने लिए बनाता तथा निर्धारित करता है और उसका पालन भी वही करता है। अगर हम जीवन के अंतिम समय तक नियमबद्ध आचरण को अपना साथी मानकर उसका पालन करते है तो जीवन की ज़्यादातर कठिनाइयाँ धीरे-धीरे आसान हो जाती हैं।

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 प्रकृति में अनुशासन के अनेक उदाहरण

हमें प्रकृति से सीखना चाहिए क्योंकि प्रकृति अनुशासन का कभी अवज्ञा नहीं  करती तथा हमेशा से नियमबद्ध आचरण में स्वयं को बाँधे रहने के साथ-साथ कभी भी स्वार्थी नहीं होती एवं अपने फल-फूल से पृथ्वी को सुंदर बनाए रहती है, अधिक से अधिक धरा के लोगों को कुछ न कुछ देने की क्षमता रखती है। अनुशासन का पालन कैसे किया जाए? इसका सबसे बेहतर उत्तर या उदाहरण हमारी प्रकृति ही है; जैसे:- सूर्य समय से उदय होता है तथा समय से अस्त होता है, इसी तरह चाँद भी, समुद्र का जल खारा होता है, माता-पिता अपने बच्चों से सदा प्रेम करते है, पुस्तक हमें सदा ज्ञान देते है आदि इसी प्रकार हमें भी अनुशासन के प्रति दृणता को अपनाना चाहिए और सभी समस्याओं का सामना करते हुए आगे बढ़ते रहना चाहिए। कोई भी व्यक्ति अपने माता-पिता तथा सफल व्यक्तियों से अनुशासन के महत्त्व को समझ सकता है, उनके अनुभव से प्राप्त समझ द्वारा अपने जीवन में आने वाली कठिनाइयों का सामना आसानी से कर सकता है।

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अनुशासन का पालन करने के तरीके

किसी भी कार्य को सफल बनाने के लिए योजना बनाना आवश्यक है और जब तक उस योजना पर नियमबद्ध तरीके से कार्य नहीं करते तब तक उसमें श्रेष्ठ सफलता प्राप्त करना संभव नहीं हो सकता। मानव को अपने माता-पिता का सदा सम्मान करना चाहिए एवं उनकी बातों को ध्यान से सुनना तथा जीवन में उसका पालन करना चाहिए क्योंकि वही हमारे आदर्श तथा हमारे पहले गुरु होते हैं तथा अनुभवी भी। हम अधिकतर अपना समय व्यर्थ के कार्यों में भी गवा देते है जिसके कारण हमारे महत्त्वपूर्ण कार्य उस समय पर पूरे नहीं हो पाते जिस समय होने चाहिए और कभी-कभी यही हमें हमारी सफलता से दूर कर देता है इसलिए व्यर्थ के कामों से दूरी बनाए रखना चाहिए, ऐसा करने से हम चिंतामुक्त भी रहेंगे तथा हमारा प्रत्येक कार्य सही समय पर पूरा भी होगा। माना कि मस्तिष्क को थोड़ा आराम देने के लिए तथा सुचारू रूप से कार्य करने लिए कभी-कभी खेलना-कूदना आवश्यक होता है पर पूरा समय व्यर्थ के कार्यों में लगा देना हानिकारक सिद्ध हो सकता है। जो मनुष्य बचपन से ही नियमबद्ध आचरण का पालन करने की आदत लगा लेता है तो उसे व्यर्थ के कार्यों से परहेज़ ही रहता है। मनुष्य कुछ बुरी आदतों को भी अपना लेते है; जैसे:- अत्यधिक शराब का सेवन करना, समय पर भोजन न करना, नियमबद्ध तरीक़े से अपने कार्यों को न करना आदि जिसके कारण लोग अपने कार्यों से दूरी बना लेते है। इसके कारण उनके स्वास्थ्य पर भी हानिकारक प्रभाव पड़ता है। जीवन में अनुशासन को बनाए रखने के लिए मानव को अपने कार्य के प्रति पूरी लगन और निष्ठा रखनी चाहिए। अपनी सोच को सकारात्मक रखना भी अनुशासन का एक हिस्सा ही है और आज के युग में ऐसा करना अति आवश्यक महसूस किया गया है क्योंकि आज-कल ज़्यादातर मनुष्य किसी न किसी वहज से अत्यधिक चिंता करते है; जैसे:- दफ्तर में अत्यधिक काम होने पर पहले से ही हार मान लेना कि इतना अधिक काम उनसे कभी नहीं हो पाएगा, किसी विशेष परीक्षा में कभी सफल नहीं हो पाएंगे। इस तरह की नकारात्मक सोच के कारण मनुष्य आंतरिक तथा बाहरी रूप से स्वयं को कमज़ोर समझने लगते है और कभी-कभी नकारात्मक सोच उस पर इतना हावी हो जाता है कि वे हृदय रोग, सर दर्द तथा अवसाद जैसे गंभीर रोग से स्वयं को पीड़ित पाते है। कहा जाता है कि चिंता हमें चिता अर्थात् मृत्यु की ओर ले जाती है इसलिए सकारात्मक सोच रखना मनुष्य के मस्तिष्क के साथ-साथ उनके शरीर के लिए भी लाभदायक माना जाता है।

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 अनुशासन सफलता का आधार

प्रत्येक मनुष्य की अपनी-अपनी ज़िम्मेदारियाँ होती है; वह इन ज़िम्मेदारियों को पूरा करने का प्रयास भी करते है लेकिन मात्र एक या दो बार प्रयास करने से उन ज़िम्मेदारियों को पूरा नहीं किया जा सकता, इसके लिए आवश्यक है जीवन में नियमबद्ध आचरण को लागू करना क्योंकि ज़िम्मेदारियों का अस्तित्व मनुष्य के जीवन में सदा बना रहता है। सही या गलत का फैसला भी हम अनुशासन को ध्यान में रखकर ही करते है तथा जो अपने कर्तव्य के प्रति ईमानदार, एकनिष्ठ होते है तथा जो मानव ऐसा करते है उनको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता और वह धीरे-धीरे अपनी सफलता की राह स्वयं बना लेते है। नियमबद्ध आचरण का अर्थ लोगों के कार्य पर भी निर्भर करता है; जैसे:- विद्यार्थियों के लिए इसका मतलब स्वयं को पूर्ण रूप से अध्ययन क्षेत्र में केंद्रित करना तथा अपने कार्य को समय के अनुसार पूरा करना है, दफ्तर में काम करने वालो के लिए इसका मतलब सुबह समय से उठना व्यायाम करना; हल्का भोजन करके दफ्तर जाना और वहाँ के कार्यों को ठीक से करना तथा समय से घर लौटना है, इसी प्रकार व्यवसाय के परिवर्तन होते ही अनुशासन में थोड़ा परिवर्तन तो अवश्य आता है लेकिन देखा जाए तो नियमबद्ध आचरण में पूर्ण रूप से बदलाव नहीं किया जा सकता क्योंकि प्रत्येक मनुष्य का जुड़ाव कही न कही किसी न किसी प्रकार की सफलता से ही होता है। अनुशासन तथा सफलता के बीच गहरा संबंध माना जाता है क्योंकि कही न कही ये एक-दूसरे की पूरक प्रतीत होती है अगर अनुशान सफलता का आधार है तो सफल मनुष्य तब तक पूर्ण रूप से सफल नहीं माना जा सकता जब तक वह अपने जीवन में नियमबद्ध आचरण के महत्त्व को नहीं समझता तथा उसे स्वयं पर लागू नहीं करता।

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 आधुनिक युग में अनुशासन के लाभ

आधुनिक भाग-दौड़ के जीवन में अनुशासित व्यक्ति को किसी भी कार्य में सबसे पहले अवसर प्रदान किया जाता है क्योंकि ऐसे व्यक्ति अनुशासनहीन व्यक्ति की तुलना में अपना कार्य अधिक कुशलता तथा अनुशासित तरीके से करते है तथा अपने कार्यों को हमेशा समय से करते है साथ ही उनका व्यक्तित्व लोगों के दिमाग पर सकारात्मक प्रभाव छोड़ता है। संगठन, रक्षा तथा सेना के कार्यों में अनुशासन को सबसे अधिक महत्त्व दिया जाता है तथा नियमबद्ध आचरण को सर्वोपरि माना जाता है क्योंकि ऐसे क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की लापरवाही या छोटी से छोटी चूक भी बहुत बड़ी समस्या का कारण बन सकती है तथा अत्यधिक हानिकारक साबित हो सकती है इसलिए इन क्षेत्रों में नियमों को बड़ी सख़्ती  से लागू किया जाता रहा है तथा पूर्ण रूप से पालन किया जाता है। अनुशासित मानव अपने जीवन में आज्ञा का पालन करता है और स्वयं को नियमबद्ध करके रखता है तथा सभी कार्य नित्य नियम के अनुसार करता है, ऐसे मनुष्य मानसिक तथा शारीरिक दोनों रूप से हमेशा स्वस्थ रहते है क्योंकि अनुशासन एक प्रकार की क्रिया है जिसका पालन प्रकृति भी बेहतर तरीके से करती है। यातायात के साधनों तथा उनके चालकों के लिए भी नियम निर्धारित किए गए है; जैसे:- मोटरबाइक चलाते समय हैलमेट को सिर की सुरक्षा के लिए अनिवार्य किया गया, यातायात के वाहनों के लिए गति-सीमा को निर्धारित किया गया, 40 किमी. प्रति घंटे वाहनों की गति को सड़क पर सही मानदंड माना गया, वाहन में उस्थित सीट बेल्ट को बाँधना तथा रेड लाइट का पालन अवश्य करना इस प्रकार के नियमों का पालन वही मनुष्य करता है जो अनुशासन का महत्त्व समझता हो और जो भी मनुष्य इन नियमों का पालन ईमानदारी तथा सावधानी से करते है, वे स्वयं के साथ-साथ दूसरों को भी सुरक्षित रख सकते है। इससे यह भी सिद्ध होता है कि नियमबद्ध आचरण को अपनाने से या करने से न केवल स्वयं अपितु आस-पास के लोगों का का भी भला होता है इस प्रकार अनुशासन व्यक्ति को और भी अच्छे कार्य करने तथा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है, यह हमारे लिए एक प्रेणना का स्त्रोत भी बनता है।

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 निष्कर्ष

अनुशासनहीनता मनुष्य को आलसी तथा गैर-ज़िम्मेदार बना देती है, यह हमारे आत्मविश्वास के स्तर को कम करने के साथ अनेक समस्याओं में उलझा देती है तथा हमें हमारे मुख्य लक्ष्य से भटकाती है जबकि अनुशासन का नित्य पालन करने वाले   मनुष्य सफलता की  सबसे बड़ी चोटी पर नज़र आते है। यह भी कहा जाता है कि जिस मनुष्य ने स्वयं पर शासन कर लिया वही सफलता के मार्ग को प्राप्त कर सकता है तथा एक सफल व्यक्तित्व के रूप में उभर सकता है अर्थात् सफलता तक तो पहुँचा जा सकता है लेकिन जीवन भर सफल व्यक्तित्व बने रहने के लिए सबसे बेहतर तथा पहला साधन अनुशासन को ही माना जा सकता है।

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हम कह सकते है कि अनुशासन सफलता का वह आधार है जिसके सहारे मनुष्य बिना लक्ष्य से भटके अपने सफल व्यक्तित्व का निर्माण कर पाता है और समाज, देश, विदेश तथा विश्व में एक सम्मानित व्यक्ति के रूप में अपनी पहचान बनाता है तथा साथ में अपने देश का भी नाम रोशन करता है। यही कारण है कि आधुनिक युग में अनुशासन को अधिक महत्त्व दिया जा रहा है।

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  • आरती श्री रामायण जी की – Ramayan Ji Ki Aarti
  • बरवै रामायण – गोस्वामी तुलसीदास कृत

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

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  14. Essay on importance of discipline in hindi, paragraph, article: अनुशासन

    अनुशासन का महत्व पर निबंध, essay on importance of discipline in hindi (100 शब्द) अनुशासन एक मूल्यवान गुण है। यदि आप अनुशासित हैं तो आप अपने स्कूल के असाइनमेंट को पूरा कर सकते हैं और ...

  15. अनुशासन पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में

    आज के इस आर्टिकल में हम आपके लिए लेकर आए हैं अनुशासन पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में। हम अपने जीवन में अनुशासन के महत्व को अनदेखा नहीं कर सकते। यदि हम

  16. अनुशासन पर निबंध

    अनुशासन पर निबंध हिंदी में 300 शब्द | Jivan Mein Anushasan Ka Mahatva Nibandh. अनुशासन एक ऐसी चीज़ है जो प्रत्येक व्यक्ति को नियंत्रण में रखता है। यह व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ने ...

  17. Anushasan ka Mahatva

    अनुशासन का मनुष्य के जीवन में महत्व. मनुष्य के जीवन में Anushasan ka Mahatva कितना आवश्यक है, हम प्वाइंट्स में जानेंगेः. हम किसी न किसी अनुशासन का ...

  18. अनुशासन पर अनुच्छेद

    अनुशासन पर अनुच्छेद | Paragraph on Discipline in Hindi! अनुशासन का अर्थ है शासन को मानना या शासन का अनुसरण करना । जब हम शासन को मानते हैं तो हमारा जीवन व्यवस्थित हो जाता है ...

  19. स्व-अनुशासन और उसका महत्त्व पर निबंध (Self-Discipline and its

    स्व-अनुशासन और उसके महत्त्व पर छोटे-बडे निबंध (Short and Long Essay on Self-Discipline and its Importance in Hindi, Swa-anushasan aur uska Mahatva par Nibandh Hindi mein) निबंध - 1 (300 शब्द) परिचय

  20. अनुशासन का महत्व पर निबंध Essay on Discipline In Hindi

    अनुशासन का महत्व पर निबंध Essay on Discipline In Hindi: सभी के जीवन में अनुशासन अत्यंत आवश्यक हैं. अनुशासन जीवन को संयमित एवं नियंत्रित करता हैं.

  21. अनुशासन का महत्व हिंदी निबंध

    Essay In Hindi कक्षा 1 से 4 के लिए निबंध कक्षा 5 से 9 के लिए निबंध कक्षा 10 से 12 के लिए निबंध प्रतियोगी परीक्षा के लिए निबंध ऋतुओं पर निबंध त्योहारों ...

  22. अनुशासन पर 10 वाक्य (10 Lines on Discipline in Hindi)

    Anushasan par 10 Vakya - Set 1. 1) समय का पाबंद, बड़ों का सम्मान, नियमित दिनचर्या व बुरी आदतों से दूर रहना अनुशासन कहलाता है।. 2) अनुशासन वह नियम है जिसके ...

  23. अनुशासन पर निबंध

    अनुशासन पर निबंध - Anushasan Par Essay in Hindi. अनुशासन पर निबंध - (Anushasan Par Essay in Hindi) जीवन में अनुशासन का महत्त्व बहुत ही जरुरी है। घर, विद्यालय, दफ्तर, खेल के ...